दरभंगा (बिहार) के पत्रकारों के लिए नव वर्ष की बेहद कड़वी शुरुआत हुई है. 2 जनवरी को दरभंगा जिला स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया था. समाचार पत्रों के छायाकार और इलेक्ट्रानिक मीडिया के कैमरामैन तस्वीरें उतारने व वीडियो शूट करने समारोह में पहुंचे. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री नन्द किशोर यादव जब भाषण देने के लिए खड़े हुए तो उनकी तस्वीर उतारने छायाकार मंच पर गए।
छायाकारों व कैमरामैनों को देखते ही मंच संचालक ने उन्हें धक्का देकर मंच से उतार दिया। फिर पुलिस वालों से कहकर मीडियाकर्मियों को समारोह से ही जाने को कहलवा दिया। विडंबना यह कि सब कुछ खुद डीएम की मौजूदगी में हो रहा था और उन्हीं के इशारे पर किया जा रहा था। मीडियाकर्मी मौके की नजाकत को देखते हुए और समारोह में हंगामा न करने की मंशा के कारण बिना विरोध जताए समारोह से चुपचाप लौट गए।
कार्यक्रम खत्म होने के बाद मंत्री भी पटना लौट गए। बाद में पत्रकारों ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत डीएम से करने की कोशिश की तो उन्होंने बात सुनने से ही मना कर दिया। तब मीडिया वालों ने डीएम को फैक्स से शिकायत भेजी। उनके कार्यालय में रिसीव भी करवा दिया। इसकी कॉपी राज्यपाल, मुख्यमंत्री, जिले के प्रभारी सह बिहार के स्वास्थ्य मंत्री, कला संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव और आयुक्त तक को भेजी गई। जिले के सारे अखबारों ने इस घटना पर खबरें छापी। मीडिया के लोग तभी से अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं। लेकिन कहीं से कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है।
हद है यह तो। आखिर सत्ता और प्रशासन के लोग चौथे खंभे के साथ इस तरह का व्यवहार कैसे कर सकते हैं? क्या लोकतंत्र में एक दूसरे का सम्मान करने की भावना खत्म हो रही है? अगर हां तो फिर इस देश व लोकतंत्र का भगवान ही मालिक है।
पत्रकारों ने जो ज्ञापन नेताओं-अफसरों को भेजा है, वो इस प्रकार है-
amit singh
January 15, 2010 at 10:33 am
mai aap ki batoo se puri tarah sahmat hun.
Dr. Debashish Bose
January 16, 2010 at 6:40 pm
sthapana diwas par darbhanga main hue ghatna ka purjor virodh hai. yah jantantra ko aaghat hai. Debashish Bose, Vice President, National Union of Journalist. Bihar