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यह ‘इमोशनल अत्याचार’ है या सेक्स अत्याचार!

आजकल ‘बिंदास टीवी’ पर प्रसारित कार्यक्रम ‘इनोशनल अत्याचार’ अश्लीलता का अखाड़ा बना हुआ है. विशेषकर युवा वर्ग, जो कि खुद इस कार्यक्रम के केंद्र में है, इस प्रोग्राम को लेकर काफी उत्सुक दिखता है. क्या यह कार्यक्रम सच में किसी पर हुए ‘इमोशनल अत्याचार’ को दिखाता है? प्रोग्राम को किसी भी दृष्टिकोण से देखकर ऐसा तो नजर बिल्कुल नही आता, इसे देखकर तो यही लगता है कि यह केवल सेक्स की बात ही दर्शकों को दिखाता है. हर एपिसोड में एक लड़का और लड़की केवल किस करते या सेक्स की बातें ही करते नजर आते हैं. भावानाएँ तो कहीं भी नजर नहीं आती है?

<p style="text-align: justify;">आजकल 'बिंदास टीवी' पर प्रसारित कार्यक्रम 'इनोशनल अत्याचार' अश्लीलता का अखाड़ा बना हुआ है. विशेषकर युवा वर्ग, जो कि खुद इस कार्यक्रम के केंद्र में है, इस प्रोग्राम को लेकर काफी उत्सुक दिखता है. क्या यह कार्यक्रम सच में किसी पर हुए 'इमोशनल अत्याचार' को दिखाता है? प्रोग्राम को किसी भी दृष्टिकोण से देखकर ऐसा तो नजर बिल्कुल नही आता, इसे देखकर तो यही लगता है कि यह केवल सेक्स की बात ही दर्शकों को दिखाता है. हर एपिसोड में एक लड़का और लड़की केवल किस करते या सेक्स की बातें ही करते नजर आते हैं. भावानाएँ तो कहीं भी नजर नहीं आती है?</p>

आजकल ‘बिंदास टीवी’ पर प्रसारित कार्यक्रम ‘इनोशनल अत्याचार’ अश्लीलता का अखाड़ा बना हुआ है. विशेषकर युवा वर्ग, जो कि खुद इस कार्यक्रम के केंद्र में है, इस प्रोग्राम को लेकर काफी उत्सुक दिखता है. क्या यह कार्यक्रम सच में किसी पर हुए ‘इमोशनल अत्याचार’ को दिखाता है? प्रोग्राम को किसी भी दृष्टिकोण से देखकर ऐसा तो नजर बिल्कुल नही आता, इसे देखकर तो यही लगता है कि यह केवल सेक्स की बात ही दर्शकों को दिखाता है. हर एपिसोड में एक लड़का और लड़की केवल किस करते या सेक्स की बातें ही करते नजर आते हैं. भावानाएँ तो कहीं भी नजर नहीं आती है?

क्या आज के युवा इतने बेवकूफ हैं कि एक दो बार मिली किसी भी लड़की या लड़के से बस सेक्स के बारे में ही बात करते हैं. और कोई भी लड़का किसी भी लड़की से 4-5 तमाचे खाने के बाद भी हँसता रहता है, क्या सच में ऐसा होता है?  हम क्या दिखा रहे हैं टीवी पर युवाओं को, अगर यही दिखाना है तो इसका नाम बदल देना चाहिए. कम से कम इमोशन के नाम पर सेक्स की बातें तो नहीं देखने को मिलेगी, और अगर यह कार्यक्रम इसी नाम से दिखाना है तो चैनेल पर कम से कम इसके प्रसारण का समय तो बदल ही देना चाहिए. देर रात इसे दिखा सकते हैं. कम से कम किशोर बच्चे तो इसे देखने से बचेंगे.

कार्यक्रम के निर्माता का कहना है कि आज के युवा बहुत ही प्रैक्टिकल व पाजिटिव हैं. उनको अपनी किसी भी भावना को दिखाने में किसी भी तरह की कोई शर्म नही आती. और उन्हें सच कहने में किसी भी प्रकार की कोई शर्म नही आती है. ‘इमोशनल अत्याचार’ का सीजन टू आरम्भ हो चुका है और पहले ही एपिसोड के बाद इस चैनेल की लोकप्रियता और भी बढ गयी है. क्या यह सब केवल अपने चैनेल की लोकप्रियता बढाने के लिए ही है. कार्यक्रम के होस्ट प्रवेश राना व लड़कियों के बीच भी कुछ ऐसी बातें होती हैं जिन्हें अनजान लोग आपस में शायद नहीं कर सकते हैं. लड़कियां भी ऐसी-ऐसी बातें व गाली देती हैं जिनको छिपाने के लिए बीप की बार बार आवाजे आती हैं. क्या यह सच में इमोशनल अत्याचार है या सेक्स अत्याचार?

-मीनाक्षी शर्मा

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0 Comments

  1. satyendra bharill, guna m.p.

    August 28, 2010 at 1:26 pm

    is tah k karykram samaj ko siway mansik vikrati k kuch nahin de sakte, is liye band kar diye jaana chahiye

  2. manish sharma

    August 28, 2010 at 4:40 pm

    sahi baat he. manoranjan ke naam par in tv chenal ko yah sab nahi dikhana chaahiye. kam se kam inko to bhartya sanskrati ka khayaal rakhna chaiye. vaise aise programe dikha kar trp badhaane vale tv chenal par lagam kasni bhi jaruri he.. thanks…. meenakshi ji

  3. Amit lal

    August 29, 2010 at 5:46 am

    मैं समझता हूं कि ऐसे कार्यक्रमों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा देनी चाहिए……ऐसे कार्यक्रम न सिर्फ किसी की प्रइवेसी छीन लेते हैं बल्कि समाज को गुमराह भी करते हैं..

  4. rajesh kumar

    August 29, 2010 at 6:15 am

    u r right meenakhshi.
    rajesh
    reporter hindustan
    [email protected]

  5. Abhishek sharma

    August 29, 2010 at 7:21 am

    desh ki yuva peedhi apne uddeshya se bhatak kar pashchimi desho ke daure par lambe samay ke liye rawana ho chuki hai….. ham intzaar karenge unke laut aane ka…
    Abhishek sharma
    [email protected]
    http://www.exultvision.blogspot.com

  6. a n shibli

    August 29, 2010 at 3:30 pm

    टी वी चैनल के कुछ प्रोग्राम ने बेशर्मी की हद पार कर दी है। कोई कोई प्रोग्राम तो ऐसा होता जैसे लगता है की छोटे शहर के किसी सिनेमा घर में मॉर्निंग शो देख रहे हैं [url][img][/img][/url]

  7. shruti Awasthi

    August 29, 2010 at 7:03 pm

    ye bhi sochne ki hee baat hai ki in vishyon par humne itni tarah ki pabandiya lga rakhi hai ki jaha mauka milta hai waha wo nikalti hai.

  8. अभिषेक

    August 29, 2010 at 7:30 pm

    बाकी सब तो ठीक है मीनाक्षी जी, सिर्फ ये बताएं कि आपने यह लेख ‘इमोशनल अत्याचार’ को न देखने की सलाह देने के लिए लिखा है या फिर पाठकों को इसे देखने के लिए उकसाया है? इतिहास गवाह है कि जब-जब आप जैसे आलोचकों ने किसी बेहूदा कार्यक्रम को आलोचनाओं के जरिए चर्चित किया है, तब तब उसकी लोकप्रियता में इजाफ़ा ही हुआ है (आपका लेख पढ़ने के बाद ही मैंने भी इस कार्यक्रम को पहली बार देखा और मेरे कुछ सहकर्मियों को यह पसंद भी आया). अगर आपको कार्यक्रम पसंद नहीं है तो कोई और चैनल देखिए, इतनी गहराई से देख कर समीक्षा करने के लिए यही कार्यक्रम मिला था आपको?

  9. himanshu joshi RAJASTHAN UNIVERSITY

    August 30, 2010 at 7:11 am

    You are absolutly right i m in ur favour meenakshi. i am also 21year old but i don’t like this type of bucwas.

  10. dilzala

    August 31, 2010 at 11:01 am

    aap ne bilkul sahi kaha hai, es par turant rok lagni chahiye. ES ke allawa comedy ke sony, star par aa rahey karakarmon par bhi, bachhe un ko daikh hi nahi sakte.

  11. nikhil meshram

    August 31, 2010 at 2:48 pm

    agar kisi ladke ko koi ladki saamne se offer degi to ladke aisi harkat karenge hi.starting me main bhi dekhta tha par 2-3 apisod k baad hi mujhe samajh aa gaya ye sab publicity stunt hai.ise band karana chahiye.filmo ki tarah tv siriel me bhi sensor board hona chahiye

  12. sunil shsrma. bilaspur

    September 1, 2010 at 1:53 pm

    khabar padkar aashrya nahi hua kyoki hame pata hai ki minakshi sharma jis HS company ke liye kaam karti hai uske paas imotional atyachar ke prachar-prasar ka jimma hai. is tarah prachar-prasar kar sidhe taur par yuvao ko bhatkane ka kaam minakshi aur uske jaise kai log kar rahe hai. shame shame …

  13. sunil shsrma. bilaspur

    September 1, 2010 at 1:59 pm

    Khabar padkar tajjub nahi hua kyoki hum jante hai ki minakshi sharma jis HS company ke liye kaam karti hai usne imotional atyachar ke prachar ka jimma utha rakha hai….shame on u minakshi.

  14. sunil sharma, Bilaspur( C.G.)

    September 2, 2010 at 8:35 am

    tajjub nahi hua khabar padkar kyiki minakshi jis hs communication me kaam karti hai uske pas imotional atyachar ke prachar ka jimma hai. ye khabar pathko ko gumrah karne ke liye likhi gai hai. shame shame…

  15. vinay kumar

    September 6, 2010 at 1:56 pm

    hum bhartia sanskrti ki baat karte to hi,pr jaise hi hume mauka milta hi hum uska bharpur upyog karte hi,ye program bahot hi aucha hi,karan aajkal jis traha se pyar ke nam pr sirf shareer ki avyaskta poori krte hi ,vo isme bilkul thik dikaya jata hi,AAJ KAL KE JAMANE MAIN PYAR KUCH BHI NAHI (PAISA AUR SEX ) SABKUCH HI ye hume sach se vakif karata hi

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