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बरखा दत्त – नीरा राडिया के बीच बातचीत के टेप, बस थोड़ी देर में भड़ास4मीडिया पर

[caption id="attachment_18587" align="alignleft" width="151"]बरखा दत्त और नीरा राडियाबरखा दत्त और नीरा राडिया[/caption]नीरा राडिया और बरखा दत्त के बीच बातचीत का टेप भड़ास4मीडिया के हाथ लगा है. उसे हम यहां थोड़ी ही देर में जस का तस जारी करने वाले हैं. बातचीत के सभी टेपों (आडियो) को जारी करेंगे. साथ ही टेक्स्ट फार्मेट में भी बातचीत का प्रकाशन किया जाएगा. चूंकि बातचीत अंग्रेजी में है इसलिए टेक्स्ट भी अंग्रेजी में है. बातचीत के पांच टेप हैं. इस बातचीत में नीरा राडिया और बरखा दत्त के बीच वही मुद्दे डिसकस हो रहे हैं, जिनकी चर्चा पहले कई बार विभिन्न पोस्टों में की जा चुकी है और उन्हें पढ़ने के लिए नीचे कमेंट बाक्स के लास्ट में आ रहे शीर्षकों पर एक-एक कर क्लिक कर सकते हैं.

बरखा दत्त और नीरा राडिया

बरखा दत्त और नीरा राडिया

बरखा दत्त और नीरा राडिया

नीरा राडिया और बरखा दत्त के बीच बातचीत का टेप भड़ास4मीडिया के हाथ लगा है. उसे हम यहां थोड़ी ही देर में जस का तस जारी करने वाले हैं. बातचीत के सभी टेपों (आडियो) को जारी करेंगे. साथ ही टेक्स्ट फार्मेट में भी बातचीत का प्रकाशन किया जाएगा. चूंकि बातचीत अंग्रेजी में है इसलिए टेक्स्ट भी अंग्रेजी में है. बातचीत के पांच टेप हैं. इस बातचीत में नीरा राडिया और बरखा दत्त के बीच वही मुद्दे डिसकस हो रहे हैं, जिनकी चर्चा पहले कई बार विभिन्न पोस्टों में की जा चुकी है और उन्हें पढ़ने के लिए नीचे कमेंट बाक्स के लास्ट में आ रहे शीर्षकों पर एक-एक कर क्लिक कर सकते हैं.

संक्षेप में इतना कि ये बातचीत मई 2009 में केंद्र में सरकार बनने के दौरान हुई. नीरा राडिया, जो बड़े उद्योग घरानों के हितों के लिए लायजनिंग का कार्य करती हैं, और जो अब कुख्यात दलाल के नाम से जानी जाती हैं, मीडिया में उच्च पदस्थ कई लोगों यथा वीर सांघवी और बरखा दत्त से अपने फेवर का मिनिस्टर बनाने को लेकर डिसकस कर रही हैं. बाकी सारी बात आप कुछ देर में टेक्स्ट पढ़कर और टेप सुनकर जान सकते हैं. बस, थोड़ा-सा इंतजार.

नीरा राडिया और ए. राजा जो बाद में टेलीकाम मिनिस्टर बने के बीच बातचीत का टेप पहले ही जारी हो चुका है. उसे आप इन दो शीर्षकों पर क्लिक करके पढ़-सुन सकते हैं-

ये है राडिया और राजा के बीच बातचीत के अंश

राडिया राजा वार्ता : असली टेप सुनें

यशवंत

एडिटर

भड़ास4मीडिया

[email protected]

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0 Comments

  1. ..XYZ..

    November 18, 2010 at 2:26 pm

    Pranav Roy jee , Kya ab bhi Barkha Dutt ko hatane mein der lagayenge ? Dr. Sahab , Kyon apni vishwasniyata ko katghare mein khada kar rahe hain? Aap media jagat ki ek sammanit hasti hain , par Barkha jaise logon ko panaah dene ke peeche aap ka kya hit hai , use saarwajanik kijiye ! Kya NDTV ko bhi isi tarah ka koi laabh , samay-samay par, milta raha hai ? Kya NDTV, Barkha dutt ko patrakaarita ke alawa bhi, kisi aur kaam ke liye sarankshan deta hai ? NDTV ke commercial benefit mein Barkha Dutt ki bhumika kya hai ? Kya aap nahi maante ki itne saare pramaan hone ke baad , log Barkha ko ptrakaarita ka ek kalankit aut ganda chehra maan ne lage hain ? Aap ke yahan koi karmchaari, gar itni KHALNAAYAKI kare to kya aap use itna protsaahan denge , jitna Aap ne Barkha ko diya ? [b]Dr. Sahab THODA SA HI SAHI, PAR KHULASA TO KIJIYE[/b] . Dr. Sahab , Aap ke yahan zyaadatar wahi log entry paate hain , jo unche kahe jaane waale ya prabhawshaali gharaanon se taaluq rakhte hain. Aap ke yahan ameer gharon ke bachchon ko, jinki padhayee-likhayee videshon mein hui hai, unche ohadon se nawaaza jata hai . Aakhir iske peeche kya raaj hai ? Dr. Sahab , Hindustaan ke chote shahron se padha-likha naujawaan aap ke hisaab se qaabil nahi hota , kyonki wo Barkha ki tarah uski pahunch SATTA KE GALIYAARON mein nahi hoti . Kya Wazah hai , Dr. Sahab ? Jawab dene mein aap ka paseena chutega, kyonki haqeeqat ab zyaadatar patrakaar jaan chuke hain aur aap haqeeqat se ru-baru hote hue bhi Barkha ko lagataar protsaahit karte rahe hain. Waakayee ! Aap ka *dil bahut bada hai* ! Economic Ad visor rah chuke hain aap, lihaaza paison ka ank-gadit achchi tarah jaan te hain . Aap ko khud par naaz hoga ki [b]Aap ko economics ki achchi samajh hai aur Aap ke 24×7 ki managing editor ko Satta ke istemaal ki[/b] . Aap ki jay ! Aur *Mahan patrakaar* Barkha ki jay !

  2. prem

    November 18, 2010 at 2:47 pm

    waiting for this news plz.. do it as soon as possible….. i want to see the another side of a reputed journalist….

  3. shravan shukla

    November 19, 2010 at 1:27 am

    pol khol di aapne..

  4. kishor barthwal

    November 19, 2010 at 4:00 am

    we are waiting for it.. let expose those journalist who are paid by the politicians to make fool to indian common people.

  5. dshyamkumar

    November 20, 2010 at 3:38 pm

    बस चालू हो गया है….पत्रकारों का चिल्लपों,एक खबर आयी नही दिमाग के अंधे-वीडोयो लेकर चलने वाले,कलम से अज्ञानि समाचपत्रों के तथाकथित media people. आंख,कान बंद करके चालू हो गये हैं बरखा दत्त और वीर सांघवी जैसे पत्रकारों के बारे मे प्रलाप करने के लिए। कुछ महानुभावों ने तो रटन्तू तोते जैसे मांग कर दी है कि , बरखा दत्त् तो NDTV निकाल बाहर करे…..बोलेंगे भी क्यों नही……अधिकांशतः पत्रकारों के पास,पत्रकार बनने के लिए सबसे जरुरी……अन्तरद्रिष्ठी जो नही है….बस सुबह उठे दो,चार,पांच फोन लगया, एक ही खबर को अलग अलग तरह के Formats मे सजाया और पेश कर दिया………………………..अफसोस, बेहद अफसोस है कि आज जो दिखा उस्को दिखा दिया या लिख दिया वही पत्रकारिता बन गयी है……………….पत्रकार बन्धुओं मत भूलिये जो किसी को ना दिखे उस्को दिखाना हि पत्रकारिता है……………please…………एक बार मन को टटोलिए……औऱ महा गौरवशाली,उच्चकोटी के भारतीय पत्रकारिता का इतिहास उठा कर देखिये……..कम से कम पत्रकारिता क्या होती है वो न सीख भी पाये……………..तो कम से कम पत्रकारिता शब्द का मतलब तो समझेंगे…………….ओह ओह ………ओह….माफ कीजियेगा…..आप तो तथाकथित पत्रकार हैं…..किसी की बात सुन लेने और सलाह मान लेने से तो आप लोगों का अहम को चोट लग जायेगी……….आप छोटे हो जायेंगे…………आप की तथाकथित स्वयंस्थापित इज्जत खराब हो जायेगी………………..खैर कोई बात नही……….हमे तो अपनों ने मारा,गैरों मे कहां दम था,हमारी किश्ती तो वहां डुबी जहां पानी कम था……………बस यही हो रहा है NDTV की पत्रकार बरखा दत्त के साथ……उन्के उपर इलजाम लगे नही….की सब पत्रकार परिवार के लोग चालू हो गये….ढोल नगाडे लेकर……प्रतिक्रिया देने…..क्या प्रतिक्रिया दे रहे हैं……………………बिना सोचे…जाने….परखे…क्यों…कैसे…कौन…कब….बस शब्दों का सहारा लेकर गंदगी फैलाने……

    बरखा दत्त पर दलाली की बात मिडीया मे उछाल कर….आखिर जैसे eastindia…ने अपना राज कायम किया था….फिर स्वतंत्र भारत मे C०rporate जगत ने अपनी खीज.जो मीडिया के लिऐ थी….वो जाहिर कर…दी है…..पत्रकार भाई एवं बहनों….यह एक बहुत सोची समझी साजिश है…….मत भूलिये………बरखा दत्त पर और बहुत से ऐसे पत्रकार हैं…जिन्होने अपनी खबरों से जनता की सीधे सीधे….भला पहुंचाया है…..आज इन्के खिलाफ…अनर्गल बयानबाजी से बच कर…….हम सब को एक होकर इस आक्षेप को हम पत्रकार परिवार पर हमला मानकर ……..media के एकजुटता दिखाने के इस स्वर्णिम अवसर को उपयोग कर के कमर कस लेना चाहिये……इन वैचारिक क्रांतिकारि…मीडिया को
    दागदार करने वाली साजिश से लडने कि…………………….Come on Brothers & Sisters From Indian MEDIA FAMILY……………..Come on………….Fight Fight ……Fight unless we prove our ……………..honesty……our power of the PEN
    मै पहली बार भडास पर लिख रहा हुं………please…….मेरे विचार छापने हैं तो असंपादित हि छापना नही तो………….वापिस कर दीजियेगा….
    D.ShyamKumar

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