आखिरकार भास्कर वालों ने भी अपने कर्मचारियों की सुध ले ही ली. कई वर्षों से इनक्रीमेंट और प्रमोशन से वंचित भास्करकर्मियों को इस गर्मी में राहत मिली है. 13 से 30 प्रतिशत तक इनक्रीमेंट हुए हैं. संपादकों को सबसे अच्छा इनक्रीमेंट मिला है. सबसे पहले राजस्थान प्रदेश में इनक्रीमेंट हुआ. वहां लोगों को प्रमोशन भी दिए गए. राजस्थान वालों को इनक्रीमेंट लगी सेलरी मिल चुकी है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीते दिनों इनक्रीमेंट व प्रमोशन की घोषणा की गई. प्रबंधन ने इनक्रीमेंट देने से पहले इंटरनल अप्रेजल करवाया.
जिन लोगों का काम अच्छा नहीं माना गया उन्हें मामूली 10 फीसदी इनक्रीमेंट से ही संतोष करना पड़ा. वैसे, औसतन 20 फीसदी तक इनक्रीमेंट हुआ है. जल्द ही अन्य राज्यों में भी इनक्रीमेंट की घोषणा हो जाएगी. एमडी आफिस से एडिटर्स के लिए इनक्रीमेंट का जो बजट सैंक्शन हुआ है, वो काफी अच्छा खासा है. ज्यादातर संपादकों की सेलरी में छह हजार से 12 हजार रुपये तक की वृद्धि की गई है. पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली रेंज के लोग इनक्रीमेंट का सांस रोके इंताजर कर रहे हैं. माना जा रहा है कि इन इलाकों में आजकल में वेतनवृद्धि की घोषणा कर दी जाएगी.
सूत्रों का कहना है कि इस बार इनक्रीमेंट-प्रमोशन का काम कल्पेश याज्ञनिक और यतीश राजावत के हवाले था. पहले यह काम श्रवण गर्ग देखा करते थे. कुछ राज्यों में मार्केटिंग हेड की सलाह पर इनक्रीमेंट देने की औपचारिकता निभाई गई है. कई वर्षों बाद इनक्रीमेंट प्रमोशन होने के कारण पुराना स्टाफ इसे पर्याप्त नहीं बता रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि भास्कर प्रबंधन जिस कदर अपने स्टाफ से काम लेता है, उसके मुकाबले वेतन व वेतनवृद्धि कुछ नहीं है. वहीं, अन्य लोग जहां कुछ नहीं था, वहां इतना मिलने को ही पर्याप्त मान रहे हैं.
sandeep sharma
June 2, 2010 at 6:02 am
Increment me koi khush hota hai to kisi ko dukh hota hai ye sab chalta hi rahta hai isi kanam jindgi hai
gaurav goyal
June 1, 2010 at 6:00 am
This paper talks of going Corporate” Balls” . This is a pure Madhya Pradesh Lobby with plenty of ji hazuri and bhabhi dewar ka pyar, sab bhopal main.Kayastha bhaiyon ki toh chandi hai.Long Live “Hum saath saath hain” In real life.
smrat
May 26, 2010 at 5:28 pm
bhaskar main increment kya aur kitna hai. jab tak employ ke hath per nahi ata yakin nahi kia ja sakta. ye log to thadpa thadpa ker employ ko persan karte hain. haryana main pihle do sal se intzar ho raha hai. lakin malik aise hai ki koi khabar hi nahi hai.vaise to sabi akhbar aise hai lakin bhaskar ka kamal hai.
kamal kashyap
May 26, 2010 at 11:09 am
bhai shab yaswant ji heading main galti hai dek lena
sach ka samna
June 2, 2010 at 11:05 am
bhaskar parbhandhan ne kasam khaa rakhi hai ke jo reporter kaam nahi karta uski sallary jyada badhate hain aur jo karta hai use 10 percent bhi nahi dete..is baar bhi punjab ke reporters niraash huen hai jo kaam karte hain