केंद्र सरकार का कहना है कि वह मीडिया पर कोई कानून या प्रतिबंध थोपने के पक्ष में नहीं है और प्रसारणर्ताओं के लिए पहला कदम आत्मनियमन का होना चाहिए। उन्हें खुद सुधर जाना चाहिए। सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रसारणकर्ताओं को आत्म नियमन अपनाना चाहिए। हम प्रसारणकर्ताओं से बातचीत कर रहे हैं कि कैसे सामग्री में सुधार के लिए रास्ते बनाए जाएं। हालांकि मैं स्पष्ट करना चाहूंगी कि भले ही हमारी बातचीत जारी है लेकिन सरकार मीडिया पर कोई कानून या प्रतिबंध थोपने के पक्ष में नहीं है।
इससे पहले प्रसारण इंजीनियरों की प्रदर्शनी का उदघाटन करते हुए उन्होंने कहा कि मंत्रालय दूरदर्शन और आकाशवाणी द्वारा इस्तेमाल की जा रही प्रौद्योगिकी में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। सोनी ने कहा कि दूरदर्शन राष्ट्रमंडल खेलों का आधिकारिक प्रसारणकर्ता है और यह हाई डेफिनिशन प्रारूप में आयोजन का प्रसारण करेगा।
उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक देश प्रसारण के डिजिटल मोड को अपना चुके हैं लेकिन भारत अब भी एनालॉग प्रणाली पर निर्भर है इसलिए इस तरह के बदलाव के लिए समय सीमा होनी चाहिए। सोनी ने कहा कि हम 2017 के आसपास ऐसा करने के बारे में सोच रहे हैं लेकिन फिर भी यह अंतिम तय तारीख नहीं है। इसके लिए एक निश्चित समय सीमा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एफएम रेडियो स्टेशनों का बहुप्रतीक्षित तीसरा चरण मौजूदा वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार मोबाइल टीवी पर एक नीति के बारे में भी गंभीरता से सोच रही है। साभार : जनसत्ता