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हां, ब्यूरो चीफ ने मुझसे मारपीट की : कमला कांत

अमर उजाला, हरदोई के ब्यूरो चीफ ब्रजेश मिश्रा और विज्ञापन प्रतिनिधि कमला कांत मिश्र के बीच मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अमर उजाला के वरिष्ठ लोग और हरदोई के ब्यूरो चीफ मारपीट की किसी घटना से इनकार करते हैं और कमला कांत मिश्र पर ही फर्जीवाड़ा करने और इस कारण संस्थान से बाहर किए जाने की बात कह रहे हैं। पर अब कमला कांत ने भड़ास4मीडिया को एक लिखित बयान में फर्जीवाड़े के सभी आरोपों को ही फर्जी करार दिया है और अपने साथ मारपीट किए जाने की बात कही है। कमला कांत का पूरा पत्र इस प्रकार है-

<p align="justify">अमर उजाला, हरदोई के ब्यूरो चीफ ब्रजेश मिश्रा और विज्ञापन प्रतिनिधि कमला कांत मिश्र के बीच मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अमर उजाला के वरिष्ठ लोग और हरदोई के ब्यूरो चीफ मारपीट की किसी घटना से इनकार करते हैं और कमला कांत मिश्र पर ही फर्जीवाड़ा करने और इस कारण संस्थान से बाहर किए जाने की बात कह रहे हैं। पर अब कमला कांत ने भड़ास4मीडिया को एक लिखित बयान में फर्जीवाड़े के सभी आरोपों को ही फर्जी करार दिया है और अपने साथ मारपीट किए जाने की बात कही है। कमला कांत का पूरा पत्र इस प्रकार है-</p>

अमर उजाला, हरदोई के ब्यूरो चीफ ब्रजेश मिश्रा और विज्ञापन प्रतिनिधि कमला कांत मिश्र के बीच मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अमर उजाला के वरिष्ठ लोग और हरदोई के ब्यूरो चीफ मारपीट की किसी घटना से इनकार करते हैं और कमला कांत मिश्र पर ही फर्जीवाड़ा करने और इस कारण संस्थान से बाहर किए जाने की बात कह रहे हैं। पर अब कमला कांत ने भड़ास4मीडिया को एक लिखित बयान में फर्जीवाड़े के सभी आरोपों को ही फर्जी करार दिया है और अपने साथ मारपीट किए जाने की बात कही है। कमला कांत का पूरा पत्र इस प्रकार है-

सेवा में,

श्रीमान सम्पादक महोदय

भड़ास4मीडिया

विषय : अमर उजाला, हरदोई कार्यालय में ब्यूरो प्रमुख ब्रजेश मिश्र व उनके सहयोगियों द्वारा विज्ञापन प्रतिनिधि के साथ हुई घटना एवं फर्जी आरोपों व एजेन्सी के सन्दर्भ में।

महोदय,

निम्न बिन्दुओं के अनुसार सादर अवगत कराना चाहूंगा –

1. फर्जी एजेन्सी को खोलकर व कम पैसे में विज्ञापन छापने के जो आरोप लगाये गये है यह सब गलत व भ्रामक हैं। यह सब ब्यूरो चीफ ब्रजेश मिश्र को बचाने के लिए रास्ता निकाला जा रहा है।

2. यह मैं स्पष्ट करना चहूंगा कि मेरे ऊपर जिस फर्जी एजेन्सी को खोलकर चलाने का आरोप है उसकी संस्तुति माननीय यूनिट हेड एवं विभागाध्यक्ष वरिष्ठ प्रबन्धक सहित मार्केटिंग अधिकारियों के हस्ताक्षर होने पर ही खोली गई थी।

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3. जब कि ज्ञात हो कि अमर उजाला में यह नियम है कि कम्पनी पे-रोल के कर्मचारी (स्टाफर) को कोई कमीशन नहीं दिया जाता (चाहे वह मार्केटिंग हो या एडोटोरियल)।

4. जबकि इसके विपरीत हरदोई के ब्यूरो चीफ ब्रजेश मिश्र द्वारा अपने सहयोगी के नाम से रूपेश नामक फर्जी एजेन्सी में काम किया जा रहा है तथा उस एजेन्सी के मार्फत पूरा कमीशन खाया जा रहा है जो कि कानपुर मुख्यालय के माननीय यूनिट हेट के संज्ञान में है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

5. कानपुर के माननीय यूनिट हेड द्वारा मेरे ऊपर जो घपले व गड़बड़ियों के जो फर्जी आरोप लगाये गये हैं वह सब, हरदोई के ब्यूरो चीफ द्वारा मेरे ऊपर फर्जी तरीके से लगवाये गये हैं।

इन सब आरोपों का स्पष्टीकरण जब मैं दिनांक 06.01.2010 को कानपुर कार्यालय गया और मा. यूनिट हेड जी से मिला तो उन्होंने विभागाध्यक्ष वरिष्ठ प्रबन्धक से मिलने को कहा। मैं वरिष्ठ प्रबन्धक से मिलकर उन्हें सारी स्थिति से अवगत कराया व अपने ऊपर लगाये गये फर्जी आरोपो का स्पष्टीकरण भी दिया। तभी वरिष्ठ प्रबन्धक द्वारा मुझे आदेशित किया गया कि आप हरदोई कार्यालय जाकर काम करो, मैं खुद दो दिन बाद आकर आरोपों की जांच करूंगा। इन्हीं वरिष्ठ प्रबन्धक के आदेश पर दूसरे दिन हरदोई कार्यालय में जाकर काम कर रहा था कि तभी मेरे साथ ब्रजेश मिश्र व उनके सहयोगियों द्वारा मारपीट की गई तथा मुझे धक्के देकर आफिस से निकाल दिया गया। मेरे द्वारा बार-बार यह कहने पर कि वरिष्ठ प्रबन्धक से बात कर लीजिए, तो ब्रजेश मिश्र बोले- यह कौन होते हैं तथा अपशब्द कहा और कहा कि मैं अमर उजाला के वरिष्ठ सम्पादक शंभूनाथ शुक्ला का भान्जा हूं, मेरा क्या कर लोगे।

महोदय उपरोक्त घटना को मैंने वरिष्ठ प्रबन्धक जी को बताया तो उन्होंने मुझे तत्काल कानपुर आने के लिए कहा। उसी समय मैने मा. वाइस प्रेसीडेन्ट श्री राजीव केन्टल जी (नोएडा) को सारी घटना को फोन से अवगत कराया। तत्पश्चात अन्य जिलों के विज्ञापन प्रतिनिधि को भी इस घटना के बारे में पता चला तो वे सभी स्तब्ध रह गये। कानपुर आने के पश्चात मैंने और कई जिलों के विज्ञापन प्रतिनिधियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया जिसका प्रमुख कारण अपमान और मारपीट था।

13.01.2010 को जब मैं विज्ञापनों का हिसाब जमा करने कानपुर मुख्यालय गया तो मुझसे मा. यूनिट हेड द्वारा दबाव डालकर घरेलू कारणों का इस्तीफा लिखवाया गया जो कि नितांत गलत है।

महोदय आपके माध्यम से सबके सामने सच्चाई व न्याय के लिए मेरा अनुरोध है। साथ ही उपरोक्त सच्चाई आपके सामने है। इसकी सूचना मैंने संस्थान के डायरेक्टर बोर्ड को भी दी है ताकि एक प्रतिष्ठित संस्थान में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो सके।

दिनांक : 17.01.2010

कमला कांत मिश्र

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एक्जीक्यूटिव, मीडिया सोल्यूशंस

अमर उजाला, हरदोई

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0 Comments

  1. ambuj

    January 18, 2010 at 1:15 pm

    now this case has become more complicated than criminal case.
    but truth must come forward it is the matter of the reputation of a renown newspaper which has huge circulation in the market.

    plz bring the truth , and give justice to the victim whoever is?

  2. Sam Kumar

    January 18, 2010 at 3:35 pm

    Amar Ujala ko iss samband main sakt se sakt step lene chayine. Edetorial staff ko ye manna hi padega ki sansthan se jo salary unhe mil rahi wo advertisement wale hi kama kar laate hain. Sansthan ka sabse kamoo put hone ke baad bhi advertisement walo ko is tarah ka attitude dekna padega to jald hi edetorial walo ko roti ke lale pad jayaenge. Kamla Kant hum sab tumahre saath hain agar aapki baat main sachayi hain to.

  3. geet

    January 19, 2010 at 9:46 am

    chinta mat karo k.k.pariwadwad par chalne wali samajwadi party ka haal hi dekh lo
    to fir amar ujala le shambhu naath ji ka bahnje ka haal kya hoga

  4. EKHLAQUE

    January 29, 2010 at 6:29 am

    AJ KAL AMAR UJALA ME BUERO CHIEF KA RUKH HITLARSHAHI WALA HO GAYA HAI.STAFF KO SAMMAN KE BAJAI APMANIT KARNA MANO UDDESHYA HO GAYA HO.JISKA EK UDAHRAN JAUNPUR ME BHI HAI.YAHAN BUERO CHIEF NE TANASHAHI KAR KE VIGAT DINO OFFICE KE 5 STAFF KO NIKAL DIYA. MERE HISAB SE IS GHATIYA SOCH PAR AKHBAR KE BARE LOG DHYAN NAHI DE RAHE HAIN. JO BAHUT GALAT HAI.

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