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‘मी न्यूज’ के लोग मुझे धमका रहे हैं : अखिलेश चंद्रा

आज इस पत्रकारिता के बदलते परिवेश को देख कर बहुत दुख होता है। मन यही सोचने लगता है कि आज की पत्रकारिता कुछ चन्द लोगों की वजह से व्यवसाय का रूप अख्तियार करती जा रही है। पत्रकारिता के जुनून व सोच वाले शायद कुछ ही पत्रकार बचे हैं, जिन्हें उंगलियों पर गिना जा सकता हैं। अभी कुछ दिन पूर्व एक मशहूर फिल्म डायरेक्टर ने हमारी मीडिया के ऊपर फिल्म बनाई तो हम सभी एक छत के नीचे आ गये थे, क्योंकि कल तक हम खबर लिखते थे और आज हम खुद खबर बनने जा रहे थे। लेकिन क्या कभी हमने गौर किया है कि ऐसा क्यों हुआ? क्योंकि आज पत्रकारिता का स्तर गिरता जा रहा हैं। हर व्यक्ति को मीडिया का ग्लैमर और पैसा कमाने की चाह इस ओर खीच लाती है। इन लोगों को पत्रकारिता के जज्बे एवं जूनून से कोई मतलब नहीं, उन्हें तो केवल अपने पैसे को दो से चार गुना करना होता है।

<p align="justify">आज इस पत्रकारिता के बदलते परिवेश को देख कर बहुत दुख होता है। मन यही सोचने लगता है कि आज की पत्रकारिता कुछ चन्द लोगों की वजह से व्यवसाय का रूप अख्तियार करती जा रही है। पत्रकारिता के जुनून व सोच वाले शायद कुछ ही पत्रकार बचे हैं, जिन्हें उंगलियों पर गिना जा सकता हैं। अभी कुछ दिन पूर्व एक मशहूर फिल्म डायरेक्टर ने हमारी मीडिया के ऊपर फिल्म बनाई तो हम सभी एक छत के नीचे आ गये थे, क्योंकि कल तक हम खबर लिखते थे और आज हम खुद खबर बनने जा रहे थे। लेकिन क्या कभी हमने गौर किया है कि ऐसा क्यों हुआ? क्योंकि आज पत्रकारिता का स्तर गिरता जा रहा हैं। हर व्यक्ति को मीडिया का ग्लैमर और पैसा कमाने की चाह इस ओर खीच लाती है। इन लोगों को पत्रकारिता के जज्बे एवं जूनून से कोई मतलब नहीं, उन्हें तो केवल अपने पैसे को दो से चार गुना करना होता है।</p>

आज इस पत्रकारिता के बदलते परिवेश को देख कर बहुत दुख होता है। मन यही सोचने लगता है कि आज की पत्रकारिता कुछ चन्द लोगों की वजह से व्यवसाय का रूप अख्तियार करती जा रही है। पत्रकारिता के जुनून व सोच वाले शायद कुछ ही पत्रकार बचे हैं, जिन्हें उंगलियों पर गिना जा सकता हैं। अभी कुछ दिन पूर्व एक मशहूर फिल्म डायरेक्टर ने हमारी मीडिया के ऊपर फिल्म बनाई तो हम सभी एक छत के नीचे आ गये थे, क्योंकि कल तक हम खबर लिखते थे और आज हम खुद खबर बनने जा रहे थे। लेकिन क्या कभी हमने गौर किया है कि ऐसा क्यों हुआ? क्योंकि आज पत्रकारिता का स्तर गिरता जा रहा हैं। हर व्यक्ति को मीडिया का ग्लैमर और पैसा कमाने की चाह इस ओर खीच लाती है। इन लोगों को पत्रकारिता के जज्बे एवं जूनून से कोई मतलब नहीं, उन्हें तो केवल अपने पैसे को दो से चार गुना करना होता है।

सबसे दिलचस्प पहलू ये है कि इन्हें पत्रकारिता का “प” भी नहीं आता। ये पत्रकारिता के उन चन्द दलालों का अपने साथ जोड़ते हैं, जिनका ध्येय पत्रकारिता नहीं, सिर्फ दलाली हैं। उन्हें शाम होते ही शराब, मांस और पैसे की जरूरत होती है जिसका ये फर्जीवाड़े वाले बेहतर फायदा उठाते हैं और दिल खोल कर इन पर धन वर्षा करते हैं, क्योंकि ये इनके भष्विय के ड्राफ्ट होते हैं।

दो माह पर्व कुछ इस तरह का अनुभव मुझे भी हुआ। मुझे किसी ने बताया कि एक नया न्यूज चैनल आ रही है ‘मी न्यूज’ नाम से। मैंने वहां अपना बायोडाटा भेजा और जब मैं वहां पहुंचा तो मुझसे मेरी काबलियत के बजाये पूछा गया कि आप उत्तर प्रदेश से कितना पैसा निकाल कर देंगे? मैं बोला कि मुझे इसका कुछ भी आइडिया नहीं है, क्योंकि मैंने आज तक सिर्फ शुद्ध पत्रकारिता की है। मैं खबर और स्टोरी आपको बेहतर दे सकता हूं। शायद मेरी फेसवैल्यू को देखते हुये उन्होंने मुझे उत्तर प्रदेश का ब्यूरो चीफ नियुक्त कर दिया और कुछ समय पश्चात मुझसे न्यूज कोआर्डिनेटर का पद भी संभालने को भी कहा गया। (बिना लिखा-पढ़ी के यह सब स्वीकार कर लेना शायद मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी, क्योंकि जिन्हें पत्रकारिता का ‘प’ नहीं मालूम, वो जा रहे थे न्यूज चैनल चलाने)।

मैंने लखनऊ में कार्यालय बनाकर खबरों का संकलन करना प्रारम्भ किया। कुछ दिन बाद मुझे दिल्ली के एक पत्रकार मित्र ने चैनल के मालिक एवं इस चैनल की हकीकत बताई। पता चला कि इनका तो लाइसेन्स ही नहीं है। तब मैंने इस्तीफा देकर अपनी छवि बचाना उचित समझा। मेरे पारिश्रमिक का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। इस बात से मुझे ये तो अनुमान हो गया कि इन्हें पत्रकार की नहीं, दलाल की जरूरत थी, जो अपने चेहरे को बेच कर इनकी तिजोरी भर सकें। इस घटना से मैं काफी आहत हुआ, और अधिक जानकारी करने पर पता चला कि दिल्ली में इन लोगों की छवि अच्छी नही हैं।

मुझे लगा कि जिस तरह मैं इस फर्जीवाड़े का शिकार होते होते बच गया, कहीं और पत्रकार बंधु इस फर्जीवाड़े के शिकार न हो जायें, इसके लिये मैने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को एवं भड़ास4मीडिया को मेल भेजकर इस खबर को आम-खास लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। इसके फलस्वरूप मुझे फोन पर धमकियां मिलनी शुरू हो गयी हैं और मुझसे ये कहा जा रहा है कि तुम्हें इसका सबक जरूर सिखायेंगे।

हालांकि जब मैं पत्रकारिता में आया था तो यह सोच कर आया था कि अपनी कलम से केवल सच लिखूंगा और यह कलम कभी नही रुकेगी। लेकिन आज मन के किसी कोने में ये आशंका भी हो रही है कि इन फर्जी कार्य करने वालों की कोई अपनी छवि तो होती नहीं है, लेकिन ये मुझे किसी कृत्य में फंसा कर मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास जरूर करेंगे। मैं आप सभी पत्रकार बंधुओं से पूछना चहता हूं कि क्या सच्चाई लिखना गलत है? क्या पत्रकारिता के इन दलालों को इस परिसर से बाहर नहीं निकालना चाहिये? गलत काम तो ये लोग करते हैं और बदनाम हम-आप जैसे लोग होते हैं। शायद कुछ यही कारण है कि ‘कल तक हम खबर लिखते थे और आज खुद खबर बन गये हैं।’

आपका सहयोगी

अखिलेश चन्द्रा

वरिष्ठ पत्रकार

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लखनऊ

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0 Comments

  1. Akhilesh chandra

    March 5, 2010 at 5:27 am

    Mohit saxena ji

    Meri email id hai – [email protected]
    phone no hai 9838474911

  2. Akhilesh chandra

    March 4, 2010 at 9:22 am

    Anish khan ji

    Mai Yaha es liye he bol raha ho ki ye galat hone ja raha tha, and for your kind information aaj mai Sar Utha ke es liye chalta ho ki mai ne apne jivan kaal me kisi ko fasaya nai hai.ye mai nahi mujh se jode sabhi log jaan te hai.

    Aur aap ka dhanvad mai bhavisya me en chijo ka khyal bhi rakuga.

    Thanks a lot

  3. atul

    March 2, 2010 at 3:16 am

    lucknow me bhi kai dalaal patrakaar bhai tahel rahe hai jo poore samaaj ko ganda kar diya hai

  4. Mohit saxena

    March 2, 2010 at 8:41 am

    श्रीमान आपने सही किया
    आज इस पत्रकारिता के बदलते परिवेश को देख कर बहुत दुख होता है। मन यही सोचने लगता है कि भाबिष्य में पत्रकारिता का भयाबह स्वरुप सामने आने बाला है
    श्रीमान क्या आप अपना फ़ोन नंबर हमें ईमेल कर सकते है [email protected]

  5. k

    March 2, 2010 at 11:48 pm

    हम सबको चराते हैं। और कई बार खुद भी चर जाते हैं

  6. arvind singh

    March 3, 2010 at 7:26 am

    sir you did very good job by disclosing the actual fact infront of all media persons through bhadas4media.com. actually this is the very bad time for media couz people those who even dont understand abcd of journalisam are entering in this field for their other kind of benifite. but unfortunataly no one can do any positive thing for servival of media,couz if any boady will try for that he would be face some critical problem and no one will come forward to help him or her in that situation.but really you are jiniouse who atleast tried to show the dark face of such kind of people who use people for sack of their benefite. thank you

  7. anish Khan

    March 3, 2010 at 7:33 am

    Akhilesh Ji Aap Kafi Sinear Patrkar Hai Magar Mujhe Aap Ki Baat Samaj Me Nahi Aati Me News Ke Leye Meri Aap Se Aap Ke Mobile No 9208317911 Par Kai Bar Baat Hui Thi Tab Aap Me News Ka Uttarakhand Ki Leye 5 Lakh Baat Kar Rahe The Tab Tak Me News Wale Sahi The Pta Nahi Aap Ke Naam Se Aur Kitno Ka Paisa Aapne Faswaya Hoga Aur Ab Wo Glat Aor Aap

  8. Akhilesh Chandra

    March 4, 2010 at 4:08 am

    Aap sahi bol rahi hai and thanks. sayad ye meri galti thai mai aage se dhyan rakhuga.

    Thanks
    Akhilesh chandra

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