वेस्ट यूपी के बुलंदशहर जिले से सूचना है कि अमर उजाला के लोगों की डाक्टरों से भिड़ंत हो गई. इसमें दोनों पक्षों ने लात-मुक्के चलाए. सूचना के अनुसार जिला महिला अस्पताल में कवरेज पर गये अमर उजाला के फोटोग्राफर अमित कुमार की डॉक्टर ने आज सुबह-सुबह पिटाई कर दी. जानकारी मिलने पर अमर उजाला के अन्य लोग मौके पर पहुंचे.
बताते हैं कि इनकी भी भिड़ंत डाक्टरों व अस्पताल स्टाफ से हो गई. फिलहाल मामले की जानकारी के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाही नही की है. डाक्टरों ने लिखित रूप से पुलिस के यहां शिकायत की है. अमर उजाला, बुलंदशहर में आजकल सरकारी विभागों में जनता की सेवा के नाम पर चल रही लापरवाही और अनियमितताओं की पोलखोल का अभियान चल रहा है. चंद रोज पहले अमर उजाला ने बुलंदशहर जिला अस्पताल में मरीजो से हो रही अभद्रता, लापरवाही औऱ सुविधाओं के अभाव की खबर को प्रकाशित किया था. जिला अस्पताल प्रशासन अमर उजाला की इस खबर को लेकर पहले से भड़का हुआ था. आज बारी जिला महिला अस्पताल की थी.
सुबह करीब 8 बजे अमर उजाला के फोटोग्राफर अमित कुमार महिला अस्पताल पहुँचे और फोटोग्राफी शुरू कर दी. वहॉ मौजूद महिला डॉक्टरों ने इसका विरोध किया तो उनके साथ कुछ पुरुष डॉक्टर भी आ गये. उनमें से एक डॉ. मुकेश ने अमर उजाला के फोटोग्राफर का मोबाइल छीन लिया और कैमरा भी छीनने लगे. लेकिन अमित किसी तरह खुद को बचाकर बाहर निकल आये और अपने ब्यूरो चीफ विजयशंकर पांडेय को फोन किया. कुछ साथियों के साथ पहुँचे विजयशंकर पांडेय ने डॉक्टरों से जब बात करनी चाही तो डॉक्टर भड़क गये और श्री पांडेय के साथ खींचतान शुरू कर दी. जब पांडेय ने खुद को बचाने के लिए डॉक्टरों की हरकत का विरोध किया तो दो डॉक्टर उन पर पिल पड़े.
बाद में चीख-पुकार सुनकर आये बाहर के कुछ लोगों ने दोनो पक्षों को अलग किया. अस्पताल के बड़े अफसरों की मौजूदगी होने पर फोटोग्राफर का फोन वापस मिल गया है. इस घटना को लेकर पत्रकारों में खासा रोष है. पुलिस ने इस मामले की जानकारी होने के बाद भी अभी तक हमलावर डॉक्टरों के खिलाफ कोई कदम नही उठाया है. उधर इस मामले में जिला अस्पताल के डॉक्टर का संघ हड़ताल पर जाने के लिए विचार-विमर्श कर रहा है.
भड़ास4मीडिया ने जब इस बारे में डा. मुकेश से संपर्क किया तो उन्होंने डाक्टरों द्वारा हमला किए जाने से इनकार किया. उन्होंने बताया कि मारपीट की शुरुआत अमर उजाल के लोगों ने की. डा. मुकेश के मुताबिक अमर उजाला फोटोग्राफर आया और बिना किसे से मिले फोटो खीचने लगा. जब उनसे उनके बारे में जानकारी लेने की कोशिश की गई तो वह अभद्रता पर उतारू हो गया. इसके बाद उसने कई लोगों को बुला लिया और वे लोग मारपीट करने लगे. डा. मुकेश के मुताबिक उन लोगों ने अपनी तरफ से लिखित तहरीर पुलिस को दे दी है.
उधर, अमर उजाला, बुलंदशहर के ब्यूरो चीफ विजय शंकर पांडेय से भड़ास4मीडिया ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि हम लोग सरकारी विभागों पर छापेमारी अभियान चला रहे हैं. इसी क्रम में आज महिला अस्पताल का नंबर था. वहां की हालत के बारे में फोटोग्राफर ने जब तस्वीरें लेने का काम शुरू किया तो डाक्टरों ने विरोध किया. विजय शंकर पांडेय ने मारपीट की घटना से इनकार किया है. उनका कहना है कि सिर्फ मौखिक विवाद हुआ, जिसे सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा कि मारपीट जैसी कोई स्थिति नहीं आई.
Ashutosh Shukla
August 30, 2010 at 10:58 am
Aaderniya yashwant ji
patrakarita ke shetra me vivad aam bat hai. Lekin use sarvjnik kar ke kuchh log apani khijh mitane ka prayash karke kya sabit karna chahate hai.Vijay shankar pandey k bare mei sabhi neta, adhikari, buisenessman or aam janta jaanti hai. patrakar b lekin wo apni aatma maar chuke hain aaise logon ke liye…..
ham apni muhbbat ka u jasn manate hain,
ek sama jalate hain ek sama bujhate hain.
par ajib fitrat hai es sher k bauno ki
khud to badh nahi sakte kad dusro ka ghatate hain.
Ashutosh Shukla
August 30, 2010 at 10:59 am
Aaderniya yashwant ji
patrakarita ke shetra me vivad aam bat hai. Lekin use sarvjnik kar ke kuchh log apani khijh mitane ka prayash karke kya sabit karna chahate hai.Vijay shankar pandey k bare mei sabhi neta, adhikari, buisenessman or aam janta jaanti hai. patrakar b lekin wo apni aatma maar chuke hain aaise logon ke liye…..
ham apni muhbbat ka u jasn manate hain,
ek sama jalate hain ek sama bujhate hain.
par ajib fitrat hai es sher k bauno ki
khud to badh nahi sakte kad dusro ka ghatate hain.
rahul
August 30, 2010 at 1:43 pm
Maarpeet ki itni badi khabar jo saaf lag raha hai ki patrakaron k liye roj ki baat hai. kuch khel hai kya is khabar k piche?
AU
September 2, 2010 at 11:30 am
Patrakaro ko pitana galat baat hai. Ye to aam janta ke liye karte hai. police ko karrwahi karani chahiye.
teja
September 3, 2010 at 1:16 pm
Vijay pandey ko jaante hain unhe pata hai ki jab jab usper pareshani aati hai wo aur aage badhta hai. Kisi ki chamchagiri ker k wo yahan nahi pahuncha hai bulki apne kaam, imaandari or lekni ki wajah se. Sahara mei usne kai achi khabre likhi. bulandsaher mei b usne buero chief rehte hue b kuch achi khabre likhi hain. Khabar padh ker mujhe nahi lagta wo pita hoga qki ager wo pita hota to baat itni aasani se thanda nahi hone deta