दैनिक भास्कर नंबर वन बनना चाहता है। वो अब दैनिक जागरण से नंबर एक की गद्दी छीनना चाहता है। आईआरएस 2009 राउंड दो के आंकड़ों से निराश भास्कर समूह चाहता है कि अगले साल वह हर हाल में नंबर वन बन जाए। इसके लिए बिहार और झारखंड में अखबार लांच करने के प्रोजेक्ट पर फिर से काम शुरू कर दिया गया है। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अगले साल बिहार में होने वाले चुनावों से कुछ माह पहले (जून-जुलाई तक) भास्कर अपने संस्करण लांच कर देगा ताकि उसे चुनावों का फायदा भी मिल सके। भास्कर ग्रुप अगले महीने आईपीओ लाने वाला है। आईपीओ लाने के तुरंत बाद बिहार-झारखंड के प्रोजेक्ट पर काम की रफ्तार को और तेज कर दिया जाएगा। भड़ास4मीडिया पहले ही यह खबर दे चुका है कि भास्कर समूह ने बाजार से पैसे उगाहने की आईपीओ वाली कवायद के बाद बिहार-झारखंड में अखबार लांच करने की रणनीति बनाई है। इसी कारण अखबार लांच करने की शुरुआती तेजी को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया था। अब फिर से काम शुरू कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक बिहार और झारखंड में लांचिंग भी दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण में बिहार और झारखंड प्रदेशों की राजधानियों पटना और रांची से अखबार प्रकाशित किया जाएगा। दूसरे चरण में बिहार के मुजफ्फरपुर व भागलपुर से और झारखंड के जमशेदपुर और धनबाद से संस्करण शुरू कर दिए जाएंगे। भास्कर से जुड़े सूत्र बताते हैं कि भास्कर समूह तीन महीने के भीतर किसी नई जगह पर एडिशन लांच करने की क्षमता रखता है। इसका प्रदर्शन अहमदाबाद में किया जा चुका है जहां जमीन खरीदने से लेकर संस्करण बाजार में लाने तक में कुल तीन महीने लगे थे। इसी प्रकार की रणनीति भास्कर समूह बिहार और झारखंड को लेकर प्लान किए है। लांचिंग की कवायद शुरू होने से पहले वह मार्केट सर्वे, जमीन खरीद व प्रेस लगाने जैसे कार्यों को अंजाम तक पहुंचाने में जुट गया है। भास्कर के लोगों का मानना है कि बिहार-झारखंड से अपने संस्करण प्रकाशित कर पूरे समूह की पाठक संख्या और प्रसार संख्या में भारी इजाफा किया जा सकता है। इस रणनीति से वह दैनिक जागरण को नंबर वन की कुर्सी से उतार फेकने में सफल हो सकता है।