अमर उजाला के कर्ताधर्ताओं की एक और कंपनी में झगड़ा शुरू हो चुका है. सूत्रों के अनुसार कोलकाता में रजिस्टर्ड एक फाइनेंस कंपनी के दो तिहाई हिस्सेदार अतुल माहेश्वरी और राजुल माहेश्वरी हैं. अशोक अग्रवाल व अन्य भी इस कंपनी के हिस्सेदार हैं लेकिन अल्पमत में हैं. अशोक अग्रवाल व अन्य ने इस कंपनी में पक्षपात, बंटवारे आदि से संबंधित एक शिकायती अर्जी कोलकाता स्थित कंपनी लॉ बोर्ड (सीएलबी) के आफिस में लगा दी है.
माना जा रहा है कि अब इस फाइनेंस कंपनी का भी देर-सबेर बंटवारा तय है. सीएलबी के कोलकाता आफिस में लगे इस मुकदमें की सुनवाई भी कोलकात में ही हो रही है. इसी कारण अब अमर उजाला के मालिकों को कोलकाता का दौरा करना पड़ रहा है. अमर उजाला के मालिकों की इस फाइनेंस कंपनी के बारे में मीडिया जगत के लोगों को कुछ खास पता नहीं है.
अमर उजाला के झगड़े के बारे में जानकारी मिली है कि कंपनी लॉ बोर्ड के दिल्ली आफिस ने सुनवाई के लिए अगली तारीख तय की है जो काफी आगे है. इस कारण फिलहाल इस मामले में कुछ होता नहीं दिख रहा है और विवाद के जल्द निपटने की संभावना नहीं है. अशोक अग्रवाल और उनसे जुड़े लोगों को अमर उजाला अखबार के संचालन से लगभग पूरी तरह बहिष्कृत कर दिया गया है.
अमर उजाला के आगरा आफिस में अशोक अग्रवाल का दखल लगभग न के बराबर रह गया है. यहां तक कि पहले आगरा में होने वाले इवेंट्स आदि के बारे में खबरों की लंबाई-चौड़ाई व तस्वीरें आदि अशोक अग्रवाल से पूछ के तय की जाती थी, अब इस कवायद पर भी रोक लगा दी गई है. जिन कार्यक्रमों में खुद अशोक अग्रवाल शरीक होते हैं, उन आयोजनों का भी कवेरज बेहद सामान्य तरीके से कराया जाता है. अमर उजाला, आगरा के रिपोर्टरों को अप्रत्यक्ष तौर पर यह निर्देश दे दिया गया है कि उन्हें अशोक अग्रवाल से जुड़े कार्यक्रमों को रुटीन कार्यक्रमों की तरह ही कवर करना है.
उधर, अशोक अग्रवाल के अपने छोटे भाई और डीएलए के कर्ताधर्ता अजय अग्रवाल के साथ मिल जाने की चर्चा हरओर है. इस एकता को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. पर यह तो तय लग रहा है कि भविष्य में अशोक और अजय अग्रवाल एकजुट होकर मीडिया इंडस्ट्री में कदम आगे बढ़ाएंगे. आगरा में डीएलए स्थापना दिवस समारोह में अशोक अग्रवाल सपरिवार न सिर्फ उपस्थित हुए बल्कि मंच से बोले भी और अजय अग्रवाल के विजन व लगन की जमकर सराहना की. पहले इन भाइयों में अनबन थी. अशोक अग्रवाल एक समय अतुल माहेश्वरी के पक्ष में खड़े होकर अजय अग्रवाल को अमर उजाला से बाहर निकालने के अभियान में भागीदार थे. अब खुद उनके सामने अमर उजाला से बाहर होने का खतरा आ खड़ा हुआ है.
ashish k
April 9, 2010 at 6:04 pm
haat phalye kay hot hai jab chidya chug gaye kheet……………….:)
dinesh
March 31, 2010 at 1:13 pm
boi beej babul ke to aam kanha se khau……………