Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

क्या बरेली में ‘हिंदुस्तान’ नंबर वन हो गया?

चर्चा है कि हिंदुस्तान अखबार ने बरेली में अमर उजाला को पछाड़ दिया है. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि हिंदुस्तान शहर में 52 हजार कापियां पब्लिश कर रहा है जबकि अमर उजाला की 46 हजार कापियां बिकती हैं. दैनिक जागरण के बारे में बताया जा रहा है कि उसकी 32 हजार कापियां बिकती हैं. अमर उजाला से जुड़े लोगों का कहना है कि हिंदुस्तान भले ही 50 हजार कापियां पब्लिश कर रहा हो पर सवाल यह है कि कितनी कापियां रद्दी हो रही हैं, कितनी फ्री में बांटी जा रही हैं और कितनी कापियों की जेनुइन बिक्री है. जब तक यह आंकड़ा नहीं आ जाता, सिर्फ कापियां छाप देने के आधार पर किसी को नंबर वन नहीं कहा जा सकता. अमर उजाला की बिक्री जो है, वो सालिड है. 46 हजार कापियां अगर अमर उजाला पब्लिश करता है तो उतनी कापियां बिकती भी हैं.

<p align="justify">चर्चा है कि हिंदुस्तान अखबार ने बरेली में अमर उजाला को पछाड़ दिया है. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि हिंदुस्तान शहर में 52 हजार कापियां पब्लिश कर रहा है जबकि अमर उजाला की 46 हजार कापियां बिकती हैं. दैनिक जागरण के बारे में बताया जा रहा है कि उसकी 32 हजार कापियां बिकती हैं. अमर उजाला से जुड़े लोगों का कहना है कि हिंदुस्तान भले ही 50 हजार कापियां पब्लिश कर रहा हो पर सवाल यह है कि कितनी कापियां रद्दी हो रही हैं, कितनी फ्री में बांटी जा रही हैं और कितनी कापियों की जेनुइन बिक्री है. जब तक यह आंकड़ा नहीं आ जाता, सिर्फ कापियां छाप देने के आधार पर किसी को नंबर वन नहीं कहा जा सकता. अमर उजाला की बिक्री जो है, वो सालिड है. 46 हजार कापियां अगर अमर उजाला पब्लिश करता है तो उतनी कापियां बिकती भी हैं. </p>

चर्चा है कि हिंदुस्तान अखबार ने बरेली में अमर उजाला को पछाड़ दिया है. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि हिंदुस्तान शहर में 52 हजार कापियां पब्लिश कर रहा है जबकि अमर उजाला की 46 हजार कापियां बिकती हैं. दैनिक जागरण के बारे में बताया जा रहा है कि उसकी 32 हजार कापियां बिकती हैं. अमर उजाला से जुड़े लोगों का कहना है कि हिंदुस्तान भले ही 50 हजार कापियां पब्लिश कर रहा हो पर सवाल यह है कि कितनी कापियां रद्दी हो रही हैं, कितनी फ्री में बांटी जा रही हैं और कितनी कापियों की जेनुइन बिक्री है. जब तक यह आंकड़ा नहीं आ जाता, सिर्फ कापियां छाप देने के आधार पर किसी को नंबर वन नहीं कहा जा सकता. अमर उजाला की बिक्री जो है, वो सालिड है. 46 हजार कापियां अगर अमर उजाला पब्लिश करता है तो उतनी कापियां बिकती भी हैं.

उधर, हिंदुस्तान के लोगों का कहना है कि नया अखबार होने के बावजूद हिंदुस्तान ने अमर उजाला को उसी के हथियार से मात दिया है. हिंदुस्तान अखबार का चार पेज का परिशिष्ट आज उर्स के मौके पर बरेली में प्रकाशित किया गया. उर्स के मौके पर जुटी लाखों की भीड़ में मौलानाओं-उलेमाओं ने इस कदम के लिए हिंदुस्तान की सराहना की. मतलब साफ है. जो मुसलमान कल तक अमर उजाला के पाठक थे, अब वे हिंदुस्तान की तरफ आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि बरेली में सफलता की कहानी लिख रहे हिंदुस्तान को प्रबंधन की तरफ से बधाइयां मिली हैं.

दरअसल, अमर उजाला, बरेली पिछले कुछ महीनों से अस्थायित्व का भी शिकार हुआ है. शशि शेखर के जाने के बाद उनके द्वारा नियुक्त स्थानीय संपादक अमर उजाला छोड़ बरेली में ही हिंदुस्तान के संपादक बन गए. उसके बाद अमर उजाला से स्टाफ तोड़ने का सिलसिला जारी रहा. नए आरई के रूप में आए प्रभात सिंह ने टीम को साथ लेकर चलने की जगह टीम को दबाव में लेकर काम कराना शुरू किया, जिससे असंतोष का माहौल पैदा हो गया. वीरेन डंगवाल के अमर उजाला से अलग हो जाने के बाद अखबार की प्रगतिशील छवि को भी धक्का पहुंचा. कई वजहों के कारण अमर उजाला की टीम अपना बेस्ट नहीं दे पा रही है. प्रबंधन अगर समय रहते अमर उजाला, बरेली को लेकर कोई बड़ी रणनीति नहीं बनाता है तो यह महत्वपूर्ण गढ़ उसके हाथ से निकल जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए. 

Click to comment

0 Comments

  1. mahendra pathak

    February 11, 2010 at 10:47 am

    is main koi do rai nhi ho skatin ki sbhi kuchh amar ujala ki anduruni larai ka prinam hai. doosre bareaily edition ko lekar malikano main ghamand bhi bahut tha ki ese koi No.1 se hila nahi sakata. Ghamndi ka sir hmesha neecha hota aaya hai. bareilly main bhi esa hi ho raha hai. Sashishekhr ko jan ne vale jante hai ki vah is mamle mai kitna praveen hia. agra Amar Ujala ko Aj akhbar se matt dene ka mamla sabhi jante hai. mahendra pathak aligarh

  2. raj kumar arora

    February 11, 2010 at 1:34 pm

    I agree coz this time is a compitision time

  3. mohd. javed

    February 12, 2010 at 1:29 pm

    patrakaron jindabad”
    manvadhikar aayog ne bemishal faisla dia hai. isi ki haqdar thi Lakimpur police! ise ek sabak samjhe to behtar hai. police utpeedan ka sahas se samna karne wale samiuddin ji ke buland iradon ko salam. is se yahan ke patrakar banduon ke hausle badhenge. aur police ko apni aukat malum ho gai so alag.
    police log sudhar jao……..?
    ( mera bhi utpeedan kia tha Lakimpur police ne) mohd. javed reporter HINDUSTAN cell, 9838637495. Thanks B4M

  4. arvind shukla

    February 14, 2010 at 3:45 am

    Prabhat Ji ki working par itni jaldi ray kayam kj dena theek nahin hai. darasal purani team aur badale captain me talmel banane men kuch wokt lagta hai. Prabhat Ji bahut jald sabkuch durust kar lenge. unmen yah kabliyat bharpoor hai.

  5. shariq

    February 19, 2010 at 6:01 am

    Kya puri tayaari hai
    Ab hindustan ke bari hai
    Congatulation to Sales team
    Shariq meerut

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement