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मैं समझता था प्यार दो-तरफा है : अमर सिंह

अमर वाणी : पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त, ये तो इंटरवल है…. कई बार अपने आप को चिकोटी काट के समझाना पड़ता है कि क्या जो हो रहा है, वो सच है? क्योंकि ये वो मुलायम सिंह नहीं हैं जिनको मैं जानता हूं…. मैं समझता था कि दो तरफा प्यार है, अब लगता है कि एक तरफा है…. मुलायम सिंह के साथ राजनीतिक रिश्तों में कमी आयेगी…. समाजवादी पार्टी से रिश्ते थम गए हैं, ये कह सकते हैं आप…. रामगोपाल के साथ बैठ कर राजनीति नहीं करूंगा…. रामगोपाल का ये कहना कि फिल्म वालों को लाकर कोई फायदा नहीं हुआ तो ये जया बच्चन का अपमान है, ये मुलायम सिंह का भी अपमान है और अगर ज़रा भी आत्मसम्मान जया बच्चन में हो तो राज्य सभा दोबारा नहीं मांगें… ये मेरे जीवन का मध्यांतर है, मैं बैठ कर आत्मचिंतन करूंगा लेकिन हमारे राजनीतिक लोगों के ऊपर दबाव पड़ा, उनके ऊपर हमले हुए, क्योंकि वो हमारे साथ हैं तो उस समय हम राजनीतिक विकल्प के बारे में सोचेंगे अन्यथा नहीं…
<div align="justify"><font color="#003366"><strong>अमर वाणी :</strong> </font>पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त, ये तो इंटरवल है.... कई बार अपने आप को चिकोटी काट के समझाना पड़ता है कि क्या जो हो रहा है, वो सच है? क्योंकि ये वो मुलायम सिंह नहीं हैं जिनको मैं जानता हूं.... मैं समझता था कि दो तरफा प्यार है, अब लगता है कि एक तरफा है.... मुलायम सिंह के साथ राजनीतिक रिश्तों में कमी आयेगी.... समाजवादी पार्टी से रिश्ते थम गए हैं, ये कह सकते हैं आप.... रामगोपाल के साथ बैठ कर राजनीति नहीं करूंगा.... रामगोपाल का ये कहना कि फिल्म वालों को लाकर कोई फायदा नहीं हुआ तो ये जया बच्चन का अपमान है, ये मुलायम सिंह का भी अपमान है और अगर ज़रा भी आत्मसम्मान जया बच्चन में हो तो राज्य सभा दोबारा नहीं मांगें... ये मेरे जीवन का मध्यांतर है, मैं बैठ कर आत्मचिंतन करूंगा लेकिन हमारे राजनीतिक लोगों के ऊपर दबाव पड़ा, उनके ऊपर हमले हुए, क्योंकि वो हमारे साथ हैं तो उस समय हम राजनीतिक विकल्प के बारे में सोचेंगे अन्यथा नहीं... </div>
अमर वाणी : पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त, ये तो इंटरवल है…. कई बार अपने आप को चिकोटी काट के समझाना पड़ता है कि क्या जो हो रहा है, वो सच है? क्योंकि ये वो मुलायम सिंह नहीं हैं जिनको मैं जानता हूं…. मैं समझता था कि दो तरफा प्यार है, अब लगता है कि एक तरफा है…. मुलायम सिंह के साथ राजनीतिक रिश्तों में कमी आयेगी…. समाजवादी पार्टी से रिश्ते थम गए हैं, ये कह सकते हैं आप…. रामगोपाल के साथ बैठ कर राजनीति नहीं करूंगा…. रामगोपाल का ये कहना कि फिल्म वालों को लाकर कोई फायदा नहीं हुआ तो ये जया बच्चन का अपमान है, ये मुलायम सिंह का भी अपमान है और अगर ज़रा भी आत्मसम्मान जया बच्चन में हो तो राज्य सभा दोबारा नहीं मांगें… ये मेरे जीवन का मध्यांतर है, मैं बैठ कर आत्मचिंतन करूंगा लेकिन हमारे राजनीतिक लोगों के ऊपर दबाव पड़ा, उनके ऊपर हमले हुए, क्योंकि वो हमारे साथ हैं तो उस समय हम राजनीतिक विकल्प के बारे में सोचेंगे अन्यथा नहीं…

यह अमर वाणी है। इस वाणी के जरिए अमर सिंह साफ संकेत दे रहे हैं कि अब समाजवादी पार्टी से उनका रिश्ता लगभग टूट चुका है। न्यूज़ 24 की एडीटर-इन-चीफ अनुराधा प्रसाद से खास बातचीत में अमर सिंह ने कहा कि रामगोपाल यादव के साथ अब राजनीति संभव नहीं है। अमर सिंह मुलायम सिंह के व्यवहार से भी काफी दुखी नज़र आए जबकि उन्होने इस बात से इंकार किया कि वो दुखी हैं लेकिन ये जरुर कह गए कि मुलायम सिंह, वो मुलायम सिंह नहीं रहे जिन्हें वो जानते थे। जब अनुराधा ने उनसे पूछा कि क्या आपकी पार्टी आपके नेताओं का रिश्ता इतना कमज़ोर था कि किसी भी मीडिया की बातों की वजह से ये रिश्ता टूट गया। ये बात समझ में आती नहीं और पचती नहीं।

मुझे भी समझ में नहीं आती और मुझे भी नहीं पचती और मुझे भी कई बार अपने आप को चिकोटी काट के समझाना पड़ता है कि क्या जो हो रहा है, वो सच है? क्योंकि ये वो मुलायम सिंह नहीं हैं, जिनको मैं जानता हूं।  जब उनसे अनुराधा ने पूछा कि क्या मुलायम सिंह से कुछ कहना चाहेंगे तो अमर सिंह ने एक दोहा पढ़ डाला- रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटखाए, टूटे से फिर ना मिले, मिले गांठ पड़ जाए। इस पर अनुराधा ने पूछा कि क्या अमर सिंह को लगता था कि मुलायम सिंह उनसे खुद बात करेंगे तो अमर सिंह ने कहा कि मैं समझता था कि दोतरफा प्यार है, अब लगता है कि एक तरफा है। इस सवाल पर कि अब मुलायम सिंह के साथ रिश्ते कैसे रहेंगे, इस पर अमर सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह के साथ राजनीतिक रिश्तों में कमी आयेगी। उनसे व्यक्तिगत स्नेह रहेगा, उनका आदर रहेगा। अमर सिंह ने मुलायम सिंह यादव के लिए एक संदेश के तौर पर एक शेर में अपने मन की पूरी बात कह दी। वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना न हो उसे खूबसूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा, चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों।

जब ये पूछा गया कि समाजवादी पार्टी से रिश्ते कैसे रहेंगे, इस पर अमर सिंह ने रिश्तों में रुकावट आने की बात कही। समाजवादी पार्टी से रिश्ते थम गए हैं, ये कह सकते हैं आप। जब उनसे पूछा गया कि क्या रामगोपाल से रिश्ते से ठीक हो सकते हैं तो अमर सिंह ने कहा कि ये असंभव है। असंभव है। रामगोपाल को गाली नहीं दूंगा, अपमान नहीं करूंगा लेकिन रामगोपाल के साथ बैठ के राजनीति नहीं करूंगा। रामगोपाल यादव के अमर सिंह के ब्लॉग पर ब्यानों पर अमर सिंह ने कहा कि रामगोपाल जी ने ये कह दिया कि हमारे यहां ब्लॉगिंग को मान्यता नहीं है तो हमें समाजवादी पार्टी से निकाल दो भाई। हम ब्लॉगिंग तो करेंगे। आपको ब्लॉगिंग नहीं आती तो आप कंप्यूटर इलिट्रेट हैं। वो अपनी मर्जी मुझ पर थोप नहीं सकते। हम तो ब्लॉगिंग करेंगे।

रामगोपाल यादव के बयान पर कि अमर सिंह जिन फिल्म वालों को पार्टी में लेकर आए उनसे कोई फायदा नहीं हुआ, अमर सिंह ने कहा कि रामगोपाल का ये कहना कि फिल्म वालों को लाकर कोई फायदा नहीं हुआ तो ये जया बच्चन का अपमान है ये मुलायम सिंह का भी अपमान है और अगर ज़रा भी आत्मसम्मान जया बच्चन में हो तो राज्य सभा के लिए दोबारा आवेदन नहीं करना चाहिए। जब अमर सिंह से पूछा गया कि क्या ऐसा संभव है कि आप समाजवादी पार्टी में वापस चलें जाएं और अपना इस्तीफा वापस ले लें। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मै समाजवादी पार्टी में सक्रिय नहीं रह पाऊंगा और न अपना इस्तीफा वापस लूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए।

इसी बारे में एक अन्य सवाल पर अमर सिंह ने कहा कि मैं तो ईश्वर की सौगंध, अपने परिवार की सौगंध या भगवान भी आ जाएं तो, जो चीज़ मैंने त्याग दी है, उसे मैं छूने वाला नहीं। पार्टी की हालत पर अमर सिंह ने कहा कि मैं समझता हूं कि पार्टी में एक दर्जन महासचिव हैं, हर दूसरे दिन नेताजी एक महासचिव बना देते हैं, आपको पता है कि अलीगढ़ के फुर्कान अली भी महासचिव थे। राजवीर भाई भी महासचिव थे, महासचिवों की भरमार है। आज हम बात कर रहे हैं तो इसी बीच दो तीन बन गए हों तो कह नहीं सकते। कोई बड़ी बात नहीं। समाजवादी पार्टी के महासचिव का पद मैंने छोड़ा है, जो आठ नौ दस हैं उनमें से मैं एक हूं।

अमर सिंह ने रामगोपाल यादव के उनके मानसिक संतुलन बिगड़ने वाल बयान पर कहा कि मैंने 24 तारीख को कुछ अच्छे साइकेटरिस्ट से अप्वाइंटमेंट लिया है। मैं उनको दिखलाऊंगा क्योंकि मै नहीं समझता कि मुलायम सिंह का परिवार मेरा विरोधी है और रामगोपाल हमारे बडे़ भाई हैं। उन्होंने जब कहा है कि मै मानसिक रूप से बीमार हूं तो उनकी इस चिंता को मै गंभीरता से लूंगा और पांच-छह देश के बड़े डॉक्टरों को दिखाऊंगा। जब तक वो बता न दें कि मैं मानसिक रूप से ठीक हूं, तब तक मेरे लिए सैफई महोत्सव में जाना ठीक नहीं है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या आप राजनीतिक रूप से निष्क्रिय रहेंगे या फिर अपनी पार्टी बनाने के बारे में सोचेंगे तो अमर सिंह ने कहा कि ये मेरे जीवन का मध्यांतर है। मैं बैठ कर आत्मचिंतन करूंगा लेकिन हमारे राजनीतिक लोगों के ऊपर दबाव पड़ा, उनके ऊपर हमले हुए, क्योंकि वो हमारे साथ हैं तो उस समय हम राजनीतिक विकल्प के बारे में सोचेंगे अन्यथा नहीं। अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी के नेताओं से चल रहें अपने विवाद को मध्यांतर बताया और कहा कि ये मेरे जीवन का मध्यांतर है, इंटरवल है, पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त, इंज्वाय द इंटरवल। प्रेस विज्ञप्ति

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0 Comments

  1. B.P.Gautam

    January 17, 2010 at 10:46 am

    Asli Thakur Ho To Chmchagiri Karne Ki Bajay Apna Dal Banao’ Ek Din Yahi Mulayam Aur Ramgopal Gathhbandhan Karne Ke Liye Nak Ragdte Nazar Aayenge.

  2. alok

    January 17, 2010 at 3:52 pm

    nice……………

  3. ashish sharma

    January 18, 2010 at 2:28 am

    amar singh ji aapko ab ye sidh karna hai ki apne samajvadi party ko kahan se kahan tak pahuchaya hai…………iske liye apko neta ji ke sath nahin unke virodh me utarna hoga………

  4. omhari trivedi

    January 18, 2010 at 5:59 am

    Thakur Amar Singh ji yeh samajwadi party hai Mulayam ne saaf kar diya hai ki mela hi loge aate jaate rehte hai Mulayam ne aap ko khilona samjha hai mele me khelne ko liya tha ji bhare gaya to feke diya ab aap me bhi thakur ki thai thai jinda hai to mulayam ko aisa jor ka jhatka dhere se lagaiye jisse mulayam chite ho jaye kyoki aap me jo kala hai vahe mulayam mai nahi hai phir dekhna mulayam kaise fade fadaye gai kyoki Ramgopal ke rahte mulayam ko kisi dusere dusman ki jarorate nahi hai.Amar singh ji chinta na kare Mulayam ke ghare mai hi dusmano ki kami nahi hai aap dusmani na kare tabe mulayam chillaye gai Mughe to apno ne lota gairo me kaha dam tha meri kiste thi dube jaha paane kam tha.

  5. Vikash Chandra Naithani

    January 19, 2010 at 1:55 am

    one more political drama. lets enjoy to our politicians.

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