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दुखी बिल्डर ने भास्कर प्रबंधन को भेजा पत्र

मध्य प्रदेश में नीमच एक जगह है. वहां जारोली कांस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी है. इसके मैनेजिंग डायरेक्टर भारत जारोली ने जून माह में भास्कर प्रबंधन को एक लंबा-चौड़ा पत्र लिखा. सुधीर अग्रवाल, कल्पेश याज्ञनिक, अभिलाष खांडेकर को भेजे पत्र में जारोली ने अपनी पीड़ा का बयान किया है. भास्कर संवाददाताओं पर कई आरोप जड़े हैं.

मध्य प्रदेश में नीमच एक जगह है. वहां जारोली कांस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी है. इसके मैनेजिंग डायरेक्टर भारत जारोली ने जून माह में भास्कर प्रबंधन को एक लंबा-चौड़ा पत्र लिखा. सुधीर अग्रवाल, कल्पेश याज्ञनिक, अभिलाष खांडेकर को भेजे पत्र में जारोली ने अपनी पीड़ा का बयान किया है. भास्कर संवाददाताओं पर कई आरोप जड़े हैं.

जारोली ने भास्कर में प्रकाशित निर्माण कार्यों से संबंधित खबरों को आधारहीन बताया है. भारत जारोली के पत्र को ज्यों का त्यों प्रकाशित कर रहे हैं. इस पर भास्कर से जुड़े किसी शख्स को कुछ कहना है तो वह अपनी बात कमेंट बाक्स में लिख सकता है या सीधे भड़ास4मीडिया को [email protected] के जरिए भेज सकता है. -एडिटर

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0 Comments

  1. कलमवाला-गुंडा

    August 19, 2010 at 5:41 pm

    भाई मेरे तुम भी कंहा भैंस के आगे बीन बजा रहे हो ……. भास्कर जैसे अखबार से और क्या उम्मीद करते हो ? शुक्र करो कि सवांद-दाता ने आपको ओसामा बीन लादेन से सम्बन्धित नहीं बताया … शायद उसे यद् नहीं आया होगा … इस अखबार के पास एसे सवांद-दाताओ की लम्बी कतार है ! आपका तो अब भगवान् ही रखवाला है

  2. brijesh

    August 20, 2010 at 7:04 am

    भड़ास4मीडिया ने जो पत्र प्रकाशित किया है वह सच हो सकता है लेकिन उसके बाद जो पहला कमेंट अश्वेरी ने लिखा है वह पूर्वाग्रह से ग्रसित और अपनी कुंठा निकालने वाला लगता है। उन्होंने लिखा है कि डीबी स्टार के पत्रकार कई मौको पर पिट चुके हैं और ब्लेकमेलिंग करने में भी नंबर वन हैं। साथ ही उन्होंने यह भी लिख दिया है कि डीबी स्टार के एक पत्रकार को तो जीआरपी वालों ने 12 से 14 घंटे बंद रखा। ये सारी बातें बेबुनियाद हैं। असलियत तो यह है कि डीबी स्टार एकमात्र अखबार है जो पूरे दस्तावेजों के साथ और सभी पक्षों से बात करने के बाद कोई खबर प्रकाशित करता है। इतना ही नहीं जब तक सभी पक्ष अपना बयान न दे दें तब तक खबर प्रकाशित नहीं की जा सकती है। भड़ास4मीडिया भी बिना प्रमाण के कोई बात नहीं करता और इसीलिए विश्वसनीय है। डीबी स्टार के पत्रकारों को चंद लोग ब्लेकमेलर बताते हैं लेकिन ये वही लोग हैं जिनके काले कारनामे आज केवल डीबी स्टार की वजह से बंद हो चुके हैं। इन लोगों ने तो मैनेजमेंट को भी पत्रकारों की शिकायत कर इस अखबार को ही बंद करवाने की साजिश की थी लेकिन मैनेजमेंट अपने पत्रकारों पर भरोसा करता है इसलिए देश का यह सजग प्रहरी बराबर अपना काम कर रहा है। दूसरे कमेंट में भी कलमवाले गुडे भाई ने भास्कर को कोस दिया। अरे किसी एक व्यक्ति के लिए पूरे संस्थान को गलत नहीं ठहराया जा सकता है। सोचिए कि जिस दैनिक भास्कर ग्रुप के दूसरे तमाम व्यवसाय हैं और फिर भी सबसे ज्यादा मुखर पत्रकारिता उसमें हो रही है तो क्या ये एक संस्थान की कमजोरी है। मैं किसी को गलत ठहराने या हर्ट करने की कोशिश नहीं कर रहा हूं, बल्कि कहना चाह रहा हूं कि लिखने के नाम पर कुछ भी नहीं लिखना चाहिए।
    भड़ास4मीडिया का एक पाठक

  3. ashvery

    August 20, 2010 at 6:32 am

    Bhaskar ke patrkaar aajkal Raj exp ke level par agaye hain…Bhopal mein DB star ke naam par kaafi blackmailing ki jaa rahi…DB star ke patrakar isi karan bhopal mein 2-3 baar pit chuke hain..Naubat yahaan tak agayi hai ki ek patrakar ko GRP ne railway station par bund karke 12-14 ghante tak maara…aur Agrawal samooh waise bhi sirf paise ka mureed hai..DB mall par bhi jaanch honi chahiye…Bhaskar ab padhne layak nahi bachaa hai…

  4. ramchandra

    August 21, 2010 at 6:22 am

    bhaskar ek acha akhbar hai, lekin esme kuch log ese aa gaye hai jo edition editor ban gaye hai. ese log neeche kam karne wale logo sr ugai karwate hai.ese mai reportar ko bhee awsar mil jata hai aur bono mil bantkar khate hai. chonkane wali bat yah hai ki es kam mai marketing karne wale aour vigyapan ajenci chalane walo ki bhee milibhagt hoti hai.

  5. Ek Pathak

    August 25, 2010 at 9:53 am

    Pehle patra pade, builder ne likha hai ki teesri manjil ka kaam rok diya hai. lekin photograph saaf bata raha hai ki chothi manzil par column khade hai. Iske alawa neeche se upar tak machan ki seedi bhi lagi hui hai jisse pata chalta hai ki kaam jari hai. Jhooth to yahi samne aa jaata hai ki builder agar sahi hai to use building ka kam kyun rokna pada.isiliye na kyunki usme gadbad thi. Shikayat sirf bechare reporter ko dhamkane ke liye or apne paksha me khabre chhapne ke liye ki gayi hai.

  6. amm adami, neemuch

    August 26, 2010 at 12:38 pm

    arra sabh yah to kuch bhi nahi, neemuch ma bhaskar ka patrakar khuli blackmaling kar raha hai. 10-20 hajar ruppay se nicha kisi baat ka soda he nahi pat raha hai. 10-20 hajar to asai mangta hai jasa 10-20 ruppay manga raha hai.
    hal ma mera sath bhi esa he huva . jisma yaha ka reporter moolchand khichi na 20 hajar ke mang kari . kintu jab mana bhaskar ka high management ko bataya to vo khabher bhi nahi chaphi our pasia mangna bhi band kar diya.yadi bhaskar managment thoda serious mamla ko dhakha to our bhi kai mamla samna aa sakta hai.

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