दिवाली के मौके पर अखबारों में अपने स्टाफ को कुछ न कुछ देने का चलन रहा है। बोनस तो देते ही हैं, उपहार के रूप में भी अलग से कोई सामान मीडियाकर्मियों को सप्रेम पकड़ाया जाता है। इस बार दिवाली के मौके पर दैनिक भास्कर, दिल्ली में स्टाफ को तौलिए का फेमिली पैक, नमकीन, मिठाई आदि के पैकेट दिए गए। सूत्रों के मुताबिक भास्कर के दिल्ली आफिस में पहले दिन बच्चों के इस्तेमाल में आने वाले तौलिए को स्टाफ के बीच वितरित किया गया। इसे देख कई लोगों ने कमेंट किया कि संभवतः यह आंसू पोछने के लिए दिया गया है, क्योंकि इस छोटे तौलिए का और कोई इस्तेमा तो हो नहीं सकता। ज्ञात हो कि भास्कर वालों को इस साल मार्च महीने में जो एनुवल इनक्रीमेंट मिलना था, वह मंदी के नाम पर नहीं दिया गया। इससे मीडियाकर्मियों में निराशा है।
दिवाली के मौके पर बच्चों के यूज वाला तौलिया दिए जाने से कर्मियों का मूड बिलकुल ही खराब हो गया। कई लोगों के फोन भड़ास4मीडिया के पास आए। सबने अपनी पीड़ा का इजहार किया। बेहद छोटे साइज का तौलिया मिलने से लोग पूछते रहे कि आखिर इसका करेंगे क्या? हालांकि बाद में प्रबंधन ने अपनी गल्ती दुरुस्त कर ली और सबके पांच-पांच तौलिए दिए गए। बताया जाता है कि स्टाफ को देने के लिए पांच तौलियों का फेमिली पैक आया था। किन्हीं चतुर मैनेजर या फिर पीए टाइप के किन्हीं सज्जन ने बजाय पूरा फेमिली पैक देने के, इसमें से सिर्फ बच्चों वाला तौलिया निकलवाया और वितरित करा दिया।
नाराज स्टाफ की कनबतिया जब प्रबंधन तक पहुंची तो बाद में इस गल्ती को दुरुस्त कर शेष तौलिए भी बंटवा दिए गए। रही बात बोनस की तो सूत्रों का कहना है कि भास्कर प्रबंधन अपने इंप्लाई की सेलरी से ही हर महीने बोनस के रूप में कुछ न कुछ रकम काटता है और दिवाली के दिन इसी रकम को थमा दिया जाता है। इस तरह, प्रबंधन बोनस के रूप में कोई अतिरिक्त रकम नहीं बल्कि कर्मियों की ही रकम को उन तक पहुंचा देता है।
एनुवल इनक्रीमेंट के बारे में भास्कर के स्टाफ ने बताया कि प्रबंधन पहले कहता रहा कि जब नोएडा से आफिस दिल्ली में शिफ्ट हो जाएगा तो इनक्रीमेंट दिया जाएगा। आफिस शिफ्ट हो गया लेकिन इनक्रीमेंट नहीं मिला। अब कहा जा रहा है कि अखबार की री-लांचिंग के बाद इसका सरकुलेशन पचास हजार के करीब हो जाएगा तो इनक्रीमेंट दिया जाएगा। ऐसे में भास्कर कर्मी कहने लगे हैं कि अगले मार्च से पहले किसी हालत में इनक्रीमेंट नहीं मिलना है। प्रबंधन फिलहाल लालीपाप देकर कर्मियों से ज्यादा से ज्यादा काम कराना चाहता है। सूत्रों के मुताबिक यह सब उस आफिस में हो रहा है जहां खुद समूह संपादक श्रवण गर्ग बैठने लगे हैं।