दैनिक भास्कर ग्रुप में ऐसे पत्रकारों की तलाश तेज कर दी गई है जो पत्रकारिता करने के साथ-साथ किसी पार्टी में पदाधिकारी भी हैं. साथ ही दागी छवि वाले पत्रकारों के बारे में भी छानबीन की जा रही है. पिछले दिनों नेशनल एडिटर कल्पेश याज्ञनिक द्वारा पत्र इस बाबत पत्र जारी करने के बाद प्रत्येक यूनिट के प्रभारी अपने-अपने एडिशन के खराब छवि वाले व राजनीतिक पार्टियों में सक्रिय पत्रकारों का नाम चुपचाप प्रबंधन के पास भेज रहे हैं.
एक नया पत्र जारी करके सभी प्रभारियों से पूछा जा रहा है कि उन्होंने खराब छवि वाले और राजनीति में सक्रिय पत्रकारों के खिलाफ अब तक क्या कार्यवाही की है या करने जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक जो लोग भी खराब छवि और राजनीति में सक्रिय होने के नाम पर हत्थे चढ़ रहे हैं, उनसे इस्तीफा लिया जा रहा है. इसकी गाज जिले और कस्बे स्तर के संवाददाताओं पर ज्यादा गिर रही है जो कम पैसे में काम करने के कारण अपना और धंधा भी करते रहते हैं. फिलहाल इस आदेश और इस पर अमल करने की कोशिशों से भास्कर के ढेर सारे पत्रकारों में खलबली मची हुई है.
Comments on “दागी हटाओ अभियान से भास्कर में खलबली”
nagpur bhaskar mei eska oolta ho raha hei. ek hi patrkar ko 3 partyio ka prabhari banakar oose MAJBOOT KIEA JAA RAHA HEI
दागियों को हटाने के अभियान में दागियों से ज्यादा उन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है जो उनके हैड को पसंद नहीं है। बदला लिया जा रहा है इस सफाई की आड़ में। इसके अलावा समूचा भास्कर समूह कास्ट कटिग कर रहा है जिसके लिए इस तरह के पत्र और सफाई अभियान की आड ली जा रही है। हटाना है तो वैसे ही हटा दो। साथ ही जो लोग सफाई कर रहे हैं क्या वे दागी नहीं हैं। या दागी नहीं रहे। बुरा जो देखन में चला, बुरा न मिलया कोई, जो दिल खोजा आपना मुझसे बुरा न कोय। अपना भी हिसाब खोजिए हैड सा।
DainikBhaskar dwara patrakarita se itar nishthaon wale logon ki chhatni achchhi pahal hai.vaise bhi bhaskar madhyapradesh mein iklauta akhwar hai ,jisne prasar aur vigyapan se alag kasbon tak yogyata ke adhar par samvaddata rakhe hain.bhaskar ka yah kadam samacharon ki gunvatta aur adhik barhayega.Sapan Yagyawalkya.Bareli(MP)
sabse pehle jitne sampadak, unit head, state heads ko bahar ka rasta dikhao..daag apne aap dhul jayenge…
हिंदी पत्रकारिता में पेड न्यूज का धंधा किसने शुरु किया। भास्कर वाले पूरी तरह ईमानदारी से कहें कि उन्होंने कभी भी चुनावों के दौरान किसी भी उम्मीदवाद के पक्ष में उसके चुनाव प्रचार की खबर के लिए पैसे नहीं लिए थे। इंडिया टुडे में बरसों पहले यह छपा था कि भास्कर के लिए तेल, घी और अखबार बेचने में कोई फर्क नहीं है। इस पूरे समूह की पूरी जांच की जाए तो पता चलेगा कि कई तरह के दाग है। भाई पहले ये दाग तो धोओ, बाद में हटाना आदमियों को। अभिमन्यू की सही टिप्पणी है कि सारे हैड को हटा दो, पूरे दाग खत्म हो जाएंगे। एरियल या रिन की चकाचक धुलाई कर डालो क्योंकि यहां तो हैड ही धंधेबाज हैं। बिजनैस पेज पर खबरों का यह आलम है कि विज्ञापन आने पर ही खबरें छपती हैं। विज्ञापन नहीं तो कैसी खबर। अब खबर चाहे बाटा समूह की हो या पतंगी लाल जी के शो रूम की। दागदार हटाने की आचार संहिता जारी करने वाले पहले शांति से दो गिलास ठंडा पानी पिए और सोचे कि इस समूह में क्या क्या धंधे नहीं हुए। पत्रकारिता की आड में और उसके प्रभाव में तेल से लेकर नमक तक के व्यापार ऐसे ही खड़े हो गए क्या। पहले यह आचार संहिता मालिकों पर लागू करो और उन्हें बताओं कि आप रुकोगे तो सभी रुक जाएंगे।
bhaisaab ddidwana ka chor bhaskar sawwaddata kab benkab hoga………. wo sala to itana harami h ki uski koi bhi sikayat sunne ko tyar nahi h………. wo bhabhada ji k nam se sab ko dhamka dhamka kar mal bator raha h……………. himmat h to apne istar per janch kara kar dekh lo ……….. munna pandit …….. tosina
Patrkaro ko agar achchi salary di jaye toh aur koi kam karne ki jarurat hi nagi padegi. achcha ho safai abhiyan uper se shru ho.
lok sabha election mei, aur vidhansabha election mei jis tarah MAHARASHTRA MEI KHASKAR VIDRBHA MEI BHASKAR DWARA 1 side paid news ka DHANDA KIEA SABHI JAANTE HEI .OOSKE SAWNDATAO NEI MEDIATER BANKAR KHOOB PAISE BATORE..YEHA TK KI MANAGEMENT KO BHI OOMIDWARO SE JYADA PAIESA LEKAR KAM DIEA GAYA AUR MANAGEMENT KO BHI MALUM NAHI PADA..AB OONHI KO MANAGEMENT POWERFUL BANANE JA RAHA HEI, WAH RE
sansthan main aise bhi patrakar kam rahen hain jo kafi bharasht hain lakin bo log KALPESH ke chamche hain to unka kuch nahin hota hai jaise Bhopal main VIJAY…..AUR INDORE MAIN VIJAYP>>>>.
कल्पेश याज्ञनिक जी से मैं एक बार जयपुर में मिली थी जब वे जयपुर में यशवंत व्यास जी के संपादक होने के दिनों में बैठते थे। वे बता रहे थे कि अब मैं जयपुर आ गया हूं। राजस्थान पत्रिका का सर्वनाश कर दूंगा। तो अब सुनिए राजस्थान पत्रिका का सर्वनाश हुआ या नहीं लेकिन वह मध्य प्रदेश में आगे बढ़ रहा है। दूसरा, उनका कहना था कि मुझ जैसे अदने आदमी के सामने नई दुनिया, इंदौर का मालिक अभय छजलानी दो घंटे बैठकर रोया कि कल्पेश तुमने इंदौर में कैसे भास्कर को जमा दिया। तो कल्पेश जी आप यह भूल गए कि आप खुद एक जमाने में नई दुनिया में नौकर थे। अभय छजलानी जी को जो भी जानते हैं उन्हें पता है कि वे आप जैसे ओछे लोगों के सामने कभी अपना दुखडा नहीं रोएंगे यदि उन्हें दुख हो तो। वह व्यक्ति आप से सात स्तर ऊंचा है। आप उसके यहां नौकर रहे, वे आपके नौकर कभी नहीं रहे। झूठी शान, झूठा अहंकार यह शोभा नहीं देता। आप तो अपने समकक्ष और ऊपर वालों के पर काटकर आगे बढ़ने जुगाड़ में हमेशा लगे रहे। गर्ग सा. को कैसे पटखनी दूं इसमें आधी जिंदगी बीत गई आपकी। चमचों को परमोट किया, जो हा जी हा जी करें वह अपना, बाकी सब को इस आचार संहिता के माध्यम से कत्ल कर पूरे भास्कर समूह पर अपना राज स्थापित करने की अच्छी चाल चली है आपने।
bhaskar sala chor hai