भारत में जनगणना के काम शुरू हो गइल बा. रउआ सभे से निहोरा बा कि आपन पहिला भासा हिंदी आ दोसरा भासा के रूप में भोजपुरी लिखवाईं अगर रउआ मैथिली बोलत होखीं, आ चाहे कवनो दोसर भासा, त उहे लिखवाईं. आखिर रउआ मालूम होखे के चाहीं कि राउर मातृभासा बोले वाला लोग वास्तव में केतना बाड़े.
सच्चाई ई बा कि आजो भोजपुरियन के कुल्ह संख्या के सही आंकड़ा सरकार भिरी नइखे. सरकार त जानबूझ के भोजपुरी के हिंदी भासा के एगो बोली भ बता के एकरा दे दबावल चाह तिया. बाकिर अगर हमनी के जागरूक ना होखब जा त एकर नोकसान हमनिये के नू होई. भोजपुरी के बजार गरम बा. राजनीतियो खूब हो रहल बा. भोजपुरी में लोग संसदो में बोलेले, हंसी मजाक आ गारी गुप्तो हो जाला, बाकिर एह भासा के अलग मान्यता देवे में सबके करेजा फाटे लाग ता. डेराता लोग कि कहीं भोजपुरिया आ जइहें स हमनी के का होई. बाकिर अब भोजपुरिया लोग जाग गइल बाड़े. सिनेमा से लेके मीडिया आ मार्केट से लेके संसद तक भोजपुरिया छा गइल बाड़े. कतना दिन रोकी लोग. बाकिर एह भासा के मान्यता मिल जाये त भोजपुरी बोले वाला नवका पीढ़ी के लइका लइकन के रोजी रोजगार मिले में आसानी होई. गांव के भोजपुरिया औरतन के मान बढ़ी आ कमाये के रस्ता खुली.
एह से चलीं कहल जाव —
हिंदी हमरी आन ह, त भोजपुरी पहिचान ह
राजभासा हिंदी के राष्ट्रभासा बनाईं.
बाकिर भोजपुरियो के भाग जगाईं.
Global Bhojpuri Movement की तरफ से जारी अपील
vineet kumar gkp 09936809770
May 7, 2010 at 11:52 am
sahi……..ya mudda par bhojporiyon ka aak hokhi ka padi varna ye nata log sirf hamaan ka shoshad yahi tharaha karla karhya.
[email protected]
sushil baba
May 7, 2010 at 12:22 pm
bhahut badiya baat kah dela eh bhai, hamni ke to bihari hokhe me garv mehsus hokhe la! lakin kuch bhail logan ke bhojpuri bole me sarm bhujala,
satya prakash azad
May 7, 2010 at 1:39 pm
bhojpuri belt ke log bahre gaila ke bad aapan bhash bole me saram mahsoos karelen….ee na thik baa….
sanjay
May 7, 2010 at 3:08 pm
kam sey kam isko hinda bana kar too likh dete
Avinash Pathak
May 8, 2010 at 9:07 am
sanjay ji e bhojpuri bole wala logon khatir likhal gail ba…
noopur
May 9, 2010 at 11:51 am
बढ़िया है आप लोग हमनी टमनी करते रहिये अब राष्ट्रभाषा गई तेल लेने, ब्रज वाले ब्रजभाषा, अवध वाले अवधी, राजस्थान वाले राजस्थानी हिन्दी, मध्य प्रदेश वाले मालवा हिन्दी लिखाएगें, लोग अंग्रेजों पर बांटों व राज करो का गलत आरोप लगाते है बंटवारा तो हिन्दी बोलने वालों के खून में है भाई भतीजा रिश्तेदार जातपांत में बंट कर और हिन्दी को बांट कर हमनी’हमनी करिये, हिन्दी पत्रकारिता के बजाए भोजपुरी में नौकरी तलाश ले अभी से, जम कर हमनी’हमनी करिये और बाकी लोगो को आरोप लगाए, बेहतर है देवनागरी के बजाए भोजपुरी के लिए नयी लिपि भी खोज लें हमनी’हमनी लिखने में अच्छा रहेगा।:-*
Anamika
May 22, 2010 at 10:15 am
Tum jaise log hiu desh bat rahe hain.[b][/b]:P[b][/b]