अमर उजाला के हरदोई (यूपी) आफिस में ब्यूरो चीफ और विज्ञापन प्रतिनिधि के बीच हुई मारपीट के मामले में कुछ और जानकारियां मिली हैं. पता चला है कि विज्ञापन प्रतिनिधि कमलाकांत मिश्रा को कई घपलों-गड़बड़ियों के चलते कानपुर यूनिट के जनरल मैनेजर ने आफिस न आने के लिए कह दिया था. साथ ही ब्यूरो चीफ ब्रृजेश मिश्रा को निर्देशित किया था कि कमलाकांत किसी हालत में आफिस के अंदर न घुसें. जानकारी के अनुसार कमलाकांत ने कई ऐसे विज्ञापन प्रकाशित कराएं जिसका पेमेंट ज्यादा लिया पर आफिस को कम रेट में विज्ञापन लिया हुआ दिखाकर हजारों रुपये खुद रख लिए. ऐसे कई मामले पकड़ में आने के बाद कानपुर आफिस के जनरल मैनेजर ने कमलाकांत के आफिस आने पर रोक लगा दी.
कई दिनों तक आफिस न आने के बाद एक दिन अचानक कमलाकांत आफिस में प्रकट हुए तो ब्यूरो चीफ ने जीएम से बात की और जीएम के निर्देश पर चपरासी से कहकर कमलाकांत को आफिस से बाहर करा दिया. साथ ही, कमलाकांत जो बिल-बाउचर आफिस से लेकर जा रहे थे, उसे रखवा लिया. इसी के बाद कमलाकांत ने मारपीट की बाद मार्केट में उड़वा दी.
इस बारे में भड़ास4मीडिया ने जब अमर उजाला, हरदोई के ब्यूरो चीफ ब्रृजेश मिश्रा से संपर्क किया तो उन्होंने मारपीट की किसी भी घटना से इनकार किया. उनका कहना था कि सब कुछ कानपुर के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में है और इस बारे में सही बात वही बता सकते हैं.
अमर उजाला कानपुर के यूनिट हेड भूपेंद्र दुबे से भड़ास4मीडिया ने संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि कमलाकांत ने एक फर्जी एजेंसी खोलकर विज्ञापनों में गड़बड़ियां की थीं. इसलिए उन पर इनटरनल कार्रवाई की गई. इसी कारण कनफ्यूजन फैला. मारपीट जैसी कोई घटना नहीं हुई. यह सब अफवाह है.
अमर उजाला, कानपुर के स्थानीय संपादक दिनेश जुयाल से जब संपर्क साधा गया तो उन्होंने कहा कि कमलाकांत से मारपीट की कोई घटना नहीं हुई है. कुछ शरारती तत्वों ने ऐसी अफवाह फैला दी है. कई गड़बड़ियों के कारण कमलाकांत के खिलाफ जांच चल रही है. उसने खुद ही इस्तीफा दे दिया है.
ambuj
January 16, 2010 at 3:09 pm
such incidents tarnish the image of any famous newspaper.
its good to reveal the truth
Kumar Girish
January 18, 2010 at 7:03 am
Jaswant bhai Is khabar aur pahale ki khabar me antar hai.