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भास्कर ने खेला हरिवंश के पीए पर दांव

रांची के मीडिया वार की अगली कड़ी में दैनिक भास्कर समूह ने अब झारखंड में अपने वजूद के विस्तार के लिए नए हथकंडों को आजमाना शुरू कर दिया है. अब तक रिपोर्टरों-सब एडिटरों की झीना-झपटी होती थी, मगर इस बार भास्कर ने प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश के पीए को पैसों का लालच देकर अपने पाले में कर लिया है. चार महीने पहले इस पद से अपना कैरियर शुरू करने वाले अमित का इस्तेमाल भास्कर प्रबंधन अपने लिए करेगा.

<p style="text-align: justify;">रांची के मीडिया वार की अगली कड़ी में दैनिक भास्कर समूह ने अब झारखंड में अपने वजूद के विस्तार के लिए नए हथकंडों को आजमाना शुरू कर दिया है. अब तक रिपोर्टरों-सब एडिटरों की झीना-झपटी होती थी, मगर इस बार भास्कर ने प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश के पीए को पैसों का लालच देकर अपने पाले में कर लिया है. चार महीने पहले इस पद से अपना कैरियर शुरू करने वाले अमित का इस्तेमाल भास्कर प्रबंधन अपने लिए करेगा.</p>

रांची के मीडिया वार की अगली कड़ी में दैनिक भास्कर समूह ने अब झारखंड में अपने वजूद के विस्तार के लिए नए हथकंडों को आजमाना शुरू कर दिया है. अब तक रिपोर्टरों-सब एडिटरों की झीना-झपटी होती थी, मगर इस बार भास्कर ने प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश के पीए को पैसों का लालच देकर अपने पाले में कर लिया है. चार महीने पहले इस पद से अपना कैरियर शुरू करने वाले अमित का इस्तेमाल भास्कर प्रबंधन अपने लिए करेगा.

पिछले चार महीनों से लगातार  हरिवंश जी के संपर्क में रहने के कारण अमित भास्कर समूह को प्रभात खबर की कुई गुप्त जानकारियां उपलब्ध करा सकते हैं. अमित भास्कर समूह को हरिवंश की सोच और कार्य प्रणाली से भी अवगत करा सकते हैं. इससे पहले भी भास्कर ने प्रभात खबर एचआर डिपार्टमेंट से सभी कर्मियों के वेतन संबंधी आंकड़ों समेत कई जरूरी दस्तावेज उड़ा लिए थे. कुल मिलाकर भास्कर ने अखबारी लड़ाई में जीतने के लिए कोई तौर-तरीका नहीं छोड़ना चाहता.

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0 Comments

  1. deekak gupta

    September 15, 2010 at 8:03 am

    gajab ho gaya. dhobi par joor nahi chala to gadhe ka kan pakda.

  2. vikas kumar

    September 15, 2010 at 10:31 am

    4-6 mahine harivansh ji ke sath rah lene se kisi ko kya gupt jankari mil jayegi. waise bhi prabhat khabar me kuch bhi gupt nahi hota. danke ki chot par. akhbar ke front page par chap kar hota hai

  3. Sanjeev Kumar

    September 15, 2010 at 3:57 pm

    You shall also publish the fact that whether AMIT was given proper salary or not. If somebody finds better salary, he can go. This is the responsibility of the organisation to give proper salary to every body. As per my knowledge, RAKESH, the previous PA of Harivansh ji was also very low paid and was always in search of better opportunity. Congratulations to Amit if you are getting better, but always remember never to harm your previous master who gave you any opportunity to rise.

  4. jai

    September 16, 2010 at 7:16 am

    shame-shame.

  5. ABC

    September 16, 2010 at 8:03 am

    PA planner nahi hota, Akhabr me to kabhi nahi. woh to sirf order boy ka kam karta hai. Boss ke Aadesh ko sub-ordinante taj pahunchata hai. Use wohi Jankari milti hai jo execute hoti hai.

  6. vikas

    September 16, 2010 at 6:21 pm

    jo hota hai ache ke liye hota hai., paisa bhala kise katata hai.
    ab laxmi darwaje par khadi ho or hum muh dhone chale jayen, bhala ye samjhadari to nahi samjhijayegi.

  7. sunit

    September 18, 2010 at 5:57 am

    हरिवंश ने तीन महीने पहले उसे निकाल दिया था। आप लोग बेकार का वितंडा फैला रहे हैं।

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