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आई-नेक्स्ट, रांची का सूपड़ा साफ होगा!

घर का भेदी लंका ढावे. इस कहावत का मीडिया में आए दिन खूब इस्तेमाल होता है. दूसरे अखबारों को मात देने के लिए मैनेजमेंट दूसरे अखबारों के वरिष्ठों को तोड़कर अपने पाले में करता है और उनकी जानकारियों व अनुभवों का लाभ उठाता है. रवि प्रकाश को ही लीजिए. वे आई-नेक्स्ट, रांची के लांचिंग एडिटर थे. प्रभात खबर से आई-नेक्स्ट, रांची में एडिटर बनकर आए तो अपने पीछे प्रभात खबर से कई लोगों को लेते आए. उन्हें पता था कि प्रभात खबर में कौन-कौन लोग कैसा काम करते हैं. देखते ही देखते रवि प्रकाश ने रांची में आई-नेक्स्ट की एक युवा और तेजतर्रार टीम खड़ी कर दी.

<p style="text-align: justify;">घर का भेदी लंका ढावे. इस कहावत का मीडिया में आए दिन खूब इस्तेमाल होता है. दूसरे अखबारों को मात देने के लिए मैनेजमेंट दूसरे अखबारों के वरिष्ठों को तोड़कर अपने पाले में करता है और उनकी जानकारियों व अनुभवों का लाभ उठाता है. रवि प्रकाश को ही लीजिए. वे आई-नेक्स्ट, रांची के लांचिंग एडिटर थे. प्रभात खबर से आई-नेक्स्ट, रांची में एडिटर बनकर आए तो अपने पीछे प्रभात खबर से कई लोगों को लेते आए. उन्हें पता था कि प्रभात खबर में कौन-कौन लोग कैसा काम करते हैं. देखते ही देखते रवि प्रकाश ने रांची में आई-नेक्स्ट की एक युवा और तेजतर्रार टीम खड़ी कर दी.</p>

घर का भेदी लंका ढावे. इस कहावत का मीडिया में आए दिन खूब इस्तेमाल होता है. दूसरे अखबारों को मात देने के लिए मैनेजमेंट दूसरे अखबारों के वरिष्ठों को तोड़कर अपने पाले में करता है और उनकी जानकारियों व अनुभवों का लाभ उठाता है. रवि प्रकाश को ही लीजिए. वे आई-नेक्स्ट, रांची के लांचिंग एडिटर थे. प्रभात खबर से आई-नेक्स्ट, रांची में एडिटर बनकर आए तो अपने पीछे प्रभात खबर से कई लोगों को लेते आए. उन्हें पता था कि प्रभात खबर में कौन-कौन लोग कैसा काम करते हैं. देखते ही देखते रवि प्रकाश ने रांची में आई-नेक्स्ट की एक युवा और तेजतर्रार टीम खड़ी कर दी.

इस टीम के लोगों ने कंटेंट, लेआउट, इन्नोवेशन, प्रजेंटेशन, कापी आदि के फील्ड में अच्छा काम किया. रांची एडिशन आई-नेक्स्ट का सबसे चर्चित व स्मार्ट एडिशन बन गया. आई-नेक्स्ट के इस रांची एडिशन की जागरण समूह की बैठकों में तारीफ की जाने लगी. क्वालिटी और प्रसार दोनों मोर्चे पर आई-नेक्स्ट ने रांची में उम्मीद से ज्यादा सफलता पाई. अब वही रवि प्रकाश भास्कर के पाले में खड़े हैं. डीबी स्टार, ग्वालियर लांच कराने के बाद भास्कर ने उन्हें रांची के मोर्चे पर लगा दिया है. रवि को रांची की मीडिया राजनीति ठीक से पता है. यह भी पता है कि कौन कहां पर कितने पानी में है.

रांची में भास्कर की लांचिंग के लिए टीम गठन की कवायद शुरू हुई तो राजीव सिंह, नवनीत गुर्जर, ओम गौड़ समेत भास्कर के कई वरिष्ठ रांची आए और अपनी-अपनी रिपोर्ट बनाकर प्रबंधन को दे गए. सूत्रों का कहना है कि रवि प्रकाश से भी प्रबंधन ने रांची में भास्कर व डीबी स्टार की टीम को लेकर राय मांगी. प्रबंधन ने सभी रिपोर्टों को कंपाइल कर और रिपोर्टों में दर्ज एक-एक व्यक्ति को परख कर फाइनल टीम के लिए चुनिंदा नामों पर मुहर लगा दी. इन चुनिंदा मीडियाकर्मियों ने अपने-अपने संस्थानों को छोड़कर भास्कर ज्वाइन करना शुरू कर दिया है.

फिलहाल पहली खेप में जिन 7 लोगों ने भास्कर में ज्वाइन करने की शुरुआत की है उनमें से तीन तो वही हैं जो रवि प्रकाश के आई-नेक्स्ट, रांची के एडिटर बनने के वक्त उनके साथ प्रभात खबर से आई-नेक्स्ट, रांची में आए थे. चौथा जर्नलिस्ट दैनिक भास्कर, लुधियाना से रवि प्रकाश के आई-नेक्स्ट के कार्यकाल में आया था. ये चार फिर से रवि प्रकाश के साथ भास्कर ग्रुप के हिस्से बन गए हैं. प्रभात खबर से जो सज्जन अबकी भास्कर आए हैं, वे भी रवि के करीबियों में से हैं. तो इस प्रकार माना जा रहा है कि रवि रांची में जिन-जिन अखबारों में काम कर चुके हैं, उनके अच्छे लोगों को भास्कर से जोड़ रहे हैं.

सूत्र बताते हैं कि सर्वाधिक गाज आई-नेक्स्ट पर गिरने वाली है. आई-नेक्स्ट, रांची के रीढ़ चार पत्रकारों ने अभी इस्तीफा दिया है. आगे आने वाले दिनों में कई और इस्तीफा देकर भास्कर के पाले में जा सकते हैं. इसे लेकर आई-नेक्स्ट प्रबंधन परेशान है. लड़खड़ाई स्थिति को कंट्रोल करने के लिए शर्मिष्ठा शर्मा लखनऊ से रांची के लिए रवाना हो चुकी हैं. उधर, शशि शेखर भी एक बार फिर रांची पहुंच चुके हैं. अपने किले को बचाने और भास्कर को मात देने की रणनीति बनाने के काम में आजकल शशि शेखर का अच्छा खासा वक्त लग रहा है. इस मारकाट व तोड़फोड़ के दौर में रांची के जमे-जमाए अखबार के वरिष्ठ लोग अपने-अपने घर को बचाने में जुट गए हैं.

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0 Comments

  1. mazmoon

    May 19, 2010 at 11:09 am

    inext ka managment kaaam lene ke mamle mein khoon choosne wala aur paise dene ke mamle main nichod kar rakh lene wala hai. maine kai baaar unke yahan join karne kee koshish kee. ek interview lko mein, dusra kanpur mein, teesra meerut mein aur choutha agra mein lene ke baaad unhone wah salary offer kee jisse jyada mein apne sansthan mein utha raha hun. they are cheap and they behave like they are the most smart employer in this country. thanks god ki is desh mein dainik bhaskar, rajsthan patrika aur lokmat jaise sansthan hain jo hindi media ke karmiyon ko achha wetan dete hain aur unki izzat nahin utarte. inext ka soopra saaaf hona hee chahiye…

  2. ROCKY RANJAN PATNA

    May 19, 2010 at 11:52 am

    BHASKAR KE AANE KE BAD I NEXT KAYA KOI V AKAHBAR TUT JAIGA.

  3. newshonda

    May 19, 2010 at 5:56 pm

    jo bhi abhi bhaskar ja rahay wo juld he bhaskar chodna paraga dosto agar wo nai choda tho bhaskar usko tata kar dega. bhaskar ke yahe neti hai. wo jaha jaha gaya hai aisa he keya hai

  4. Shatrughna Kushwaha

    May 21, 2010 at 2:06 pm

    Inext ki jo policy hai usase karmchari chod kar bhagege hi.

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