सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया : अतुल माहेश्वरी और अंकुर चावला बुरे फंस सकते हैं। संकेत मिलने लगे हैं। सीबीआई के सूत्र बोल रहे हैं। काफी कुछ अभी तक आफ द रिकार्ड था। लेकिन गिरफ्तार लोगों से रिमांड पर हुई पूछताछ से बहुत कुछ ठोस संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। कंपनी ला बोर्ड (सीएलबी) में पहुंचे अमर उजाला के मालिकों (डायरेक्टर्स) के झगड़े में एक पक्ष को राहत न देने के लिए दी गई घूस के मामले में अमर उजाला के अतुल माहेश्वरी और प्रभु चावला के वकील पुत्र अंकुर चावला अब सीबीआई के निशाने पर आ गए लगते हैं। सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक आज अतुल माहेश्वरी और अंकुर चावला समेत कई लोगों को नोटिस जारी किया गया है।
यह नोटिस इन दोनों को जांच में शामिल होने के लिए भेजा गया है। मतलब साफ है। इन दोनों से पूछताछ होगी। नोटिस उनके पास भी पहुंचने वाला है जो इस घूसखोरी के मामले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं या इस मामले को सुलझाने में मदद कर सकते हैं। सीबीआई सूत्रों ने अतुल माहेश्वरी और अंकुर चावला को पूछताछ के लिए नोटिस भेजे जाने की पुष्टि की है।
मामला अमर उजाला के चेयरमैन अशोक अग्रवाल बनाम मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल माहेश्वरी का है। सीबीआई में शिकायतकर्ता अशोक अग्रवाल हैं तो घूसखोरी कांड के निशाने पर अतुल माहेश्वरी हैं। रिश्वत किसने दी, कहां दी, कैसे दी, किसके माध्यम से दी, क्यों दी, यह एक विषय है। असली मुद्दा यह है कि अशोक अग्रवाल के खिलाफ यह रिश्वत का खेल किसको फायदा पहुंचाने के लिए किसके इशारे पर खेला गया। मामला साफ है। इस साफ मामले को ही पूरी तरह साफ करने में सीबीआई जुटी है। रिश्वत देने और लेने वाले सीबीआई की हिरासत में आन रिकार्ड हैं। इनसे मिली जानकारी के आधार पर रिश्वत की रकम की व्यवस्था करने वाले की पहचान किए जाने की कार्यवाही तेजी से चल रही है।
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि यह पहचान हो भी चुकी है लेकिन इसे तर्कों और सबूतों के आधार पर आन रिकार्ड लाने की कवायद चल रही है। सीबीआई ने गिरफ्तार लोगों को रिमांड पर लेकर जो पूछताछ की है, उसमें आन रिकार्ड यह साफ हो गया है कि पूरे खेल का सूत्रधार कौन है। अब इसी सूत्रधार को घेरने की तैयारी है। सूत्रधार का मुख्य सूत्र अंकुर चावला सबसे पहले सीबीआई के निशाने पर है। सीबीआई से जुड़े विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि अंकुर चावला की गिरफ्तारी हो सकती है। कंपनी ला बोर्ड के सदस्य और कार्यकारी अध्यक्ष आर. वासुदेवन और कंपनी सेक्रेटरी मनोज बंथिया ने रिमांड के दौरान सीबीआई की पूछताछ में सारे मामले की पूरी तरह उलटी कर दी है। इस उलटी के आधार पर माना जा रहा है कि इस मामले में अमर उजाला के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल माहेश्वरी को आने वाले समय में खासी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
सीबीआई के सूत्र बताते हैं कि अमर उजाला के निदेशक अतुल माहेश्वरी और प्रभु चावला के वकील पुत्र अंकुर चावला से पूछताछ में मिलने वाली जानकारियों और इन मिलने वाली जानकारियों के जरिए जांच आगे बढ़ाने में मिलने वाली मदद को ध्यान में रखते हुए इन दोनों की गिरफ्तारी के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अमर उजाला के निदेशकों के बीच झगड़े में कंपनी ला बोर्ड के सदस्य और फिलवक्त कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में काम करने वाले आर. वासुदेवन की रिश्वतखोरी में गिरफ्तारी से कई बड़े सवाल उठ गए हैं। एक तो आर. वासुदेवन ने जितने भी मामले कंपनी ला बोर्ड में देखे हैं, उन सभी पर सवालिया निशान लगने लगे हैं।