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हलचल

ये है राडिया और राजा के बीच बातचीत के अंश

राडिया राज 8 : देश की सुपर माडर्न दलाल नीरा राडिया और ए. राजा के बीच बातचीत की रिकार्डिंग के कुछ अंश यहां पेश है. सिर्फ राजा ही नहीं, टेप में डीएमके प्रमुख करुणानिधि की बेटी कनीमोझी से राडिया की बातचीत भी रिकार्ड है. इस बातचीत के कुछ अंश को भी हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं. इस बातचीत में कनीमोझी का जिक्र कनी के रूप में किया गया है और उसने राडिया से कहा है कि दूरसंचार पोर्टफोलियो डीएमके को मिलना चाहिए. यह ट्रांसक्रिप्ट 50 घंटे की रिकॉर्डिंग का छोटा हिस्सा है. कारोबारी संस्थाओं द्वारा हवाला कारोबार किए जाने, रिलायंस समूह द्वारा 53,000 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों का नुकसान किए जाने, यूनीटेक, टाटा आदि के आर्थिक लेन-देन से संबंधित बातचीत भी रिकॉर्ड है. चुने हुए अंश की जगह पूरे टेप को जनता के लिए प्रस्तुत किए जाने की आवश्यकता है ताकि देश को यह पता चले कि अंतरंग पूंजीवाद कैसे काम करता है. भड़ास4मीडिया के पास जितना कुछ उपलब्ध है, उसे प्रकाशित किया जा रहा है. राजा व कनी की नीरा राडिया से यह बातचीत यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में मनमोहन मंत्रिमंडल बनने से कुछ दिन पहले हुई थी.

<p style="text-align: justify;"><strong>राडिया राज 8</strong> <strong>:</strong> देश की सुपर माडर्न दलाल नीरा राडिया और ए. राजा के बीच बातचीत की रिकार्डिंग के कुछ अंश यहां पेश है. सिर्फ राजा ही नहीं, टेप में डीएमके प्रमुख करुणानिधि की बेटी कनीमोझी से राडिया की बातचीत भी रिकार्ड है. इस बातचीत के कुछ अंश को भी हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं. इस बातचीत में कनीमोझी का जिक्र कनी के रूप में किया गया है और उसने राडिया से कहा है कि दूरसंचार पोर्टफोलियो डीएमके को मिलना चाहिए. यह ट्रांसक्रिप्ट 50 घंटे की रिकॉर्डिंग का छोटा हिस्सा है. कारोबारी संस्थाओं द्वारा हवाला कारोबार किए जाने, रिलायंस समूह द्वारा 53,000 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों का नुकसान किए जाने, यूनीटेक, टाटा आदि के आर्थिक लेन-देन से संबंधित बातचीत भी रिकॉर्ड है. चुने हुए अंश की जगह पूरे टेप को जनता के लिए प्रस्तुत किए जाने की आवश्यकता है ताकि देश को यह पता चले कि अंतरंग पूंजीवाद कैसे काम करता है. भड़ास4मीडिया के पास जितना कुछ उपलब्ध है, उसे प्रकाशित किया जा रहा है. राजा व कनी की नीरा राडिया से यह बातचीत यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में मनमोहन मंत्रिमंडल बनने से कुछ दिन पहले हुई थी.</p>

राडिया राज 8 : देश की सुपर माडर्न दलाल नीरा राडिया और ए. राजा के बीच बातचीत की रिकार्डिंग के कुछ अंश यहां पेश है. सिर्फ राजा ही नहीं, टेप में डीएमके प्रमुख करुणानिधि की बेटी कनीमोझी से राडिया की बातचीत भी रिकार्ड है. इस बातचीत के कुछ अंश को भी हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं. इस बातचीत में कनीमोझी का जिक्र कनी के रूप में किया गया है और उसने राडिया से कहा है कि दूरसंचार पोर्टफोलियो डीएमके को मिलना चाहिए. यह ट्रांसक्रिप्ट 50 घंटे की रिकॉर्डिंग का छोटा हिस्सा है. कारोबारी संस्थाओं द्वारा हवाला कारोबार किए जाने, रिलायंस समूह द्वारा 53,000 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों का नुकसान किए जाने, यूनीटेक, टाटा आदि के आर्थिक लेन-देन से संबंधित बातचीत भी रिकॉर्ड है. चुने हुए अंश की जगह पूरे टेप को जनता के लिए प्रस्तुत किए जाने की आवश्यकता है ताकि देश को यह पता चले कि अंतरंग पूंजीवाद कैसे काम करता है. भड़ास4मीडिया के पास जितना कुछ उपलब्ध है, उसे प्रकाशित किया जा रहा है. राजा व कनी की नीरा राडिया से यह बातचीत यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में मनमोहन मंत्रिमंडल बनने से कुछ दिन पहले हुई थी.

जांचकर्ताओं ने यह बातचीत आयकर विभाग के लिए रिकॉर्ड की थी पर इससे मंत्री के औचित्य पर गंभीर सवाल उठते हैं. आयकर विभाग के जांचकर्ताओं ने राडिया का फोन टैप करने की अनुमति मांगी थी. दूरसंचार स्पेक्ट्रम घोटाले में आयकर विभाग और सीबीआई राडिया की जांच कर रही थी. आप जानते ही हैं कि राडिया भारत के सबसे प्रभावशाली सत्ता के दलालों में हैं और भारत के कई सबसे बड़े कॉरपोरेट के लिए काम करती है. यह बातचीत 300 से ज्यादा दिन तक रिकॉर्ड की गई और इसकी शुरुआत 20 अगस्त 2008 को हुई थी. राजा दूरसंचार मंत्री बनने के लिए काफी जोर लगा रहे थे और उनकी इस कोशिश में राडिया मदद कर रही थीं. 24 मई 2009  को दिन में 11.05 पर हुई बातचीत के अंश इस प्रकार हैं  :

  • राजा : मेरा नाम क्लियर हो गया है?

  • राडिया : हां, आपका नाम तो कल रात ही क्लियर हो गया था। नहीं, दया के साथ क्या हो रहा है।

  • राजा : कपड़ा या उर्वरक?

  • राडिया : हालांकि यह दया के लिए नहीं है अझागिरि या दया में से कोई एक ही शामिल हो सकता है।

  • राजा : नहीं दोनों शामिल हो सकते हैं।

  • राडिया : दोनों?

  • राडिया : मुझे लगता है समस्या बालू से होगी।

  • राडिया : एक ही परिवार के तीन लोगों को (मंत्रिमंडल में रखना) ठीक ठहराने में नेताओँ को परेशानी होगी।

  • राजा : (हंसते हैं) हां, पर हर कोई जानता है …

  • राडिया : नहीं, उन्होंने ऐसा कहा है। कनी ने मुझे कल रात कहा कि उसके पिता ने कल उससे ऐसा कहा था, कि उनके लिए परिवार के तीन लोगों को उचित ठहराना मुश्किल होगा, वे इस समस्या को समझते हैं …

  • राजा : चलिए देखते हैं कि हमलोग क्या कर सकते हैं … हमें संघर्ष करना चाहिए।

इस तरह राडिया ने राजा को बताया था कि उनका नाम दूरसंचार मंत्री के पद के लिए क्लियर हो गया है।  यह बातचीत राजा को आधिकारिक तौर पर यूपीए का दूरसंचार मंत्री घोषित किए जाने से सिर्फ चार दिन पहले रिकार्ड की गई थी। सवाल यह उठता है कि एक कॉरपोरेट प्रचारक को यह कैसे पता चल गया कि किसे कौन सा विभाग मिल  रहा है और यह भी कि राजा को पोर्टफोलियो की चर्चा राडिया से करने की क्या जरूरत थी। अब पेश है राडिया और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की बेटी कनीमोझी उर्फ कनी के बीच बातचीत के कुछ अंश.  21 मई 2009 को रात 8.41 बजे यह बातचीत रिकार्ड की गई है-

  • कनी : हेलो।

  • राडिया : पीएम ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि कोई सौदा नहीं हुआ है। वे अभी भी इसपर चर्चा कर रहे हैं।

  • कनी : वे हमे दूरसंचार देने का वादा कर चुके हैं … पर ऐसा नहीं हो सकता कि वे (को) शिफ्ट करें …

  • राडिया : क्या?

  • कनी : वे हमसे पहले ही कह चुके हैं कि हमें दूरसंचार देंगे अब यह उन्हें नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि वे घूम-घूम कर स्टोरी प्लांट कर रहे हैं (खबरें करवा रहे हैं)।

  • राडिया : जब आप प्लेन पर थीं तो वे इसे सभी चैनलों पर प्लांट कर रहे थे।

  • कनी : हां मुझे मालूम है

  • राडिया : पर कनी प्रधानमंत्री ने अभी-अभी यह बयान दिया है कि मुझे राजा और बालू से कोई परेशानी नहीं है और यह भी कि वे मेरे सम्मानित सहकर्मी हैं।

  • कनी : वे बयान दे सकते हैं पर जो कोई भी डैड (पिताजी) से बात करने आ रहा है उसे कुछ और बात नहीं करना चाहिए … ध्यान रखो, लोग बाहर जो कुछ कहते हैं और उनका जो मतलब होता है उसमें अंतर होता है … और राजनीति में यह हम सब जानते हैं।

दूरसंचार ही नहीं, राडिया और कनी में लंबी बात हुई कि किसे कौन सा विभाग मिल रहा है। ताज्जुब की बात यह है कि राडिया को सही-सही पता था कि क्या होने वाला है और किसे कौन सा विभाग मिल रहा है। बातचीत के कुछ और अंश यहां पेश है :

  • राडिया : कांग्रेस से फीडबैक मिला है। उनका कहना है कि हम जानते हैं कि समस्या डीएमके के अंदर की है। यह उनके अपने लोगों की समस्या है। उनलोगों ने हमें पांच लोगों की सूची दी है। यह हमें स्वीकार्य नहीं है।

  • कनी : हां

  • राडिया : यह मामला उन्हें निपटाना है हमने उन्हें बता दिया है कि हम सर्वश्रेष्ठ क्या कर सकते हैं।

  • कनी : तीन और चार …

  • राडिया : हम समझते हैं कि बातचीत टूट गई है पर हमें उनसे संपर्क नहीं करना है। जहां तक हमारा संबंध है, मारन आधे घंटे पर गुलाम नबी आजाद को कॉल करते रहे हैं और हर तरह की मांग करते रहे हैं और उनलोगों ने उनसे कह दिया है कि आप हमें फोन करें इसका कोई मतलब नहीं है।

  • कनी : पर उनकी मांग क्या है?

  • राडिया : वे भी वही मांग करते रहे हैं कि हमें पांच पोर्टफोलियो दें नहीं तो हम मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे या हमें रेल मंत्रालय दीजिए। वैसे उन्होंने कोयला और खान मंत्रालय की भी मांग की थी। इसलिए, वे कह रहे हैं कि जहां तक हमारा संबंध है, यह डीएमके की आंतरिक समस्या है। इसका कांग्रेस से कोई लेना देना नहीं है। उन लोगों ने यह निर्णय लिया है कि करूणा को यह तय करना है कि किस फार्मूला के तहत वे किसे चाहते हैं और किसे नहीं चाहते हैं। अब करूणा को तय करना है पर वे समझते हैं कि मारन समेत काफी लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं।


(हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद के लिए हम वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह के आभारी हैं.)


ये है मूल अंग्रेजी में बातचीत के कुछ अंश जिसका उपर हिंदी अनुवाद पेश किया गया- conversation recorded on May 24, 2009 at 11.05 am.

  • Raja: My name is cleared?

  • Radia: Yeah, your case was cleared last night itself. No, what is happening with Daya?

  • Raja: Textiles or fertilisers?

  • Radia: Not for Daya though, Azhagiri or Daya only one can come in?

  • Raja: No, two can come…

  • Radia: Both?

  • Radia: Baalu, will be the problem, I hope.

  • Radia: It will be difficult for the leader to justify three family members.

  • Raja: (laughs) Yeah, but everybody knows…

  • Radia: No she said that, Kani told me last night, that is what her father told her yesterday, that for him to justify three family members would be very difficult; he recognises that problem…

  • Raja: Let us see what we can do…let us fight.

In these conversations, Kanimozhi – referred to as Kani – is heard telling Radia that the DMK must get the telecom portfolio. Here are excerpts from the conversation recorded on May 21, 2009 at 8:41 pm.

  • Kani: Hello

  • Radia: PM has already clarified that the deal has not been done. They are still in the middle of discussing it.

  • Kani: They’ve already promised to give us telecom…but it cannot become that they shift…

  • Radia: What?

  • Kani: They have already told us that they will give us telecom. Now it shouldn’t be given to him because he’s going around planting stories.

  • Radia: He’s planting it on all the channels while you were on the plane.

  • Kani: Ya I know that.

  • Radia: But Kanni, the PM has just made a statement that I have no problems with Raja and Baalu and they are my esteemed colleagues.

  • Kani: He can make a statement. But whoever’s going to come and talk to dad shouldn’t talk otherwise.. See what people say outside and what actually they mean is different… And all of us know that in politics.

  • Radia: Kani there’s feedback from the Congress. They say we recognise that the problem with the DMK is an internal problem. It’s a problem between the family. It’s a problem between their own people. They have given us a list of five people. This is not acceptable to us.

  • Kani: Ya

  • Radia: It is for them to resolve. We have told them what is the best that we can do.

  • Kani: Three and four…

  • Radia: We appreciate that the dialogue has broken down but it is not for us to get back to them. As far as we are concerned, Maran has been calling Ghulam Nabi Azad on the half hour demanding all sorts of things and they have told him that there is no point in you calling us.

  • Kani: But what is the demand he’s got.

  • Radia: He has been making the same demands that you give us five portfolios or we will not join or give us railways, otherwise he has also demanded coal and mines. So they are saying as far as we are concerned this is an internal DMK problem. It has nothing to do with the Congress at all. They have taken a decision that it is for Karuna to decide who he wants and who he doesn’t want in the formula. That has been provided to him. It’s up to Karuna to decide but they feel that there are far too many people calling him including Maran.

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0 Comments

  1. Satya Prakash

    May 8, 2010 at 9:11 pm

    Dhnagmohan singh bhag pee ke so rahe kya .desh dallal ke hath me ,,,ek din jaroor ye bech hee ayenge

  2. Satya Prakash

    May 9, 2010 at 1:44 pm

    Bhadas 4 media Ko shahsik kaam ke liye PARAMVEER PATRAKAARITA award mere taraf se

  3. Pradeep Solanki

    May 9, 2010 at 8:26 pm

    Ye Desh ke sath Gaddari hai………ye log to kasab se bhi bade deshdrohi hai….
    kasab to videshi hokar gaddar hai par ye to swadeshi gaddar hai…..inhe saja milna hi chahiye…..

  4. R.K.Kutty

    May 11, 2010 at 6:44 am

    This country is being raped, looted and bleeded by some highly placed political families. They literally made it a family enterprise. There is no doubt in the light of these conversations that one such family is at the helms of affairs in Tamil Nadu. What a tragedy that while the seniormost one still clinging to power, appeasing the younger one as the next in line but the elder one though a Cabinet Minister but disatisfied and not even attending his ministry work. He can neither speak English nor Hindi but only Tamil and the whole Parliament is fed up with him. Yet, the Prime Minister is helpless as to annoy DMK means to bring UPA-II come crashing down. This is the saddest situation that makes wheelers and dealers to reap rich dividends. After all poor tax payers money they divide and shore up in their personal kitty. Sad commentary. It is horrible.

  5. vishnu

    November 18, 2010 at 2:24 pm

    मुल्क की ले……………….ली भइया….

  6. himmat kataria

    November 25, 2010 at 8:52 am

    क्या कहे हम समज नही आता. इन निच लोगोको तो हम गिधड कौंए की पंक्ति में भी नही बीठा सकते. वो आज हमारे सर के उपर बेठे है. मुजे इस देश के दुर्भाग्य पर रोना आता है. प्रभु इनको संतति न दे वरना वो हमारे देश को बेच डालेंगे.

  7. himmat kataria

    November 25, 2010 at 8:55 am

    इन लोगो के बारेमें क्या बोले हमे तो समजमें नही आता. इनको तो हम गिधड औऱ कौवे की पंक्तिमें भी नही बिठा सकते. मुजे इस देशके, मेरी मा भारत के दुर्भाग्य पर रोना आता है. प्रभु इन को संतति न दे, वरना ये सब मिलके भारत को भिखारी बना देंगे.

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