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दुख-दर्द

फर्जी पत्रकार ध्रुव शुक्ला को जानिए-पहचानिए

[caption id="attachment_16956" align="alignleft"]ध्रुव शुक्लाध्रुव शुक्ला[/caption]कभी पत्रकार, कभी एंटी करप्शन अधिकारी तो कभी संगठन पदाधिकारी बता पुलिस को बरगलाता रहा : फैजाबाद जिले में 14 फरवरी को पुलिस के हत्थे एक बड़ा धोखेबाज लगा. उसके पास उत्तर प्रदेश शासन का पत्रकार मान्यता कार्ड, जैन टीवी का आई कार्ड, एक्सप्रेस मीडिया सर्विस नाम की एक संस्था का आईकार्ड और एनएनआई मोबाइल न्यूज़ सर्विस का एक पत्र फैजाबाद पुलिस ने बरामद किया. हुआ दरअसल यूं कि फैजाबाद के एक उद्योगपति अनिल द्विवेदी के पास ध्रुव कुमार शुक्ला नाम के एक व्यक्ति का फोन 13 फरवरी को आया.

ध्रुव शुक्ला

ध्रुव शुक्लाकभी पत्रकार, कभी एंटी करप्शन अधिकारी तो कभी संगठन पदाधिकारी बता पुलिस को बरगलाता रहा : फैजाबाद जिले में 14 फरवरी को पुलिस के हत्थे एक बड़ा धोखेबाज लगा. उसके पास उत्तर प्रदेश शासन का पत्रकार मान्यता कार्ड, जैन टीवी का आई कार्ड, एक्सप्रेस मीडिया सर्विस नाम की एक संस्था का आईकार्ड और एनएनआई मोबाइल न्यूज़ सर्विस का एक पत्र फैजाबाद पुलिस ने बरामद किया. हुआ दरअसल यूं कि फैजाबाद के एक उद्योगपति अनिल द्विवेदी के पास ध्रुव कुमार शुक्ला नाम के एक व्यक्ति का फोन 13 फरवरी को आया.

फोन करने वाले ने खुद का परिचय एसपी एंटी करेप्सन के रूप में दिया. अनिल द्विवेदी से फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि उनके खिलाफ लाखों रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत आई है जिसकी जांच के सिलसिले में वह अनिल से मिलना चाहता है. अनिल ने उसे दूसरे दिन का समय दे दिया. दूसरे दिन यानि 14 फरवरी को तय समयानुसार उक्त व्यक्ति अनिल से शहर के एक होटल में मिला. मिलते ही उक्त व्यक्ति ने अपनी बहादुरी के बारे में लम्बी-लम्बी बातें हांकनी शुरू कर दी. उसने यहां तक कहा कि एक बार उसने माफिया मुख़्तार अंसारी को भी गिरफ्त में ले लिया था पर ऊपर से दबाव आ जाने के कारण उसे छोड़ना पड़ा.

उसकी बड़ी-बड़ी बातों से अनिल को शक होने लगा. उन्होंने अपने संपर्कों के जरिये ऐसे किसी अधिकारी के बारे में लखनऊ फोन करके जानकारी मांगी. वहां से भी ध्रुव कुमार शुक्ल नाम के किसी अधिकारी के एंटी करेप्सन विभाग में न होने की जानकारी मिली. तब अनिल के सुरक्षाकर्मी व उनके एक-दो मित्र उक्त व्यक्ति को लेकर कोतवाली आ गए. वहां ध्रुव कुमार शुक्ल नाम के इस व्यक्ति ने पुलिस अधिकारियों को अपने तमाम प्रेस आईकार्ड दिखा कर दबाव में ले लिया. इसमें एक उत्तर प्रदेश शासन का पत्रकार मान्यता कार्ड भी था. पुलिस के सामने ध्रुव ने खुद को एक भ्रष्टाचार निवारक गैर-सरकारी संस्था का सदस्य बताया. इसी संस्था के लिए अनिल के खिलाफ जांच करने की बात कही.

पुलिस अधिकारी प्रेस के इतने सारे आईकार्ड देखकर ध्रुव के दबाव में आ ही गए थे पर कुछ ही देर में इसकी सूचना इलेक्ट्रानिक मीडियाकर्मियों को लग गयी. इसके बाद कोतवाली में ही इन सभी कथित प्रेस कार्ड के रहस्य से पर्दा उठना शुरू हो गया. प्रेस मान्यता कार्ड के बारे में जानकारी के लिए कानपुर के सहायक सूचना निदेशक अशोक चटर्जी को पत्रकारों ने फोन किया. उन्होंने ध्रुव शुक्ल के मान्यता होने से साफ़ इनकार कर दिया. कार्ड पर इस व्यक्ति का पूरा नाम अनामय ध्रुव कुमार शुक्ला लिखा हुआ था. मान्यता कार्ड पर जहां सूचना निदेशक की मोहर व दस्तखत होने चाहिए वहां जिलाधिकारी कानपुर के मोहर व दस्तखत थे, जो कि असली हैं अथवा नकली, ये पुलिस की जांच के बाद ही पता चल सकेगा. इसके अलावा मान्यता कार्ड पर कार्ड की अवधि का भी कोई जिक्र नहीं था.

ध्रुव शुक्ला के पास से बरामद कार्ड व कागजात

ध्रुव के पास एनएनआई का भी एक पत्र था जिसकी जानकारी के लिए एनएनआई के लखनऊ ब्यूरो आसिफ अंसारी से बात की गयी. उन्होंने भी उक्त व्यक्ति से अपना पल्ला झाड़ लिया. ध्रुव के पास जैन टी.वी.का भी एक आईकार्ड मिला है. ध्रुव शुक्ला भ्रष्टाचार निवारक गैर सरकारी संस्था से अनिल के खिलाफ जांच संबंधी कोई निर्देश या कागजात नहीं दिखा सका. बहरहाल अनिल द्विवेदी का कहना है कि यह व्यक्ति उनकी कंपनी की प्रतिद्वंदी कुछ कंपनियों द्वारा भेजा गया था. अनिल ने ध्रुव शुक्ला के खिलाफ एफ.आई.आर. नगर कोतवाली फैजाबाद में दर्ज करा दी है. ध्रुव शुक्ला को आई.पी.सी. की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत चालान करके जेल भेज दिया गया है.

फैजाबाद से चंदन की रिपोर्ट

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0 Comments

  1. रेखा मिश्रा

    February 17, 2010 at 2:26 pm

    शाहजहांपुर का विमलेश गुप्‍ता तो इनका भी ताऊ है। कई बार पिटने के बाद भी नहीं सुधरा। शाहजहांपुर में कौआ के नाम से जाना जाता है। किसी से भी पूछ सकते हैं। उसकी दुकान में एसडीएम से लेकर प्रधानों तक की फर्जी मोहरें रखी मिलेंगी।

  2. vikas

    February 17, 2010 at 3:10 pm

    Raigarh (Chhattisgarh ) mein bhi bisiyo pharji patrakar bhare pade hain bhaiya per koi inako puchhata hi nahin .yashwant ji khabarpalika ki khabar chhap kar aap badhiya kam kar rahe hain.

  3. shweta mathur

    February 18, 2010 at 1:04 pm

    yashwantji,
    dhruv shukla ke farjiwade ke khulase ke liye dhanyavad.vaise apne desh mein aise logon ki kami nahi hai, jo apne fayde ke liye patrkar ka billa lagakar ghoom rahe hain, jabki unhe ek peragraph tak likhna nahi aata. aisa hi ek patrkar jaipur mein bhi hai, jo ek masik hindi patrika ka malik hai aur khud hi iska pradhan sampadak bhi.yeh patrika bazar mein to kahin nazar nahi aati, magar ye tathakatit pradhan sampadak patrika lekar mantriyon, netaon aur filmi kalakaron ke sath photo khinchvate rehte hain.apni patni ko bhi inhone patrkar batate huye press club ka member tak banva diya, jabki is mahila ko bhi patrkarita ki abcd tak nahi aati.batane ki jarurat nahi ki yeh patrika sirf sarkari aur dusre vigyapan batorkar kamai karne ke liye nikali ja rahi hai.ismen gumnam sethon ke bete-betiyon ki shadiyon par cover story tak chhap chuki hai. ek baar ek farji jyotish ka mahima mandan karti cover story bhi yeh patrika chhap chuki hai.agar aap is farji patrkar aur uski patni ke bare mein padtal karvayen, to kai polpattiyon ka khulasa ho sakta hai.

  4. shweta mathur

    February 18, 2010 at 1:15 pm

    yashvantji,
    dhruv shukla ke farjiwade ke khulase ke liye dhanyvad. vaise apne desh mein aise farji patrkaron ki koi kami nahi hai, jo sarkar aur janta ko bevkoof bana rahe hain.aisa hi ek patrkar jaipur mein bhi hai, jo ek patrika ka malik hai aur pradhan sampadak bhi.ise dhang se hindi likhna tak nahi aata.iski patrika bajar mein to kahi najar nahi aati, lekin ise lekar yeh tathakatit ptadhan sampadak mantriyon, netaon aur filmi kalakaro ke sath photo khinchvata rehta hai.isne apni patni ko press club ka member tak banva diya, jo patrkarita ki abcd tak nahi janti.agar aap iski padtal karvayen to iski kai polpttiyon ka khulasa ho jayega.>:(

  5. Updesh Saxena

    February 19, 2010 at 4:48 am

    यशवंत जी,
    एक अच्छी खबर के लिए बधाई. मीडिया को आज कई लोगों ने अपने स्वार्थ का नया हथियार बना लिया है. पत्रकारिता का पेशा ऐसे ही चन्द लोगों ने बदनाम कर दिया है. इस पूरी खबर में खबरची से कुछ जानकारियाँ छूट गईं हैं. मसलन मेरी जानकारी में “एक्सप्रेस मीडिया सर्विस” देश की एक बड़ी न्यूज़ एजेंसी है, जिसके प्रत्येक राज्य में ऑफिस हैं. यह देश की पहली सैटेलाईट न्यूज़ एजेंसी है.इसकी वेब साईट http://www.emsindia.com पर आप सर्च कर इस एजेंसी के बारे में ज्यादा जानकारी एकत्र कर सकते हैं, मगर खबर में इसे एक संस्था बताया गया है. एक बात और, खबर पूरी तभी होती है जब सभी पक्षों से बात का उसमें समावेश हो, इसमें एक्सप्रेस मीडिया सर्विस या जैन टीवी का पक्ष दर्ज नहीं किया गया है. [b][/b]

  6. mazhar husain

    March 5, 2010 at 6:43 am

    Yaswant Bhaiya Bahut Achchi Khabar aapne di aise Logo ke Khilaaf Aisi hi karywahi honi chahiye..yaha (Basti) me bhi FARZI Patrkaro ki kami nahi hai. inko Ukhaad Fenkne ke Liye Kya kiya Jaye…Parshashan ke Log Bhi koi Abhiyaan nahi chala rahe hai.. Aise Logo ne hi Patrakarita ko Ganda aur Badnaam kar diya hai..khair koi bhi Galat aadmi kabtak Bachega..Bakre ki maa kab tak khair manayegi…

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