कम संसाधनों में चलने वाली वेबसाइटों – ब्लागों में प्रूफ – वाक्य विन्यास आदि की गल्तियां दिखे तो समझा जा सकता है कि सब एडिटरों – एडिटरों के अभाव में खबर बिना पढ़े, संपादित किए प्रकाशन के योग्य मान लिया गया और प्रकाशित भी करा दिया गया. पर जब भास्कर समूह जैसा बड़ा ग्रुप अपनी खबरों में ढेर सारी अशुद्धियां करे तो उसे आप क्या कहेंगे.
ढेर सारे सब एडिटरों, सीनियर सब एडिटरों, न्यूज एडिटरों से भरे पड़े भास्कर डाट काम पर एक खबर में कितनी गल्ती हैं, इससे गिनना मुश्किल है. भास्कर डाट काम पर प्रकाशित एक खबर में ढेर सारी गल्तियों की तरफ, अशुद्धियों की तरफ भड़ास4मीडिया का ध्यान इसके एक पाठक ने दिलाया है. पहले तो वो पूरी खबर पढ़िए जो भास्कर डाट काम पर प्रकाशित है और वहां से हू ब हू कापी करके यहां डाला जा रहा है. उसके बाद वो लिंक, जिस पर क्लिक करने पर भास्कर डाट काम के संबंधित खबर तक पहुंच सकते हैं. हो सकता है जब तक आप वहां पहुंचे, खबर संपादित की जा चुकी हो लेकिन भड़ास4मीडिया के पास उस खबर का स्क्रीनशाट सुरक्षित है. इस खबर का भास्कर डाट काम पर अंतिम बार अपडेशन 20 मई 2010 को 13:56 पर किया गया है. ये है भास्कर डाट काम पर प्रकाशित मूल खबर…. आप भी गिनती करिए, कितनी अशुद्धियां हैं. – एडिटर
प्रोप्टी डीलर से बंदुक के दम पर लूट का प्रयास
Last Updated 13:56(20/05/10)
चंडीगढ़:शहर में लूट,स्नैचिंग व चोरी की वारदात बढ़ती जा रही है । ऐसा ही वाकया बुधवार रात को थाने के सामने घटी । जहां पर एक प्रोप्टीडीलर के साथ दो युवकों ने लूट की वारदात को अंजाम देना चाहा,लेकिन दोनों युवक बंदुक के दम पर मार पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया । पुलिस ने सेक्टर24 निवासी मुन्ना और साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफतार कर लिया ।
क्या था सारा मामला : थाना 11 की पुलिस का कहना है कि सेक्टर24 निवासी रविंद्र सिंह जो कि प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है । रविंद्र ने बताया कि बुधवार को अपने दोस्त कमल के साथ नया गाव से डील कर घर लौट रहा था । इतने में उसकी पत्नी का फोन आया कि बजार से कुछ खाने के लिए ले आने । रविंद्र और कमल दोनों सेक्टर24 स्थित एक ढाबे से खाना पेक करवाने लगे ।
मकान बेचने को लेकर लेगए पार्क में : रविंद्र का कहना है कि ढाबे पर खड़े मुन्ना व उसके साथी ने रविंद्र को किसी मकान को बेचने को लेकर बातचीत करने लगे और उसे वहां से पास ही पार्क में ले गए और बातचीत करने लगे ।
बंदुक दिखाकर लूटने का प्रयास : पार्क में जाने पर दोनों ने उसकी जेब की तलाशी लेने लगे । रविंद्र ने इसका विरोध किया तो एक ने बंदुक निकाल ली । वरिंद्र ने शोर मचाया और मौके से फरार हो गया ।
मौके पर पहुंची पुलिस : कमल ने रविंद्र को लहुलुहान की हालत में देखकर इसकी सूचना पुलिस को दी , ढाबे पर खड़े रविंद्र के परिचत लोगों ने उसे अपनी गाड़ी में सेक्टर16 सरकारी अस्पताल में लाया गया । वहां डॉक्टरों ने रविंद्र की हालत को देखते हुए भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया ।
चोकी के माने हुआ सारा वाकया : हैरानी की बात तो यह है कि लूट की प्रयास का सारा वाकया सेक्टर24 स्थित चोकी के सामने घटा । इस सारी घटना से पुलिस बेखबर थी । शिकायतकर्ता ने खुद जाकर इसकी सूचना पुलिस चौकी में दी , मौके पर पहुंचर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया ।
ये है खबर तक पहुंचने का लिंक- प्रोप्टी डीलर से बंदुक के दम पर लूट का प्रयास
Sushil Gangwar
July 28, 2010 at 1:04 pm
Kasam khuda ki jo banda bhaskar ke liye likh raha hai vah kaafi hoshiyaar hoga tabhi enti galti hindi lekhan me kar raha hai. Editor or Sub Editor Maje maar rahe hai. Are bhai agar jor shifarish se naukri di jaati hai to esi galti hoti rahti hai. Aaj kal media ka girta star sashakat gawaha hai . Aakhir media or journalism ka kal kaisa hoga . Raam jane chalo ram ram yasvant ji .
Sushil Gangwar
http://www.sakshatkar.com
parmila
July 28, 2010 at 4:02 pm
Ramesh Agerwal jee ko ghodon kee nahi gadhon kee jroorart hai. wo ghadhono ko ghoda bnane me viswash karte hai.
akhil
July 28, 2010 at 4:04 pm
janab aapne bhi galat ko galat hi likha hai ..,.
s.p. tomar
July 29, 2010 at 5:08 am
Bhaskar ke maalik ek bimari se grast hain aur wo ye ki hindi akhbaron me sirf angreji patrakaron ko hi rakhte hain… shayad kam angreji gyan ki wazah se sudhir agrawalji is granthi ke shikar hain ki angreji bolne likhne wale hi hoshiyar hote hain. is tarah ki galtiyon ki bhaskar mein bhi bharmar hai. yehi wazah hai ki edition,circulation aur readership badhne ke bawazood bhaskar ka perception ZERO hai.
Siddharth Kalhans
July 29, 2010 at 7:54 am
शर्म शर्म और कुछ भी नही
संजय
July 29, 2010 at 8:54 am
“कितनी गल्ती है, इससे गिनना मुश्किल है”… गिनती करिए, आधे वाक्य में दो गलतियाँ हैं. ऐसे विषय पर लिखते वक़्त थोड़ा आप भी ध्यान रखें, ये क्या दूसरे की बताने में खुद की भी बता दी.
vikas chauhan
July 29, 2010 at 6:11 pm
संपादक महोदय,
आप शायद यह भूल रहे हैं की आप भी किसी प्रतिष्ठित वेबसाइट पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं.दूसरों पर छींटाकशी करने से पहले अपने प्रयुक्त किये शब्दों पर जरा गौर कीजिये.गलत को गल्त लिखना प्रूफ व सटीक भाषा प्रयोग करने की दुहाई देने वाले को शोभा नहीं देता.डाट और काम लिखना ऐसा प्रतीत होता है मानो कोई नौसिखिया हिंदी सिखने की कोशिश कर रहा है.अब अशुद्दिओं की कम से कम आप तो बात मत ही कीजिये,क्योंकि आप के मुंह से यह प्रतिष्ठित शब्द शोभा नहीं देते.कापी व स्क्रीन शाट जैसे शब्द प्रयोग करते समय जरा सोचना तो चाहिए था कि आप पूर्णविराम के बाद एडिटर जैसा शब्द प्रयोग करने वाले हैं.मुझे तो शक हो रहा है कि आप एडिटर का मतलब जानते हैं कि नहीं.
raju singh bhopal
July 30, 2010 at 6:25 am
bhaskar web per khabrey to acchi aa rahi hai lekin galtiya jayada ho to baat banti nahi galtiyo per vichar karna chaiy