एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो के वरिष्ठ पत्रकार जरनैल सिंह ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम पर जूता फेंक दिया। जरनैल सिख दंगों के एक आरोपी कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट दिए जाने से नाराज थे और इसी मुद्दे पर गृहमंत्री से सवाल पूछ रहे थे। सीबीआई द्वारा टाइटलर को क्लीन चिट देने के सवाल पर गृहमंत्री ने जब संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो खफा जरनैल ने जूता फेंककर अपने गुस्से का इजहार किया।
चिदंबरम ने प्रेस कांफ्रेंस आतंकवाद के मसले पर अपना पक्ष रखने के लिए बुलाई थी। जरनैल द्वारा फेंका गया चिदंबरम को नहीं लगा। जूता चिदंबरम के चेहरे के बिलकुल सामने से होते हुए निकल गया। इस घटना के होते ही सुरक्षाकर्मियों जरनैल को पकड़ लिया और प्रेस कांफ्रेंस से बाहर लेकर चले गए। जूता फेंके जाने की घटना से चिदंबरम के चेहरे के भाव क्षण भर के लिए बदले लेकिन उन्होंने खुद को संयत रखते हुए कहा कि लोग भावना में बहकर ऐसा कर जाते हैं। मैं उन्हें माफ करता हूं। लेकिन यह तरीका गलत है। उधर, जरनैल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने जिस मुद्दे पर चिदंबरम पर जूता मारा, वो मुद्दा सही है, भले ही उनका तरीका गलत हो।
जरनैल के मुताबिक 25 साल से सिखों को न्याय नहीं मिला है तो गुस्सा आना लाजिमी है। जरनैल ने स्वीकारा कि वे भावना में बह गए थे। जरनैल ने कहा कि उन्होंने जो कुछ किया, वो भले गलत हो सकता है लेकिन वो इसके लिए माफी नहीं मांगेंगे। जरनैल के मुताबिक मुझे अफसोस है कि ऐसा हुआ,ऐसा नहीं होना चाहिए था। जरनैल ने यह भी कहा कि वे जूता फेंककर हीरो नहीं बनना चाहते हैं। उन्होंने सिखों से संयम बरतने की अपील की। जरनैल ने चिदंबरम और कांग्रेस से कोई गिला न होने की भी बात कही। जरनैल ने बताया कि वे जांच और इंसाफ के तौर-तरीकों से नाराज हैं। ज्ञात हो कि पिछले दिनों जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट दिये जाने के बाद से नई दिल्ली और पंजाब समेत कई जगहों पर सिखों ने रोष प्रकट किया है। सिख समुदाय टाइटलर को बरी किए जाने के फैसले से काफी नाराज है।
चिदंबरम ने प्रेस कांफ्रेंस 24 , अकबर रोड पर मौजूद कांग्रेस हेड क्वार्टर में बुलाई थी। उल्लेखनीय है कि जूता फेंकने की जो सबसे बड़ी घटना इराक में हुई थी। वहां प्रेंस कांफ्रेंस के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जार्ज बुश पर इराकी पत्रकार मुंतजर अल जैदी ने जूते फेंके थे। इस घटना की विश्वव्यापी चर्चा हुई थी और देखते ही देखते इराकी पत्रकार मुंतजर हीरो के रूप में प्रतिष्ठित हो गए थे।