कोर्ट ने वासुदेवन से कहा- हर हफ्ते सीबीआई मुख्यालय में हाजिरी लगाएं और शहर छोड़कर न जाएं : खबर है कि एयू-सीएलबी रिश्वतकांड में केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों ने पिछले महीने दिसंबर के मध्य में अमर उजाला के निदेशक अतुल माहेश्वरी को सीबीआई मुख्यालय बुलाकर कई घंटे पूछताछ की थी. यह पूछताछ कंपनी ला बोर्ड के तत्कालीन कार्यवाहक अध्यक्ष आर. वासुदेवन को अंकुर चावला और मनोज बंथिया के जरिए रिश्वत दिए जाने और अमर उजाला के मालिकाना हक में झगड़े के संबंध में की गई. सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने पूछताछ के लिए अतुल माहेश्वरी को नोटिस भेजा था. अतुल माहेश्वरी नियत तारीख को नियत समय पर सीबीआई मुख्यालय पहुंचे. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के अधिकारियों ने अतुल माहेश्वरी से अंकुर चावला और मनोज बंथिया से रिश्तों, संपर्क, मालिकाना हक संबंधी झगड़े के नए-पुराने मामलों के बारे में काफी गहराई से सवाल किए.
सारी पूछताछ रिकार्डेड है और बयान दर्ज हैं. अतुल माहेश्वरी से पूछताछ के बाद सीबीआई ने दिसंबर के आखिरी सप्ताह में अमर उजाला के चेयरमैन अशोक अग्रवाल और उनके पुत्र व निदेशक मनु आनंद को सीबीआई आफिस बुलाया. इन लोगों से अमर उजाला के आपसी झगड़े और सीएलबी में जाने संबंधी मुद्दों पर सीबीआई के अधिकारियों ने बातचीत कर पूरे विवाद को गहराई से समझने की कोशिश की. हालांकि सीबीआई के अधिकारियों ने पूरे मामले की गहराई तक जाने की भले ही कोशिश की हो पर बेहद बड़े दबावों के चलते सीबीआई ने कोर्ट में दायर इनवेस्टीगेशन रिपोर्ट में प्रभु चावला के पुत्र अंकुर चावला और अतुल माहेश्वरी को बचाती हुई दिखी. न्यायालय की खिंचाई और फटकार के बाद संभव है सीबीआई आगे इन बड़े लोगों की गर्दन थोड़ी-बहुत फंसाते हुए जांच आगे बढ़ाए पर इतना तो तय है कि इस हाई-प्रोफाइल केस में सीबीआई का रास्ता आसान नहीं है. उसे पग-पग पर सत्ता, नेता, नौकरशाह, मीडिया और पूंजीपतियों के दबाव, प्रलोभन व धमकी का सामना करना पड़ सकता है.
इस बीच, रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार कंपनी लॉ बोर्ड के निलंबित सदस्य आर वासुदेवन को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। लेकिन न्यायालय ने वासुदेवन को शहर से बाहर न जाने का निर्देश दिया है। वासुदेवन को गत वर्ष 23 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन पर अमर उजाला के झगड़े में एक पक्ष को फायदा पहुंचाने के लिए रिश्वतखोरी और अन्य तरह के घपलों का आरोप था।
न्यायमूर्ति वीके शैली ने आर वासुदेवन को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में वासुदेवन पर सात लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप है। न्यायालय ने वासुदेवन को हर हफ्ते सीबीआई मुख्यालय में हाजिरी लगाने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वासुदेवन और कंपनी सेक्रेट्री मनोज बनथिया को भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपित किया है। सीबीआई ने न्यायालय के समक्ष दावा किया था कि वासुदेवन के पास 55 लाख रुपए नगद मिले थे। इसके अलावा कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले थे।