: अपडेट 2 : अदालत ने आपत्ति करने वाले के पक्ष को सुने बगैर डिक्लयरेशन एसेप्ट करने को कोर्ट का अवमानना माना : अगली सुनवाई, जो अक्टूबर में है, तक प्रकाशन रोकने के निर्देश दिए : डीबी कार्प ज्वाइंट बेंच के सामने ले जा सकता है मामला : लेकिन शनिवार व रविवार पड़ने से दो दिन तक प्रकाशन रोकना पड़ सकता है : संजय अग्रवाल के वकील ने अदालत के सामने आरएनआई व डीबी कार्प में मिलीभगत का मुद्दा उठाया : अदालत ने डिक्लयरेशन का प्रकरण रांची के डीएम से वापस लिया : अब पूरे मामले को अदालत खुद देखेगी और अंतिम फैसला सुनाएगी : डीबी कार्प को तगड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने आज दैनिक भास्कर के को-आनर संजय अग्रवाल की याचिका पर रांची में दैनिक भास्कर के प्रकाशन को रोकने के निर्देश दिए हैं. झारखंड, बिहार व कई प्रदेशों में दैनिक भास्कर ब्रांड नेम से अखबार निकालने की डीबी कार्प की कोशिशों के खिलाफ संजय अग्रवाल बहुत पहले से अदालत की शरण में हैं. बिहार-झारखंड के मामले में कोर्ट ने संजय अग्रवाल को स्टे दिया हुआ था. बाद में डीबी कार्प की तरफ से दी गई दलीलों को देखते हुए अदालत ने स्टे वैकेट किए बगैर अप्लीकेशन को डिस्पोज आफ कर दिया और रांची के जिलाधिकारी को पीआरबी एक्ट के सेक्शन 6 के तहत कार्रवाई करने को कहा.
पीआरबी एक्ट में सेक्शन 6 कहता है कि डीएम दोनों पक्षों को सुने और अपने विवेक से निर्णय ले. लेकिन रांची के जिलाधिकारी ने संजय अग्रवाल को सुने बगैर निर्णय सुना दिया. वह भी तब जब संजय अग्रवाल रांची के जिलाधिकारी के यहां अप्लीकेशन लगा चुके थे कि डिक्लयरेशन के मामले में उनका पक्ष सुने बगैर निर्णय न दिया जाए. रांची के जिलाधिकारी ने न तो संजय अग्रवाल के अप्लीकेशन को खारिज किया और न ही उनका पक्ष सुना. उन्होंने एकतरफा तौर पर डीबी कार्प के डिक्लयरेशन को एसेप्ट कर लिया. इस प्रकार रांची में डीबी कार्प को दैनिक भास्कर के प्रकाशन का रास्ता साफ हो गया.
दैनिक भास्कर ब्रांड नेम के को-आनर संजय अग्रवाल आरएनआई और डीबी कार्प की मिलीभगत को लेकर पहले से ही कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे हैं. उन्हें जैसे ही पता चला कि रांची में डीबी कार्प का दैनिक भास्कर के नाम से अखबार निकालने का डिक्लयरेशन एसेप्ट हो गया, उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने अदालत को बताया कि कोर्ट के डायरेक्शन का पालन नहीं किया गया. रांची के जिलाधिकारी ने दोनों पक्षों में से आपत्ति दर्ज करने वाले पक्ष को सुने बगैर ही डिक्लयरेशन एसेप्ट कर लिया. ऐसे में यह कोर्ट की अवमानना का भी मामला बनता है. अदालत ने संजय अग्रवाल की याचिका पर कल की तारीख तय की थी.
कल हाईकोर्ट में डीबी कार्प की तरफ से वकील सुनील गुप्ता और विवेक तनखा पेश हुए. संजय अग्रवाल की तरफ से राजीव नय्यर ने अदालत में अपना पक्ष रखा. वकील सुनील गुप्ता वही हैं जिन्होंने कभी हेमलता अग्रवाल की तरफ से डीबी कार्प के खिलाफ मुकदमा लड़ा था और जीते थे. अब डीबी कार्प के पक्ष में पैरवी कर रहे हैं. अदालत में डीबी कार्प ने अपना पक्ष रखा और कहा कि वे दैनिक भास्कर के आनर हैं, हम अखबार निकाल सकते हैं. संजय अग्रवाल की तरफ से कहा गया कि वे कोआनर हैं और बिना उनकी सहमति के अखबार निकालना संभव नहीं है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसले के लिए आज ढाई बजे का वक्त दिया.
अदालत ने आज अपने फैसले में डीबी कार्प को रांची में प्रकाशन अगली तारीख तक रोकने का निर्देश दिया. अक्टूबर में इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख तय की है. कोर्ट ने डिक्लयरेशन के मामले में निर्णय देने का अधिकार भी अब रांची के डीएम से ले लिया है और अदालत खुद अब इस पर फैसला सुनाएगी. कोर्ट ने रांची के डीएम व आरएनआई द्वारा एकतरफा तौर पर डिक्लयरेशन एसेप्ट करने को अदालत की अवमानना माना है.
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में डीबी कार्प प्रबंधन के सामने रास्ता यह बचता है कि वह पूरे प्रकरण को किसी ज्वाइंट बेंच के सामने ले जाकर फैसला देने का अनुरोध करे लेकिन यह आज संभव नहीं है क्योंकि आज जो कोर्ट ने फैसला दिया है उसकी प्रति हासिल करते करते कोर्ट के बंद होने का वक्त हो जाएगा और शनिवार व रविवार पड़ने से जो कुछ होगा वह सोमवार को ही होगा. इस प्रकार पूरी संभावना है कि दैनिक भास्कर का रांची में कल व परसों, दो दिन प्रकाशन न हो पाए.
Comments on “रांची में भास्कर का प्रकाशन रोकने के निर्देश”
दैनिक भास्कर का प्रकाशन होगा ही संभव है एक मुकदमा बढ जाएगा
B[b]haskar bhaiya ghabraney ka nahi Dukh aur Nirasha key baad hi Achhey din aatey hai
Ek din aapka sitara Jharkhand mai zaroor chamkega
Pehley yeha key akhbaro nai kimat 2/- kar diye ab aapkey burey din dekhkar page kam kar pathako ko thag rahey hai[/b]
Yahi hona tha……………………………………………!!!!
😀
Aap logo k 7 jo raha hai wo galat ho raha hai.
rahi bat nam ki to wo DANIK BHASHAKAR k jagha [b]THE DANIK BHASHKAR[/b] ho jaeyga.
JOHHAR
its a blackday of print media . THE DANIK BHASHKAR Jharkhand mai zaroor chamkega eak suraj ki thara.
Yeh sab jo bhi ho raha hai wo hindustan, jagaran & prabhat khabar ka den hai.
Inke saath aisa hi hona chaiye tha..jab apne bhai ko dokha doge to aisa hi hoga..Bhagwan sab dekhta hei..
hadkamp to machna hi tha. Akhir hamari marzi sarkar kyon chalne dey. 5 hi dino mein sarkar ko apni pol khulti nazar aa rahi hai.
Manoranjan ji, Sarkar ko Bhaskar ke news content se kuch nahi hone wala hai kyo ki Jharkhand me News ke mamle me bhaskar fisdi sabit ho chuka hai.
Bhaskar………………….BD star ……….yaa ………….Divya Bhaskar ho jayega.
bhaskar jaisa raddi prabandhan kahi aur nahee hai ise saja milani hi chahiye.akhbar samuh ko redi patari ki dukan ki tarah chalate hain
DB CORP KE LIYE SHARM KI BAAT HAI. BAAT SACHHAI KI KERTE HAIN AUR KHUD HI JHUTH KA DAAMAN THAME RAHTE HAIN. DB CORP KE MAALIKO KE LIYE AB BHI WAQT HAI SACHHAI KUBUL KERNE KA…….. VERNA FAAYDA DOOSRA UDHA LE JAAYEGA….. AKHIR HAQ MAARNA TO BAHUT GALAT BAAT HAI AUR VO BHI APNE PARIVAAR KE SADASYO KA.
Dekha bhaskar ka kamal.Idhar Ranchi mai stay huwa too Jamshedpur ka address print line mai kar akhbar publish kar diya. Kal Jamshedpur ka hoga too Dhanbad ka address de denge.
Jisne apno ko chuna lagaya.Wo Pathko ko kitna chuna lagayega ?
Wah Ustad wah
bhaskar ki adaton se sab wakif hain.is samooh par kadai karni chahiye.apne karmchariyon ko bhee satate hain.
haakaro ke saath gunda gardi, anyaay karne wale kabhi safal nhi honge. bhaskar ke saath aisa hona hi tha