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अमर उजाला, मेरठ से राजकुमार गर्ग हटाए गए

फिर से रखे जाएंगे पेजीनेटर : जूनियर सब एडिटर का पद बहाल : चार पत्रकारों को सो-काज नोटिस : अमर उजाला, मेरठ से एक और पत्रकार की छुट्टी कर दी गई है. ये हैं राजकुमार गर्ग. सूत्रों का कहना है कि अमर उजाला के मालिक अतुल माहेश्वरी ने जिस तरह से कंटेंट का स्तर सुधारने के लिए मेरठ यूनिट में अभियान चलाया हुआ है, उस अभियान के तीसरे शिकार हुए हैं राजकुमार गर्ग. राजकुमार काफी दिनों से अमर उजाला के हिस्से थे. उन्हें लोग चचा के नाम से पुकारते हैं. इससे पहले रामानुज और शशिकांत को अमर उजाला, मेरठ से हटाया जा चुका है.

<p style="text-align: justify;"><strong>फिर से रखे जाएंगे पेजीनेटर : जूनियर सब एडिटर का पद बहाल : चार पत्रकारों को सो-काज नोटिस : </strong>अमर उजाला, मेरठ से एक और पत्रकार की छुट्टी कर दी गई है. ये हैं राजकुमार गर्ग. सूत्रों का कहना है कि अमर उजाला के मालिक अतुल माहेश्वरी ने जिस तरह से कंटेंट का स्तर सुधारने के लिए मेरठ यूनिट में अभियान चलाया हुआ है, उस अभियान के तीसरे शिकार हुए हैं राजकुमार गर्ग. राजकुमार काफी दिनों से अमर उजाला के हिस्से थे. उन्हें लोग चचा के नाम से पुकारते हैं. इससे पहले रामानुज और शशिकांत को अमर उजाला, मेरठ से हटाया जा चुका है.</p>

फिर से रखे जाएंगे पेजीनेटर : जूनियर सब एडिटर का पद बहाल : चार पत्रकारों को सो-काज नोटिस : अमर उजाला, मेरठ से एक और पत्रकार की छुट्टी कर दी गई है. ये हैं राजकुमार गर्ग. सूत्रों का कहना है कि अमर उजाला के मालिक अतुल माहेश्वरी ने जिस तरह से कंटेंट का स्तर सुधारने के लिए मेरठ यूनिट में अभियान चलाया हुआ है, उस अभियान के तीसरे शिकार हुए हैं राजकुमार गर्ग. राजकुमार काफी दिनों से अमर उजाला के हिस्से थे. उन्हें लोग चचा के नाम से पुकारते हैं. इससे पहले रामानुज और शशिकांत को अमर उजाला, मेरठ से हटाया जा चुका है.

इसी क्रम में अमर उजाला, मेरठ के चार पत्रकारों को सो-काज नोटिस थमा दिया गया है. ये नोटिस काम में लापरवाही के कारण दिया गया है. नोटिस में कहा गया है कि अगर समुचित जवाब नहीं दिया गया तो सेवा समाप्त की कर दी जाएगी. उधर, अतुल माहेश्वरी ने मेरठ समेत सभी यूनिटों को निर्देश दिया है कि वे पेज बनवाने के लिए पेजीनेटर रखें और सब एडिटर से सिर्फ एडिटिंग का काम कराएं. एक अन्य फैसले के तहत जूनियर सब एडिटर की समाप्त की जा चुकी पोस्ट को फिर से बहाल कर दिया गया है. मेरठ में कई सब एडिटरों को चेतावनी दे दी गई है कि अगर वे लोग पेजीनेटर ही बने रहने पर आमादा हैं और खबरों की एडिटिंग में खुद को इनवाल्व नहीं करते हैं तो उन्हें डिमोट करके जूनियर सब एडिटर बना दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि अमर उजाला, मेरठ को अतुल माहेश्वरी माडल यूनिट के रूप में बनाना चाह रहे हैं ताकि सरकुलेशन व कंटेंट में आई जबर्दस्त गिरावट को ठीक किया जा सके.

 

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0 Comments

  1. sanjay maurya

    May 3, 2010 at 2:20 pm

    verygood disigen

  2. rahul gaziyabadi

    May 3, 2010 at 2:40 pm

    nishchit tor par jo ho raha hai uske natije amar ujala ke liye sukhad honge, magar ye bhi hai ki kuch logon ko roji ki talaash main yahan-wahan bhatakna padega. atul sir ka ye abhiyaan kaash noida unit aur usse jude janpadon tak bhi pahunche taki wahan mathadhish bankar bethe kuch patrkaar kam mafiyaon aur neta-afsaron ke dalalon se amar ujala ko nijaat mil sake.

  3. raj

    May 3, 2010 at 2:56 pm

    amar ujala ko kya wakai kaam krne walon ki pehchaan nhi hai. haliya example mrt unit ka he hai. jin logo ne khoon pasine se amar ujala ko seencha, unhe do minute may chalta kr diya gaya aur jo salary k naam pr pension le rhe hain, we aaz bhi khaas hain. aakhir atul maheswari kya message dena chaah rhe hai ye sab kr k. kal tak jo log kaam k the, we aaz kaam k nhi hain. isse brand image bhi to prabhavit hogi. akhbaar ko behtar krne ka ye kaun sa tarika hai. is andhe bazarikaran k daur may amarujala apne he pair pr kulhadi maar rha hai aur apne hi staff ko maut k ghaat utaar rha hai. inhe t aaz hi to kal khin na khin naukri mil jayegi, lekin amar ujala bhi “naukri khaau” sansthan k roop may mashoor ho jayega. jha staaf koi thikana nhi ki kab kisse istifa maang liya jaaye.

  4. Ashok

    May 3, 2010 at 4:09 pm

    उखाड़-पछाड़ तो सभी जगह मची हुई है यशवंत जी। अब नवदुनिया भोपाल को ही देख लीजिए। आजकल वहां से हर उप संपादक के सहयोगी आपरेटर को हटा दिया गया है। सभी उप संपादकों को खुद ही पेज बनाने के निर्देश दिए गए हैं। बताते हैं कि इन आपरेटरों को किसी दूसरी जगह कार्य में लगा दिया गया है। इस स्थिति में सभी उप संपादक खासे परेशान हैं। इनके संपादक रीवा से तुलना करते हुए कहते हैं कि जब वहां पर कम स्टाफ में काम हो सकता है तो यहां क्यों नहीं हो सकता। इधर, बेचारे सभी आपरेटर भी चिंतित हैं कि धीरे से कहीं उन्हें बाहर का दरवाजा न दिखा दिया जाए।

  5. कमल शर्मा

    May 4, 2010 at 1:00 pm

    सभी उप संपादकों को संपादक बना दो, वे ही सारे काम कर लेंगे, ;D;D;D;D

  6. lalit surjan

    May 5, 2010 at 10:19 am

    atul maheshwari ji should review three odd years of unit head who keeps on passing bugs to dept head on failures and taking credit on success.he should review circulation growth/degrowth and business growth/degrowth of past three years.there is a message that one can stay in company for longer period by just managing top mgmt.atul ji should review man power status also.how many mktng/hr/admn/mis personnel left during his tenure.how many circulation dept/mktng head changed to improve circulation/business.if things are not improving by changing heads than he should review responsibilities of unit head who is really good manager.

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