मिस्टर विनीत जैन, आप टीओआई में मित्ता जैसे पत्रकार को कैसे झेल रहे?

: राडिया फेम एनके सिंह ने टीओआई के मालिक को पत्र लिखकर जर्नलिस्ट मनोज मित्ता को निकाल बाहर करने का अनुरोध किया : फेसबुक पर मनोज मित्ता ने एनके सिंह का पत्र और अपनी टिप्पणी डालकर पूरे प्रकरण का खुलासा किया : यूपी कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ने फेसबुक पर मित्ता के वॉल को देखकर पूरी जानकारी और अपने विचार को भड़ास4मीडिया के पाठकों तक इस रूप में पहुंचाया — :

संघियों-भाजपाइयों का बड़ा खेल, फर्जी लिस्ट जारी कर कांग्रेसियों को स्विस बैंक में काला धन रखने वाला बताया!

पिछले तीन चार दिनों से नेट की दुनिया में गजब की हलचल है. विकीलीक्स की तरफ से कथित रूप से जारी एक लिस्ट इधर से उधर फारवर्ड, सेंड, पब्लिश हो रही है. इस लिस्ट को विकीलीक्स द्वारा जारी बताया गया है और इसमें दर्जन भर से ज्यादा गैर-भाजपाई नेताओं के नाम और स्विटजरलैंड के बैंक में जमा उनकी धनराशि के बारे में उल्लेख किया गया है. कल इससे संबंधित एक खबर भड़ास4मीडिया पर भी प्रकाशित हुई.

सीबीआई को उपेंद्र राय के खिलाफ नहीं मिला कोई साक्ष्य!

सहारा समूह में फिलहाल बनवास झेल रहे उपेंद्र राय के लिए खुशखबरी है. सीबीआई को अभी तक जो प्रमाण-साक्ष्य मिले हैं, उससे उपेंद्र राय पर कोई मामला नहीं बनता है. 2जी मामले और ईडी के अफसरों को धमकाने-रिश्वत देने की कोशिश करने के प्रकरण में सीबीआई ने पिछले दिनों अपना जवाब सुप्रीमकोर्ट में सीलबंद लिफाफे में पेश किया. इसमें कहा गया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने संबंधित सभी से पूछताछ की.

खुशवंत सिंह ने बरखा दत्त की फिर जय जय की

बरखा दत्त के लिए जमाना चाहे जो बोले, प्रख्यात स्तंभकार खुशवंत सिंह पर इसका असर नहीं पड़ता. वे अपनी बानी बोलते हैं. उन्हें बरखा दत्त पसंद हैं तो हैं. बरखा की पत्रकारिता उन्हें अच्छी लगती है तो लगती है. दूसरी दफा खुशवंत सिंह ने अपने कालम में बरखा दत्त की जयगान की है. कल रविवार के दिनों कई अखबारों में छपे खुशवंत सिंह के कालम में बरखा दत्त का जयगान काफी लोगों ने पढ़ा. आप भी पढ़ लीजिए…

पत्रकारिता और दलाली को बराबर का आसन!

SN Vinodविचलित हूँ! ग्लानि से भरा है मन-मस्तिष्क! शर्म भी आ रही है, गुस्सा भी। पिछले दिनों मेरे तीन सच्चे हितैषी इस बात को लेकर विचारमग्न थे कि ‘विनोदजी ने अखबार निकालने का जोखिम भरा तनाव क्यों मोल ले लिया? … अखबार निकालना तो अब दलाली का काम हो गया है।’ क्या सचमुच! क्या अखबार निकालने वाले दलाल हैं,.. दलाली कर रहे हैं?

उपेंद्र राय को लेकर अफवाहों का दौर जारी

सहारा मीडिया के डायरेक्टर न्यूज उपेंद्र राय के बारे में तरह-तरह की अफवाहें कई दिनों से उड़ रही हैं. कभी इनको सहारा से निकाले जाने की चर्चा उड़ती है तो कभी सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने की. कभी चर्चा उपेंद्र राय के अंडरग्राउंड हो जाने की होती है. लेकिन अब तक सारी अफवाहें झूठ साबित हुई हैं. ताजी चर्चा उपेंद्र राय के डिमोशन की है. चर्चा के मुताबिक सहारा मीडिया के सर्वेसर्वा उपेंद्र राय को सहाराश्री के एमसीसी (मैनेजिंग वर्कर्स कारपोरेट कोर) से अटैच कर दिया गया है.

आदेश सुन कनी सकपकाईं, समर्थक रोए-चिल्लाए

: धरा रह गया लाव-लश्कर : रुआंसी हुईं तो पति और राजा की पत्नी ने दिलासा दिया :  सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज ओपी सैनी ने जब कनी और शरद को हिरासत में लेने के आदेश दिए तो कनीमोझी आदेश सुनकर सकपका गईं. वे असहाय सी दिखने लगीं. तब उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें ढांढस बंधाया. कनी के पति अरविन्दन ने तसल्ली दी. सीबीआई स्पेशल कोर्ट में द्रविण मुनेत्र कणगम (द्रमुक उर्फ डीएमके) के संसदीय दल के प्रमुख टीआर बालू भी मौजूद थे.

चैनल के मालिकों कनी-शरद को जेल, अमर भी जाएंगे जेल

: कलेंगनर टीवी के जरिए 2जी घोटाले का पैसा बटारने वालों की जमानत याचिका खारिज : अमर सिंह की काली कमाई की जांच और गिरफ्तारी के लिए रास्ता खुला :  दो अदालतों के फैसले से देश के करोड़ों दिलों में ठंड पहुंची : आज का दिन शुभ है. दो बड़ी मछलियां कानून के शिकंजे में आई हैं. तमिलनाडु में करुणानिधि के चुनाव हारते ही उनकी बेटी कनी जेल चली गईं.

नोटिस की बात आप आज प्‍लीज मत बोलना, मैं हाथ जोड़ रहा हूं आपके आगे : प्रभु चावला

कल प्रभु चावला आईबीएन7 पर दिखे. उसी आईबीएन7 पर जिसके प्रबंध संपादक आशुतोष हैं. ये वही प्रभु चावला हैं जो नीरा राडिया से ढेर सारी बातें करते पाए गए और इन्हें इंडिया टुडे-आजतक से जाना पड़ा. और ये वही आशुतोष हैं जिन्होंने नीरा राडिया टेप में पाए गए पत्रकारों को दल्ला कहा था और उनकी हरकतों को दल्लागिरी का नाम दिया था (आशुतोष का लिखा पढ़ने के लिए क्लिक करें- दल्ला और दल्लागिरी).

”अमर कथा वार्ता” के सभी टेप सभी खबरें एक जगह सुनें-पढ़ें

नीरा राडिया से जुड़े मसले की सबसे पहले डाक्यूमेंट्स के साथ खबर भड़ास4मीडिया ने ब्रेक की. अमर वार्ता टेप कांड से जुड़े सभी टेप सबसे पहले भड़ास4मीडिया डॉट कॉम पर अपलोड हुए. सैकड़ों ऐसी खबरें हैं जिसे भड़ास4मीडिया ने ब्रेक किया. सिर्फ ब्रेक नहीं किया बल्कि साहस के साथ आतंकित करने वाले सचों का खुलासा कर पारंपरिक मीडिया को आइना दिखाने का काम किया. ये पारंपरिक मीडिया उर्फ न्यूज चैनल और अखबार अपने हितों, कारोबार, क्लाइंट आदि के नाम पर पत्रकारिता की मूल आत्मा को मारने का काम करने लगे हैं.

मैं सिर्फ एक बार ईडी के अधिकारी राजेश्वर सिंह से मिला : उपेंद्र राय

प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के चक्कर में बुरी तरह घिर चुके सहारा मीडिया के डायरेक्टर न्यूज उपेंद्र राय ने कहा है कि उनकी मुलाकात प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह से सिर्फ एक बार हुई है और वह भी कुछ मिनटों के लिए. बात जुलाई-अगस्त 2010 की है. तब तक नीरा राडिया के पास कोई नोटिस नहीं भेजा गया था. इस एक मुलाकात के अलावा मेरी कोई मुलाकात किसी प्रवर्तन निदेशालय अधिकारी से नहीं हुई है, इसलिए रिश्वत देने का सवाल ही नहीं उठता.

तीन महीने में हो जाएगा उपेंद्र राय की किस्मत का फैसला

सहारा न्यूज़ नेटवर्क के डायरेक्टर (न्यूज़) उपेन्द्र राय के विरुद्ध मिली शिकायत पर देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है. ज्ञात हो की उपेन्द्र राय के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई की शिकायती पत्र लिखा था, जिसमे यह कहा गया था की कॉरपोरेट दलाल नीरा राडिया को बचाने के लिए सहारा न्यूज़ के उपेन्द्र राय ने निदेशालय के अधिकारियों को दो करोड़ बतौर रिश्वत का ऑफर दिया था ताकि मामले को प्रभावित किया जा सके.

राडिया से रिश्ता रखना महंगा पड़ रहा, उपेंद्र राय के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू!

उपेंद्र राय: खुलने लगी पोल : ईडी ने सीबीआई को लिखा था पिछले साल पत्र : राडिया का काम कराने के लिए ईडी अधिकारी से मांगा था फेवर और बदले में दो करोड़ देने का किया था आफर : ईडी ने उपेंद्र राय के खिलाफ शिकायती पत्र फिर भेजा सीबीआई के पास : उपेंद्र राय ने आरोपों से इनकार किया और इसे विरोधियों की साजिश करार दिया :

एक लाख छिहत्तर हजार करोड़ का प्रेम

ये प्रेम 17 हजार करोड़ का प्रेम था। आजाद हिंदुस्तान में भ्रष्टाचार की भट्टी से निकले 2जी नाम के इस सबसे बड़े जिन्न के पीछे न सिर्फ मंत्रियों, कार्पोरेट्स, लाबिस्टों और पत्रकारों के बीच चल रही दुरभि संधि थी, बल्कि एक प्रेम कहानी भी थी, ये प्रेम कहानी, बार बार अपने स्वप्नपुरुष को पाने में असफल रही। कनिमोझी और जल्द से जल्द आसमान छूने की हसरत रखने वाले बेहद महत्वाकांक्षी राजा की प्रेमकहानी थी।

पीएसी की रिपोर्ट में नीरा राडिया के बारे में ये लिखा है…

21 सदस्यीय लोक लेखा समिति (पीएसी) की रिपोर्ट लीक होने के चलते मचे घमासान के बीच हम आपको इस रिपोर्ट में नीरा राडिया से हुई पूछताछ और उसके जवाब वाले अंश को पढ़ा रहे हैं. साथ ही पीएसी का राडिया-मीडिया पार्ट पर खुद क्या कहना है, ये भी बता रहे हैं. 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच करने वाली पीएसी ने राडिया समेत कई लाबिस्टों-पत्रकारों से पूछताछ की थी. पीएसी के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व वाली रिपोर्ट में चैप्टर 13 में राडिया टेपकांड का उल्लेख है.

इस महाचोर, झुट्ठा और मक्कार पवार से अब तो मुक्ति पाओ

चीनी घोटाला हो या स्टांप घोटाल, 2जी स्पेक्ट्रम हो या महंगाई घोटाला… ज्यादातर में नाम है शरद पवार का. फिर भी यह चोट्टा अपनी कुर्सी पर बना हुआ है. हर घोटाले के बाद आरोप लगने पर कहता है कि उसका कोई लेना-देना नहीं है. और, अपने सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ऐसे कमजोर नेता हैं कि सरकार चलाने की खातिर इस चोर, ठग और घोटालेबाज शरद पवार को कुछ नहीं कहते.

नीरा राडिया से बड़ा दलाल निकला यह संपादक

: खुद राडिया ने किया खुलासा : एक मैग्जीन निकालकर एक आदमी इतना ”बड़ा” संपादक बन बैठा कि वह मैग्जीन को भूलकर सत्ता की दलाली करने लगा. और दलाली भी ऐसी वैसी नहीं. विजय माल्याओं के प्रोजेक्ट को पास करने की दलाली. बड़े बड़े औद्योगिक घरानों की दलाली. इस शख्स का नाम है सतीश ओहरी. इस कम चर्चित नाम सतीश ओहरी को सुनकर आप भी चौंकेंगे लेकिन इस आदमी के कारनामें बड़े बड़े हैं. यह खुद को संपादक बताता है. संपादक ही नहीं, मालिक भी, मुद्रक भी और प्रकाशक भी.

पायनियर में खबर छपने के बाद चंदन मित्रा पर चीख रहे थे ए. राजा

: भ्रष्टाचार की आदर्श प्रतिमूर्ति शरद पवार पर कई गंभीर आरोप : राडिया ने बताया- शरद पवार और उनका कुनबा चला रहा है शाहिद बलवा की कंपनी डीबी रियल्टी : माननीय शरद पवार का पेट बहुत बड़ा है. जाने कितना कुछ हजम कर जाते हैं और डकार भी नहीं लेते. नीरा राडिया ने शरद पवार के कुछ कच्चे चिट्ठे खोले हैं. उसने कई बातें सीबीआई को बताई हैं. वह सरकारी गवाह बन चुकी है. इस कारण वह अब सब कुछ बता देना, उगल देना चाहती है.

बरखा गैंग अब आईआईएमसी के हाथों योगेश शीतल को निपटाने में जुटा

: आनंद प्रधान को एनडीटीवी की महिला पत्रकार ने निजी पत्र लिखा तो आनंद प्रधान ने शीतल को संस्थान की तरफ से सो-काज नोटिस थमा दिया : अन्ना हजारे के आंदोलन को सपोर्ट करने और भ्रष्टाचारियों को खेदड़ने का साहस रखने वाले इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) के छात्र योगेश कुमार शीतल की मुश्किलें दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैं.

खैर मनाएं कि मैंने बरखा दत्त पर चप्पल नहीं फेंका : योगेश शीतल

योगेश कुमार शीतल: इंटरव्यू : बिहार के बेगूसराय के रहने वाले योगेश कुमार शीतल के नाम में भले ही शीतल शब्द जुड़ा है लेकिन हैं वे फायरब्रांड. उनकी कद काठी और चेहरे मोहरे से आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि उनके दिल में भ्रष्ट व्यवस्था और भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कितनी आग है. योगेश कुमार शीतल ने इंडिया गेट पर करप्शन के खिलाफ जनसैलाब को कवर करने आईं एनडीटीवी की ग्रुप एडिटर बरखा दत्त को भागने पर मजबूर कर दिया.

बरखा समर्थक गैंग योगेश शीतल को फंसाने में जुटा

: एक महिला मीडियाकर्मी को पीटने का आरोप लगाया और इस मुद्दे को तूल देने में जुटे ताकि बरखा को भागने पर मजबूर करने वाले योगेश शीतल को सबक सिखा सकें : भारत में पत्रकारिता शिक्षा के सर्वोच्च संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मास कम्युनिकेशन के छात्र और इंडिया अगेंस्ट करप्शन के एक्टिविस्ट योगेश कुमार शीतल इन दिनों चर्चा में है. वे बरखा का विरोध करके भले ही चर्चा में आ गए हों और ईमानदार मीडियाकर्मियों की प्रशंसा बटोर रहें हों पर बरखा गैंग उन्हें निशाने पर ले चुका है और उन्हें फंसाने की पूरी कोशिश की जा रही है.

बरखा के खिलाफ मुहिम तो 6 अप्रैल को ही शुरू हो गयी थी…

वरिष्ठ पत्रकार अनंत मित्तल की अगुवाई में लगभग 50 मीडिया छात्र और पत्रकार 6 अप्रैल को जंतर मंतर पर पूरे दिन अन्ना के समर्थन में उपवास पर बैठे थे… उसी दिन शाम को एनडीटीवी का रिपोर्टर आया और हम सबसे कहने लगा कि अन्ना के आन्दोलन पर बरखा दत्त लाइव कर रही हैं, आप लोग आ जायें… लेकिन इस पर अनंत जी ने बरखा का नाम सुनते ही मना कर दिया उन्होंने कहा कि पत्रकारों की फजीहत कराने वाली बरखा दत्त को कोई अधिकार नहीं है भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रोग्राम करने का…

बरखा दत्त की नजर में प्रदर्शनकारियों की औकात- Lumpens and rowdies

ट्विटर पर बरखा दत्त ने मुंह खोला है. उन्हें दोष प्रदर्शनकारियों में नजर आया. खुद को महान और पवित्र माने बैठी हैं. उन्होंने ट्विटर पर प्रदर्शनकारियों को उनकी औकात बताते हुए उन्हें “Lumpens and rowdies” करार दिया. एनडीटीवी अंग्रेजी की ग्रुप एडिटर बरखा दत्त को इंडिया गेट पर जिस तरह से युवाओं ने खदेड़ दिया, वह बेमिसाल रहा. अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के परवान चढ़ने के बाद लोग अब अपने-अपने आसपास के भ्रष्टाचारियों पर भी नजर डालने लगे हैं और उन्हें सरेआम हूट करने लगे हैं.

15 दिनों के भीतर अपनी संपत्ति घोषित करेंगे अनुरंजन झा

Anuranjan Jha : देश से करप्शन कम करने में पहला कदम यह हो कि हम पत्रकारों को अपनी संपत्ति और उसके स्रोत का खुलासा करना चाहिए… क्योंकि हम सच दिखाने का दावा करते हैं …समाज के हितैषी का भरोसा दिलाते हैं। सबसे पहले शरुआत इसी समुदाय से होनी चाहिए। मैं 15 दिनों के अंदर करने जा रहा हूं। ...People’s Outburst against Barkha Dutt at INDIA GATE...

जो काम प्रणय रॉय को करना चाहिए, वो अब आम भारतीय को करना पड़ रहा है

Alok Kumar : आप ख़ुद ही देख लीजिए.. इस प्रदर्शन को लीड कर रहे एक आईआईएमसी छात्र को पुलिस परेशान कर रही है, वीडियो देखने के लिए क्लिक करें- Barkha Dutt chor hai, Barkha Dutt (NDTV) ko jail me daalo said Indians at India Gate

Rajesh Roshan : लड़के को परेशान किया जा रहा है??? बरखा केवल मानहानि का दावा ठोंक सकती हैं, बकिया लगता नहीं है कुछ होगा….और जो लड़का ये कर सकता है मुझे नहीं लगता है कि वो परेशान हो रहा होगा

नारा तो बरखा रूपी बोझ ढोने वाले डा. प्रणय राय के खिलाफ लगना चाहिए

एनडीटीवी के मालिक डा. प्रणय राय को जाने क्या हो गया है कि बरखा दत्त को एनडीटीवी से चिपका कर रखे हुए हैं. उन्हें अगर अब तक अकल नहीं आई है तो वे ये वीडियो देख लें.. सब समझ में आ जाएगा. अगर वे इस वीडियो को देखने के बाद भी बोझ ढोने के लिए इच्छुक हैं तो उन्हें बरखा मुबारक. भड़ास पर आज सुबह योगेश शीतल ने जो कुछ लिखा, उसे ये वीडियो प्रामाणिक बना रहे हैं. नीरा राडिय टेप कांड में फंसे ज्यादातर लोगों को उनके उनके मीडिया हाउसों ने ढक्कन कर दिया है…

नीरा राडिया की दलाल बरखा दत्त वापस जाओ!

[caption id="attachment_20106" align="alignnone" width="505"]योगेश कुमार शीतल : शानदार कामयोगेश कुमार शीतल : शानदार काम[/caption]

: इंडिया गेट पहुंची बरखा को जनविरोध के कारण भागना पड़ा : नारेबाजी की शुरुआत करने वाले आईआईएमसी छात्र को डर है कि एनडीटीवी उस पर झूठा केस कर सकता है :

”एनडीटीवी वाले मुझे झूठे केस में फंसा सकते हैं”

[caption id="attachment_20105" align="alignleft" width="94"]योगेशयोगेश[/caption]इंडिया गेट पर बरखा दत्त के लाइव प्रागाम में मेरे कुछ साथियों को शामिल होने के लिए बुलाया गया था। कार्यक्रम में बरखा को देख मैं अपने पर नियंत्रण कर पाने में असफल हो गया और आपस में ये निर्णय करके कि बरखा को इस मौके पर रिर्पोटिंग का नैतिक अधिकार नहीं है हमलोगों ने चप्पल चलानी चाही, लेकिन एक साथी के कहने पर ठहर गए।

बुरे फंसे अनिल अंबानी, एडीजी के खिलाफ चार्जशीट

: 2जी स्पेक्ट्रम मामले में सीबीआई ने राजा समेत 9 लोगों और तीन कंपनियों को आरोपी बनाया : टाटा-राडियो फोन टेप प्रकरण की सुप्रीम कोर्ट में रोजाना होगी सुनवाई : केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अनिल अंबानी को भी नहीं बख्शा. कह सकते हैं कि 2जी स्पेक्ट्रम मामले में सरकार ने सीबीआई को कार्रवाई की खुली छूट दे रखी है. तभी तो ए. राजा समेत कुल 9 लोगों और तीन कंपनियों को आरोपी बनाते हुए सीबीआई ने चार्जशीट कोर्ट में दायर की है.

8 बड़े प्रभावशाली करप्टों को बचाने के लिए 4 अन्य करप्टों पर पिल पड़ने की परियोजना पर पक्ष-विपक्ष की सहमति!

संदेहवाद अमर रहे! : मुझसे कई लोग पूछते कहते हैं कि गासिप, अफवाहों, चर्चाओं को खबर की तरह पेश क्यों किया जाता है भड़ास पर. मैं उनसे कहता हूं कि न्यू मीडिया के लिए गासिप, चर्चाएं और अफवाह भी खबर की तरह हैं और ये सच हैं या नहीं, इनका खंडन मंडन तुरंत कमेंट्स के जरिए किया जा सकता है. पर मेरी बात से बहुत लोग संतुष्ट नहीं हो पाते.

मुश्किल सवालों से जूझते प्रभु चावला की आइए थोड़ी तारीफ कर दें

कोई आदमी न तो पूरी तरह बुरा होता है और न पूरी तरह अच्छा. सुधरने और समझने की गुंजाइश सबके भीतर होती है. और, अक्सर लोग अनुभवों से सीखते हुए आगे के लिए नए तौर-तरीके अपनाते हैं. लगता है प्रभु चावला ने भी इस बात को समझ लिया.

पीएम की पीसी : गूंगा, लाचार और बेचारा मनमोहन!

Alok Tomarप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने छह महीने में अपनी दूसरी प्रेस कांफ्रेंस काफी डरते डरते शुरू की और कहा कि सरकार से गलतियां होती हैं मगर लोकतंत्र में मीडिया को अच्छे पक्ष भी देखने चाहिए। महंगाई और मुद्रास्फीति जैसे विषयों पर बोलने के बाद सबसे पहला सवाल ए राजा और टू जी स्पेक्ट्रम का था और मनमोहन सिंह ने पहली बार मंजूर किया कि ए राजा ने उनसे कहा कुछ और किया कुछ और।

2जी उर्फ राजा-राडिया घोटाला : एक चैनल के पास 206 करोड़ पहुंचे, जांच जारी…

टाइम्स आफ इंडिया में आज एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है जिसमें प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के जरिए काफी सनसनीखेज खुलासा किया गया है. इस रिपोर्ट के अनुसार 2जी स्पेक्ट्रम स्कैम के दौरान आए-गए पैसे की जांच-पड़ताल के दौरान पता चल रहा है कि करीब 206 करोड़ रुपये दक्षिण भारत के एक टीवी चैनल के पास पहुंचाया गया.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में गिरफ्तार

आखिरकार ए. राजा को गिरफ्तार कर ही लिया गया. भ्रष्टाचार के खिलाफ देश भर के लोगों के जाग खड़े होने से थरथराई कांग्रेस सरकार ने ए. राजा पर गाज गिरा दी. वैसे तो गिरफ्तारी सीबीआई ने की है लेकिन माना जा रहा है कि बिना शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व की हरी झंडी के, ये गिरफ्तारी संभव नहीं थी. पिछले दिनों करुणानिधि और सोनिया गांधी की मुलाकात को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है. गिरफ्तारी से पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में आज ही राजा से पूछताछ की.

दलाल शिरोमणि बरखा और वीर ने फिर दी सफाई

एक मैग्जीन है ‘सोसायटी’.  हाई सोसायटी की बातें इसमें होती हैं. लाइफ स्टाइल मैग्जीन है यह. इस मैग्जीन में इस बार कवर स्टोरी बरखा दत्त और वीर सांघवी पर है. मीडिया के दोनों शीर्षतम दलालों ने एक बार फिर अपनी सफाई दी है. कहा है कि उन लोगों को जानबूझकर टारगेट बनाया गया है.

राडिया रानी ले डूबीं मीडिया(द)लालों के पदम!

: दिल्ली के दलाल संपादकों-पत्रकारों का नहीं हुआ सम्मान : इसी कारण कुछ एक गोबरगणेश हैं हैरान-परेशान : होमोई और जार्ज जैसे मीडिया के असली महारथियों को पदम पुरस्कार मिला : अतीत में पदम एवार्ड पा चुके कई जर्नलिस्टों के नाम राडिया टेपों में आने के बाद इस बार पदम पुरस्कार बांटने में सरकार ने मीडिया को लेकर खासी सतर्कता बरती.

राडिया के सारे टेप जनता को सुनाने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कार्पोरेट लाबिस्ट नीरा राडिया के नेताओं, पत्रकारों और कार्पोरेट दिग्गजों से बातचीत के सभी टेपों की विषय वस्तु का खुलासा करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार से प्रतिक्रिया मांगी है। इन सभी फोन काल्स को टैप सरकार ने किए थे।

शशि शेखर एवार्ड पाने के लिए लाबिंग करा रहे हैं!

राडिया टेप कांट्रोवर्सी अभी ठीक से शांत भी नहीं हुई कि एक नया मामला उजागर हो गया है. यह प्रकरण भी लाबिंग का जीता-जागता प्रमाण है. इस प्रकरण के चपेटे में शशि शेखर आए हैं. द संडे गार्जियन में छपी रिपोर्ट पर भरोसा करें तो हिंदुस्तान अखबार के एक रिपोर्टर ने अपने प्रधान संपादक शशि शेखर को पदमश्री टाइप एवार्ड दिए जाने के लिए आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के मीडिया सेल के प्रभारी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जनार्दन द्विवेदी से एक चिट्ठी राष्ट्रपति को लिखवाने में सफलता पाई है.

Journalists were at best minor Villains or comic relief in the Radia Tapes- P Sainath

[caption id="attachment_18977" align="alignleft" width="236"]P SainathP Sainath[/caption]P Sainath needs no introduction. The man who is considered the leading proponent of development journalism in India and one who has his feet firmly grounded in rural India with as much ease as he is seen interacting with the intellectual giants around the globe, Sainath is a Magsaysay award winner and has many more recognitions to his credit.

राडिया से रार क्‍यों!

शिशु शर्मा पूरा पत्रकार जगत, कारपारेट जगत, पूरा राजनैतिक क्षितिज राडिया की दलाली में खुलासे से लाल-पीला हो रहा है। ऐसा लग रहा है, जैसे राडिया ने कोई नया कार्य किया हो। कभी भी राडिया के द्धारा किये कार्यों को जायज नहीं माना जा सकता, लेकिन इस इस प्रकार के दलाली के कार्य हमेशा किसी न किसी के द्धारा होते रहें हैं। स्‍वयं इस प्रकार के खुलासे इस समय हुये हैं कि प्रभु चावला ने मुकेश अंबानी के लिये दलाली की। यानी कि क्‍या ये दलाली या ‘लाबींग’ केवल पत्रकारों या नेताओं द्धारा की जाती तो क्‍या इन खुलासों पर इतना हंगामा होता। प्रभु चावला लम्‍बे समय से ऐसा करते रहे होंगें। कारपोरेट जगत को नाजायज फायदा पहुंचाने के लिये जो लाबीइंग की जाती है, आखिर उसकी फिलासफी क्‍या है।

ये राडिया हैं, वो मां थीं

: जांच एजेंसियों का दोहरा चरित्र : कभी-कभी अपनी कमज़ोरी और कानून को लागू करने वाली मशीनरी के करतूत को देख कर आम आदमी यक़ीनन शर्मिदां होता होगा। देश के सबसे बड़े घोटाले की बड़ी सूत्रधार नीरा राडिया से पूछताछ के लिए सीबीआई उनके घर गई। इसी घोटाले से जुड़े कई पत्रकारों से अटे पड़े चैनल पर ख़बर थी कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि महिला आरोपी से पूछताछ के लिए थाने नहीं बुलाया जा सकता इसीलिए सीबीआई राडिया के घर पूछताछ के लिए उनके घर गई…। उफ्फ कितना फर्क है कानून के पालन करने वालों और ख़बरे परोसने वालों के चरित्र में।

ये जो प्रदीप राय है, वो यही तो काम करता है…

आउटलुक मैग्जीन ने इस बार (27 दिसम्बर) वाले अंक में आईएएस अधिकारी सुनील अरोड़ा और सुपर दलाल नीरा राडिया के बीच बातचीत के एक टेप का विवरण प्रकाशित किया है. इस बातचीत को आप भड़ास4मीडिया पर भी पढ़-सुन चुके हैं. लेकिन इसके एक महत्वपूर्ण अंश की तरफ आप सभी का ध्यान दिलाना रह ही गया था.  इस बातचीत के दौरान उपेंद्र राय और प्रदीप राय का भी जिक्र एक जगह आता है, नीरा राडिया के श्रीमुख से.

मैं एनडीटीवी अंग्रेजी का ग्रुप एडिटर बनना चाहता हूं

[caption id="attachment_18912" align="alignleft" width="66"]बीवी रावबीवी राव[/caption]‘गवर्नेंस नाऊ’ के संपादक बीवी राव ने प्रणय राय को एक खुला पत्र लिखकर खुद को ग्रुप एडिटर, इंग्लिश न्यूज, एनडीटीवी का दावेदार बताया है. इस व्यंग्यात्मक पत्र के जरिए बीवी राव ने एनडीटीवी के दोमुंहेपन पर चोट की है. बीवी राव के पत्र को गवर्नेंस नाऊ की वेबसाइट से साभार उठाकर यहां प्रकाशित किया जा रहा है. पत्र अंग्रेजी में है, इसलिए पूरे पत्र को अंग्रेजी में ही दिया जा रहा है.

प्रभु चावला ने कहा- जा रहा हूं… पर नहीं बताया कहां

प्रभु चावला ने भी इंडिया टुडे और आज तक से अपनी विदाई को स्वीकार कर लिया है. लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि वे कहां जा रहे हैं. प्रभु चावला ने एक मेल के जरिए अपने जानने वालों को और इंडिया टुडे व आजतक वालों को सूचित किया है कि वे करीब 14 साल बाद इस संस्थान से विदा ले रहे हैं और जल्द ही मल्टी लैग्वेजेज व मल्टी एडिशन्स मीडिया आर्गेनाइजेशन में ज्वाइन करेंगे. प्रभु चावला ने मीडिया आर्गेनाइजेशन का नाम नहीं बताया है. प्रभु की तरफ से भेजा गया मेल इस प्रकार है-

दिल्ली हाईकोर्ट के जज विजेंद्र जैन ने 9 करोड़ रुपये रिश्वत लिए थे!

राजस्थान के आईएएस अधिकारी सुनील अरोड़ा जो एयर इंडिया के चेयरमैन भी रह चुके हैं, इस टेप में नीरा राडिया को बताते हैं कि दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज, विजेंद्र जैन ने सीलिंग के एक केस में मध्यस्थ के जरिए 9 करोड़ रुपये रिश्वत के रूप में लिए थे. सुनील अरोड़ा और नीरा राडिया, दोनों ही इस टेप में बातचीत के दौरान न्यायपालिका में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंतन करते हुए बेहद गंभीर चिंता जता रहे हैं.

चैनल मालिक राडिया से बोलता है- मैडम पैसे भिजवा दो, सेलरी के दिन आ गए हैं

न्यूज एक्स को लेकर अब किसी को शक नहीं कि इस चैनल का पूरा कंट्रोल राडिया के हाथों में था. तभी तो जहांगीर पोचा, जो न्यूज एक्स के मालिक हैं, सेलरी के दिन नजदीक आने पर पैसे की गुहार राडिया के यहां लगाते हैं. सेलरी के दिन नजदीक आ जाने और अभी तक चैनल के एकाउंट में पैसे न आने को जहांगीर पोचा एक बड़ा संकट मानते हैं. वो राडिया से बोलते हैं- ही, लिसेन, वी हैव अ बिग प्राब्लम हियर.  आवर सेलरी आर ड्यू बट मनी हैज नॉट कम इन येट.

प्रफुल्ल पटेल और एयर इंडिया से संबंधित डाक्यूमेंट्स भिजवा दो, स्टार न्यूज पर प्रोग्राम आने वाला है

ये बातचीत नीरा राडिया अपनी सेक्रेट्री सेसिलिया से कर रही है. स्टार न्यूज पर एयर इंडिया से संबंधित प्रोग्राम दिखाए जाने की अग्रिम सूचना मिलने के बाद संबंधित डाक्यूमेंट्स कलेक्ट करने के लिए राडिया प्रयास करती है. वह अपनी सेक्रेट्री से इस बाबत पूछती है. राडिया को याद है कि वो डाक्यूमेंट सतीश ने तैयार किया था. सेक्रेट्री कहती है कि वो डाक्यूमेंट अब भी सतीश के ही पास है.

राडिया से अन्नू टंडन, नरेंद्र मोदी, बिमान बसु की भी बातचीत के टेप हैं

अब ये पूरी तरह स्पष्ट होता जा रहा है कि जो राडिया के जितने भी फोन टेप हुए हैं, उसमें से जानबूझ कर सेलेक्टेड टेप लीक किए गए हैं. अन्य टेपों में बड़े बड़े नेताओं, सांसदों व मंत्रियों की बातचीत है, पर उन टेपों को लीक नहीं किया गया है. सिर्फ मीडिया व कुछ अन्य के टेप लीक किए गए हैं. इससे समझ में आता है कि ये टेप किसी राष्ट्रभक्ति के तहत नहीं बल्कि एक बड़े कारपोरेट वार के हिस्से के तौर पर लीक किए गए हैं.

उपेंद्र राय और नीरा राडिया के बीच बातचीत का टेप

Upendra Raiपांच मिनट 12 सेकेंड के इस आडियो टेप में नीरा राडिया और सहारा मीडिया के न्यूज डायरेक्टर उपेंद्र राय के बीच बातचीत है. इस टेप में ज्यादातर वक्त उपेंद्र राय बोलते हैं. शुरुआती अभिवादन कुछ इस तरह होता है. उपेंद्र का फोन राडिया के पास जाता है.

Excerpts from ndtv- 18 Nov vs 15 Dec

अमिताभ ठाकुरAs we all know, today the CBI made the much-awaited raids at the residence of Nira Radia and many others. The matter has been under circulation and huge public debate for long but for various reasons it could not come to the forefront of mainstream media because of many reasons. One important reason could be that a few very big names like Prabhu Chawla, Vir Sanghvi and Barkha Dutt found their names getting associated with Ms Radia for improper reasons.

नीरा राडिया आर्थिक आतंकी : प्रफुल्ल पटेल

सुपर दलाल नीरा राडिया की बातें व कहानी सुनकर प्रफुल्ल पटेल हैरान परेशान हैं. केंद्र में नागरिक उड्डयन मंत्री के पद पर हैं प्रफुल्ल पटेल. नीरा राडिया की बातचीत में अपना नाम आने के बाद पटेल ने हैरानी जाहिर करते हुए कहा है कि नीरा राडिया आखिर कैसे इस मुकाम तक पहुंच गई और उन्हें इतनी ख्याति कैसे मिल गई. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग ही माहौल ‘दूषित’ करते हैं. पटेल के श्रीमुख से निकला- ‘कैसे उसने दिल्ली में इतने लोगों से जान पहचान कर ली. कैसे इतनी ख्याति हासिल कर ली, ये ऐसी चीजें हैं जिन पर लोगों को विचार करना चाहिए.’ टेप में नीरा राडिया द्वारा अपना नाम लिए जाने पर नाराज प्रफुल्ल पटेल ने नीरा को आर्थिक आतंकी की संज्ञा भी दे डाली.

दलाली को मान्यता मिलेगी

यही शेष था जिसे कांग्रेसी मनमोहिनी सरकार पूरा करने जा रही है. भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पाने में असफल यह भ्रष्ट सरकार अब दलाली को मान्यता देगी. आप चाहें तो अभी से दलाली की डिग्री देने वाले स्कूल खोल सकते हैं. हालांकि खोलने की जरूरत क्या है, पहले से ही ये कुछ सभ्य नामों से खुले हुए हैं. एमबीए की पढ़ाई से कोई देश भक्त या जनता से सरोकार रखने वाले नवयुवक नहीं निकलते बल्कि ये लुटेरी कंपनियों के लुटेरे मैनेजर बन जाते हैं और कंपनी को फायदा दिलाने के लिए हर हथियार आजमाते हैं जिसमें दलाली भी शामिल है. नीरा राडिया टेपों पर बवाल के बाद केंद्र सरकार दलाली को कानूनी जामा पहनाने की तैयारी कर रही है.

पांच लाख माह में राडिया के नौकर बने थे बैजल

: रतन और राडिया के नंगे अवतार : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सीबीआई को हड़काने और सर्वोच्च न्यायालय के सामने गिड़गिड़ाने के बाद आखिरकार ए राजा और उसकी संदिग्ध सहेली और दलाल नीरा राडिया के घर और कार्यालयों पर छापों की अनुमति दे दी। सीबीआई को मालूम था कि उसे क्या चाहिए और वह उसे मिलता जा रहा है। सबसे ज्यादा मुसीबत में रतन टाटा हैं जो भेद नहीं खुले इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय तक अर्जी लगाने चले गए थे कि उनके निजी जीवन के रहस्य सामने नहीं आने चाहिए। आज के छापों ने उन पर भी कोई आवरण नहीं छोड़ा। प्रदीप बैजल दूर संचार नियामक प्राधिकरण- ट्राई के मुखिया थे।

बरखा, वीर और प्रभु के घर छापे क्यों नहीं पड़े

यशवंत सिंह: बूढ़ा और रोबोटिक प्रधानमंत्री जनता की भाषा नहीं, लुटेरे उद्योगपतियों की भाषा बोल रहा है : इस बदले समय में असली पारदर्शिता तभी लाई जा सकती है जब जिम्मेदार पदों पर बैठे सभी लोगों के फोन चौबीसों घंटे टेप किए जाएं और उन्हें सार्वजनिक करते रहने का कानून बनाया जाए : अगर टेप लीक न हुए होते तो क्या राडिया के यहां छापे पड़ सकते थे : नक्कीरन के पत्रकार के घर छापा पड़ सकता है तो दिल्ली के स्वनामधन्य पत्रकारों के यहां छापा क्यों नहीं पड़ा जिनकी एक बड़े खेल में संलिप्तता टेपों के जरिए जगजाहिर हो चुकी है :

टाटा ने कोड़ा को दी थी 36 करोड़ घूस

जमशेदपुर। भाजपा और टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा के बीच शुरू हुई तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही है। भाजपा ने शनिवार को कुछ दस्तावेज जारी कर सीबीआई जांच को चुनौती देते हुए टाटा से पूछा कि क्या उनकी कंपनी टाटा स्टील ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनके साथियों को घूस के तौर पर 36 करोड़ रूपए और अन्य परोक्ष सुविधाएं नहीं दी थीं। कोड़ा के शासनकाल में कथित तौर पर हुए लगभग 4000 करोड़ के महाघोटाले को उजागर करने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता सरयू राय ने कहा कि टाटा ने सार्वजनिक बयान दिया है कि उनकी कंपनी किसी को रिश्वत नहीं देती है।

नौकरशाह एनके सिंह ने राडिया को सुनाए ‘अनमोल वचन’, आप भी सुनें

एक नौकरशाह हैं एनके सिंह. इनका राडिया से बड़ा याराना था. वे राडिया तक सारी राजदार बातें पहुंचा दिया करते थे. यहां दो टेप दिए जा रहे हैं राडिया और एनके सिंह के बीच बातचीत का. एनके सिंह केंद्र में मनमोहनी सरकार बनने के बाद राडिया से कहते हैं कि यह सरकार तो शंकर जी की बारात है. वे कमलनाथ को लेकर दावा करते हैं. मुरली देवड़ा के बारे में आश्वस्ति जाहिर करते हैं. वे मुकेश अंबानी के सपोर्ट के साथ मुरली देवड़ा के पेट्रोलियम मंत्रालय को संभालने के बारे में बात करते हैं. राडिया से एनके सिंह यह भी कहते हैं नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में प्रफुल्ल पटेल जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के लिए काम करेंगे. एक नौकरशाह, जो सत्ता के सारे राज जानता हो, जो नेताओं का प्रिय पात्र बना हुआ हो और सुपर दलाल राडिया से सब कुछ डिस्कस करता हो, उसके चेहरे को इन दो टेपों के जरिए जाना जा सकता है.

नीरा राडिया बड़े पत्रकारों के दिमाग को पहले ही पढ़ लेती थे, सुनिए ये टेप…

इस टेप में इंडिया टुडे वाले शंकर अय्यर, जो अब इंडिया टुडे में नहीं हैं, और प्रभु चावला, ये भी अब इंडिया टुडे में नहीं रहे, के बारे में राडिया अपने एक इंप्लाई से बात करती है. वह कहती है कि शंकर अय्यर से बात करो. राडिया कहती है कि प्रभु चावला का काल रंजन भट्टाचार्या को गया है कि मुकेश से बात करा दे. राडिया कहती है कि वह प्रभु से बातचीत के पहले जानना चाहती है कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है. प्रभु चावला और शंकर अय्यर के नीर राडिया से नजदीकी रिश्ते के सबूत में कई टेप पहले ही जारी हो चुके हैं, इस टेप के जरिए यह जाना जा सकता है कि राडिया किसी चतुर जासूसी एजेंट की भांति हर बड़े परिचित पत्रकार के दिलो दिमाग में चलने वाली चीजों को पहले ही जान लेना चाहती है ताकि उनसे सीधे बात करने के दौरान उन्हें अपने एजेंडे के लिए जल्द से जल्द कनवींस किया जा सके. सुनिए ये फोन टेप.

राडिया को आशंका थी कि उसका फोन टेप हो रहा है… सुनिए ये टेप

राजा से बातचीत के दौरान राडिया आशंका व्यक्त करती है कि उसका फोन टेप हो रहा होगा इसलिए वह (राजा) टाटा के फोन से काल करें. जब राजा उन्हें काल करते हैं तो राडिया फिर पूछती है कि यह फोन ठीक है ना. तब राजा कहते हैं कि यह फोन सही है क्योंकि यह फोन उनके नाम पर नहीं है. देखिए, काले धंधे में लगे लोग किस तरह डर-भय-आशंका के बावजूद धड़ल्ले से अपने कारोबार को करते रहते हैं. और, जब इस कारोबार में देश का केंद्रीय मंत्री शामिल हो और वह कहता हो कि यह फोन ठीक है क्योंकि यह किसी दूसरे के नाम पर है तो अंदाजा लगा सकते हैं कि स्थिति कितनी विकट है. राजा को चोर हम लोग इसलिए कहते हैं क्योंकि वह पकड़ा गया लेकिन ढेर सारे चोर तो पकड़े ही नहीं जाते, वे जमकर अपना कारोबार कर रहे हैं. इस टेप में राडिया और राजा की फोन टेपिंग पर आशंका को लेकर बातचीत सुनिए.

राडिया कहती है तरुण दास से- राजा वैसा ही करेंगे, जैसा हम चाहेंगे

सुनील मित्तल के करीबी हैं तरुण दास. उनको राडिया ने खबर दी कि राजा को मंत्रिमंडल में ले लिया गया है और वे वैसा ही करेंगे, जैसा हम चाहेंगे. राडिया ने इस टेप में तरुण दास से बताया कि उन्होंने (मनमोहन सिंह) राजा के लिए इशारा (डीएमके को) कर दिया है. इस पर तरुण दास का कहना है कि वे काफी अलोकप्रिय हैं. तब राडिया आश्वस्त करती हैं- नहीं, ऐसा सिर्फ सुनील (सुनील मित्तल) समझते हैं. आप विश्वास करिए, वे (राजा) वैसा ही करेंगे जैसा हम चाहेंगे. राजा ने वादा किया है कि वे सुनील से बात करके सारा मामला सुलझा लेंगे. आप वह सब मुझ पर छोड़ दीजिए. राडिया ने तरुण दास को कमलनाथ के बारे में बताया कि वे कर्मठ हैं और अपना 15 फीसदी हिस्सा (कमीशन) बना ही लेते हैं. राडिया ने कहा कि रतन टाटा मारन को लेकर चिंतित थे कि कहीं उन्हें टेलीकॉम मंत्री न बना दिया जाए. राजा के आने पर वे खुश हैं. ये बातचीत इस टेप में सुनिए.

जहांगीर पोचा और नीरा राडिया के बीच बातचीत के टेप को सुनें

पिछले दिनों एक चैनल आया था. न्यूजएक्स नाम से. जहांगीर पोचा और छजलानीज ने इसे मिलकर खरीदा था. इस खरीद-बिक्री की कई कहानियां आप लोग पढ़ चुके हैं. कई तरह की बातें हुईं इस चैनल के बारे में. किसने पर्दे के पीछे से पैसा लगाया और किसका कंट्रोल है इस पर, इसको लेकर बहुत कुछ कहा गया. पर अब साबित हो रहा है कि जहांगीर पोचा की जड़ें कहां से जुड़ी हुई हैं. नीचे दो टेप दिए जा रहे हैं. पहले टेप में जहांगीर पोचा और नीरा राडिया के बीच बातचीत होती है और दूसरे टेप में न्यूज एक्स के कर्मियों की सेलरी समय पर न मिलने को लेकर कुछ लोगों से नीरा राडिया अपने विचार प्रकट कर रही हैं. नीरा राडिया कहती हैं कि बहुत सारा तमाशा हो चुका है न्यूज एक्स में. साथ ही वो ये भी कहती हैं कि न्यूज एक्स पूरी तरह उनके कंट्रोल में है. सुनिए इन टेपों के जरिए.

क्या चिदंबरम ने मित्तल-अंबानी के कारण नीरा का फोन टेप कराया?

2-जी स्पेक्ट्रम महाघोटाले का जाल अब कांग्रेस के गले के चारों तरफ भी लिपटने लगा है। परेशान कांग्रेसी अब यह पता लगाने लगे हैं कि क्या  तत्कालीन वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम ने सुनील मित्तल के किये या किसी से कराई शिकायत को आधार बनाकर नीरा राडिया की फोन टेपिंग के आदेश दिलवाये! कहा जाता है कि पी.चिदम्बरम की भारती एअरटेल  कम्पनी  के विवादास्पद मालिक सुनील मित्तल से बहुत घनिष्ठता है। चिदम्बरम के बारे में यह भी चर्चा है कि वह सुनील मित्तल आदि की जीएसएम कम्पनियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में मोटी फीस पर वकील भी रहे हैं।

राडिया के पास पत्रकारों की अश्लील रिकार्डिंग!

: पाकिस्तानी नागरिक के खाते से आया पैसा : पत्रकारों और नेताओं को जो विदेश यात्राएं करवाई गईं और उपहारों के अलावा जो देह सुख दिलवाए गए उनकी वीडियो फिल्में भी नीरा राडिया के पास होने की खबर है। इससे यह महारथी तो निपटेंगे ही, लेकिन नीरा राडिया भी अश्लील रिकॉर्डिंग के घेरे में आ जाएगी। इस रिपोर्ट के अनुसार नीरा राडिया बहुत सारी युवतियों और बदनाम कहे जाने वाले ठिकानों पर भी अपना नेटवर्क रखती थी और इन युवतियों में से कुछ तो देह व्यापार के तहत गिरफ्तार भी हो चुकी हैं।

मुनाफ़ाखोरों और सत्ता के दलालों का मीडिया

भूपेन्‍द्र पत्रकारों और नेताओं के साथ कॉरपोरेट दलाल नीरा राडिया की बाचतीत के टेप सामने आने के बाद कई सफ़ेदपोशों के चेहरे से नकाब उतर गए हैं. ये बातचीत मई-जुलाई दो हज़ार नौ की है जब केंद्र में यूपीए के मनमोहन सिंह दूसरी बार सरकार बनाने की क़वायद में जुटे थे. इन टेपों की ट्रांसक्रिप्ट्स से ज़ाहिर होता है कि किस तरह कॉरपोरेट घराने और राजनेता, मीडिया के साथ मिलकर सत्ता का सौदा कर रहे थे.

राजा की डायरी में 17 पत्रकारों के नाम?

: गणपति की इटी नाऊ से विदाई : नीरा राडिया के चहेते पत्रकारों की हालत पतली : नई दिल्ली। सूत्रों का कहा यदि सच है तो पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा की डायरी में 17 पत्रकारों के नाम दर्ज हैं। सीबीआई ने ए. राजा के आवास पर मारे छापे में जो कागजात कब्जे में की है उसमें राजा की कुछ डायरी भी हैं। सूत्रो का कहना है कि उन डायरी में विभिन्न दलों के बहुत से नेताओं, कुछ दलाल लाबिस्टों और 17 पत्रकारों के नाम दर्ज हैं। सूत्रों के अनुसार उनमें कई के नाम के आगे अंकों में आंकड़ा लिखा है जिसे घूस के तौर पर मोटी रकम के रूप में दिये जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। सीबीआई जब ए.राजा से पूछताछ करेगी और यदि राजा ने इन तमाम महानुभावों को अपने तथाकथित किये महाघोटाले में से थोड़ी-थोड़ी चासनी चटाने की बात स्वीकार कर ली तब तो सब फंसेंगे।

उपेंद्र राय ने भी की थी नीरा राडिया से बातचीत

उपेंद्र रायनीरा राडिया से बातचीत के नए टेप जारी होने के बाद मीडिया जगत के कई नए रहस्यों पर से परदा उठता जा रहा है. कई नई परतें खुलती जा रही हैं. ताजा नाम उपेंद्र राय का आया है. जिस टेप में नीरा राडिया आईएएस अधिकारी और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के परसनल सेक्रेट्री रहे सुनील अरोड़ा से बात कर रही हैं, उसमें जिस शख्स उपेंद्र का नाम आ रहा है, वह कोई और नहीं बल्कि सहारा मीडिया के डायरेक्टर न्यूज उपेंद्र राय ही हैं. मेल टुडे में आज इस बारे में एक स्टोरी प्रकाशित की गई है, JOURNALIST FIGURED IN TALKS WITH IA EX-CHIEF शीर्षक से.

हिंदी अखबारों को किस तरह मैनेज करती है राडिया, इस टेप में सुनें

: दैनिक जागरण, अमर उजाला, सहारा, इंडियन एक्सप्रेस समेत कई अखबारों के नाम लिए गए हैं इस टेप में : सुनिए, अखबारों में किस तरह उद्योग घरानों के खिलाफ या पक्ष में खबरें नीरा राडियाओं के इशारे पर प्लान व प्लांट होती हैं. इस टेप में नीरा राडिया अपने एक चेले को, जो उसकी कंपनी में काम करता है, नाम है अतुल, कहती हैं कि अनिल अंबानी की कंपनी आरकाम के खिलाफ मीडिया को भड़काओ, खबरें छपवाओ. वे जम्मू में हुए एक घटनाक्रम का जिक्र अतुल से करती हैं. इस घटनाक्रम में आरकाम शामिल है लेकिन उसका नाम वहां का एसएसपी नहीं ले रहा. अतुल का राडिया से कहना है कि शायद आरकाम ने एसएसपी साहब को मैनेज कर लिया है.

नीरा राडिया दे रही है वीर सांघवी को शाबासी- वेरी नाइस, लवली, थैंक्यू वीर….

फिर वीर सांघवी. इस टेप में राडिया और वीर सांघवी की बातचीत है. तारीख है 20 जून 2009. इसमें राडिया और वीर सांघवी के बीच हिंदुस्तान टाइम्स अखबार में छपने वाले वीर सांघवी के कालम काउंटरप्वाइंट, जो नीरा राडिया टेप कांड के बाद बंद किया जा चुका है, पर चर्चा होती है. वीर सांघवी अपने कालम के बारे में बताते हैं तो नीरा राडिया कहती है- वेरी नाइस, लवली, थैंक्यू वीर. सुनिए, वीर सांघवी अपने कालम को लेकर क्या-क्या बातें कर रहे हैं नीरा राडिया से. सोचिए, ऐसे बड़े नामों द्वारा लिखे गए कालम के कंटेंट कहां से जनरेट होते हैं. शायद तभी एचटी प्रबंधन ने टेप कांड के प्रकाश में आते ही और वीर सांघवी के काउंटरप्वाइंट कालम पर सवाल उठते ही, कालम को बंद करने का फैसला ले लिया.

नीरा राडिया आईएएस अफसर सुनील अरोड़ा से कहती है- उस पत्रकार से बात करो…

क्या पत्रकार, क्या उद्यमी और क्या अधिकारी. सबसे नीरा राडिया ऐसे धड़ल्ले से बात करती है, जैसे वे सब नीरा राडिया के बाल सखा हों. इस टेप में एक आईएएस अधिकारी से नीरा राडिया बातचीत कर रही है. 1980 बैच के इस आईएएस अफसर का नाम सुनील अरोड़ा है. सुनील अरोड़ा से नीरा राडिया की बातचीत के टेप पहले भी जारी हो चुके हैं. इस नए टेप में नीरा राडिया आईएएस अफसर सुनील अरोड़ा को एक पत्रकार से बात करने को कहती है. नीरा कहती है कि हे सुनील अरोड़ा, उस पत्रकार से नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल से संबंधित स्टोरी पर बात करो.

नीरा राडिया उवाच…. do we have an alternative to PTI

इस नए टेप में नीरा राडिया अपने सहयोगी मनोज वारियर से बात कर रही है. टेप एक जून 2009 का है. इसमें अन्य कई बातों के अलावा वे देश की समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट आफ इंडिया उर्फ पीटीआई को ब्लैकलिस्टेड करने के बारे में बात कर रही है. साथ ही एक पत्र के मजमून पर बातचीत हो रही है जो रिलायंस ग्रुप के मनोज मोदी के लिए है और इस पत्र को अंततः मुकेश अंबानी के यहां पेश किया जाना है.

थैंक्स गॉड, कांग्रेस ने तो स्टेटमेंट इशू कर दिया, बरखा ने करवा लिया उससे…

नीरा - बरखा: राडिया के नए टेप जारी, मची सनसनी : राडिया टेप कांड में नया मोड़ आ चुका है. कई नए टेप जारी होने से सनसनी मच गई है. सुनिए इस टेप को. इसमें नीरा राडिया जिस व्यक्ति से बात कर रही है उसे वह मंत्री जी कह रही है. साथ ही यह भी कह रही है कि… थैंक्स गॉड, कांग्रेस ने तो स्टेटमेंट इशू कर दिया, बरखा ने करवा लिया उससे. जिससे बात कर रही है राडिया, वह बोलता है- हां, वो तो मैंने देख लिया, आ गया मनीष तिवारी का. राडिया और इस कथित मंत्री की बातचीत रात में दो बजे हो रही है.

प्रभु चावला गए

[caption id="attachment_18849" align="alignleft" width="194"]राडिया ने ली प्रभु की बलि!राडिया ने ली प्रभु की बलि![/caption]प्रभु चावला ने इस्तीफा दे दिया है. या यूं कहें कि उन्हें जाने का इशारा कर दिया गया था, सो आज फाइनली चले गए. नीरा राडिया टेप कांड की आंच में झुलसे प्रभु चावला को टीवी टुडे ग्रुप ने बाइज्जत जाने का मौका दिया. संभवतः ऐसा ग्रुप के प्रति उनकी मेहनत, निष्ठा और समर्पण को देखते हुए किया गया. पहले एमजे अकबर को लाकर प्रभु चावला के पर को कतरा गया. शायद उन्हीं दिनों में उन्हें इशारे से प्रबंधन ने कह दिया होगा कि अब बहुत बदनामी हो गई, मुक्ति दीजिए, ताकि ग्रुप के दागदार हो चुके / हो रहे दामन पर जोरशोर से उछाले जा रहे कीचड़ को रोकने की कोशिश शुरू की जा सके.

नीरा राडिया के 800 नए टेप आउटलुक के पास

टेप लीक प्रकरण में केन्‍द्र सरकार की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है. नीरा राडिया के 140 टेपों के लीक होने के बाद मुश्किल में पड़ी केंद्र सरकार अभी इस परेशानी से उबर भी नहीं पाई है कि आउटलुक पत्रिका ने दावा किया है कि उसके पास नीरा राडिया की बातचीत के 800 और टेप मौजूद हैं. आउटलुक ने यह दावा अपनी वेबसाइट पर किया है. सरकार अब तक सामने आए टेपों की परेशानी से उबरने की कोशिश में लगी है और यह कह कर अपना बचाव कर रही है कि अब वह इन टेपों को वापस नहीं कर सकती, क्योंकि इसमें हुई पूरी बातचीत कई स्‍थानों पर प्रकाशित हो चुकी है. वेबमीडिया पर यह मामला पूरी तरह छाया हुआ है.

नीरा राडिया विदेशी एजेंट!

नीरा राडिया: 9 साल में 300 करोड़ रुपये बना लेने, विदेशी खुफिया एजेंसियों से संबंध होने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की शिकायत मिलने के बाद गृह मंत्रालय की अनुमति से आयकर विभाग ने शुरू की फोन टैपिंगविवादित कंपनी स्वान टेलीकाम के मालिक ए. राजा और नीरा राडिया हैं : एक लाख रुपये से बनी कंपनी की कीमत टेलीफोन सेवा देने का लाइसेंस मिलने के बाद दस हजार करोड़ रुपये हो गई : कई उद्योगपति और बड़े नेता परेशान हैं कि कहीं उनकी बातचीत भी तो टेप नहीं हो गई : गृह सचिव बोले- टेप किए गए फोनों का इस्तेमाल गलत लोगों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए होगा :

राजीव चंद्रशेखर और रतन टाटा के खुले पत्रों को पढ़िए

राजीव चंद्रशेखर और रतन टाटा के बीच एक ऐतिहासिक पत्राचार हुआ है. इस पत्राचार के केंद्र में हैं नीरा राडिया. राजीव चंद्रशेखर राज्यसभा के सदस्य हैं और टेलीकाम फील्ड के खिलाड़ी भी. 2जी स्पेक्ट्रम और नीरा राडिया का नाम टेलीकाम फील्ड के लिए ही आता है. तो इन राजीव चंद्रशेखर ने टाटा को एक खुला पत्र लिखकर पूछा कि आप जैसे नैतिकता की बात करने वाले लोगों व कंपनियों को राडिया जैसी दलालों की सेवा लेना की आखिर जरूरत क्यों पड़ी. कई और बातें भी पूछी हैं राजीव चंद्रशेखर ने रतन टाटा से.

‘महान पत्रकारों’ के राडिया से वार्ता का हिंदीकरण

टेप और अंग्रेजी टेक्स्ट तो आप लोग सुन-पढ़ चुके हैं, इसी पोर्टल पर लेकिन कई पाठकों की मांग थी कि इस बातचीत को हिंदी में उपलब्ध कराया जाए ताकि वे संपूर्णता के साथ अवगत हो सकें कि ‘महान’ लोग कैसी ‘महान महान’ बातें करते हैं. सो, उनके अनुरोध को देखते हुए राडिया की बरखा दत्त, वीर सांघवी और प्रभु चावला से पूरी बातचीत को हिंदी में प्रकाशित किया जा रहा है. हिंदीकरण का काम चौथी दुनिया ने किया है, सो उन लोगों का सलाम-प्रणाम. हालांकि दैनिक भास्कर ने इन बातचीत को हिंदी में प्रकाशित कर आम जन तक पूरे प्रकरण को पहुंचाने का काम किया है लेकिन देश के कई हिस्सों में दैनिक भास्कर नहीं पहुंचता इस कारण पूरी बातचीत को एक जगह हिंदी में फिर दे देना सही रहेगा.  -एडिटर, भड़ास4मीडिया

ग्लोबल हो गया राडिया प्रकरण

राडिया, टेप, टाटा, पत्रकार… यह प्रकरण दुनिया भर में छाया हुआ है. ताजी सूचना ये है कि एक बड़ी और चर्चित न्यूज वेबसाइट अरब न्यूज डॉट कॉम ने इस प्रकरण को ‘India of Gandhi’s dreams‘ शीर्षक से प्रकाशित किया है. लेखक हैं अजीज जका सईद जो दुबई बेस्ड पत्रकार और लेखक हैं. उनके लिखे को अरब न्यूज डॉट कॉम से साभार लेकर हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं. इसके पहले न्यूयार्क टाइम्स में इस प्रकरण पर लंबी-चौड़ी स्टोरी प्रकाशित हो चुकी है. इस तरह कह सकते हैं कि अपना देश घोटालेबाजों के देश के रूप में पूरी दुनिया में ‘मशहूर’ होता जा रहा है. अपना देश और किसी मामले में ग्लोबल हुआ हो या न हुआ हो, पर नीरा राडिया के बहाने भ्रष्टाचार की चर्चा और इसमें पत्रकारों की संलिप्तता के नाम पर पूरी तरह ग्लोबल हो चुका है. जय हो राडियाओं और राजाओं की. -एडिटर

Conscience – Clear as mud

[caption id="attachment_18829" align="alignleft" width="71"]Amitayu SharmaAmitayu Sharma[/caption]“Oh God! So now what? What should I tell them? Tell me what should I tell them?”… “What am I accused of?”… “Judgement is fixed”… “What story do you want me to do?”… Yesterday we saw Mr. Vir Singhvi experience a “conscience clearing” experience. For the uninitiated, the symptoms leading up to this life altering experience can be traced to that moment when the high and mighty during the normal course of business start conducting themselves in a shadowy way forcing authorities to expose them. The more corrupt and murky the proceedings, the greater the impact of this soul cleansing exercise. This process of “Conscience clearing” peaks when the protagonist is forced to resign or abdicate in the presence of overwhelming proofs of his wrong doing.

Dear Rajeev….

Dear Rajeev

I am currently overseas and have just seen a copy of the open letter you have addressed to me with copies to the entire media community. This is of course in keeping with the current trend of attempted character assassination through widespread media publicity couched in pain and concern for upholding ethics and values.

Your letter is based on untruths and distortion of facts and I feel compelled to place the real facts, as bluntly as possible before you. I hope this will also be broadly disseminated to the same audience as your letter.

I am, of course, well aware that some media house will choose not to publish or air my response in deference of their owners, who are the real gainers in the telecom sector, with whom you have unfortunately aligned to provide a massive diversion of attention away from the real culprits in the telecom space.

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हम पत्रकारों को पता है कि हमारे बीच कौन पत्रकार दल्ला है

[caption id="attachment_18806" align="alignleft" width="71"]आशुतोषआशुतोष[/caption]: राडिया के टेप से निकलते शुभ संकेत : नया-नया पत्रकार बना था। दोस्त की शादी में गया था। दोस्त ने अपने एक ब्यूरोक्रेट रिश्तेदार से मिलवाया। अच्छा आप पत्रकार हैं? पत्रकार तो पचास रुपये में बिक जाते हैं। काटो तो खून नहीं। क्या कहता? पिछले दिनों जब राडिया का टेप सामने आया तो उन बुजुर्ग की याद हो आई। बुजुर्गवार एक छोटे शहर के बड़े अफसर थे। उनका रोजाना पत्रकारों से सामना होता था। अपने अनुभव से उन्होंने बोला था। जिला स्तर पर छोटे-छोटे अखबार निकालने वाले ढेरों ऐसे पत्रकार हैं जो वाकई में उगाही में लगे रहते हैं। ये कहने का मेरा मतलब बिलकुल नहीं है कि जिलों में ईमानदार पत्रकार नहीं होते। ढेरों हैं जो बहुत मुश्किल परिस्थितियों में जान जोखिम में डालकर पत्रकारिता कर रहे हैं। इनकी संख्या शायद उतनी नहीं है जितनी होनी चाहिये। ऐसे में राडिया टेप आने पर कम से कम मैं बिलकुल नहीं चौंका।

भास्कर के इस साहस और विजन को सलाम

अगर कोई अच्छा काम करे तो उसकी सराहना होनी चाहिए. पूरी ईमानदारी से. भास्कर की आज सराहना करने को जी चाह रहा है. 6 दिसंबर 2010 के दिन का दैनिक भास्कर सभी को देखना चाहिए. इस दिन का जितने बहुत शानदार अखबार निकाला है दैनिक भास्कर ने. अदभुत कापी, जोरदार लेआउट व पठनीय कंटेंट. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की कहानी, नीरा राडिया के टेपों को समेटते हुए. कह सकते हैं कि देश के बड़े अखबारों में दैनिक भास्कर पहला अखबार हो गया है जिसने नीरा राडिया के टेपों की हिंदी ट्रांसक्रिप्ट को प्रकाशित कर दिया है. शायद दैनिक जागरण, अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका, प्रभात खबर आदि अखबार यह काम अभी तक नहीं कर पाए हैं. ’45 मिनट में कैसे लुटा 2जी’शीर्षक से दैनिक भास्कर के 6 दिसंबर के अंक में प्रथम पेज पर लीड स्टोरी है.

Dear Mr. Tata

Dear Mr. Tata

It is with considerable concern and some confusion that I have watched your recent television interviews and press statements following the 2G scam and the exposure of the infamous Nira Radia tapes.

I, as countless other Indians, have held the house of Tatas in great esteem and respect—have seen them as being different from so many other Indian corporates that play by a different set of rules and values.  I, along with many Indians, consider J.R.D. Tata as one of the true builders of modern India.

So, it is with considerable sadness and dismay that I am constrained to write this open letter to you. I trust you will not consider this as personal, since my letter has to do with issues of principle and conduct that are disturbing.

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तब अखबार के दफ्तर में लॉबिस्टों के लिए कोई जगह नहीं होती थी

: विश्वसनीयता का बड़ा सवाल : पिछले दिनों मीडिया पर केंद्रित एक टीवी कार्यक्रम में प्रसिद्ध पत्रकार दिलीप पडगांवकर कुछ पुरानी यादों में खो गए। उन्होंने बताया कि पुराने दिनों में किसी अखबार के दफ्तर में लॉबिस्ट के लिए कोई जगह नहीं थी। यह आजकल के मीडिया के व्यवहार के बिल्कुल विपरीत था, जब नीरा राडिया फोन मिलाकर मीडिया के दिग्गजों से इसलिए दोस्ताना बात करती है ताकि वे कांग्रेस तक द्रमुक के विचार पहुंचा सकें। उनकी हताशा से यही लगता है कि आज संसार कितना गिर चुका है। भारतीय मीडिया का सुनहरा युग, जब संपादकों का एकछत्र राज था, जब बहुत कम पैसे में ही संपादक मिशन के तौर पर काम करते थे और जब प्रबंधन संपादकीय विभाग में दखल करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था, बड़ा मनोहारी विचार है। यह आनंददायक और आत्म-तुष्टि का मिथक भी था।

लाबीइंग और पीआर कंपनियों की न्यूजरूम में घुसपैठ

आनंद प्रधान: क्या देश पीआर डेमोक्रसी बनने जा रहा? : मीडिया के अंडरवर्ल्ड से सबसे अधिक खतरा लोकतंत्र को : …..”भारतीय गणतंत्र अब बिकाऊ है. इसके लिए लग रही बोली में ताकतवर लोग, कारपोरेट घराने, दलाल, नौकरशाह और पत्रकार सभी शामिल हैं.” – साप्ताहिक ‘आउटलुक’ (कवर स्टोरी, 29 नवंबर’10)… समाचार मीडिया का एक अंडरवर्ल्ड है. यह किसी से छुपा नहीं है. हाल के वर्षों में उसका न सिर्फ तेजी से विस्तार हुआ है बल्कि वह बेरोक-टोक फल-फूल रहा है. यह एक ऐसा सच है जिसके बारे में सब जानते हैं, समाचार मीडिया को नजदीक से जाननेवालों और पत्रकारों की निजी बातचीत में उसके बारे में खूब चर्चा भी होती है लेकिन सार्वजनिक चर्चाओं में शायद ही उसका कभी जिक्र होता हो. हालांकि यह अनेक कारणों से लोक महत्व का बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है लेकिन उसे सार्वजनिक चर्चा का विषय बनाने को लेकर एक खास तरह की ‘षड्यंत्र भरी चुप्पी’ (कांस्पिरेसी आफ साइलेंस) मीडिया और अन्य मंचों पर दिखाई पड़ती है.

मीडिया का अंडरवर्ल्ड : लाबीइंग, दलाली, ब्लैकमेलिंग

आनंद प्रधाननीरा राडिया टेप्स ने न्यूज मीडिया के अंडरवर्ल्ड से पर्दा उठा दिया है. अभी तक यह अंडरवर्ल्ड अख़बारों और चैनलों के समाचार कक्षों और प्रेस क्लबों में व्यक्तिगत बातचीत, कानाफूसियों और गासिप तक सीमित था. कई वेबसाइटों पत्रिकाओं को धन्यवाद देना जरूरी है जिनकी हिम्मत के कारण न्यूज मीडिया के अंडरवर्ल्ड के एक हिस्से की कारगुजारियां सार्वजनिक चर्चा का मुद्दा बन गई हैं. इन टेप्स से समाचार माध्यमों और उनके उंचे पदों पर बैठे पत्रकारों के सत्ता और कारपोरेट समूहों के दलालों के साथ निरंतर घनिष्ठ होते संबंधों और उनके लेखन और रिपोर्टिंग पर पीआर और लाबीइंग के बढ़ते प्रभावों की निर्णायक रूप से पुष्टि होती है.

आज की पत्रकारिता की हकीकत हैं बरखा दत्त

लगभग एक माह से बरखा दत्त को लेकर मीडिया जगत में जंग जारी है। वीर साहब तो अपना कालम लिखना बंद कर संन्यास पर जाने के संकेत दे दिये लेकिन बरखा दत्त को लेकर अभी भी खीचतान जारी है। एनडीटीवी भले ही उसका बचाव करे लेकिन बरखा दत्त अपना सब कुछ लुटा चुकी हैं। सच यही है कि आज अधिकांश पत्रकार किसी न किसी स्तर पर बरखा दत्त की तरह लाबिंग करने में जुटे हुए हैं। यह अलग बात है कि बरखा दत्त और वीर सांघवी इस खेल में एक्सपोज हो गये और आज यह मुद्दा हाटकेक बना हुआ है। लेकिन यह तो आज न कल होना ही था। आखिर बकरा कब तक खैर मनायेगा। सवाल यह है कि पत्रकारिता का धंधा भले ही विश्वास का धंधा है लेकिन इस धंधे को चलाने वालों को मुनाफा चाहिए है और अपने गलत कमाई को इस धंधे के सहारे जारी रखने का जरिया चाहिए।

स्पेक्ट्रम घोटाला : राडिया-टाटा टेप : छींटे दैनिक भास्‍कर पर भी!

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की पूरी कहानी बयां करते कार्पोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया की आला हस्तियों से बातचीत के बहुचर्चित टेप देश से दगा कर रही राजनेताओं, कारोबारियों और मीडिया के स्वयंभू “दिग्ग्जों” की खतरनाक तिकड़ी को बेनकाब करती है। देश के इस सबसे बड़े घोटाले के कई खिलाडियों को बेपर्दा कर चुके राडिया के इन टेपों से छींटे मध्यप्रदेश से शुरू होकर राजस्थान और हाल ही में झारखंड पहुंचे एक हिन्दी अखबार पर भी पड़े हैं। इस अखबार का जिक्र टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा और नीरा राडिया की बातचीत में भी हुआ। पेश हैं इस बातचीत के संबंधित अंश-

एचटी में वीर सांघवी का पद और कद छोटा हुआ

नीरा राडिया से बातचीत का मामला वीर सांघवी पर भारी पड़ता जा रहा है. खबर है कि एचटी में उनका कालम बंद किए जाने के बाद अब उनका पद भी बदल दिया गया है. अभी तक वे एचटी मीडिया के ‘एडवाइजरी एडिटोरियल डायरेक्टर’ हुआ करते थे लेकिन नया पद उन्हें सिर्फ ‘एडवाइजर’ का दिया गया है. मतलब साफ है कि एडिटोरियल और डायरेक्टर जैसे शब्द उनके पद से हटाकर एचटी मीडिया ने साफ कर दिया है कि वह वीर सांघवी को इस विवाद के बाद अब ढोने को तैयार नहीं है. हालांकि एचटी मीडिया के सीईओ राजीव वर्मा इस बदलाव के पीछे नीरा राडिया के टेपों के खुलासे को वजह नहीं मान रहे हैं. उनका कहना है कि ऐसा काफी पहले तय हो चुका था. इसे इंप्लीमेंट अब किया गया है.

न्यूयार्क टाइम्स की स्टोरी पर प्रमोद जोशी की टिप्पणी

: प्रमोद जोशीमशहूर होने की पत्रकारिता : बरखा दत्त की पत्रकारिता शैली और साहस की तारीफ होती है। वे कारगिल तक गईं और धमाकों के बीच रिपोर्टिंग की। न्यूयार्क टाइम्स ने इस मामले पर एक रपट प्रकाशित की है जिसमें बरखा दत्त के बारे में जानकारी देते वक्त उस उत्साह का विवरण दिया है जो उन्हें विरासत में मिला है। न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार- Ms. Dutt has followed in the footsteps of her mother, Prabha Dutt, who was a trailblazing female newspaper reporter, barging her way onto the front lines of the battles with Pakistan in 1965 despite her editors’ reluctance to dispatch a woman to cover a war. “She was a very aggressive, first-of-her-generation kind of reporter,” said Sevanti Ninan, who is now a media critic running a journalism Web site called The Hoot. Ms. Ninan was a contemporary of Prabha Dutt, who died of a brain hemorrhage when Barkha was 13.

न्यूयार्क टाइम्स में बरखा – नीरा प्रसंग पर स्टोरी

न्यूयार्क टाइम्स के न्यूयार्क एडिशन में 4 दिसंबर 2010 को पेज ए-10 पर एक स्टोरी प्रकाशित हुई है. नई दिल्ली डेटलाइन से यह स्टोरी न्यूयार्क टाइम्स संवाददाता लिडिया पॉलग्रीन की है. शीर्षक है- A Journalist in India Ends Up in the Headlines. स्टोरी बरखा दत्त और नीरा राडिया प्रसंग पर है. बरखा के प्रतापी अतीत और संकटग्रस्त वर्तमान के बारे में स्टोरी में काफी कुछ बातें कही गई हैं. साथ ही एनडीटीवी पर बरखा के मसले पर लगी संपादकों की अदालत का भी इस स्टोरी में तफसील से जिक्र है. न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित उस स्टोरी को साभार लेकर यहां प्रकाशित कर रहे हैं.

विकीलिक्स और विकीपीडिया का मॉडल बनाम भड़ास4मीडिया की चिंता

लखनऊ में एक पत्रकार हैं संजय शर्मा. पहले कुछ मीडिया हाउसों के साथ जुड़कर पत्रकारिता करते थे. बाद में लखनऊ में अपना अखबार शुरू किया, वीकेंड टाइम्स नाम से, समान विचार वाले कुछ लोगों के साथ मिलकर पार्टनरशिप में. पिछले कुछ महीनों के दौरान दो बार लखनऊ जाना हुआ दोनों ही बार उनसे मिला. पहली बार बड़े आग्रह और स्नेह के साथ अपने घर ले गए, खाना खिलाया. अपना आफिस दिखाया. खूब सारी बातें कीं. दूसरी बार वे छोड़ने स्टेशन आए, स्टेशन पर ही हम दोनों ने खाना खाया. आज उनका मोबाइल पर एक संदेश आया. आपके एकाउंट में दस हजार रुपये जमा करा दिए हैं.

आईबीएन7 व सुदर्शन पर हुई पंचायत देखें-सुनें

[caption id="attachment_18763" align="alignleft" width="122"]सुदर्शन न्यूज पर प्रसारित लाइव शो में अपनी बात रखते मनोज रघुवंशी और यशवंत सिंहसुदर्शन न्यूज पर प्रसारित लाइव शो में अपनी बात रखते मनोज रघुवंशी और यशवंत सिंह[/caption]नीरा राडिया टेप कांड ने भ्रष्ट मीडिया की पोल खोल कर रख दी है. सत्ता और कारपोरेट की दलाली के जरिए टर्नओवर बढ़ाने वाले, भयंकर लाभ कमाने वाले स्वनामधन्य मीडिया हाउसों की ब्रांड इमेज को तगड़ा झटका लगा है. अपने अपने चैनलों अखबारों के लिए ब्रांड बन चुके कई पत्रकारों के चेहरों से नकाब उठ चुका है. जाहिर है, हर बड़े कांड के बाद बहसों का जो दौर शुरू होता है, इस नीरा राडिया कांड के बाद भी शुरू हुआ है. हेडलाइंस टुडे, एनडीटीवी के बाद अब आईबीएन7 ने भी राडिया और मीडिया के मुद्दे पर एक शो ”क्या कारपोरेट का खिलौना बनने लगे हैं पत्रकार?” का आयोजन कल चैनल पर किया.

क्या अपराध साबित होने तक राडिया टेप न सुनें?

: पुण्य प्रसून बाजपेयीएक रुका हुआ फैसला : दो साल पहले गृह सचिव, आयकर निदेशालय और सीबीआई को इसका एहसास तक नहीं था कि जिस नीरा राडिया का वह टेलिफोन टैप करने जा रहे हैं, उस टेलिफोन पर लोकतंत्र का जनाजा हर दिन निकलता हुआ सुनायी देगा। मामला भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराध के तहत हवाला और एफडीआई का था । यानी फोन कॉल्स एक ऐसे आरोपी के टैप किये जा रहे थे, जो कई मंत्रालयो के जरिये देश के राजस्व को चूना लगा रहा था और आयकर महानिदेशालय पता यही लगाना चाहता था कि नीरा राडिया के तार कहां-कहां किस-किस से जुड़े हुये हैं।

राजदीप के बोलते ही भड़क उठे पत्रकार

प्रेस क्लब में पत्रकारों के बीच राजदीप सरदेसाई: एडिटर्स गिल्‍ड अध्‍यक्ष पर लगा आरोपी पत्रकारों के खिलाफ नरम रूख अपनाने का आरोप : एडिटर्स गिल्‍ड की बैठक में अध्‍यक्ष राजदीप सरदेसाई उस समय मुश्किल में आ गए जब उन्‍होंने पत्रकारिता के सिद्धांतों की बात की. इसके बाद प्रेस क्‍लब का माहौल गरम हो गया. दोनों तरफ से तर्क-वितर्क किए गए. कई सवाल उठाए गए. इसके बाद पत्रकारिता की आचार संहिता पर बहस छिड़ गई. प्रेस क्‍लब के खचाखच भरे हाल में राजदीप में कहा कि भारत की दो पत्रिकाएं नीरा राडिया तथा पत्रकारों के बातचीत को प्रकाशित करके पत्रकारीय मानक का उल्‍लंघन किया है, सिद्धां‍तों को तोड़ा है.

अपनी संपत्ति की घोषणा करेंगे संपादक!

संपादकों द्वारा अपनी सम्पत्ति की घोषणा के बारे में एडिटर्स गिल्ड की 24 दिसम्बर को होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी. एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष राजदीप सरदेसाई ने यह बात कही है. कॉरपोरेट लॉबियिस्ट नीरा राडिया के कुछ सीनियर जर्नलिस्‍टों के साथ हुई बातचीत के बाद कुछ पत्रकारों ने इस मुद्दे को उठाया था. पत्रकारिता के मूल्यों पर एडिटर्स गिल्ड, द प्रेस एसोसिएशन, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और इंडियन वुमेंस प्रेस कोर्प्स द्वारा आयोजित बैठक में इस पर गरमा गरम बहस भी हुआ, जिसके बाद अगली बैठक में इस मुद्दे को उठाने की बात सामने आई.

‘अगर मुकेश अंबानी पर वो संपादक पर्सनल अटैक करेगा तो छोड़ूंगा नहीं, मेरा नाम मनोज मोदी है’

: सुनिए ये चार टेप : नीरा राडिया के टेपों ने कारपोरेट घरानों- टाटा, अंबानियों आदि के कामकाज के तरीके का भी खुलासा कर दिया है. कारपोरेट के लोग, पूंजीपति जब किसी से खफा होते हैं तो उसे उखाड़ने के लिए किस तरह सक्रिय हो जाते हैं, कैसे-कैसे लोगों को पीछे लगा देते हैं, इसके प्रमाण नीरा के टेपों में मौजूद हैं. आइए आपको एक किस्सा बताते हैं और उससे संबंधित कुछ टेप भी सुनवाते हैं. मुकेश अंबानी का दाहिना हाथ है मनोज मोदी. मुकेश अंबानी वाले रिलायंस में उसका काफी दबदबा है. मुकेश अंबानी अपने दुख-सुख उसके आगे अभिव्यक्त करते रहते हैं और मनोज मोदी उनके दुखों-सुखों को भांपकर उसके अनुरूप कार्यवाही, एक्शन-रिएक्शन करना शुरू कर देता है.

राडिया और टाटा का नंगा सच

: नीरा के रतन बिखरेंगे अदालत में : नीरा राडिया और रतन टाटा के बीच जो भी अंतरंग बाते हुई हैं और जिन्हें छिपाने के लिए रतन टाटा सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गए थे, वे आखिरकार अदालतों तक पहुंच ही गईं. रतन टाटा की नब्बे कंपनियों के लिए नीरा राडिया का वैष्णवी कम्युनिकेशन काम करता था और नीरा राडिया को साठ करोड़ रुपए का साल का भुगतान होता था. इसके अलावा लगभग 52 वर्षीय और तलाकशुदा नीरा और 72 वर्षीय और अविवाहित रतन टाटा के बीच निजी दोस्ती भी काफी अच्छी थी. इसके प्रमाण अब तक जारी टेपों में मिल चुके हैं.

जाने भी दो बरखा

बरखा दत्त - नीरा राडियाअपने देश में एक रिवाज है. जब लोग किसी के पीछे पड़ते हैं तो बिलकुल हाथ धोकर पड़ जाते हैं. अब बरखा दत्त को ही ले लीजिए. नीरा राडिया से बातचीत के टेपों में बरखा का पत्रकारिता के लक्ष्मण रेखा को पार करना बहुत से लोगों को सुहा नहीं रहा है. पर उन्हें भी नहीं सुहा रहा है जिन्होंने अपने जीवन व करियर में किसी भी किस्म के लक्ष्मण रेखा का निर्माण ही नहीं किया. खैर, बरखा जैसी शख्सियत से किसी को उम्मीद नहीं थी कि वे एक सुपर दलाल से इस तरह बात करेंगी, इसलिए उनके ढेर सारे चाहने वालों का दिल दरका है, टूटा है, दुखा है. पर बरखा एरोगेंट वाली मुद्रा में माफी मांगने के लिए बिलकुल तैयार नहीं है.

संपादकों की पंचायत के प्रवचन आप भी सुनें

एनडीटीवी पर बरखा दत्त ने संपादकों के सवालों के जवाब देते हुए अपनी पोजीशन स्पष्ट की तो हेडलाइंस टुडे पर प्रभु चावला और वीर सांघवी प्रकट हुए और एमजे अकबर, एन राम, दिलीप चेरियन समेत कई संपादकों के सवालों के बहाने अपनी बात रखी. बातचीत ज्यादातर मीडिया एथिक्स पर केंद्रित रही और विषय भी यही रखा गया था. बड़े मीडिया हाउसों अपनी ब्रांड इमेज खराब होते देख आरोपियों को शो में बिठाकर बातचीत करके डैमेज कंट्रोल करने में लगे हैं. सारा कुछ तमाशा सरीखा हो चुका है. कायदे से इस पूरे प्रकरण की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी, पैनल या टीम को करना चाहिए लेकिन मीडिया हाउस खुद अपने यहां पंचायत करके मामले को निपटाने में जुट गए हैं. संदेश ये कि देखिए, हम लोग इस गंभीर मुद्दे पर चिंतित हैं और आरोपियों से बातचीत के अंदाज में पूछताछ कर रहे हैं.

ये टेप तो ‘दिमाग हिलाने’ वाला है : सुप्रीम कोर्ट

जैसे हमारे आपके दिमाग हिल गए नीरा राडिया के टेप सुनकर, उसी तरह सुप्रीम कोर्ट भी टेप सुनकर सकते में है. उच्चतम न्यायालय ने सुपर दलाल नीरा राडिया की पत्रकारों, नेताओं, उद्यमियों से वार्ता के टेपों से हुए खुलासे को ‘दिमाग हिलाने’ वाला करार दिया है. मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी  का कहना था-, ‘हम लोगों ने नदियों खासकर गंगा – यमुना के प्रदूषण के बारे में सुना है, लेकिन यह (टेप) प्रदूषण पर्यावरण वाले प्रदूषण से भी ज्यादा खतरनाक किस्म का है।’ सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने नीरा राडिया की बातचीत वाले टेप को सीलबंद कवर में सुप्रीम कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया है. टेप जमा कराने का अनुरोध सीपीआईएल के वकील प्रशांत भूषण ने किया था.

आज रात हेडलाइंस टुडे पर संपादकों की अदालत

: जवाब देंगे प्रभु चावला और वीर सांघवी : सवाल पूछने वालों में किरण बेदी भी : टेप कांड पर बहस चालू आहे : कल एनडीटीवी ने अपनी ग्रुप एडिटर बरखा दत्त को कठघरे में खड़ा कर कई संपादकों से तीखे सवाल पूछवाए और बरखा से जवाब दिलवाए. काफी बहसाबहसी हुई. बरखा दत्त का साफ कहना था कि उन्होंने कोई दलाली, लाबिंग, करप्शन का काम नहीं किया. पोलिटिकल रिपोर्टिंग के दौरान अंदरखाने की खबर पता करने के लिए कई तरह के सोर्स को नजदीक रखना पड़ता है और नीरा राडिया से रिश्ता एक न्यूज सोर्स के अलावा कुछ और नहीं था. बरखा ने पूरी बहादुरी से अपनी बात रखी. उन्हें पीड़ा इस बात की थी कि लोग जानबूझकर उन्हें ही ज्यादा निशाना बना रहे हैं और बिना उनका पक्ष लिए कुछ भी छाप दे रहे हैं.

बरखा से सवाल-जवाब का वीडियो देखें

नीरा राडिया से बातचीत के टेप जारी होने के बाद सवालों के घेरे में आईं बरखा दत्त से कई सवाल पूछे गए. ये सवाल सीबीआई ने नहीं बल्कि संपादकों ने पूछे. खुद एनडीटीवी के प्लेटफार्म पर. अपने आप में यह एक ऐतिहासिक शो कहा जाएगा. एनडीटीवी की सीनियर मैनेजिंग एडिटर सोनिया ने इस शो का …

बरखा दत्त अपने ही चैनल के पर्दे पर बेपर्दा

आलोक तोमरटेलीविजन मीडिया की सुपर स्टार बरखा दत्त को बचाने के लिए उनके चैनल एनडीटीवी ने भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में पहली बार अपने ही किसी पत्रकार का अपने ही पर्दे पर कोर्ट मार्शल करवाया और सच यह है कि इस कोशिश से बरखा दत्त को और अधिक अपमान का सामना करना पड़ा। बरखा दत्त किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दे पाई और आखिरकार उन्होने सवाल करने वालों से ही सवाल करने शुरू कर दिए। चैनल उनका था, कार्यक्रम संचालित कर रही देवी जी उनके अधीन काम करती हैं और संपादकों का जो पैनल बरखा से पूछताछ करने बैठा था उसमें वे मनु जोसेफ भी थे जिन्होंने ओपेन मैग्जीन के जरिए नीरा राडिया और बरखा के टेप उजागर किए हैं।

मीडिया की नपुंसक संस्थाएं

अखिलेश जिस राडिया प्रकरण को लेकर देश दुनिया मे भारत की भद्द पिट रही है, उस प्रकरण को सरकार का भ्रष्टाचार माना जाये या मीडिया में अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार, क्योंकि इस राडिया प्रकरण ने भारतीय मीडिया और उसके बड़ी मूंछ वालों की कलई खोल दी है।  लेकिन शुक्र है राडिया प्रकरण की, जिसने यह भी साबित कर दिया है कि जिस बड़े पत्रकारों का नाम जप कर नए व पुराने मीडियाकर्मी अघाते नहीं थे, वे पूंछ उठने के बाद मादा निकल गए।

राडिया की प्रेत साया से रतन टाटा और बरखा दत्त को बचाने का महाअभियान!

टेप कांड का कहर जारी है. डैमेज कंट्रोल में लगे हैं माननीय और माननीया लोग. रामनाथ गोयनका का धारधार एक्सप्रेस समूह धीरे धीरे धार खोता नजर आ रहा है. इंडियन एक्सप्रेस जिस तरह से रतन टाटा के बचाव में उतरा है, उससे शक होने लगा है कि इस समूह की मंशा कहीं 2जी स्कैम के लपेटे में आ रहे उद्यमियों को बचाने की तो नहीं है. शेखर गुप्ता ने रतन टाटा से विस्तृत बातचीत की. इस बातचीत को एनडीटीवी ने तो जमकर दिखाया. इस बातचीत में रतन टाटा ने टेपों के लीक होने को गलत बताया है, टेप सुने जाने को निजता का हनन कहा है, टेपों के आधार पर दूसरों को सवालों के घेरे में लेने को खराब कहा है.

जहांगीर, राहुल, राजदीप, श्रीधरन, सुकुमार से नीरा राडिया की बातचीत के टेप

आयकर अधिकारियों की मानें तो नीरा राडिया की अन्य लोगों से बातचीत के करीब 6000 टेप हैं जिनमें से करीब एक हजार टेप लीक हुए हैं. सोचिए, बाकी पांच हजार टेपों में किन-किन की बातचीत कैद है. काश, वो भी लीक हो जाते. पर ऐसा भी नहीं है कि नीरा राडिया से जिसने बात कर ली या नीरा को जिसने फोन कर लिया या नीरा ने जिसको फोन कर लिया, वे सबके सब दलाल ही हैं. नीरा के टेप लगातार रिकार्ड किए गए हैं, सो, कई ऐसे लोगों से बातचीत भी लीक हुई है जिस बातचीत में कुछ खास नहीं है. जैसे राजदीप सरदेसाई को ही ले लें.

ये हैं वेणु साहब, तब ईटी में सीनियर एडिटर थे, अब एफटी के एमई हैं

: इन पांच टेपों में कई मुद्दे डिस्कस किए हैं राडिया और वेणु ने : राडिया ने झारखंड और मधु कोड़ा से संबंधित कहानी बयान की : ये हैं वेणु साहब. पूरा नाम है एमके वेणु. वे तब दी इकानामिक टाइम्स के सीनियर एडिटर थे जब उनकी नीरा राडिया से ये बातचीत रिकार्ड की गई. इन दिनों वे इंडियन एक्सप्रेस समूह के दी फाइनेंसियल टाइम्स के मैनेजिंग एडिटर हैं. बहुत ढेर सारे मसलों पर वेणु साहब राडिया से लगातार बतियाते रहे, अपनी राय देते रहे. राडिया कई स्टोरीज पर वेणु की राय लेती हैं, इंडस्ट्री से जुड़े ढेर सारे मुद्दों पर बातचीत करती हैं.

ये हैं गनु, ईटी वाले, अखबार की पूरी राजनीति नीरा राडिया को बताते थे

शार्ट नेम है गनु. पूरा नाम है गनपति सुब्रमण्यम. नीरा राडिया से बातचीत के दौरान ये दी इकानामिक टाइम्स में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हुआ करते थे. ये नीरा राडिया को खुलकर बताते थे कि कौन खबर कहां और कब जा रही है. इनकी नीरा राडिया से बातचीत के कई टेप लीक हुए हैं. इनमें से 11 टेप हम आपको यहां सुना रहे हैं. नीचे दिए गए आडियो प्लेयरों पर एक-एक पर क्लिक कर सुनते जाएं. टाइम्स ग्रुप के प्रवक्ता का कहना है कि गनु के नीरा से रिश्ते की आंतरिक जांच कराकर इन्हें दोषी पाए जाने पर दंडित किए जाने की कार्यवाही की जाएगी.

इंडिया टुडे के मैनेजिंग एडिटर शंकर अय्यर की नीरा राडिया से बातचीत

नीरा राडिया मुंबई और दिल्ली के कई बड़े संपादकों के संपर्क में रहती थी. प्रभु चावला, बरखा दत्त और वीर सांघवी से नीरा राडिया के बातचीत के टेप आप पहले ही सुन चुके हैं. अब आप सुनिए नीरा राडिया से शंकर अय्यर की बातचीत के पांच टेप. जिन दिनों यह बातचीत रिकार्ड की गई, उन दिनों शंकर अय्यर इंडिया टुडे मैग्जीन के मैनेजिंग एडिटर हुआ करते थे.  नीरा राडिया और शंकर अय्यर की बातचीत में भी केंद्र में सरकार बनने को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है. राडिया कई चीजें शंकर से पूछती है तो कई चीजें बताती भी है. राडिया के बातचीत के अंदाज से हर बार यही लगता है कि वह इन संपादकों से कुछ जानना चाहती है, बातों बातों में, कुछ नई सूचनाएं हासिल करना चाहती है. शंकर अय्यर और नीरा राडिया के बीच हुई बातचीत सुनने के लिए नीचे दिए गए आडियो प्लेयर पर क्लिक करें…

आईएएस सुनील अरोड़ा और नीरा राडिया के बीच बातचीत

राजस्थान कैडर का आईएएस सुनील अरोड़ा जो पूर्व मुख्यमंत्री का पीएस भी रह चुका है, नीरा राडिया के लिए बहुत कुछ करता रहता था. राजस्थान में जमीन के कई मामलों को नीरा राडिया के लिए सुनील अरोड़ा ने ही हैंडल किया. ये जो टेप नीचे है, इसमें सुनील अरोड़ा सुबह नीरा राडिया को रिंग करता है. नीरा राडिया का रिंग टोन है– पल पल पल पल…. नीरा फोन उठाती है तो सुनील केंद्र में सरकार बनने को लेकर बातचीत शुरू करता है और फोन की घंटी से आंख खोलने वाली नीरा राडिया तुरंत केंद्र में सरकार बनवाने की राजनीति बतियाने लगती है. इस बातचीत में सुनील अरोड़ा भी अपनी विशेषज्ञता दर्शाते हैं कि प्रफुल्ल पटेल का किस प्रकार मंत्री बनना तय है. पूरी बातचीत सुनिए.

नीरा और कनिमोझी के कुछ गजब खेल, सुनें ये टेप

नीरा-कनिकनिमोझी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके के नेता एम करुणानिधि की दूसरी शादी से हुई पहली बेटी है। बुढ़ापे की संतान के प्रति पिता का प्रेम बहुत है और कनिमोझी भी पिता के राजनैतिक संकटों से सुलझने के लिए दिल्ली में दादागीरी से ले कर जोड़ तोड़ में लगना कोई बुरी बात नहीं मानती। प्रवर्तन निदेशालय ने तो अपने आपको बेदाग और कानून का आदर करने वाली करार दे रही सुपर दलाल नीरा राडिया अपनी सेवाएं बेचने के लिए तैयार थी हीं। अखबारों और टीवी चैनलों पर भी वे मतलब की अफवाहे चलवा रही थी। वार्तालाप का ये हिस्सा आपका ज्ञान कुछ बढ़ाएगा-

रतन टाटा और नीरा राडिया के बीच का घनचक्कर

: अंतरंग बातचीत के अन्य टेप सार्वजनिक न हो जाएं, इससे घबराए हुए हैं टाटा : प्रशांत भूषण का कहना है कि कोई निजी बातचीत नहीं है, सब धंधेपानी का मामला है : रतन टाटा 74 साल के हैं। रिश्ते में टाटा उद्योग समूह के संस्थापक जमशेद जी टाटा के पोते लगते हैं। इनकी कभी शादी नहीं हुई। नीरा राडिया के साथ फोन पर सात समुंदर पार से भी हुई उनकी फोन बातचीत के जो अंश सामने आए हैं उनमें ब्लैक क्राउन, स्विमिंग पुल और चांदनी रात में डिनर आदि का काफी वर्णन है। इससे समझा जा सकता है कि रतन टाटा सर्वोच्च न्यायालय क्यों गए हैं और क्यों उन्हें डर लग रहा है कि उनकी निजी बातें सामने नहीं आ जाए?

टोनी-राडिया ने भाजपा तक को फिक्स कर दिया था

आलोक तोमर: अरुण शौरी ने जो कहा और सुना : अरुण शौरी से बड़े बड़े नहीं निपट पाए। इंदिरा गांधी नहीं निपट पाईं, राजीव गांधी नहीं निपट पाएं और जब झगड़ा हो गया था तो महाबली रामनाथ गोयनका भी नहीं निपट पाए थे। अब भाजपा के सबसे हास्यास्पद चरित्र वैंकेया नायडू अरुण शौरी को निपटाने में लगे है और अब तक का इतिहास गवाह है कि शौरी को निपटाने वाले निपट जाते है।

When journalists turn brokers

[caption id="attachment_18701" align="alignleft" width="80"]कुलदीप नय्यरकुलदीप नय्यर[/caption]Credibility is like virginity. It either exists or does not. Unfortunately, some top names in Indian journalism have lost their credibility. In the few cases that are in the public domain, they have been found lobbying for the scam-ridden A. Raja. Transcripts of tapped telephone talks by the income-tax department have revealed the manner in which these journalists were throwing their weight around, trying to get the “right” minister from the “right” party.

जागरण की हजार कापी लेकर बंटवा दो : नीरा राडिया

: नीरा राडिया और उसकी कंपनी वैष्णवी कम्युनिकेशंस में काम करने वाले दलजीत के बीच बातचीत : नीरा राडिया किस कदर मीडिया वालों को मैनेज करने में तत्पर रहती थी और रिजल्ट अनुकूल न आने पर कैसे अपने अधीनस्थों की क्लास लेती थी, यह सब इस टेप को सुनकर जाना जा सकता है. इस टेप में नीरा राडिया अपने क्लाइंट के पक्ष में खबर छापने वाले दैनिक जागरण की हजार प्रतियां मंगाने और उसे बंटवाने को कहती है. अन्य अखबारों को मैनेज करने को कहती है. कुछ अखबारों में खबर न छप पाने पर नाराजगी जाहिर करती है. लीजिए, पूरी बातचीत को सुनिए.

कायर, बूढ़े, अटके हुए लोग और ओशो का यह भाषण

यशवंत सिंहमन कुछ खिन्न सा है. सा क्यों, खिन्न है. बल्कि कहूं कि बेहद क्षुब्ध है, तो ज्यादा सही होगा. अंबानी, टाटा, राडिया, बरखा, वीर, प्रभु, मीडिया, टेप लीक, पदमश्री, नैतिकता, पत्रकारिता, दिग्गज, राजनीति, कारपोरेट, भ्रष्टाचार, 2जी स्पेक्ट्रम, कामनवेल्थ, सीबीआई, केंद्र सरकार, दबाव, जांच, नाटक, सुप्रीम कोर्ट, जनता, सत्ता, कारपोरेट, चुप्पी, भ्रष्टाचार, भविष्य, देश, विश्व, मानव…

Lobbying, crime and truth

Amitabh ThakurTough I have previously made some critical comments on the role of Vir and Barkha in the Bira Radia tape episode but today, I read the defence/ statement of the three big journalists Vir, Barkha and Prabhu Chawla who are finding their names making headlines (for wrong reasons) in the infamous Nira Radia tapes controversy and a different way of thinking started emerging. As we all know, the issues erupted initially in May 2010 when for the first time the Internet got flushed with supposedly leaked Top-secret documents of a senior police official.

Is Lobbying Public Relations?

Corporate Lobbyist, Nira Radia who owns companies such as ‘Ne U Com Consultancy’, which advises Reliance Industries and ‘Vaishnavi Corporate Communications’ which deals with the Tata Group, was quizzed recently both by the Enforcement Directorate, CBI for her alleged role in 2G Spectrum and License allocation scam. Ms. Radia’s questioning mainly revolved around her role as lobbyist for her high profile clients with interests in telecommunications and also her role in bringing foreign investment into telecom firms in India. There has been an intensive and interesting debate on this issue over e-discussion groups and also media.  Some of the observations of these groups are as follows:

और बरखा दत्त के बचाव का सिलसिला जारी

बरखा दत्त - नीरा राडिया: एक आलेख के जरिए टेपों पर बरखा दत्त ने रखा अपना पक्ष : नीरा राडिया के साथ बातचीत कर वरिष्ठ व चर्चित पत्रकार बरखा दत्त भी विवादों में घिरी हैं. नीरा से बातचीत के टेपों के सार्वजनिक होने के बाद पहले एनडीटीवी समूह ने बरखा दत्त का बचाव किया लेकिन सवालों व संदेहों की संख्या जयादा होते देख और मामले के तूल पकड़ते देख अब खुद बरखा दत्त अपने बचाव में मैदान में उतर पड़ी हैं. उन्होंने एनडीटीवी डॉट कॉम पर पूरे प्रकरण, आरोपों व घटनाक्रम को लेकर अपना लंबा-चौड़ा पक्ष रखा है. पत्रकारिता का नियम यह है कि अगर आरोपी अपने बचाव में कुछ कहता है तो उसकी बात को उतनी ही गंभीरता से सुना जाना चाहिए जितनी गंभीरता से उस पर लगाए गए आरोपों को सुना जाता है. लीजिए, बरखा दत्त की बात को सुनिए और उनके कहे के मर्म को बूझिए.

Glamour is not credibility

[caption id="attachment_18678" align="alignleft" width="66"]टीजेएस जार्जटीजेएस जार्ज[/caption]: Lessons for Vir & Barkha from Prem & Nikhilda : Journalism started going astray with the birth of financial dailies in the 1960s. With full-fledged newspapers devoted exclusively to business, corporate houses became hyperactive. The next thing we knew was press conferences ending with gifts of expensive sarees and suitlengths to reporters. That was innocent child play compared to what has hit the headlines now – charges of celebrity journalists working hand in hand with a professional lobbyist to fix things like cabinet appointments and big-ticket business deals.

वीर सांघवी के करियर का अंत शुरू

वीर सांघवी और नीरा राडियाहालांकि दलालों का जीवन किसी करियर का मोहताज नहीं होता और दलालों का कोई करियर भी नहीं होता क्योंकि दलाली अपने आप में इतना बड़ा भारी काम होता है कि एक काम हो जाने के बाद कइयों के लिए तो कई सालों तक और कुछ के लिए कई पुरखों तक खाने-पीने का इंतजाम हो जाया करता है, फिर भी, कुछ लोग अपने को बड़ा और महान पत्रकार कहलाते नहीं थकते, और, उन्होंने अपने बड़प्पन की उंचाई कथित करियर के जरिए तय की हो तो उनके करियर के खात्मे की शुरुआत पर चर्चा करना लाजिमी है.

मीडिया पर भड़के रतन टाटा

मुम्बई। उद्योगपति रतन टाटा ने कार्पोरेट घरानों के लिए लॉबिंग करने वाली नीरा राडिया और उसकी उद्योगपतियों, प्रभावशाली राजनेताओं, पत्रकारों के साथ बातचीत की टेप के लीकेज को मीडिया उन्माद करार दिया है। टाटा का कहना है कि राडिया के साथ बातचीत का तथाकथित टेप महज परदा है जिसकी आड़ में इस खेल के बड़े खिलाडियों को बचाया जा रहा है। उन्होंने मीडिया को इस मसले को अघिक तवज्जो देने का आरोप लगाया।

Nira Radia Episode and the Foreign Press

अमिताभThe Indian Media is strangely silent about the Nira-Barkha-Vir episode, as if nothing of substance has happened. We cannot deny the fact that we have a very large and extremely vibrant media in our country which believes in having a hugely pro-active and somewhat hyper-reactive attitude towards anything sensational. Hence, when the same media starts ignoring news which are otherwise of great significance and also have a huge potential of being eye-catchers then other people start suspending of the entire episode.

वीर, बरखा, राजदीप, प्रभु अपनी संपत्ति बताएं

: लोकतंत्र के चौथे खंभे (पत्रकारिता) को सूचना के अधिकार के दायरे में लाने के संदर्भ में आरटीआई एक्टिविस्ट अफरोज आलम साहिल का एक खुला पत्र : सेवा में, महोदय, मैं अफ़रोज़ आलम साहिल। पत्रकार होने के साथ-साथ एक आरटीआई एक्टिविस्ट भी हूं। मैं कुछ कहना-मांगना चाहता हूं। मेरी मांग है कि लोकतंत्र के चौथे खंभे यानी मीडिया को सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के दायरे में लाया जाए। लोकतंत्र के पहले तीनों खंभे सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के दायरे में आते हैं। यह कानून कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका तीनों पर लागू होता है। इसका मक़सद साफ है कि लोकतंत्र को मज़बूत किया जा सके।

झूठ बोल रहे हैं रतन टाटा?

अनंत झापिछले दिनों टाटा समूह के सर्वेसर्वा रतन टाटा ने यह कह कर सनसनी फैला दी थी की उनसे एयरलाइंस व्यवसाय में कदम रखने के दौरान किसी केन्द्रीय मंत्री ने रिश्वत की मांग की थी जो उन्होंने नहीं दी और उसी के कारण टाटा सन्स (टाटा समूह की वास्तविक कंपनी) ने एयरलाइंस के कारोबार से तौबा कर ली. हालाँकि मीडिया में इस खबर के आने के बाद रतन टाटा ने अपनी और से सफाई भी दी की उनसे किसी मंत्री ने सीधे तौर पर रिश्वत नहीं मांगी थी.

टाटा से बोली राडिया- राजा तो कनिमोझी के पीछे पागल है

[caption id="attachment_18663" align="alignleft" width="94"]आलोक तोमरआलोक तोमर[/caption]टाटा घराने को आम धारणा में काफी बेदाग और ईमानदार उद्योग समूह माना जाता है। मगर नीरा राडिया की दलाल सेवाएं लेने की जरूरत रतन टाटा को भी पड़ गई। वैसे नीरा राडिया भी कच्ची गोलियां नहीं खेली है और रतन टाटा के बारे में काफी कुछ जानती है। रतन टाटा जानते हैं कि नीरा जानती है इसलिए दुनिया के कोने कोने से नीरा राडिया को फोन कर के गप लड़ाते रहते हैं।

पत्रकारिता के महाबलियों की नैतिकता!

आलोक तोमरप्रणय रॉय बरखा के लिए और वीर सांघवी अपने लिए कह रहे हैं कि उन्होंने तो पत्रकारिता के उस धर्म का पालन किया था जिसमें सूत्रों से जानकारी लेना कोई गुनाह नहीं होता और बातचीत में अपने पास जो जानकारी है वह भी बतानी पड़ती है। यह बात अलग है कि छैल छबीली बरखा दत्त और रसिया वीर सांघवी की जो बातचीत हमारे पास हैं वह दलाली और शुद्व दलाली का है। सुहेल सेठ की बातचीत का वर्णन अभी तक इसलिए नहीं किया क्योंकि सुहेल दलाल है और उन्हें अपने आपको फिक्सर कहने में कोई दिक्कत पेश नहीं आती।

मीडिया से बच रही हैं नीरा राडिया

: डेढ़ घंटे पहले पहुंची ईडी आफिस : नौ घंटे तक अधिकारियों ने की पूछताछ : कई सवालों के नीरा राडिया ने लिखित जवाब दिए : पूछताछ के लिए फिर बुलाया जा सकता है : कॉरपोरेट घरानों के लिए लॉबिंग करने वाली नीरा राडिया सरकारी एजेंसियों के हत्थे चढ़ गई हैं. बुधवार को उनसे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमकर पूछताछ की. पूछताछ करीब सात से नौ घंटे तक चली. उनसे 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले, पत्रकारों से रिश्ते आदि को लेकर सवाल पूछे गए. प्रवर्तन निदेशालय के उप निदेशक प्रभाकांत ने बताया कि नीरा राडिया ने टेलीकॉम कंपनियों से लेन-देन से संबंधित कई दस्तावेज दिए हैं.

टाइम्स और दैनिक भास्कर को ऐसे खरीदा…

आलोक तोमर: रतन टाटा और नीरा राडिया की बातचीत का टेप : प्रभु चावला ने सफाई दी हैं कि उन्होंने नीरा राडिया के साथ अपनी तेरह मिनट की बातचीत में टू जी स्पेक्ट्रम नीलामी के बारे में कोई बात नहीं की। दलाल कुल शिरोमणि प्रभु चावला कहते हैं कि नीरा ने तो उन्हें उनका ज्ञान जानने के लिए फोन किया था। इसके सबूत में उन्होंने वही बातचीत फिर भेज दी है जो हम पहले ही प्रकाशित कर चुके हैं।

एसपी होते तो पत्रकारों के टेप चलते या धूल खाते?

[caption id="attachment_18649" align="alignleft" width="79"]सुधांशु चौहानसुधांशु चौहान[/caption]मुझे एसपी से मिलने या काम करने का अवसर कभी नहीं मिला, क्योंकि जब मैं धरती पर आया तबतक एसपी जा चुके थे। मैंने बस उन्हें तस्वीरों में देखा है और उनसे मुतल्लिक कई बातें सुनी हैं। जहां तक मुझे लगता है, उनके जाने के बाद न तो उनकी जगह कोई नहीं ले पाया और शायद कोई ले भी नहीं पाएगा।  एसपी के कुछ कट्टर विरोधी लोग भी मीडिया में हैं। उन्हीं में से किसी के मुंह से कुछ बातें सुनने के बाद लिखने को मजबूर हुआ।

Barkhagate – Radia Tapes & The Indian Media

: वीडियो देखें, हिटलर के बहाने बूझें : राडिया कांड की मार बड़ी तगड़ी पड़ी है. बड़े बड़े मीडिया हाउसों,  बड़े बड़े नामों से लोगों का भरोसा उठ गया है. मीडिया हाउसों के खिलाफ पोलखोल अभियान शुरू हो चुका है. यह काम अलग-अलग लोग अलग-अलग मंचों पर कर रहे हैं. इन्हीं में से कुछ लोगों ने एक वीडियो तैयार किया है. बेहद क्रिएटिव तरीके से तैयार इस वीडियो के जरिए बहुत कुछ समझ में आ जाता है. इस वीडियो खूब देखा जा रहा है. ”बरखागेट” नामक इस वीडियो में इशारों इशारों में बहुत कुछ कहा गया है. वीडियो में दृश्य हिटलर और उनके सेनापतियों के हैं लेकिन वीडियो के नीचे जो डायलाग चल रहे हैं, वे नीरा राडिया कांड, भारतीय मीडिया, बड़े मीडिया हाउसों व दलाली में फंसे बड़े पत्रकारों से संबंधित हैं. इन डायलागों को हिटलर व उनके सेनापतियों के दृश्य, बयान से संकेतों में जोड़ा गया है. वीडियो को जारी करने वाले समूह ने कुछ यूं अपील की है- Not since the Emergency of 1975-1977 has the media in India been so compromised. The media is censoring the news instead of reporting it. Joint the movement at www.facebook.com/indiamediawatch

इन टेपों में वीर सांघवी ने सोनिया गांधी की चाभी अपने पास होने का दावा कर दिया

आलोक तोमर: वीर सांघवी के नीरा राडिया से बातचीत के कई और टेप जारी : देश के बड़े-बड़े मुद्दों पर ये ऐसे बात करते हैं जैसे सब कुछ इनके इशारे पर होता है : दलाली के टेपों ने मीडिया जगत में मचाई खलबली : वीर सांघवी मुंबई के रईस परिवार के बेटे हैं और पत्रकारिता में 22 साल की उम्र में संपादक बन गए थे। अब पचास से ज्यादा के हैं लेकिन रंगबाजी और कभी टीवी चैनलों में से किसी के लिए तो कभी शुद्ध दलाली वाले कॉलमों के लिए दुनिया के कोने-कोने में घूमते रहते हैं। इसके बावजूद जयपुर में हों या गोवा में, महादलाल नीरा राडिया के लिए मुकेश अंबानी की सेवा करने का वक्त निकाल लेते हैं। हमारे पास वीर सांघवी जैसे सफल पत्रकार के दलाली से जुड़े आठ टेप हैं। एक-एक कर के आपको पढ़वाएंगे भी और सुनवाएंगे भी। देखते जाइए कि हमारी पत्रकारिता के महानायकों के असली चेहरे कितने बदसूरत हैं। लीजिए आठ में से कुछ टेपों में हुई बातचीत के ट्रांसक्रिप्ट को पढ़िए और फिर सभी आठों टेपों को एक-एक करके सुनते जाइए-

इस टेप को सुनने के बाद तो हर कोई कहेगा- प्रभु चावला दलाल है!

आलोक तोमर: नीरा राडिया से प्रभु चावला की बातचीत का टेप जारी : अब किसी को संदेह नहीं रह जाएगा कि प्रभु चावला दलाल है. मीडिया के लोग तो पहले से जानते थे लेकिन देश की जानता अब जानेगी.  बड़े लोग फोन पर कैसी कैसी बातें करते हैं, देश-संविधान-समाज को लेकर कितनी गंदी-गंदी बातें करते हैं, ये सब जानना हो तो नीचे दिए गए आडियो प्लेयर पर क्लिक करके उसे सुनें. हालांकि उस बातचीत के काफी अंशों को हमने ट्रांसक्रिप्ट कर दिया है, सो उसे पढ़ भी सकते हैं लेकिन आपको यकीन तभी आ सकेगा जब आप आडियो सुनेंगे, नीरा-प्रभु की बातचीत सुनेंगे. पूरा देश जानता था कि प्रभु चावला दलाल हैं, उन्हें प्राथमिक कक्षा के बराबर अंग्रेजी आती है, पत्रकारिता के नाम पर वे पचास धंधे करते हैं मगर इंडिया टुडे के चेयरमैन अरुण पुरी को यह कहानी देर मे समझ में आई. सुपर दलाल नीरा राडिया और सफल दलाल प्रभु चावला के बीच बातचीत का जो ये एक टेप हमारे पास है वो अब कई जगहों पर घूम-टहल रहा है. इस टेप के माध्यम से आप प्रभु चावला की घटिया अंग्रेजी को सुनने का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. पूरी कहानी और पूरी बातचीत पेश है.

डाक्टर प्रणय रॉय को दलाली से कोई फर्क नहीं पड़ता!

आलोक तोमर: प्रणय की बरखा में कीचड़ ही कीचड़ : एनडीटीवी और उनके मुखिया प्रणय रॉय की क्या मजबूरी है ये तो वे ही जानते होंगे मगर बरखा दत्त को बचाने के मामले में जो बेशर्म बयान एनडीटीवी ने अपनी वेबसाइट पर दिया है वह नहीं ही दिया जाता तो बेहतर होता। इस बयान के पहले तक तो सिर्फ संदेह था मगर अब किसी के दिमाग में शक बाकी नहीं बचा है कि प्रणय रॉय को दलाली से कोई फर्क नहीं पड़ता। भांति भांति की सौंदर्य मुद्राएं बिखेरने वाली और अपने आपको संवेदनशील पत्रकार साबित करने में हर कोशिश करने वाली बरखा दत्त के बारे में एनडीटीवी ने धमकी के अंदाज में लिखा है- ”बरखा दत्त सारे पत्रकारों की तरह हर तरह के लोगों से मिलती हैं और बात करती हैं। इन बातों को संदर्भ से हटा कर देखना अपने आपमें गलत है और अनैतिक है।”

बरखा और वीर आज उसी कटघरे में खड़े हैं

अमिताभ ठाकुरअंग्रेजी में एक कहावत है- “फीट ऑफ क्ले” (जो कुछ हद तक हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और से मिलता-जुलता माना जा सकता है). इसी प्रकार एक हिंदी कहावत है छुपा रूस्तम. कुछ ठेठ भाषा में देहात वाले कहते हैं- “बांवन हाथ का अंतरी.” रंगा सियार एक इसी प्रकार का दूसरा मुहावरा है. नीरा राडिया, बरखा दत्त तथा वीर संघवी की बातचीत के टेप मुझे ये सारी लोकोक्तियाँ और मुहावरे याद दिला दे रहे हैं. एनडीटीवी और वीर सांघवी की तरफ से आए बयान और कुछ साबित करें या न करें, इन टेपों के सही होने की बात साबित कर देते हैं. इन दोनों में से किसी ने भी इन टेपों को गलत नहीं ठहराया है. आज से करीब चार-पांच महीने पहले जो शासकीय दस्तावेजों की छाया-प्रतियाँ बड़ी तेजी से सामने आई थीं वे भी इसी ओर इशारा करती हैं.

बरखा और वीर… हमें आपसे सफाई नहीं चाहिए!

मयंक सक्सेनालेख के शीर्षक से ज़रा भी हैरान न हों क्योंकि हम जो नई पीढ़ी से आते हैं, अपनी पिछली पीढ़ी के कुत्सित सचों से अब ज़रा भी हैरान  नहीं होते हैं। हम जानते हैं  कि वो जो कहते हैं, जो दिखते  हैं और जो करते हैं उसमें  एक परस्पर विरोधाभासी अंतर है और हम उनको इसके लिए माफ़ नहीं करते हैं पर उनसे सफाई भी नहीं चाहते हैं। हमें पता है कि मूर्ति पूजन का कोई मतलब नहीं है क्योंकि इन सबकी मूर्तियां समय अपने आप ध्वस्त करता जा रहा है फिर चाहें वो बड़े पत्रकार हों, महान समाजसेवी या फिर वो नेता ही क्यों न हों। और एक ऐसे युग में जब सूचना प्रकाश से तेज़ गति से चलती हो, बरखा दत्त या वीर सांघवी किसी के भी सच हमसे छुपे नहीं रह सकते हैं और हम जानते हैं कि कोई भी जो चीख-चिल्ला कर दूसरों से सवाल पूछ रहा हो, उसके अपने भेद ब्लैक होल सरीखे गहरे हो सकते हैं।

वीर सांघवी ने नीरा राडिया मुद्दे पर मुंह खोला

वीर सांघवी और नीरा राडिया: अपने ब्लाग पर अपना पक्षा रखा : बरखा दत्त – नीरा राडिया बातचीत प्रकरण में बरखा दत्त खुद सामने नहीं आईं बल्कि उनका बचाव एनडीटीवी समूह के सीईओ ने किया. उधर, वीर सांघवी ने अपना बचाव खुद ही करना शुरू कर दिया है. उन्होंने ओपेन मैग्जीन समेत कई जगहों पर उनके व राडिया के बीच बातचीत के टेप प्रसारित होने के तुरंत बाद अपने ब्लाग पर सफाई दी. शीर्षक है-  ”My response to the Radia transcripts”. अपनी सफाई में सांघवी ने कहा है कि इस बातचीत में ऐसा कहीं कुछ नहीं है जिससे साबित होता हो कि उन्होंने किसी के लिए लाबिंग की हो. और भी बहुत कुछ कहा है लिखा है लेकिन लिखते लिखते वे कुतर्क करते हुए दिखने लगते हैं. यकीन न हो तो खुद पढ़ लीजिए. उनके ब्लाग पर प्रकाशित उनके पक्ष को साभार लेकर हम यहां नीचे प्रकाशित कर रहे हैं.

बरखा के बचाव में उतरा एनडीटीवी समूह

बरखा दत्त - नीरा राडिया: बरखा को बुरा कहने वालों को एनडीटीवी समूह के सीईओ ने धमकाया : बरखा दत्त – नीरा राडिया वार्ता प्रकरण तूल पकड़ रहा है. इस टेप व प्रकरण को ओपेन मैग्जीन ने कवर स्टोरी के रूप में प्रकाशित किया है. इससे एनडीटीवी ग्रुप कुपित हो गया है. इस ग्रुप के सीईओ व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर नारायन राव ने एक बयान जारी कर न सिर्फ बरखा दत्त का बचाव किया है बल्कि बरखा-राडिया की बातचीत के आधार पर बरखा को लाबिस्ट कहने पर आपत्ति जताई है. उनका मानना है कि किसी पत्रकार को हर तरह की पृष्ठभूमि के लोगों से बात करना पड़ता है, सो, इसका मतलब यह तो नहीं कि वह दलाल है. नारायण राव ने धमकी दी है कि जो बरखा दत्त को लाबिस्ट उर्फ दलाल कहेगा, उसे उचित कार्रवाई झेलना पड़ सकता है. एनडीटीवी डॉट कॉम पर प्रकाशित नारायण राव का पूरा बयान इस प्रकार है-

ये हैं वीर सांघवी और नीरा राडिया के बीच बातचीत के तीन टेप

[caption id="attachment_18590" align="alignleft" width="151"]वीर सांघवी और नीरा राडियावीर सांघवी और नीरा राडिया[/caption]बरखा दत्त के बाद अब नीरा राडिया और वीर सांघवी के भी बातचीत का टेप जारी हो चुका है. भारतीय मीडिया के इतिहास का यह काला प्रकरण है. बाजारीकरण ने जिस कदर संस्थाओं को भ्रष्ट बनाया है और नष्ट किया है, उसका यह प्रकरण मिसाल है. अब मीडिया पर कोई क्यों भरोसा करे, कोई कारण समझ में नहीं आता. उन्हीं लोगों ने इन संस्थाओं को बाजार का रखैल बना दिया जिनके कंधों पर इसकी पवित्रता व शुचिता की जिम्मेदारी थी. कुख्यात दलाल नीरा राडिया और वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी के बीच बातचीत के टेप यूट्यूब पर अपलोड हैं जिसे हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं. नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक करे बातचीत को सुनें. कुल तीन वीडियो हैं जिसमें सिर्फ आवाज है. -यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया

इस देश, इस लोकतंत्र को दलाल चला रहे

आलोक तोमर: भारत में दलाल मेव जयते! : बरखा दत्त और वीर सांघवी ने भरोसा तोड़ा है : 1965 के भारत पाकिस्तान युद्व के दौरान दिल्ली के हिंदुस्तान टाइम्स के एक युवा रिपोर्टर ने सीमा पर जा कर रिपोर्टिंग करने की अनुमति मांगी। तब तक पत्रकारिता में ऐसे दिन नहीं आए थे कि लड़कियों को खतरनाक या महत्वपूर्ण काम दिए जाएं। रिपोटर प्रभा दत्त जिद पर अड़ी थी। उन्होंने छुट्टी ली, अमृतसर में अपने रिश्तेदारों के घर गई, वहां सैनिक अधिकारियों से अनुरोध कर के सीमा पर चली गई और वहां से अपने आप रिपोर्टिंग कर के खबरे भेजना शुरू कर दी। लौट कर आईं तब तो प्रभा दत्त सितारा बन चुकी थी।

बरखा दत्त – नीरा राडिया वार्ता (पांच)

बरखा दत्त - नीरा राडिया: DATE 22 May 2009 TIME 19:23:57 : BARKHA: You see, what happened was everybody I know in the Congress was at the swearing in, so I haven’t been able to speak with the top guys, and now I just finished and I am going to make my set of calls.

RADIA: Kani just landed in Chennai. Just now. I just spoke…

BARKHA: Where is Daya? Where is Maran?

बरखा दत्त – नीरा राडिया वार्ता (चार)

बरखा दत्त - नीरा राडिया: DATE 22 May 2009 TIME time 18:09:06 : BARKHA: No, you see Congress’s condition is Baalu should not get surface transport. Not Baalu, DMK should not get surface transport, beyond individuals right?

RADIA: Correct, correct, and they are not individuals. Let me tell you one thing’s for sure, 3 plus 4 was yesterday; because of Maran, they wanted to make it 4 plus 3.

BARKHA: Okay!

बरखा दत्त – नीरा राडिया के बीच बातचीत के टेप, बस थोड़ी देर में भड़ास4मीडिया पर

[caption id="attachment_18587" align="alignleft" width="151"]बरखा दत्त और नीरा राडियाबरखा दत्त और नीरा राडिया[/caption]नीरा राडिया और बरखा दत्त के बीच बातचीत का टेप भड़ास4मीडिया के हाथ लगा है. उसे हम यहां थोड़ी ही देर में जस का तस जारी करने वाले हैं. बातचीत के सभी टेपों (आडियो) को जारी करेंगे. साथ ही टेक्स्ट फार्मेट में भी बातचीत का प्रकाशन किया जाएगा. चूंकि बातचीत अंग्रेजी में है इसलिए टेक्स्ट भी अंग्रेजी में है. बातचीत के पांच टेप हैं. इस बातचीत में नीरा राडिया और बरखा दत्त के बीच वही मुद्दे डिसकस हो रहे हैं, जिनकी चर्चा पहले कई बार विभिन्न पोस्टों में की जा चुकी है और उन्हें पढ़ने के लिए नीचे कमेंट बाक्स के लास्ट में आ रहे शीर्षकों पर एक-एक कर क्लिक कर सकते हैं.

बरखा दत्त और वीर संघवी प्रकरण में सीबीआई क्यों नहीं दे रही सवालों के साफ-साफ जवाब?

बरखा दत्त - वीर संघवीराजा प्रकरण ने कई सफेदपोशों की पोल खोल दी है. मनमोहन भी लपेटे में हैं. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी व सीएजी की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार के बारे में सब कुछ जानकर चुप रहने वाला भी भ्रष्ट है. ईमानदार बनने की कोशिश में रतन टाटा बोल गए कि उनसे घूस मांगी गयी थी लेकिन किसने मांगी थी, ये बताने में वे भी मनमोहन हो गए. इतने बड़े लोग जब भ्रष्टाचार को होते देखकर, खुद इसे झेल-सहकर चुप हैं तो छोटे आदमियों की क्या बिसात.

वीर-बरखा जाएंगे तिहाड़?

बरखा दत्त और वीर सांघवीबड़ा ही अजीब सवाल है। वीर यानी वीर सांघवी- ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के संपादकीय निदेशक, बेहद ऊंचा पद। बरखा यानी बरखा दत्त- ‘एनडीटीवी 24/7 की समूह संपादक, बेहद रसूखदार पद। सवाल यह उठता है कि इन दोनों का तिहाड़ जेल से क्या मतलब। मतलब है, मतलब ही नहीं बल्कि बहुत बड़ा मक़सद है! दरअसल, 2-जी स्पेक्रट्रम घोटाले के सूत्रधारों में इनकी शुमारी काफ़ी मायने रखती है। कथित रूप से दुनिया की सबसे बड़ी दलाल नीरा राडिया की ये दोनों दाएं-बाएं हाथ सरीखे हैं, जो राजनीति के गलियारे में नीरा राडिया की बेलाग इंट्री करवाते हैं।

अब तेरा क्या होगा नई दुनिया?

आलोक तोमरमुकेश और अनिल अंबानी ने सुप्रीम कोर्ट के समझाने पर या यों कहिए, भविष्य को देखते हुए, आपस में हाथ मिला लिया है। दोनों भाई अब मिल कर अलग-अलग कंपनियों के जरिए कारोबार बढ़ाएंगे, साथ ही आपसी होड़ भी कर सकेंगे। मतलब, मुकेश अंबानी जिस फील्ड में काम करते हैं, उस फील्ड में अनिल अंबानी भी खुलकर खेल सकते हैं। अनिल का जो कारोबार-धंधा है, वे धंधे मुकेश भी कर सकते हैं।

मीडिया दलालों के जिक्र पर हंगामा

दलाली पर मीडिया डिबेट का आयोजन तो हो गया लेकिन इस डिबेट में मीडिया वालों ने दलाली में फंसे मीडिया वालों का नाम लेना उचित ना समझा. जितने भी वक्ता थे, सबने नीरा राडिया, ए. राजा. 2जी स्पेक्ट्रम, टेलीकाम स्कैम आदि का उल्लेख बार-बार किया, बाजार को पानी पी-पी कर कोसा, भ्रष्टाचार व दलाली की निंदा करते रहे लेकिन इस क्रम में बरखा दत्त और वीर सांघवी का जिक्र तक नहीं किया गया. सिर्फ एक शख्स ने जिक्र किया पर उनके नाम लेते ही हल्ला मच गया.

60,000 करोड़ नहीं, 70,000 करोड़ का घोटाला

दूरसंचार नियामक (ट्राई) के प्रस्ताव के अनुसार 2जी स्पेक्ट्रम की कीमत 3जी के मुकाबले 1.5 गुना ज्यादा है। ट्राई का यह आकलन दूरसंचार मंत्री ए राजा के लिए और मुश्किलें खड़ी कर सकता है। ट्राई की इन सिफारिशों से राजा के आलोचकों को 2008 में कम कीमत पर दिए गए टेलिकॉम लाइसेंस से सरकारी खजाने को हुए नुकसान की गणना करने का पहली बार पैमाना मिल जाएगा। ये लाइसेंस 2001 में निश्चित की गई कीमत पर दिए गए थे। राजा ने उस समय वित्त मंत्रालय सहित बहुत से पक्षों की इन लाइसेंस की नीलामी करने की राय को नजरअंदाज कर दिया था।

पहले से पता है जी, राजा चोर है जी

एक हफ्ते तक चले आईपीएल-ललित मोदी ड्रामे से जो लोग चूक गए उनके लिए अप्रत्याशित रूप से सामने आने वाला नीरा राडिया का टेप हाजिर है। यह टेप एक ऐसी पीआर पेशेवर की कथित फोन टैपिंग का मामला बताया जा रहा है जो रिलायंस व टाटा जैसी बड़ी कंपनियों के जनसंपर्क का काम देखती हैं। केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी) ने साल 2000 के शुरू में फोन टैप करने की अपनी शक्ति गंवा दी थी। बाद में यह शक्ति आयकर विभाग को हस्तांतरित कर दी गई थी। ऐसा तब हुआ था जब सीईआईबी अधिकारियों को अन्य अधिकारियों की फोन टैपिंग करते पाया गया था।

टाटा – राडिया की बातचीत सुनें

आलोक तोमरटाटा को ब्लैकमेल करने की कोशिश में दयानिधि : रतन टाटा नीरा राडिया का इस्तेमाल कर के द्रमुक कोटे में किसी भी कीमत पर दयानिधि मारन को संचार मंत्री बनने से क्यों रोकना चाहते थे? धीरे धीरे गुप्तचर एजेंसियों के पास इसके सबूत आते जा रहे हैं। दयानिधि मारन करुणानिधि के चचेरे पोते हैं लेकिन उनका यही परिचय नहीं है। मारन परिवार एशिया के सबसे रईस परिवारों में से एक हैं और सन टीवी के अलावा उसके कई दक्षिण भारतीय भाषाओं में सात चैनल, कई एफएम स्टेशन और दिनाकरन नाम का एक अखबार भी है जो दस लाख कॉपी रोज बेचता है।

टेलीकॉम मंत्री राजा के खिलाफ जांच बंद

[caption id="attachment_17450" align="alignleft" width="71"]संदीप ठाकुरसंदीप ठाकुर[/caption]हाई-प्रोफाइल महिला दलाल नीरा राडिया फोन टेप मामले से चर्चा में आए दूरसंचार मंत्री ए. राजा को प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर उनके विभाग तक के आला अधिकारी बचाने में जुट गए हैं। ऊपर से आए मौखिक निर्देश के बाद मंत्री के खिलाफ चल रही सीबीआई और आयकर विभाग ने जांच की रफ्तार बेहद सुस्त कर दी है। ए.राजा के मामले से जुड़ी तमाम फाइलें वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने कब्जे में ले ली हैं।

बड़े पत्रकार, बड़े दलाल

[caption id="attachment_17449" align="alignleft" width="71"]रूबी अरुणरूबी अरुण[/caption]पद्मश्री और एनडीटीवी की ग्रुप एडिटर बरखा दत्त और एचटी के सलाहकार वीर सांघवी. दो ऐसे नाम, जिन्होंने अंग्रेज़ी पत्रकारिता की दुनिया पर सालों से मठाधीशों की तरह क़ब्ज़ा कर रखा है. आज वे दोनों सत्ता के दलालों के तौर पर भी जाने जा रहे हैं. बरखा दत्त और वीर सांघवी की ओछी कारगुज़ारियों के ज़रिए पत्रकारिता, सत्ता, नौकरशाह एवं कॉरपोरेट जगत का एक ख़तरनाक और घिनौना गठजोड़ सामने आया है. देश की जनता हैरान है.

जरूरत है कुछ ऐसे नौजवानों की जो….

[caption id="attachment_14676" align="alignleft" width="85"]यशवंत सिंहयशवंत सिंह[/caption]झूठ से पटे बाजार, भ्रष्टाचारियों से भरी व्यवस्था और मुर्दा शांति से युक्त मीडिया से दो-दो हाथ करने वाले लड़ाकों की तलाश : 60 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की जब वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर चर्चा करते हैं तो कई लोग आंखें फाड़ कर इसे सुनते-पढ़ते हैं. कुछ लोग सवाल पूछते हैं कि आखिर इस घोटाले की चर्चा नेशनल मीडिया, कारपोरेट मीडिया, दिग्गज मीडिया हाउस क्यों नहीं कर रहे?

खशोगी के दोस्त का भी है एक टीवी चैनल

आलोक तोमरजैन टीवी से पैसे देकर परिचय पत्र पाते हैं जिला संवाददाता : दिल्ली से एक टीवी चैनल चलता है जिसके मालिक अंतर्राष्ट्रीय हथियार दलाल अदनान खशोगी से मिलने महागुरु चंद्रास्वामी के साथ अमेरिका जा चुके हैं और खशोगी की भारत यात्रा के दौरान उसके सम्मान में बहुत बड़ी पार्टी भी दे चुके हैं। वे कई बैंकों का पैसा हड़पने का और कई मकानों पर कब्जा करने का मुकदमा भी झेल रहे हैं।

एक महिला नेता के चलते राजा की हुई राडिया

[caption id="attachment_17438" align="alignleft" width="85"]नीरा राडियानीरा राडिया[/caption]”The meeting between Raja and Radia along with the woman MP took place at Taj Mansingh hotel. The room was booked in the name of Radia. ” : दी पायनियर अखबार ने राडिया-राजा प्रकरण पर काफी खबरें प्रकाशित की हैं. इस कम बिकने-दिखने वाले पर ऐतिहासिक अखबार ने राडिया-राजा दलाली प्रकरण के खुलासे में बड़ी भूमिका निभाई.

राडिया दुनिया की सबसे कुख्यात दलाल

[caption id="attachment_17437" align="alignleft" width="82"]एमजे अकबरएमजे अकबर[/caption]80 के दशक में कांग्रेस की छवि चौपट करने वाला बोफोर्स घोटाला 64 करोड़ रुपयों का था, इसकी तुलना में यह 2जी घोटाला 60 हजार करोड़ रुपयों से अधिक का बताया जा रहा है यानी बोफोर्स से हजार गुना : मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी को घोटाले के बारे में पता था, लेकिन सरकार की बदनामी के डर से वे चुप्पी साधे रहे :

राडिया प्रकरण के दस्तावेजों पर आरटीआई

राडिया फोन टेप मामले में कई दस्तावेजों के सार्वजनिक होने, कई पात्रों के नाम उजागर होने, कई अधिकारियों की भूमिका के बारे में जानकारी मिलने और इन पर खबरें प्रकाशित होने के बाद इन सब सूचनाओं की वैधता की जांच के लिए नेशनल आरटीआई फोरम भी सक्रिय हो चुका है. फोरम की कनवीनर डा. नूतन ठाकुर ने जानकारी दी है कि सीबीआई के पब्लिक इनफारमेशन आफिसर को एक पत्र लिखकर इन दस्तावेजों के संबंध में कई जानकारियों मांगी गई है. पूरा पत्र इस प्रकार है-

कई न्यूज चैनलों में है मुकेश अंबानी का पैसा

आलोक तोमररजत शर्मा और राजीव शुक्ला की कंपनियों में भी लगा है पैसा : सबसे पहले एक भूल सुधार। नई दुनिया के छजलानियों ने जो चैनल खरीद कर जी टीवी को बेचा है उसका नाम न्यूज एक्स है, नाइन एक्स नहीं। इसके मालिक भी पीटर मुखर्जी थे, भास्कर घोष नहीं। लेकिन कहानी सनसनीखेज होती जा रही है। नई दुनिया के छजलानी की औकात नहीं कि घाटे में चल रहा एक टीवी चैनल खरीद कर चला सके।

इस हिंदी वेब पत्रकारिता को सलाम

[caption id="attachment_17430" align="alignleft" width="89"]शेष नारायण सिंहशेष नारायण सिंह[/caption]पत्रकारिता के जनवादीकरण का युग : सच्चाई को कम खर्च में आम आदमी तक पहुंचाने का दौर : ये ऐसे अभिमन्यु हैं जो शासक वर्ग के खेल को समझते हैं : वेब मीडिया ने वर्तमान समाज में क्रान्ति की दस्तक दे दी है और उसका नेतृत्व कर रहे हैं आधुनिक युग के कुछ अभिमन्यु. मीडिया के महाभारत में वेब पत्रकारिता के यह अभिमन्यु शहीद नहीं होंगे.

दलाली का राडिया दर्शन

कॉमरेडों से नीरा राडिया के रिश्ते क्या हैं? अपने आपको पूंजीवाद का विरोधी कहने वाले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता नीरा राडिया की ऐतिहासिक दलाली के दस्तावेज पर चुप क्यो हैं? इसलिए कि वे जानते हैं कि बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी और उन्हें नंगा होने में देर न लगेगी। नीरा राडिया के जो फोन टैप हुए हैं उससे पता चला है कि राडिया के प्रकाश करात और मजदूर संगठन सीटू के नेताओं से करीबी संबंध रहे हैं।

रिश्तों और रिश्तेदारों की पत्रकारिता

आलोक तोमरकहानी उलझ रही है या सुलझ रही है यह तो आप तय करे। अपना काम आपको तथ्य बताने का है। पीटर मुखर्जी ने एक टीवी चैनल शुरू किया था। नाम है ’’न्यूज एक्स’’। चैनल बहुत धूम धड़ाके से शुरू हुआ और इसके पहले संपादक थे- वीर सांघवी। उन्हें चैनल में शेयर्स भी दिए गए थे मगर कुछ ही दिनों बाद वहां से चलते बने।

Barkha Vir Tata

[caption id="attachment_17425" align="alignleft" width="119"]अमिताभ ठाकुरअमिताभ ठाकुर[/caption]Some very highly startling revelations have been made in the media in last few days where allegations of very serious nature have come up. They relate to some of the top political persons, industrial houses and media persons. The persons being named in these reports are extremely influential and powerful ones.

‘राडिया जंजाल’ में छजलानीज और पोचा भी!

राडिया राज 11 : छजलानीज नईदुनिया के मालिक, जहांगीर पोचा न्यूज 9X के सीईओ : मुकेश अंबानी की तरफ से राडिया और पोचा देखते हैं चैनल का काम : सिंगूर मामले में सीपीएम नेताओं को भी मैनेज किया है रीडिया ने : सुपर भ्रष्ट मधु कोड़ा ने ज्यादा पैसे मांगे तो उन्हें ठेंगा दिखा राडिया ने राज्यपाल से करा लिया काम :

एनडीटीवी व स्टार के लिए भी धंधा करती थी राडिया

नीरा राडियाराडिया राज 10 : तो इसलिए राडिया मुद्दा नहीं उछाल रहे न्यूज चैनल! : देश का इतना बड़ा घोटाला. कौन मंत्री बनेगा. कौन नहीं बनेगा. किस कारपोरेट हाउस का काम होगा. किसका नहीं होगा. मंत्री, पत्रकार, अफसर शामिल. हजारों करोड़ रुपये का हेरफेर. इस घोटाले की कोई सीमा नहीं है. यह घोटाल राष्ट्रीय होते हुए भी अंतरराष्ट्रीय है. संचार, उड्डयन समेत कई मंत्रालयों में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स को किस तरह और किनके इशारे पर पारित करा दिया जाता है, इसका खुलासा हो चुका है. पर हमारे देश की मीडिया को लकवा मार चुका है. राडिया पर सब चुप्पी साधे हैं. भला हो हेडलाइंस टुडे का जिसने राडिया राजा वार्ता के कुछ अंश को प्रसारित किया. भला हो चैनल वन का जिसने कल सच दिखाने वालों के सच का खुलासा किया. पर ये अपवाद स्वरूप चैनल हैं. बड़े बड़े चैनलों की घिग्घी क्यों बंधी हुई है. क्यों सो रहे हैं स्टार न्यूज वाले? एनडीटीवी वालों को क्या हो गया है?

राडिया-राजा वार्ता : असली टेप सुनें

नीरा राडियाराडिया राज 9 : नीरा राडिया और ए. राजा के बीच बातचीत के कुछ अंश को हेडलाइंस टुडे ने पिछले दिनों प्रसारित किया. कोई और न्यूज चैनल इस मुद्दे को नहीं दिखा-उठा रहा है. क्यों नहीं दिखा-उठा रहे हैं, इस पर बाद में बात करेंगे. पहले आइए आपको सुनाते हैं नीरा राडिया और ए. राजा के बीच बातचीत की असली आवाज, असली टेप.

ये है राडिया और राजा के बीच बातचीत के अंश

राडिया राज 8 : देश की सुपर माडर्न दलाल नीरा राडिया और ए. राजा के बीच बातचीत की रिकार्डिंग के कुछ अंश यहां पेश है. सिर्फ राजा ही नहीं, टेप में डीएमके प्रमुख करुणानिधि की बेटी कनीमोझी से राडिया की बातचीत भी रिकार्ड है. इस बातचीत के कुछ अंश को भी हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं. इस बातचीत में कनीमोझी का जिक्र कनी के रूप में किया गया है और उसने राडिया से कहा है कि दूरसंचार पोर्टफोलियो डीएमके को मिलना चाहिए. यह ट्रांसक्रिप्ट 50 घंटे की रिकॉर्डिंग का छोटा हिस्सा है. कारोबारी संस्थाओं द्वारा हवाला कारोबार किए जाने, रिलायंस समूह द्वारा 53,000 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों का नुकसान किए जाने, यूनीटेक, टाटा आदि के आर्थिक लेन-देन से संबंधित बातचीत भी रिकॉर्ड है. चुने हुए अंश की जगह पूरे टेप को जनता के लिए प्रस्तुत किए जाने की आवश्यकता है ताकि देश को यह पता चले कि अंतरंग पूंजीवाद कैसे काम करता है. भड़ास4मीडिया के पास जितना कुछ उपलब्ध है, उसे प्रकाशित किया जा रहा है. राजा व कनी की नीरा राडिया से यह बातचीत यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में मनमोहन मंत्रिमंडल बनने से कुछ दिन पहले हुई थी.

अखबार मालिक व चैनल सीईओ के नाम भी खोलें

राडिया राज 7 : यशवंत जी, आपने सही सवाल उठाया कि संभव है कि पुण्य प्रसून बाजपेयी को टेलीकाम घोटाले में बरखा दत्त और वीर सांघवी के किसी न किसी रूप में शामिल होने के बारे में पता था और पुण्य प्रसून ने अपने ब्लाग में इन पत्रकारों के नाम क्यों नहीं लिखे. यह सही है कि बतौर पत्रकार पुण्य प्रसून की ईमानदारी पर कोई भी सवाल नहीं उठा सकता लेकिन पुण्य को नाम सामने लाने ही चाहिए थे. पर संभव है कि चूंकि यह लड़ाई कारपोरेट और सरकार के बीच होने के कारण मुद्दा डायलूट होने की आशंका से पुण्य ने ये नाम जाहिर नहीं किए हों. वैसे भी यह एक सच्चाई ही है कि मीडिया ही एकमात्र ऐसा इंस्टीट्यूशन है जो अपने देश में कुछ हद तक वाच डाग की भूमिका निभा रहा है. माना कि इसमें बरखा और सांघवी शामिल रहे हों और मीडिया के कुछ और गलत लोग भी शामिल हैं. पर इस कारण सभी को बदनाम नहीं करना चाहिए. वैसे भी ए. राजा का मामला एक पत्रकार ने ही सामने लाया है. आपके ही जवाब से ऐसा लगता है कि मीडिया में जिन लोगों के बीच इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के दस्तावेज हैं उन्हें भी उन पत्रकारों के नाम मालूम होंगे जो इसमें शामिल हैं.

बरखा वीर कथा

आलोक तोमरराडिया राज 6 : वीर सांघवी बहुत अच्छा लिखते हैं और सब विषयों पर लिखते हैं। राजनीति से ले कर मछली, मुर्गे और शराब तक टीवी पर भी वे अक्सर कार्यक्रमों में नजर आते हैं और सबसे अच्छे इंटरव्यू देने वालों में उनकी गिनती होती है। अपन उनके इतने बड़े प्रशंसक हैं कि एक बार उनसे कह चुके है कि आपके साप्ताहिक कॉलम का हिंदी अनुवाद मैं करना चाहूंगा। वक्त की कमी की वजह से यह शुरू नहीं हुआ और अब जो सामने आया है उससे मुझे नहीं लगता कि वीर सांघवी जैसे आदमी के लिखे का अनुवाद मुझे करना चाहिए। वीर सांघवी मुंबई के एक रईस परिवार के बेटे हैं। पढ़ाई लिखाई भी अमेरिका से ले कर इंग्लैंड तक हुई है। जिस थाइलैंड में वेश्यावृत्ति कानूनी तौर पर मंजूर हैं वहां के प्रधानमंत्री वीर सांघवी को थाइलैंड के मित्र का सम्मान दे चुके हैं। पता नहीं इस सम्मान का क्या मतलब निकाला जाए? सिर्फ बाइस साल की उम्र में इंडिया टुडे समूह की एक पत्रिका के संपादक बन जाने वाले वीर सांघवी ने पहली जो किताब लिखी थी उसमें दुनिया के कई सारे सेठों की जीवनियां थी।

राडिया के ‘राडार’ पर मीडिया के ये कलंकित चेहरे

राडिया राज 5 : त्वरित प्रतिक्रिया : एस. एन. विनोद (प्रधान संपादक, दैनिक 1857) : ”देश की सबसे बड़ी फिक्सर नीरा राडिया के ‘राडार’ पर वीर संघवी और बरखा दत्त के कलंकित चेहरे को देख गहरा आघात लगा। युवा पीढी के हजारों मीडिया कर्मियों के रोल मॉडल वीर संघवी और बरखा दत्त की दलालीय भूमिका के सार्वजनिक होने से पूरे मीडिया का दामन दागदार हो गया है। वैसे इनके कुकृत्य से बहुत आश्चर्यचकित होने की जरूरत भी नहीं। प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष पिछले दिनों ऐसी टिप्पणी कर चुके हैं कि आज की पत्रकारिता ‘वेश्यावृत्ति’ में तब्दील हो गई है। संघवी और बरखा ने यह सब सिर्फ धन अर्जित करने के लिए किया है तब उन्हें स्वयं ही तत्काल मीडिया बिरादरी से अलग हो जाना चाहिए ताकि कम संख्या में ही सही बिरादरी में मौजूद इमानदार और पत्रकारीय मूल्यों को समर्पित पत्रकार सिर उठाकर अपने पत्रकारीय दायित्व का निर्वाह कर सकें।”

 

एनडीटीवी और एचटी का क्या स्टैंड होगा?

बरखा दत्त और वीर संघवीराडिया राज 4 : करोड़ों रुपये के टेलीकाम घोटाले से संबंधित सरकारी दस्तावेज में बरखा दत्त और वीर सांघवी का नाम नीरा राडिया के लिए लाबिंग करने वालों के रूप में आने के बाद इन दिग्गज पत्रकारों के मीडिया हाउस क्या रवैया अपनाते हैं, यह भी देखा जाना बाकी है. बरखा दत्त एनडीटीवी की ग्रुप एडिटर हैं तो वीर सांघवी हिंदुस्तान टाइम्स के संपादकीय सलाहकार. इन दोनों बड़े मीडिया हाउसों के लिए बरखा और वीर का नाम टेलीकाम घोटाले से जुड़ना परेशानी पैदा करने वाला है. पर क्या अभी तक इन संस्थानों को अपने इन पत्रकारों की भूमिका के बारे में पता नहीं है? जो दस्तावेज मीडिया सर्किल में घूम रहे हैं, वे इन संस्थानों के संचालकों तक अभी नहीं पहुंचे हैं? या फिर इन मीडिया हाउसों को ये उम्मीद है कि उनके इन दिग्गज चेहरों के बारे में खुलासा कहीं नहीं होगा और ये मामला दब कर रह जाएगा? जो भी हो, लेकिन अब बरखा और वीर के नाम सार्वजनिक होने के बाद एनडीटीवी और एचटी प्रबंधन पर दबाव बढ़ेगा.

पुण्य प्रसून को पता था बरखा-सांघवी का नाम?

बरखा दत्त और वीर संघवीराडिया राज 3 : पर अपने ब्लाग में नीरा राडिया और घपले-घोटाले से संबंधित पोस्ट में इन दिग्गज पत्रकारों के नामों का उल्लेख नहीं किया : पुण्य प्रसून बाजपेयी देश के बड़े पत्रकारों में शुमार किए जाते हैं. बेबाकी से बोलने-लिखने के लिए जाने जाते हैं. मीडिया के अंदर रहते हुए भी मीडिया की गलत दशा-दिशा पर आवाज उठाने के लिए जाने जाते हैं. जनपक्षधर पत्रकारिता करते हुए सत्ता और सिस्टम की नालायकी पर प्रहार करते रहते हैं. पर इस बार वे जाने क्यों चुप रह गए. टेलीकाम घोटाला प्रकरण की बात दस्तावेजों के सहारे करते हुए बरखा दत्त और वीर सांघवी के नाम छुपा गए. उन्होंने अपने ब्लाग पर 3 मई को एक पोस्ट प्रकाशित की. शीर्षक है ‘कारपोरेट के आगे प्रधानमंत्री बेबस’. इस पोस्ट में पुण्य प्रसून ने आयकर महानिदेशालय के गुप्त दस्तावेज की कुछ तस्वीरें भी लगाई हैं. उन्होंने नीरा राडिया के पूरे खेल के बारे में विस्तार से लिखा है. टाटा से नीरा राडिया के बात करने के बारे में लिखा है.

बरखा और वीर सांघवी को जवाब देना होगा

बरखा दत्त और वीर संघवीराडिया राज 2 : देश के हजारों पत्रकारों के रोल माडल बरखा दत्त और वीर सांघवी के उपर जो आरोप हैं, वे बेहद संगीन किस्म के हैं. नीरा राडिया के खेल में इन लोगों के शामिल होने के संकेत सरकारी दस्तावेजों से पता चलते हैं. अभी तक इन दोनों के नामों की सिर्फ चर्चा भर थी कि ये लोग भी टेलीकाम घोटाले में किसी न किसी प्रकार से शामिल बताए जाते हैं. दिल्ली की मीडिया सर्किल में इन दोनों नामों को पिछले कई हफ्तों से उछाला जा रहा था. पर भरोसा नहीं होता था कि ये नाम भी किसी न किसी रूप में इसमें शामिल होंगे. अब जबकि दस्तावेज हाथ लग चुके हैं और मीडिया के कई लोगों के पास ये दस्तावेज पहुंच चुके हैं, बरखा दत्त और वीर सांघवी के नाम इस प्रकरण के दागदार चेहरे के रूप में ब्लागों-पोर्टलों पर दर्ज होने लगे हैं. कल को यह प्रकरण अन्य मंचों-माध्यमों पर भी उठेगा. सबकी निगाह बरखा दत्त और वीर सांघवी पर होगी. उन्हें इस बारे में क्या कहना है?

बरखा दत्त और वीर सांघवी के दामन दागदार

[caption id="attachment_17400" align="alignleft" width="156"]बरखा दत्त और वीर संघवीबरखा दत्त और वीर संघवी[/caption]राडिया राज 1 : मशहूर पत्रकार बरखा दत्त और वीर सांघवी के दामन दागदार हो गए दिखते हैं. केंद्रीय संचार मंत्री पद पर ए. राजा को काबिज कराने व संचार मंत्रालय से कारपोरेट घरानों को लाभ दिलाने के मामले में जिस माडर्न दलाल नीरा राडिया का नाम उछला है, उसकी फोन टेपिंग से पता चला है कि उसकी तरफ से बरखा दत्त और वीर सांघवी ने भी राजा को मंत्री बनाने के लिए शीर्ष कांग्रेसियों के बीच लाबिंग की. आयकर महानिदेशालय के जो गुप्त दस्तावेज इन दिनों मीडिया सर्किल में घूम रहे हैं, उसके पेज 9 पर एक जगह लिखा है- On Mrs. RAdia’s & Kanirozhi’s behalf Barkha Dutt & Vir Sanghvi were negotiating for ministerial birth DMK member especially Raja with Congress members. आगे यह भी लिखा है- Some close associates of Mrs. Radia in relation to this work are, Tarun Das, Vir Sanghavi and Sunil Arora IAS officer Rajasthan Cadre.