: आरई के रवैये से एक और पत्रकार लंबी छुट्टी पर गया : अमर उजाला, लखनऊ में हालात सुधरने के आसार नहीं दिख रहे हैं. पत्रकारों के उत्पीड़न का सिलसिला जारी है. स्थानीय संपादक इंदुशेखर पंचोली अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं है, इस कारण हर पंद्रह दिन एक महीने में कोई न कोई पत्रकार संस्थान से अलग हो रहा है या लंबी छुट्टी पर चला जा रहा है. ताजी सूचना के मुताबिक स्टेट ब्यूरो में कार्यरत राघवेंद्र मिश्रा लंबी छुट्टी पर चले गए हैं. स्थानीय संपादक जाने किस तरह की स्टोरी चाहते हैं कि उन्हें काम कर रहे रिपोर्टरों में ज्यादातर नापसंद हैं. उन्होंने राघवेंद्र को अच्छी स्टोरी न लाने के आरोप में आफिस से जाने को कह दिया.
इससे पहले अमर उजाला, लखनऊ के सिटी रिपोर्टर मुकुल त्रिपाठी लंबे छुट्टी पर चले गए. उनके बारे में आरई ने प्रबंधन को नकारात्मक रिपोर्ट भेजी. सूत्रों का कहना है कि मुकुल त्रिपाठी ने अब तक जितनी बड़ी स्टोरीज ब्रेक की हैं, केवल उसी पर कोई एक नजर डाल ले तो उनकी क्षमता का आकलन कर सकता है. लेकिन जब पहले से बनी बनाई धारणा के आधार पर कोई किसी की क्षमता का आकलन करेगा तो उसे गल्तियां ही गल्तियां नजर आएंगी. अमर उजाला, लखनऊ के प्रादेशिक डेस्क इंचार्ज सियाराम पांडेय शांत भी आरई के खराब व्यवहार से दुखी होकर छुट्टी पर जा चुके हैं. ब्यूरो में कार्यरत मनोज श्रीवास्तव भी दो महीने की लंबी छुट्टी के बाद अब लौटे हैं. अन्य कई लोग भी इधर-उधर किए जा चुके हैं. इस बीच, अमर उजाला, लखनऊ में प्रमोशन को लेकर भी लोगों में आक्रोश है. कहा जा रहा है कि इंदुशेखर पंचोली ने केवल उन्हीं लोगों को प्रमोट कराया है जिन्हें वे अपने हिसाब से काबिल मानते हैं. अनिल श्रीवास्तव को चीफ सब एडिटर से डीएनई बना दिया गया है. इसी तरह शैलेंद्र श्रीवास्तव को चीफ सब एडिटर बनाए जाने की सूचना है.
kumar m
August 28, 2010 at 5:19 pm
yaswant jee
aap se anurodh hai ki AMAR UJALA ke malik jitne bhi RE hai un sabon ko kam lene ka tarika bataye. apne staff ko pratadit karna AMAR UJALA ke nitthle RE se se sikhe.
UJALA ka kai staff yahan ki karne ke noukari ke bajay ghar men baithna pasand karte hai. isliye sansthan ko utpidan karne wale RE KO BHAGA DENA CHAHIYE. kumar m
sandesh
August 30, 2010 at 3:56 pm
are bhai Akhbar ko ek parivar ki tarah chalaye , na ki RAJNITI aur GUTBAJI,SE akhbar ke saath saath lkaho padne wale PATKHO ka bhi NUKSAN honga kyonki andrun RAJNITI AUR GUTBAJI SE patkho tk sahi khabar nahi jaa pati.agar eska namuna dekhna hei to nagpur BHASKAR me aapko dekhne mil jayenga.
rajneesh kumar tripathi
September 2, 2010 at 8:12 am
kya bhi amar ujala ka kam samapt ho gaya hai kya