: मीडिया को प्रेस कांफ्रेंस का बहिष्कार करना पड़ा : जब आदमी जमीन से आसमान पर पहुंच जाता है तब अक्सर दिमाग खराब हो जाता है. वह जमीन के लोगों को आसमानी निगाह से देखता है और उसे कई बार यह भ्रम हो जाता है कि वह तो देवता है, बाकी सब कीड़े-मकोड़े. महेंद्र सिंह धोनी का उत्थान सबको पता है. एक सामान्य परिवार का युवक ताबड़तोड़ बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग के जरिए देखते ही देखते सुपर स्टार बन गया. इसमें बड़ा रोल भारतीय मीडिया का भी था जिसे अक्सर क्रिकेट में महानायक की तलाश रहती है.
धोनी को जब महानायक बना दिया गया है तो जाहिर है, उनमें कुछ दुर्गण आएंगे ही. अब वे मीडिया के बुलावे पर ध्यान नहीं देते. कल भी यही हुआ. भारतीय प्रिंट मीडिया ने रविवार को टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की प्रेस कांफ्रेस का बहिष्कार कर दिया. बार-बार बुलावा भेजे जाने के बावजूद धोनी प्रेस कांफ्रेंस के लिए नहीं पहुंचे. जब भारत और श्रीलंका का मैच समाप्त हुआ तब मीडियाकर्मी धोनी की प्रेस कांफ्रेंस का इंतजार कर रहे थे. लेकिन उस वक्त धोनी फुटबॉल खेल रहे थे. पत्रकारों ने उन्हें कई बार बुलावा भेजा लेकिन वह नहीं आए. इसके बाद पत्रकारों ने उनका बहिष्कार करने का फैसला किया. सामान्यतया मैच के बाद कप्तान प्रेस कांफ्रेंस करते हैं. कभी कभी अन्य खिलाड़ी भी प्रेस कांफ्रेंस कर लेते हैं. जो खिलाड़ी मैच में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, वह प्रेस कांफ्रेंस करते हैं लेकिन रविवर को न तो धोनी और न ही किसी अन्य खिलाड़ी ने प्रेस कांफ्रेंस की.
Shashank Saurav
August 24, 2010 at 9:47 am
Dhoni ke bhi din ladne wale hain. Ghamand to Raavan ka bhi nahi raha tha phir Dhoni kis khet ke mooli hai. Abhi din acche hain to sab pooch rahe hain Dhoni ko jab din badalenge to Dhoni ko pata chalega. Ped me phal lagte hain to wo jhukta hai magar Dhoni to Ghamand se bhar gaya hai.
abhishek jain
August 24, 2010 at 3:41 pm
shayad team ki do sarvnaak haar k karan dhoni media se nahi milna chahta hai lekin ye galat hai use media se milana chahiye aur team ke bare me baat karni chahiye tatha haar ka karan batana chahiye ..
SUJEET KUMAR SUMAN
August 30, 2010 at 7:06 am
ye duniya ki reet hai ki jab kisi ko safalta kadam choomti hai to vah vyakti safalta ke ghamand me choor ho safalta pane ke raste me aaye sahayak tatwon ko bhool jata hai.Is udharan se samjha ja sakta hai ki dhoni ne apni shadi me Sachin tak ko nai bulaya.