दैनिक जागरण की प्रिंटलाइन से भी जाहिर होने लगा एमएमजी का दबदबा

दैनिक जागरण ने चुपके-चुपके प्रिंटलाइन में बदलाव कर दिया है. संस्थापक स्व. पूर्णचंद्र गुप्त और पूर्व प्रधान संपादक स्व. नरेंद्र मोहन को मुख्य प्रिंटलाइन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है और इन दोनों स्वर्गीयों को एक छोटे से बाक्स में समेटकर मुख्य प्रिंटलाइन के ठीक उपर सिरमौर की तरह सजा दिया गया है. मतलब, दोनों ही बातें आ गईं. प्रिंट लाइन से बाहर भी ये लोग हो गए और प्रिंटलाइन के सिरमौर भी बन गए.

मीडिया को आइना दिखाने वाला आईपीएस

[caption id="attachment_18297" align="alignnone" width="505"]कानपुर के डीआईजी प्रेम प्रकाश अपने आफिस में एक टीवी वाले को किसी घटना पर बाइट देते हुए.कानपुर के डीआईजी प्रेम प्रकाश अपने आफिस में एक टीवी वाले को किसी घटना पर बाइट देते हुए.[/caption]

: कानपुर में जागरण वालों के दिमाग ठिकाने लगाने के बाद अब हिंदुस्तान अखबार को लाइन पर लाने में लगे डीआईजी प्रेम प्रकाश : प्रेम प्रकाश आईपीएस हैं. डीआईजी के रूप में कानपुर में पोस्टेड हैं. एसएसपी का भी प्रभार उनके पास है. बीते दिनों वे सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने जागरण वालों को खदेड़ा था. डीआईजी प्रेम प्रकाश ने कानपुर में जागरण के मालिकों महेंद्र मोहन गुप्ता व अन्य की खटिया खड़ी कर दी थी.

मायावती के इशारे पर हुई थी जागरण के मालिकों से बदतमीजी

कानपुर में पिछले दिनों दैनिक जागरण के डायरेक्टरों के साथ पुलिस वालों द्वारा बदतमीजी किए जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है. पता चला है कि सारा खेल यूपी की मुख्यमंत्री मायावती के इशारे पर हुआ. जागरण के मालिकों का समाजवादी पार्टी से प्रेम, जागरण के सीएमडी महेंद्र मोहन गुप्ता का सपा कोटे से राज्यसभा सांसद होना, मायावती के प्रति जागरण समूह का नकारात्मक भाव रखना आदि कई कारणों के चलते मायावती जागरण वालों से बहुत दिनों से खफा हैं. जागरण के लोगों को सबक सिखाने और इनकी औकात बताने के लिए मायावती सरकार के खास ब्यूरोक्रेट्स ने शीर्ष स्तर पर साजिश रची. सूत्रों का कहना है कि डीआईजी प्रेम प्रकाश ने जो कुछ किया-कराया, वह उपर के बड़े अफसरों से हरी झंडी मिलने के बाद किया. बल्कि कहा जाए तो सारा प्लाट उपर के बड़े अफसरों ने तैयार किया और इसे इंप्लीमेंट करने का काम किया डीआईजी प्रेम प्रकाश ने. इसी वजह से डीआईजी प्रेम प्रकाश का कानपुर से तबादला नहीं किया जा रहा है. वे अपने पद पर बने हुए हैं.

जागरण के लोग डीआईजी प्रेम प्रकाश का तबादला कराने में जुटे

जागरण समूह के चेयरमैन महेंद्र मोहन गुप्ता समेत कई जागरणकर्मियों के साथ कानपुर में पुलिस द्वारा बदसलूकी किए जाने के मामले में जांच बिठा दी गई है. सूत्रों के मुताबिक यूपी के पुलिस महानिदेशक कर्मवीर सिंह और प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेहबदार सिंह ने कानपुर में घटनास्थल पर जाकर जांच-पड़ताल की. ये दोनों वरिष्ठ अधिकारी जागरण के निदेशकों से भी मिले. सूत्रों का कहना है कि जागरण के लोगों ने डीआईजी प्रेम प्रकाश के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. फिलहाल सारा जोर डीआईजी प्रेम प्रकाश का तबादला करने पर लगाया गया है. पर यूपी सरकार इस मामले में जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है.

कानपुर में बेइज्जत हुए जागरण के चेयरमैन

कानपुर से खबर आ रही है कि कल सुबह करीब 2 से चार बजे के बीच दैनिक जागरण ग्रुप के चेयरमैन महेंद्र मोहन गुप्ता व दैनिक जागरण के कई अन्य वरिष्ठ लोगों के साथ पुलिस वालों की जमकर मारपीट हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कानपुर में कनौडिया फेमिली की ओर से देर रात की पार्टी से खा-पीकर लौटते वक्त जागरण के लोगों की एक इंस्पेक्टर से रास्ते में किसी बात पर कहासुनी हो गई. इंस्पेक्टर दबा नहीं और न जागरण के नाम के प्रभाव में आया. 

‘मंथन’ में खबरों के धंधे पर कोई बात नहीं हुई

जागरण समूह के संपादकीय विभाग के वरिष्ठों की सालाना बैठक संपन्न हो गई। यह बैठक दो दिनों तक सूरजकुंड में चली। 30 सितंबर और एक अक्टूबर को चली इस बैठक का नाम दिया गया था- ‘मंथन 2009’। नाम से स्पष्ट है कि बैठक में संपादकीय विभाग के कामकाज को ठीक करने, नए चैलेंजेज पर बात करने, पाठकों से जुड़ाव को मजबूत करने और नई नीतियों पर विचार-विमर्श कर उसे लागू करने का दौर चला। बैठक से पहले ही हर किसी को बता दिया गया था कि उन्हें किन-किन विषयों पर प्रजेंटेशन देना है। किन विषयों पर अपनी बात रखनी है।

हिस्सेदारी बेच यारी खत्म करने की बारी

[caption id="attachment_15160" align="alignleft"]जेपीएन-आईएनएमअब साथ-साथ नहीं : जागरण प्रकाशन के सीएमडी महेंद्र मोहन गुप्ता और इंडिपेंडेंट न्यज एंड मीडिया के सीओओ गेविन ओ रेली.[/caption]जागरण प्रकाशन लिमिटेड और इंडिपेंडेंट मीडिया एंड न्यूज के बीच गठजोड़ खत्म होने की ओर : प्रसार और पाठक संख्या के मामले में देश का नंबर वन अखबार दैनिक जागरण प्रकाशित करने वाली कंपनी जागरण प्रकाशन लिमिटेड (जेपीएल) इन दिनों बेहद दबाव में है। जेपीएल में 20 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली आयरिश मीडिया कंपनी इंडिपेंडेंट न्यूज एंड मीडिया (आईएनएम) अब अपने सभी शेयरों को बेचने पर उतारू हो गई है। इसके पीछे वजह इंडिडेंटेड ग्रुप का कर्ज के बोझ से दबे होना है।