जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने स्वामी रामदेव और अन्ना हजारे के आंदोलन को ढोंग और पाखंड करार दिया है। सीएनईबी के सलाहकार संपादक किशोर मालवीय के साथ खास बातचीत में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने रामदेव पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सत्याग्रह करने का अधिकार केवल उसे है जो सच्चा है।
उन्होंने कहा कि रामदेव न केवल झूठा और पाखंडी हैं बल्कि योग के नाम पर धंधा करने वाले धंधेबाज भी हैं। खुद उन्होंने योग की शिक्षा मुफ्त में अपने गुरू से सीखी और अब यही शिक्षा वह बेच रहे हैं। रामलीला मैदान में रामदेव समर्थकों पर हुई पुलिस कार्रवाई को पुलिस की मजबूरी बताते हुए शंकराचार्य ने इसके लिए रामदेव को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि रामदेव ने रामलीला मैदान में एक करोड़ लोगों के जुटने की घोषणा कर पुलिस को कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया।
पुलिस से बच कर भागने की बात पर शंकराचार्य ने कहा कि यह कायरता है। ये कहना कि पुलिस उनकी हत्या कर देती, बहुत बड़ा झूठ है। और अगर ये मान भी लें कि उनकी हत्या हो जाती तो बड़े काम के लिए बलिदान देना ही पड़ता है। लोकपाल के लिए अन्ना के अनशन को भी शंकराचार्य ने पाखंड बताया। उन्होंने कहा- ”अन्ना हजारे अब तक 16 बार अनशन कर चुके हैं पर मरते नहीं।” उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार रोकना या कालाधन वापस लाना सरकार और संसद का काम है और ये काम उन्हीं पर छोड़ देना चाहिए।
जगतगुरू शंकराचार्य के साथ किशोर मालवीय की विस्तृत बातचीत आज रात 9:30 बजे सीएनईबी के शो क्लोज एनकाउंटर में देखी जा सकती है।
इस बातचीत की झलक आप यहां भी देख सकते हैं, क्लिक करें- शंकराचार्य कहिन
प्रेस रिलीज
Chandrabhan Singh
June 28, 2011 at 12:15 pm
Ghatiya mansikta ka dhongi Shankracharya ne Suraj par thookne ka sahas kiya hai. Bhagwan is behude Shankracharya ko sadbudhhi de.
agyaani
June 28, 2011 at 12:55 pm
अपने जीवन में लोकभलाई के कितने काम तथाकथित शंकराचार्य जी ने किये हैं जनता को भी तो पता चलना चाहिए! किसी के अच्छे काम की अच्छाई नहीं होती तो कम से कम अपना मुंह तो बंद रखिये!
अगर शंकराचार्य जैसे तथाकथित लोग वाकई में हिन्दू समाज का भला चाहते और प्रयास करते तो आज व्याप्त लूट खसोट से ये समाज अवश्य बच सकता था!
रामदेव जी अगर व्यापारी भी है तो इसमें बुरा क्या है? अगर आप पतंजली का कोई भी उत्पाद लेते हैं तो उसमें साफ़ साफ़ अक्षरों में पूरा विवरण दिया जाता है की कौन सी वास्तु कितनी मात्रा में डाली गई है! आज देश में कितनी ऐसी कम्पनियां हैं जो इतना उत्तम कार्य करते हुए लोगों तक सही सामग्री पहुंचा रही है? अगर किसी को पतंजली का उत्पाद नहीं लेना है तो बताई गई विधि से खुद भी तो घर पर तैयार कर सकते हैं इसमें संकोच कैसा?
सिर्फ ऊँचे पद पर बैठ कर ऊँची ऊँची हांकने से कुछ नहीं होता शंकराचार्य जी कर्मयोगी बन कर कुछ कर के दिखाइये! रामदेव के पास लाखों आरोग्य पा चुके लोगों का साथ तो है आप ऐसे बचकाना ब्यान दे कर क्यूँ अपना परलोक खराब कर रहे हैं ?
सत्यप्रकाश "आजाद"
June 28, 2011 at 1:06 pm
कांग्रेसी शंकराचार्य होश में आओ…गाज़ीपुर में अपने मठ का सोनिया से उद्घाटन करवाते हो तो सोनिया (मेड) का तलुवा तो चाटना ही होगा…जय हिंद
Kailash
June 28, 2011 at 1:23 pm
pakhani to wo hai jo dunia ke sach ko jante hua bhi maoun hai
sawmi ramdev ji jo kar rahe hai wo yugo ke bad hota hai
धीरेन्द्र
June 28, 2011 at 2:29 pm
इन शांकराचार्य ने क्या किया है लोकहित के लिये, खुद भी तो बतायें.
ajay
June 28, 2011 at 4:19 pm
आदरणीय शंकराचार्यजी शायद भूल गए हैं की सरकार पूरी तरह निष्क्रिय और प्रधानमंत्री लाचार हैं. ऐसे में कोई भी नेता विश्वास के काबिल नहीं है. क्या महाराजजी दिग्विजय के सामान कांग्रेस के नेता तो नहीं बन गए…!
ravi
June 28, 2011 at 4:24 pm
CNEB SAI RAMA SOLANKI KA ISTIFA HO GAYA HAI ,CNEB NAI RAMA SOLANKI KA APMAN KIYA THA
pankaj yadav
June 29, 2011 at 4:04 am
pagla gya hai swarupanand lagta hai isne congress se paisa khaya hai.ham sankracharya ka asali chehra pahle hi dekh chuke hai…swarupanand anna aur baba ramdev ka chappal uthane ka v kabil nahi
purushottam kumar singh
June 29, 2011 at 6:00 am
बेहद दुखी करने वाला है शंकराचर्या का ये वक्तव्य …..खुद धर्म के आड़ में मालपुए उड़ा रहे शंकराचार्य ने कोई जनकल्याण का कार्य किया है ..ऐसा मैं नहीं जानता ….भगवा चोले के आड़ में हिन्दुओं के इस तथाकथित धर्मगुरु की अपनी दुकान चले बस इस बात की फिक्र है इन्हें….देश जाये भाड़ मैं….वैसे भी शंकराचर्या पद की गरिमा तो उस वक़्त ही मटिया मेट हो गया जब ..एक शंकराचर्या हत्या के मामले मे जेल तक की यात्रा की…तरस आती है मालवीय जी पर की उस व्यक्ति या संस्था के विचार को इतनी प्रमुखता दे रहे है जिसकी खुद की बिश्वस्नियता पर सवाल खड़ा है….रहा बात इस देश में सब को अपने विचार रखने का अधिकार है इसलिए में भी कुछ कहना चाहता हूँ….भगवाधारी इन जैसे तथा कथित भगवानो का समय अब लद चूका है बेहतर हो की अपने भगतों को टोपी देकर खीर पूरी खाएं …अन्ना और रामदेव जैसे मुद्दों पर इन्हें वक्तव्य देने का कोई अधिकार नहीं है……
सत्यप्रकाश "आजाद"
June 29, 2011 at 6:57 am
खुद दो-दो पीठों पर कब्ज़ा जमाए बैठे हैं… जिस पर आज तक विवाद चल रहा है..और दूसरों पर अंगुली उठा रहे हैं..शर्म करिये कांग्रेसी शंकराचार्य
Yuvraj
June 29, 2011 at 7:34 am
जगतगुरु ???? ये निठल्ले जगतगुरु कब से हो गये?? बे-शर्म कहीं के| खुदको ही अपने चमचो से जगत गुरु कहलाने लगे| ये आदि जगत गुरु शंकराचार्य जी के ऐसे उत्तर्धिकारी हैं जो सिर्फ उनके नाम और काम की खा रहे हैं| इन्हों आज तक न देश के लिए कुछ भी सार्थक काम किया और न ही धर्म के लिए| कपटी साले| जगतगुरु कहलाने के हकदार आदि शंकराचार्य जी, स्वामी विवेकानंद जी, स्वामी प्रभुपाद जी जैसे संत ही हो सकते हैं, जिहोने धर्म का डंका न सिर्फ देश बल्कि सरे जगत में बजा दिया| और इन सरस्वती जी के बारे में सब जानते हैं की ये कांग्रसी टट्टू हैं, जो इनको फैयदा पहुंचाएगा ये उसी के गुण-गान करते फिरेंगे, दल्ले कहीं के|>:(
prakash
June 29, 2011 at 9:04 am
Shankarachrya ka bayan ghor nindaniya hai. Bhasha garima ke virudh hai. Aisi bhasha ke prayog karne se unke adhyatm aur sanskaron ka pata chalta hai.
yogendra singh chhonkar
June 29, 2011 at 9:46 am
bhala kisi ka kar na sako to bura kisi ka mat karna
sanjay krishna
June 29, 2011 at 5:28 pm
आदि शंकराचार्य चांदी की कुर्सी पर विराजमान नहीं होते थे। न उन्हें चांदी के चंवर की जरूरत थी। आदरणीय स्वरूपानंद को कांग्रेस का भोपू नहीं बनना चाहिए। भ्रष्टचार देश को खोखला कर रहा है और मनमोहन उसको छाया दे रहे हैं। ऐसा लाचार प्रधानमंी पिछले साठ साल में नहीं हुआ, जो केवल दुम हिलना जानता हो। चाहे आक्सफार्ड में उनका भाषण हो या फिर अन्य समयों पर उनके प्रवचन….वे नौकरशाह हैं और वे आदेश ही मान सकते हैं। यही उनकी काबिलियत है और इसी वजह से वे प्रधानमंत्री भी बने हुए हैं। रही बात शंकराचार्य की। उन्हें कुर्सी के मोह के कारण ही वे दो दो जगह की पीठ पर कब्जा किए हुए है। शरीर से भी नहीं लगता कि उन्होंने कभी कोई साधना की हो। इतना थुलथुल शरीर किसी साधक का नहीं को सकता। शंकराचार्य को चांदी की कुर्सी का मोह त्याग कर कुछ समाज के लिए करना चाहिए। बहुत पैर पुजवा लिए, कुछ तो समाज के लिए करो प्रभु
veer chauhan
June 30, 2011 at 7:24 am
अरे घंटे का शंकराचार्य ये व्यक्ति कितना बड़ा फ्रॉड है इस बात के कई प्रमाण हमने देखे हैं लाल बत्ती लगाकर बड़ी बड़ी एसयूवी में घूमता है और कहता है कि साधक है 200 किलो वज़न हो गया है चलने योग्य है नहीं विलासिता से लबरेज़ ज़िंदगी जीता है चांदी की कुर्सी सोने के बेड पर विश्राम करता है अपने आस पास कितनी ही खूबसूरत कन्याओं को रख रखा है कहते हैं ब्रह्मचारी है अरे कैसे मान लें कि तुम ब्रह्मचारी हो सबसे बड़ी बात तो ये है कि साले तुम लाल बत्ती लगाकर क्यों चलते हो साले, दूसरा ये किशोर मालवीय चूतिया नंबर वन ऑफ़ मीडिया इंड्रस्ट्री इसे साले को पता ही नहीं कि रामदेव का आंदोलन क्या था और अन्ना का आंदोलन क्या था…बस चले गये सीएनईबी के मालिकों का चूतिया बनाकर फर्ज़ी ढोंगी का साक्षात्कार करने..शेम ऑन यू मालवीय
राजेश राणा
June 30, 2011 at 5:11 pm
एसे पाखंडी शंकरा को जितना नीच समजा जाए उससे 100 गुना नीच है। जिसे किसी की चिन्ता नही है ऐसे को सिर्फ और सिर्फ आपने हिस्से की सम्पति न घटने की चिन्ता है। लेकिन भृष्टाचार रोक कर और काला धन बापस मगा कर न जाने कितने गरीबों का पेट भर रोटी मिले गी।
dwijendra
July 1, 2011 at 11:42 am
ye kheer khaane wale congressi shankaraachaarya hain jinhe koi dharm karm se ya samaaj hit se koi matlab nahi. sarkaari shankaraachaary
sachin rathore
July 2, 2011 at 9:57 am
इन परम वन्दनीय, परम ज्ञानी, परम तपस्वी, परम प्रतापी, प्रातः स्मरणीय शंकराचार्य जी महाराज के बारे में जगत विख्यात है कि महाराज श्री साधू वेश में कांग्रेस कार्यकर्ता हैं. इंदिरा गाँधी का वरदहस्त प्राप्त कर आपने अपने सन्यास को कांग्रेस की सेवा में समर्पित किया था, सो आज तक समर्पित हैं. धन्य है आपका समर्पण, धन्य है आपकी निष्ठां, धन्य है आपका त्याग, धन्य है आपकी भक्ति. यदि इसका अंश मात्र समर्पण भी भगवान के चरणों में होता तो शायद मोक्ष प्राप्त कर लिया होता….. सादर नमन!!!!
कुमार मयंक
July 2, 2011 at 11:54 am
जब दिमाग काम नहीं करता तो बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है,.,..पहले ये तो जायें…अनशन करने…
Avner
July 18, 2011 at 3:43 pm
Who is this anti national, corrupt minded shankaracharya he must not be earning money and not have a family so he is talking all this rubbish. Must be a congress agent…shame on you only BC Pure BC.