अमर उजाला निदेशकों के विवाद में शिकायतकर्ता पक्ष को राहत न मिलने के लिए रिश्वत देने की शिकायत पर सीबीआई ने बिछाया जाल : कंपनी ला बोर्ड के सदस्य को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया : एक कंपनी सेक्रेटरी भी पकड़ा गया : प्रभु चावला के वकील पुत्र अंकुर चावला के जरिए तय हुई थी रिश्वत की रकम : अंकुर चावला समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज : देश में कई जगहों पर छापेमारी : अमर उजाला के चेयरमैन अशोक अग्रवाल और निदेशक अतुल माहेश्वरी के बीच मनभेद की खबर अब न सिर्फ पुष्ट हो गई है बल्कि यह भी स्पष्ट हो गया है कि कंपनी ला बोर्ड में शिकायत दर्ज कराने वाले अशोक अग्रवाल के पक्ष में निर्णय न होने देने के लिए कंपनी ला बोर्ड के एक सदस्य, जिनके पास यह मुकदमा सुनवाई के लिए आया था, को रिश्वत दिया गया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने छापे मारकर कंपनी ला बोर्ड के सदस्य, जिसका नाम आर. वासुदेवन है, को गिरफ्तार कर लिया है। साथ में रिश्वत की रकम देने के लिए बिचौलिए का काम करने वाले एक निजी कंपनी सेक्रेटरी को भी पकड़ा है।
कंपनी सेक्रेटरी का नाम है मनोज बंथिया। मनोज बंथिया ने कंपनी ला बोर्ड में अमर उजाला की तरफ से शिकायत दर्ज कराने वाले अशोक अग्रवाल के पक्ष में निर्णय न होने देने के लिए दस लाख रुपये में मामला तय कराया। सूत्रों का कहना है कि इस लेनदेन को तय कराने में आज तक न्यूज चैनल को चलाने वाली कंपनी टीवी टुडे ग्रुप के प्रधान संपादक प्रभु चावला के वकील पुत्र अंकुर चावला की प्रमुख भूमिका रही है। बताया जाता है कि अंकुर चावला कंपनी ला बोर्ड में अशोक अग्रवाल की शिकायत के खिलाफ अतुल माहेश्वरी व अन्य का पक्ष देख रहे हैं। अंकुर चावला के जरिए मनोज बंथिया ने दस लाख रुपये लेकर सात लाख रुपये तो कंपनी ला बोर्ड के सदस्य आर. वासुदेवन को दे दिए और बाकी तीन लाख अपने पास खुद रख लिए। आर. वासुदेवन सात लाख की रकम लेकर अपने सरकारी आवास पहुंचे तो सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
साथ ही मनोज बंथिया जिस होटल में रुका था, वहां भी छापा मारा गया और वहां से तीन लाख रुपये बरामद कर लिए गए। सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच में पूरे मामले की एफआईआर दर्ज कर ली गई है। सीबीआई ने जो एफआईआर दर्ज की है उसमें कंपनी ला बोर्ड के सदस्य आर. वासुदेवन, कंपनी सेक्रेटरी मनोज बंथिया के अलावा प्रभु चावला के वकील पुत्र अंकुर चावला का भी नाम दर्ज है।
मनोज बंथिया और आर. वासुदेवन को गिरफ्तार कर सीबीआई ने आज स्पेशल सीबीआई जज ओपी सैनी की अदालत में पेश किया। स्पेशल सीबीआई जज ने इन दोनों को छह दिन (30 नवंबर तक) के रिमांड पर सीबीआई को सौंपने के आदेश दे दिए। सीबीआई आर. वासुदेवन के सभी ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। इसमें दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई भी शामिल है। प्रभु चावला के पुत्र और वकील अंकुर चावला के यहां भी छापे पड़े हैं। अंकुर चावला के यहां से अमर उजाला के ढेर सारे कागजात मिले हैं।
सीबीआई से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अंकुर चावला, मनोज बंथिया और आर. वासुदेवन के बीच बातचीत सीबीआई पिछले एक महीने से टैप कर रही थी। सूत्रों के मुताबिक अशोक अग्रवाल ने सीबीआई में यह शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पक्ष में निर्णय न होने देने के लिए दूसरा पक्ष रिश्वतखोरी का सहारा ले सकता है। इसी के बाद सीबीआई ने सभी पर नजर रखने का काम शुरू कर दिया था।
प्रभु चावला के वकील पुत्र अंकुर चावला के इस मामले में फंसे होने के कारण मीडिया हाउसों पर संबंधित खबर नाम के साथ न प्रकाशित होने देने के लिए तरह-तरह की कवायद किए जाने की भी खबर भड़ास4मीडिया को मिली है। संभव है कल ज्यादातर अखबारों में यह खबर छपे पर अंकुर चावला, अमर उजाला व इस अखबार के निदेशकों के नाम इसमें न दिखे।
सीबीआई ने अपनी वेबसाइट पर पूरे मामले के बारे में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसे यहां नीचे हू-ब-हू प्रकाशित किया जा रहा है…