अनिल सिन्हा के बारे में जानकारी मिली है कि उन्होंने एमजे अकबर के नए साप्ताहिक अखबार ‘द संडे गार्जियन’ से इस्तीफा दे दिया है. बताया जाता है कि दिल्ली व लंदन से हाल में ही प्रकाशित हुए ‘द संडे गार्जियन’ से इस्तीफा देने के पीछे वजह आंतरिक अनबन हो जाना है.
अनिल सिन्हा दैनिक भास्कर, ईटीवी आदि जगहों पर काम कर चुके हैं. उनकी नई पारी के बारे में चर्चा है कि हैदराबाद व बेंगलोर से प्रकाशित डेक्कन क्रानिकल में ज्वाइन किया है. इस सूचना को कनफर्म करने के लिए जब अनिल सिन्हा को फोन किया गया तो उनका मोबाइल स्विच आफ बताता रहा.
उल्लेखनीय है कि 31 जनवरी 2010 को वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर ने दिल्ली में साप्ताहिक अंग्रेजी समाचार पत्र “द संडे गार्जियन” लांच किया. यह अखबार लंदन में “इंडिया ऑन संडे” के नाम से उपलब्ध है. तीन रुपये कीमत वाले इस अखबार का प्रकाशन एमजेपी मीडिया प्रा. लि. ने किया है. इस पेपर के एडिटर एमजे अकबर खुद हैं जबकि मार्केटिंग हेड सोनिया बख्शी हैं. अकबर पाक्षिक न्यूज मैगजींन ‘कोवर्ट’ के चेयरमैन और तथा ‘एशियन ऐज’ न्यूज पेपर के फाउंडर व पूर्व एडिटर इन चीफ भी है. इस नवोदित अखबार से इस्तीफे की शुरुआत अखबार के लिए शुभ नहीं है.
कमल शर्मा
April 4, 2010 at 8:54 am
अनिल सिन्हा को अग्रिम बधाई यदि डेक्कन क्रानिकल ज्वाइन कर रहे हैं तो। अनिल अपना सम्पर्क नंबर भेजना ईमेल से।
arvind sharma
April 4, 2010 at 1:27 pm
अनिल जी को बधाई। आपने भास्कर कब छोड़ा। बहुत दिनों से मेरे पास आपका नंबर नहीं है। मेरे ईमेल आइडी पर कृपया अपना संपर्क नंबर जरूर भेजें। मेरा ईमेल आइडी है [email protected]
arvind sharma
April 4, 2010 at 1:31 pm
अनिल जी आप कहां हैं। मित्रों को अता-पता तो चलने दो।
anil sinha
April 6, 2010 at 9:25 pm
Do baaton ka khulasa karna chahoonga. Meri MJ Akbar ji se koi anban nahi huyee hai. Bhaskar ke Samapadak se anban thee aur vahan se nikalna tha. akbar ne meri madad kee aur kabhi angreji mein kaam nahin karne ke bavojood mauka diya. ve hindustan hi nahin dakshin asia ke ek bade patrakar hain aur kam karne ka professional tarika kaisa hona chahiye yeh unse seekhna chahiye. Vaise bhee, mere aur unke rishton kee jameen kuchh aisee hai, manveey aur sanvedansheel, ki usmein anban kee koi gunjayeesh nahin hai. Uske daldal mein tabdeel hone kee bhee samabhavna nahin. itna jaroor kahoonga ki malik aur samapadak hona to aasan hai, lekin behtar insan hona behad mushkil . jyada tafsheel mein gaye bagair kahooga ki ve kafee acchhe insan hain.
dusri jankari yeh hai ki main ne deccan herald join kiya hai, deccan chronicle nahin. yeh naukari apni sahooliyat ko dhyan mein rakh kar kee hai.
doston ke liye-emial de raha hoon-
[email protected]