जागरण समूह के चेयरमैन महेंद्र मोहन गुप्ता समेत कई जागरणकर्मियों के साथ कानपुर में पुलिस द्वारा बदसलूकी किए जाने के मामले में जांच बिठा दी गई है. सूत्रों के मुताबिक यूपी के पुलिस महानिदेशक कर्मवीर सिंह और प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेहबदार सिंह ने कानपुर में घटनास्थल पर जाकर जांच-पड़ताल की. ये दोनों वरिष्ठ अधिकारी जागरण के निदेशकों से भी मिले. सूत्रों का कहना है कि जागरण के लोगों ने डीआईजी प्रेम प्रकाश के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. फिलहाल सारा जोर डीआईजी प्रेम प्रकाश का तबादला करने पर लगाया गया है. पर यूपी सरकार इस मामले में जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है.
जागरण समूह और मायावती सरकार के रिश्ते पहले भी तल्ख रहे हैं. डीआईजी प्रेम प्रकाश के बारे में बताया जाता है कि उनकी शासन में अच्छी पैठ है. गरममिजाज वाले डीआईजी प्रेम प्रकाश के कहने पर ही बाबूपुरवा के इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी ने देर रात हो रही पार्टी में जाकर संगीत के शोर-शराबे को कम करने की बात कही थी. जब आयोजन स्थल पर मौजूद लोगों ने इंस्पेक्टर के साथ बदसलूकी की तो इंस्पेक्टर ने भी पार्टी में मौजूद पुरुषों को पुलिस की जीप में बिठा लिया. सूत्रों के मुताबिक जब मौके पर जागरण समूह के वरिष्ठ लोगों ने हस्तक्षेप कर बीच-बचाव की कोशिश की तो इन लोगों के साथ अभद्रता की गई.
इंस्पेक्टर को तो अगले ही दिन निलंबित कर दिया गया पर जागरण समूह के लोग डीआईजी के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव बनाए हुए हैं. इसी को लेकर जागरण के कुछ लोग बीते दिनों मायावती सरकार के प्रमुख लोगों से मिले और पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कार्रवाई की मांग की. सूत्रों के मुताबिक संभव है कि होली और बारावफात जैसे त्योहार बीतने के बाद डीआईजी प्रेम प्रकाश का तबादला कर दिया जाए पर माया सरकार तुरंत कार्रवाई करने के मूड में नहीं है.
Comments on “जागरण के लोग डीआईजी प्रेम प्रकाश का तबादला कराने में जुटे”
एक तो चोरी ऊपर से सीनाज़ोरी। ऐसे ही मीडिया मालिक और उनके पत्रकार चमचों ने आज मिडिया पर थू-थू की करने की नौबत ला दी है। बेशर्मी की भी हद होती है। अख़बार मालिक हैं, तो क्या संविधान निर्माताओं ने उनके लिए अलग से संविधान लिखा है? थाना इंचार्ज को भी निलंबित करना मीडिया के बिल्कुल गंदे चेहरे को दर्शाता है। इनलोगों को अंदर कर दिया जाए, तभी पता चले कि प्रशासन और क़ानून से ऊपर कोई चीज़ नहीं है।
SAMRATH KO NAHI DOSH GUSAI !!
NIYAM KAYDA KANOON SIRF BECHARI JANTA KE LIYE , OR
BADI-2 AADARSH VADI BAATEN SIRF AKHBARO ME CHAPNE KE LIYE.
नेता गिरी का चस्का इंसान के दिल ही नहीं दिमांग को भी नकारा बना देता है…. किसी डॉक्टर ने कहा था अखबार निकाल कर किसी एक दल का दामन थाम लो… जागरण वालों के साथ पुलिस ने कोई बद्तमीजी नहीं की… ये तो सपाई थे… जो शोर कर रहे थे और अब पुलिस को बदनाम… रात में दूसरों की नींद खराब करना इन्हें अच्छा लगता है… और जब अपनी नींद हराम हुई तो वर्दी उतरवा लेंगे…. जागरण में चमचई के कई किस्से न सिर्फ मैने सुने बल्कि देखे भी थे…. लेकिन ये तो हद हो गयी …. लॉइन ऑर्डर इनके लिए मायने नहीं रखता चापलूसी करे वो शहर में रहे… नहीं जनाब ऐसा नहीं होता … फिलहाल चीनी बेचो… मुनाफा कमाओ…दूसरों का मुंह न कड़वा करो न अपना काला कराओ….. जागरण वालों को मेरी यही सलाह है…
DIG KA TRANSFER KARNA SAHI NAHI HAI.JAGRAN APNE GIREBAN MAI JHANK KE DEKHE.RAVE THREE KI JAMIN KESAY HATHIYAE.AB APNE PER AAI TO MANAVTA KA PATH PER RAHAI HAI.
POLICE NE THIK KIYA DALAO KE SATH
bhai sahab janta pulis ki tarah apke daman daag dekhti hai ,jara dusro ki izat ka khyal kijiye.
Shame!! Shame!!
Noida me biharion ke ek gut ne is maamle per khushi jatayee lekin baat spasht hai ke hamaam me sab nange hain!!!
यशवंत भाई आप जागरण वालों से विशेष खुन्नस रखते हैं। इसलिए, टिप्पणी करना मुश्किल हैत्र अलबत्ता, इतना जरूर कहूंगा कि बात केवल पार्टी में तेज गानों की थी तो सात गाडी पुलिस क्यों गयी थी। पुलिस का अंदाज क्या होता है, बताने की जरूरत नहीं। आम लोग बर्दाश्त कर लेते हैं पर समर्थ लोग बेइज्जती का घूंट ऐसे कैसे पी सकते हैं।
jagran ke malik samaaj ke pratisthit log hain,unke saath ye behave theek nahi hai.par dig ke transfer se kuch nahi hoga.road par chalne wali har teesari gadi par press likha hotta hai.company rolls worker ko special id ya no.. Dena chahiye josse police theek se kaam kar sake.
Jagran ke malik hone ka arth yeh nahi ki vain Kanoon apane hath main lele. UP Sarkar ko chahiye ki vah niyamanusar action le, dabav main nahin. Kanoon ko dhatta batana Jagranwalon ke liye nai baat nahin hain. UP hi kyu har pradesh main inka yahi hal hai. Vaise bhi Jagran manegement professional nahi hain. Yain loag toa dhandhe main bhi imandari nahi baratate. UP Sarkar nayaysammat karyavai kare.
reporters ko pay dene mein nani marti hai…..unka khoon chus kar apni jayeb bhartay hai……dosoro ko saharafat ki seekh detau hai…..aur aapna dair raat aaiyashi karte hai…..
bhadas par khabar padhi. jo hua achcha nahi hua. dono hi paksho par saval uthtaa hai. pehli bat police ki. police ko itna huk kisne diya ki vo kisi saadi me ghus kar logo se marpeet kare. kya police wale satta party ki kisi neta ke yahan saadi me aisi jurrat kar sakti hai. shayad nahi kyonki kutta kabhi apne malik par nahi bhokta. Dusra sabak jagran valo ky liye ki har jagah dabangai nahi chalti.apni takat ka najayaj upyog theek nahi
Dear All,
What ever Police has done is correct, when a common commits something we do not raise any eyebrow, but when a rich is committs something, we start rasisng the Question against authority. What police did that was correct Jagran people were warned about playing loud music, but that warning feel to there deaf ears. Then the police acted and then also they were repeatdly told to stop the party, but when noting happend then the authority took the strong step and to they had a proper complaint. I know this because I was there in the Party