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क्या दूरदर्शन बदलने वाला है?

अरुणा शर्मा से बातचीत करते डा. प्रवीण तिवारीदूरदर्शन की महानिदेशक अरुणा शर्मा अब दूरदर्शन को लोकप्रिय चैनलों की दौड़ में आगे लाना चाहती हैं। पूरे देश में पहुंच होने के बावजूद दूरदर्शन की लोकप्रियता आधुनिक चैनलों के मुक़ाबले कम हुई है। एक ज़माना था जब सिर्फ दूरदर्शन ही दर्शकों का एक मात्र सहारा था लेकिन बदलते वक्त के साथ अब चैनलों की बाढ़ आ गई है और इस दौड़ में दूरदर्शन को भी बनाये रखने की ज़रूरत अब महसूस की जा रही है। दूरदर्शन की कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर की गई तैयारियों पर बात करने के लिए उसकी महानिदेशक अरुणा शर्मा पिछले दिनों लाइव इंडिया स्टूडियो में मौजूद थी।

अरुणा शर्मा से बातचीत करते डा. प्रवीण तिवारी

अरुणा शर्मा से बातचीत करते डा. प्रवीण तिवारीदूरदर्शन की महानिदेशक अरुणा शर्मा अब दूरदर्शन को लोकप्रिय चैनलों की दौड़ में आगे लाना चाहती हैं। पूरे देश में पहुंच होने के बावजूद दूरदर्शन की लोकप्रियता आधुनिक चैनलों के मुक़ाबले कम हुई है। एक ज़माना था जब सिर्फ दूरदर्शन ही दर्शकों का एक मात्र सहारा था लेकिन बदलते वक्त के साथ अब चैनलों की बाढ़ आ गई है और इस दौड़ में दूरदर्शन को भी बनाये रखने की ज़रूरत अब महसूस की जा रही है। दूरदर्शन की कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर की गई तैयारियों पर बात करने के लिए उसकी महानिदेशक अरुणा शर्मा पिछले दिनों लाइव इंडिया स्टूडियो में मौजूद थी।

दूरदर्शन अपनी तैयारियों को लेकर कितना गंभीर है और बदलाव को लेकर पुराने ढर्रे को तोड़ने के लिए कितना तत्पर है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि दूरदर्शन के महानिदेशक अब निजी चैनलों के माध्यम से भी दूरदर्शन की तैयारियों को आम दर्शकों तक पहुंचाना चाहती हैं। महानिदेशक दूरदर्शन ने बताय कि उनका पहला मक़सद कॉमनवेल्थ गेम्स का सफलतापूर्वक प्रसारण करना है क्योंकि इन खेलों के दूरदर्शन पर हो रहे प्रसारण पर सिर्फ देश के दर्शकों और निजी चैनलों कि नज़र नहीं होगी बल्कि पूरी दुनिया में इन तस्वीरों को पहुंचाने की ज़िम्मेदारी दूरदर्शन पर होगी। गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए हाई डेफिनिशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा और इसके लिए एक यूरोपिय कंपनी के साथ क़रार भी कर लिया गया है। कॉमन वेल्थ शुरू होने के पहले भी दूरदर्शन खास पेशकशों का सिलसिला शुरू कर देगा इनमें इस दौरान होने वाले हर खेल के बारे में दर्शकों को जानकारी देना और साथ ही साथ इनके दिलचस्प पहलुओं को रखना शामिल है। आने वाले दिनों में दूरदर्शन में प्रस्तुति के स्तर पर कुछ सुधार होने की बात भी अरुणा शर्मा ने इस खास बातचीत के दौरान कही।

चीन में हुए आयोजन और उसकी भव्यता से थोड़ा दबाव ज़रूर बना है लेकिन देश का राष्ट्रीय चैनल अपने साथ-साथ देश की साख को बचाए रखने के लिए पूरी तरह तैयार है। कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारियों में हो रही देरी से दूरदर्शन की तैयारियों पर पड़ने वाले असर पर महानिदेशक का कहना है कि जहां तक स्टेडियम के अंदर कि तैयारियों का सवाल है वो ठीक गति से चल रही हैं और जैसे जैसे काम पूरा होता जा रहा है हम अपना सेट अप भी तैयार करते जा रहे हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है की बचा हुआ काम भी जल्दी पूरा होगा और कॉमनवेल्थ के पहले उन्हें भी अपनी तैयारियों को आंकने का मौक़ा मिल पाएगा।

लेकिन तैयारियां सिर्फ कॉमनवेल्थ के लिए नहीं चल रही हैं बल्कि दूरदर्शन को प्रस्तुति और कार्यक्रमों की गुणवत्ता के आधार पर भी निजी चैनलों के मुक़ाबले खड़ा करने की तैयारी की जा रही है। हांलाकि ये भी साफ है की सरकारी चैनल होने की वजह से दूरदर्शन की अपनी बाध्यताएं हैं और इससे पहले भी जो प्रयास हुए हैं वो अपने चरम तक नहीं पहुंच पाए। अब देखना होगा कि पहले दूरदर्शन कॉमनवेल्थ गेम्स के प्रसारण को कितनी कामयाबी से दुनिया के सामने रखता है और फिर क्या बदलाव की ये बयार इन गेम्स के बाद भी जारी रहेगी।

लेखक डा. प्रवीण तिवारी लाइव इंडिया न्यूज चैनल में एंकर और प्रोड्यूसर हैं. इनसे संपर्क [email protected] के जरिए किया जा सकता है.

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0 Comments

  1. ashok

    March 12, 2010 at 12:17 pm

    doordarshan has slliped down from a long time. It is requried and need to revive the channal with new strategy & exploration Programme.
    This public Broadcaster has a world large enfrastructure but its prog quality is very dull. plz do create action plane for its dovelopment.

  2. rajiv

    March 12, 2010 at 9:44 am

    baat ichashakti ki hai aub waha deepak chaursia nai aane wala

  3. Chandrabhan Singh

    March 12, 2010 at 1:21 am

    Doordarshan jaisa aaj hai usse chhed chhad nahi karni chahiye. Sabse jyada emandar chenal hai. Doordarshan ki niti badlne ki jaroorat nahi hai agar parivartan karna jaruri samjhe to 40 par ke field me kam karne vale logo ko office me or unke esthan par HINDI or ENGLISH bhasha ke achhe jankar navyuvko ko field staff me lagaya jana chahiye. Chandrabhan Singh, Jaipur. [email protected]

  4. Ajay Golhani

    March 11, 2010 at 10:15 am

    jab tak naye log nahi aayenge, kuch nahi hoga…!

  5. Chandan ( Journalist,Patna)

    March 10, 2010 at 10:22 pm

    Doordarshan channel ka pahuch aam admio tak hai….. Doordarshan aj bhi achhe network ke rop mai jana jata hai….. thora or sudhar agar program ko lekar agar ho jaye to or bhi achha ho jayega…..

  6. 5?M0. &$M$ 56?7M K'*A0 0>8M%>(

    March 10, 2010 at 10:37 pm

    इसमे कोई दो राय नहीं की है की दूरदर्शन की पहुँच सबसे ज्यादा है, कमी है तो सरकारी हाथियों की जो पगार पर पैनी निगाहें गडाए रहते है मौज मस्ती में ही नौकरी करते है ! अगर इमानदारी केसाथ इस संस्थान को काम में ले तो निश्चित रूप से दूरदर्शन देश का सबसे बढ़िया चैनल हो सकता है !!!

  7. Sapan Yagyawalkya

    March 10, 2010 at 9:22 am

    Doorshan aaj bhi desh ke gaon-gaon tak pahuch rakhta hai.yadi is par imandari se prayas ho topahle kram tak ki jyada duri nahin hai.Sapan Yagyawalkya .Bareli(MP)

  8. विनीत कुमार

    March 10, 2010 at 6:58 am

    http://teeveeplus.blogspot.com/2009/10/blog-post_29.html.
    कुछ बातें हमने भी कही थी दूरदर्शन को लेकर।.

  9. arif

    March 13, 2010 at 5:08 am

    doordarshan se achchee khabar koi nahi dikhata hai , private channel to sirf chooran bechna jante hain ..

  10. om

    March 14, 2010 at 1:46 am

    dd ko no 1 bana ke kiye is ke under se kaam choro ko nikalan hoga.sabi ddk ‘s ka kaam ki jaach karo .dd me kaam kerne walo ke liye alag cader bana hooga. dd ke reginoal kendro me curption had se jayada hai. dd me pvt. lagu karan chahiye

  11. sajjan nagar

    March 21, 2010 at 2:42 pm

    doordarsan me or tecnical reuirment honi chahiye…….. kyoki aane wale dino m coman welth games ka prasaran karne ke liye staaff or doordarsan ko badna chaye…yani cameraman ………….

  12. PEREZDorothea

    July 19, 2010 at 6:49 pm

    That is understandable that cash can make us free. But how to act when someone doesn’t have money? The one way is to receive the loan or just term loan.

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