जिला प्रशासन खुद भी अपनी तरफ से सम्मेलन के खर्च के लिए 25 हजार रुपये देता है. इस साल आयोजन का संयोजन किया उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष और लाइव इंडिया व जनसंदेश न्यूज चैनलों के स्ट्रिंगर मनीष शर्मा ने. मनीष ने अपने साथी व कई न्यूज चैनलों के लिए स्ट्रिंगर के रूप में काम करने वाले संदीप तायल के साथ मिलकर पूरे जिले से पत्रकार सम्मेलन के लिए कई लाख रुपये चंदा इकट्ठा किया. सूत्र बताते हैं कि फंड का हिसाब-किताब संदीप तायल के जिम्मे था.
पत्रकार सम्मेलन में दिल्ली-नोएडा के कई टीवी जर्नलिस्ट भी शामिल हुए जिनमें पी7न्यूज के मुकुंद शाही, इंडिया न्यूज के आदर्श झा, संजीव मिश्रा आदि प्रमुख हैं. बताया जाता है कि 20 मार्च को सम्मेलन के मंच पर भी नोकझोंक हुई लेकिन आपसी विवाद ने गंभीर रूप लिया 23 मार्च को. सूत्रों के मुताबिक मनीष शर्मा और संदीप तायल के बीच चंदे वाले पैसे के हिसाब को लेकर झगड़ा शुरू हो गया. इस झगड़े ने गंभीर रूप ले लिया और भरे चौराहे पर दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो गई.
सूत्रों के मुताबिक मनीष शर्मा और उनके साथियों ने संदीप तायल को पीटा. राहगीरों के बीच-बचाव के बाद संदीप मुक्त हुए तो एसएसपी आवास पहुंच गए. एसएसपी ने संदीप तायल की हालत देखते हुए मनीष और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश दे दिए। बाद में पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से मामला दर्ज कर लिया.
संदीप तायल की ओर से मनीष शर्मा, कुलदीप और उसके 4-5 साथियों के खिलाफ धारा 147, 323, 504, 506 में मामला दर्ज हुआ है और मनीष शर्मा व कुलदीप की ओर से संदीप तायल, राजू समेत 3 अज्ञात हमलावरों के खिलाफ धारा 147, 323 और 506 में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. संदीप तायल की आंख में जबरदस्त चोट है और जिला अस्पताल से रेफर होने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. पत्रकारों के बीच सिर-फुटव्वल पुलिस व प्रशासन के अफसरों के बीच चर्चा का विषय है.
इस पूरे प्रकरण पर भड़ास4मीडिया की तरफ से जब मनीष शर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि आपस में झगड़ा हुआ है पर उन्होंने यह भी कहा कि हम लोग आपस में मिल-बैठ कर इसे सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. मनीष का कहना है कि वे इस पत्रकार सम्मेलन के संयोजक बनाए गए और वे पहली बार इस तरह का कोई सम्मेलन करा रहे थे. अनुभव न होने के कारण संदीप तायल को उन्होंने कई कामों के लिए जिम्मेदारी दे दी पर संदीप ने इसे ठीक से निभाया नहीं. मंच पर कई वरिष्ठों को न बिठाकर अपने मन-मुताबिक लोगों के बिठा दिया जिससे कई लोगों में नाराजगी हो गई. मनीष ने आरोप लगाया कि संदीप ने बिना जानकारी दिए कई लोगों से पैसे सम्मेलन के नाम पर ले लिए और इस रकम के बारे में किसी को नहीं बताया. इन्हीं सब मुद्दों पर जब सम्मेलन बीतने के बाद आपस में बातचीत हुई तो संदीप बदतमीजी करने लगे और थप्पड़ मार दिया. इसी के बाद झगड़ा बढ़ा.
संदीप तायल के मोबाइल नंबर पर जब भड़ास4मीडिया की ओर से फोन किया गया तो उनके परिवार के किसी शख्स ने फोन उठाया और संदीप के अस्पताल में होने की जानकारी दी. इसलिए संदीप का पक्ष नहीं लिया जा सका.
ajeet singh gaur
March 26, 2010 at 8:06 am
Buddhijeevi mane jane wale patrakaro ka ye achran sharmanaak hai.patrakarita k moolyon me lagatar giravat aa rahi hai.log sirf paise k peeche bhag rahe hai.ye ghatna usi ka parinaam hai.
ASHOK CHOUHAN, DANTEWADA, CG
March 26, 2010 at 8:37 am
Patrakar sammelan matlab hota hai… paisa ugahi ka dhandha. sammelan ek dukandari ka fanda ban gaya hai. Ye kathit patrakar patra me kam sammelan me jyada dhyan dete hai. jaise sadhu log paisa kamane, sal me 2-3 yag karwa lete hai, waise hi patrakar log sammelan. Sammelan ke nam par jam kar paisa ugahi hoti hai, paisa nahi dene par Blackmaling hoti hai. Lakho ki ugahi hoti hai. sammelan ke nam par Jam kar Daru-murga chalta hai. Aise me agar thodi-bahut gali-galouch aur hatha-pai ho jai to isme pahad tutne wali koi nai bat nahi… Buladshahar ki khabar BHADAS me aa gai to sab jan gai… Sammelan me aisi latam-jutam to sabhi jagah hoti hai..
kamal.kashyap
March 26, 2010 at 9:48 am
bhaut hi sarmnak baat hai. bhaiyo apne is nam ko ganda mat karo
deepak Agrawal, Hindustan, Agra
March 26, 2010 at 11:45 am
bhaut hi sarmnak baat hai. apne Patrkar nam ko ganda mat karo satheyon. संदीप तायल ko swasth labh hi kamna ke sath……
Deepak Agrawal, Hindustan, Agra
vishal chaturvedi
March 26, 2010 at 12:50 pm
ye to hona hi tha…………..
rahul gaziyabadi
April 3, 2010 at 3:37 pm
bulandshahar main patrkar sammelan ke doraan ye hona to aam baat hai, magar is mamle main ye janna jaruri hai ki jin patrkar mahoday ko unke hi ham-niwala ne pita aakhir uski wajah kya rahi. ghatna nishchit hi sharmnaak hai, magar uski wajah usse bhi jyada gandi.
Nitin Yadav V T W News Bulandshahr Up
April 11, 2010 at 3:31 pm
[i][b]Journilism k naam par ye sub jo ho raha hai ye pahle baar nahi hua ye bulandshahr mai pahle bhe hua hai chahe sandeep ho ya koi or kum to koi nahi hai,channel or prind media ko kya Gov ko reporter k liye maapdund banane chaiye nahi to aise he ye log hum jaiso ka bhe naam dubate rahenge or parshashan hume bhe us nazar se dekhega so beeter future can do something. 09761837006
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Nitin Yadav V T W News Bulandshahr Up
April 11, 2010 at 3:32 pm
ye koi nau baae nahi hai
Rajesh sharma
April 15, 2010 at 8:06 am
delhi ke jo bhi reporter the un log ka bhi hissa tha ? पत्रकार सम्मेलन में दिल्ली-नोएडा के कई टीवी जर्नलिस्ट भी शामिल हुए जिनमें पी7न्यूज के मुकुंद शाही, इंडिया न्यूज के आदर्श झा, संजीव मिश्रा आदि प्रमुख हैं. बताया जाता है कि 20 मार्च को सम्मेलन के मंच पर भी नोकझोंक हुई लेकिन आपसी विवाद ने गंभीर रूप लिया 23 मार्च को. सूत्रों के मुताबिक मनीष शर्मा और संदीप तायल के बीच चंदे वाले पैसे के हिसाब को लेकर झगड़ा शुरू हो गया. इस झगड़े ने गंभीर रूप ले लिया और भरे चौराहे पर दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो गई.