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दुख-दर्द

: अबकी दीपिका : ससुराल में टंगी मिली लाश

: बेरोजगार पति उत्पीड़न करता था : परिजनों से बताई थी पीटे जाने की बात : अंतिम एसएमएस की लिखावट दीपिका जैसी नहीं : उसका नाम निरुपमा था. इसका नाम दीपिका. वो बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार में थी. यह ए2जेड न्यूज चैनल में. वो झारखंड की रहने वाली थी. यह दिल्ली की. उसकी जान उसके अपने मां-पिता के घर में गई. इसकी जान अपने सास-ससुर के घर निकली.

<p style="text-align: justify;">: <strong>बेरोजगार पति उत्पीड़न करता था : परिजनों से बताई थी पीटे जाने की बात : अंतिम एसएमएस की लिखावट दीपिका जैसी नहीं </strong>: उसका नाम निरुपमा था. इसका नाम दीपिका. वो बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार में थी. यह ए2जेड न्यूज चैनल में. वो झारखंड की रहने वाली थी. यह दिल्ली की. उसकी जान उसके अपने मां-पिता के घर में गई. इसकी जान अपने सास-ससुर के घर निकली.</p>

: बेरोजगार पति उत्पीड़न करता था : परिजनों से बताई थी पीटे जाने की बात : अंतिम एसएमएस की लिखावट दीपिका जैसी नहीं : उसका नाम निरुपमा था. इसका नाम दीपिका. वो बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार में थी. यह ए2जेड न्यूज चैनल में. वो झारखंड की रहने वाली थी. यह दिल्ली की. उसकी जान उसके अपने मां-पिता के घर में गई. इसकी जान अपने सास-ससुर के घर निकली.

निरुपमा अपने ब्वायफ्रेंड से शादी के लिए घरवालों को राजी करने घर गई हुई थी तो दीपिका घरवालों की मर्जी से शादी करने के बाद बेकार पति के घर पर रह रही थी. निरुपमा पाठक की मौत की गुत्थी खुदकुशी और परिजनों द्वारा हत्या किए जाने के बीच झूल रही है. दीपिका की मौत की गुत्थी भी आत्महत्या और ससुरालियों द्वारा हत्या के बीच झूल रही है. निरुपमा की मौत के बाद निरुपमा के हाथों लिखा कथित सुसाइड नोट मिला. दीपिका की मौत से ठीक पूर्व उसकी मां को उसके मोबाइल नंबर से एसएमएस मिला. निरुपमा के सुसाइड नोट को शुरू में संदिग्ध माना गया. दीपिका के मोबाइल नंबर से गया एसएमएस भी शक के घेरे में है. दीपिका की मौत को लेकर उसके साथ काम करने वाले कुछ लोगों ने भड़ास4मीडिया के पास एक मेल भेजा है. उसे हम ज्यों का त्यों प्रकाशित कर रहे हैं-

क्या हम अपनी एक पत्रकार मित्र को इंसाफ दिला पाएंगे?

‘दीपिका ऐसा नहीं कर सकती’…जो भी दीपिका को जानता है और उसके बारे में सुन रहा है उसके मुंह से पहली बात यही निकल रही है. अभी बमुश्किल छह महीने हुए थे उसकी शादी को जिसके लिए उसने चैनल से छुट्टी ली थी. और लोग कह रहे हैं कि तीन दिन पहले यानी 12 सितंबर 2010 को उसने अपनी ससुराल में ही फांसी लगा ली. लेकिन दीपिका को जानने वाले इस बात को इसलिए नहीं मान पा रहे हैं क्योंकि जिस दीपिका को वो छह महीने पहले तक जानते थे, वो बेहद खुशमिजाज और हर वक्त ‘कूल’ रहने वाली थी।

‘दीपिका ने आत्महत्या कर ली है’ – ऐसा उसके ससुरालियों का कहना है। दीपिका ने अपनी साड़ी से गाडर पर फंदा डाला और अपनी जिंदगी खत्म कर ली. लेकिन इस घटना के सुसाइड नोट के तौर पर देखा जा रहा एक एसएमएस जो उसके मोबाइल से उसकी मां के मोबाइल पर मिला, उसके मुताबिक वो अपनी जिंदगी से सबसे ज्यादा प्यार करती थी…

‘‘मुझे अपनी जिंदगी से बहुत प्यार था और मैं जीना भी चाहती थी. लेकिन अब मैं दुनिया से और नहीं लड़ सकती. मैं बहुत बुरी हूं और मैं न तो अच्छी पत्नी बन पाई, न अच्छी बेटी. प्लीज, अंश को कोई सजा मत देना। नहीं तो मेरी आत्मा को दुख होगा.’

अंश उर्फ भूपेन्द्र यादव यानि वो लड़का जिससे दीपिका की महज़ छह महीने पहले शादी हुई थी. दीपिका दिल्ली में पली बड़ी लड़की थी और महज छह महीने पहले तक एक नेशनल न्यूज चैनल में प्रोड्यूसर के बतौर काम करती थी. दीपिका के पिता जेपी यादव ने नजफगढ़ के पास के कादीपुर गांव के भूपेन्द्र यादव से उसका रिश्ता तय कर दिया. भूपेन्द्र के बारे में बताया गया कि वो प्रापर्टी डीलिंग का काम करता है. लेकिन सच्चाई ये निकली कि वो कुछ नहीं करता था और दीपिका को देने के लिए उसके पास खुद की दो वक्त की रोटी भी नहीं थीं. लेकिन परिवार की शान दिखाते हुए उसने हर वक्त दीपिका पर रौब गांठना और उसके गहने बेचना जल्दी सीख लिया.

इस बीच भूपेन्द्र ने एक एक कर दहेज में मिले सामान और उसके गहनों को सट्टेबाजी में लगा दिया और वो दीपिका पर उसे दहेज में मिली गाड़ी, जो दीपिका के नाम पर थी, को भी बेचने के लिए दवाब बना रहा था. लेकिन पढ़ी लिखी दीपिका ने जब इस बात का विरोध किया तो उसकी बुरी तरह बेल्ट से पिटाई की गई. यह बात दीपिका ने फोन करके अपने घर वालों को भी बताई थी. लेकिन वो कुछ सोच समझ पाते और कुछ कर पाते इससे पहले ही हालत इतने खराब हो गए कि घर वालों को एक एसएमएस मिला और उसके बाद ससुराल से ये खबर कि दीपिका ने आत्महत्या कर ली है.

वैसे दीपिका की लाश जिस स्थिति में मिली और जिस तरह से मामले को रफा दफा करने की कोशिश ससुरालियों ने की, उससे सवाल हत्या या आत्महत्या का भी उठता है. और ये भी कि क्या मरने से पहले सुसाइड मैसेज दीपिका ने ही अपनी मम्मी को किया था या किसी और ने क्योंकि दीपिका के जितने भी दोस्त हैं उन्हें न तो मैसेज में लिखी बातों का तरीका वैसा लग रहा है जैसा आमतौर पर दीपिका करती थी, और न ही उसके लिखने की तकनीक. मतलब, दीपिका अक्सर मैसेज से अपनी सहेलियों से बात करती थी लेकिन वो हमेशा लिखने के लिए शार्ट कट तकनीक जैसे FOR के लिए 4 का इस्तेमाल करती थी लेकिन उसके सुसाइड मैसेज में कोमा, फुल स्टोप और ब्रेकिट इन और ब्रेकिट आउट तक का इस्तेमाल हुआ है और उसके पति के सजा न देने की अपील भी समझ से बाहर है जिसके अत्याचारों के बारे में वो अपनी सहेलियों और घर पर बताती थी.

बहरहाल, दीपिका के ससुराली पूरी शिद्दत से इस मामले को रफा-दफा करने में लगे हैं और दीपिका के परिवार वाले डर के मारे खामोश हैं. क्या हम अपनी एक पत्रकार मित्र को इंसाफ दिला पाएंगे.

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0 Comments

  1. MUKESH KUMAR UPADHYAY

    September 14, 2010 at 9:36 am

    JAISI KARNI WAISIBHARNI
    EK HATH SE TALI NAHIN BAJTI
    KUCHH TO MAJBOORIYAN RAHI HONGI
    YUN HI KOYE BEWAFA NAHIN HOTA

  2. priyamka

    September 14, 2010 at 9:53 am

    दीपिका ऐसा नहीं कर सकती । वो बहुत हसमुख लड़की थी। हमेशा दूसरों के चेहरे पर खुशी लाती थी वो । उसे जिंदगी से बहुत प्यार था।लेकिन आज उसके सभी अजीज दुखी है। दोस्तों की जान और मां – बाप की लाडली थी वो । शायद इसी की कीमत अपनी जान देकर उसे चुकानी पड़ी। आज वो हमारे बीच नहीं है लेकिन उसके साथ बिताए हुए पल हम कभी नहीं भुला सकते । अब हमें उसके लिए इंसाफ की दरकार है। miss u always

  3. animesh ranjan das

    September 14, 2010 at 10:36 am

    क्यों लोग हो जाते है इतने हैवान—मामले को सुलझाने के लिए लोगों को दूसरों की जान लेने पड़ती है। अरे इतना ही तुमको कष्ट था….तो तुम उसे छोड़ देते। मार क्यों दिया। अगर ये सच में हत्यारा है। तो हे भगवान इस दरिंदे को कम से कम मौत की सजा तो जरूर मिले। वो भी ऐसी जिसे देखकर पत्ननियों पर जुल्म करने वालों की रूह कांप उठे। क्योंकि जिस स्थिति में उसकी लाश मिली है….. वो काफी है बताने के लिए….एक कमरे में घुट कर रह गई इंसानियत और तमाशा देखता रहे लोग।

  4. ANUJA

    September 14, 2010 at 12:07 pm

    जो लड़की हंसते-हंसते जिन्दगी के सारी मुसीबतों को मात दे दे… दूसरों को जिन्दगी की जंग को लड़ने की हिम्मत दे…सही के लिए लड़ने और गलत को चुनौती देने की साहस रखती हो वो जिन्दगी जंग से हार मानकर आत्महत्या कर ले ये असंभव है…ठीक उसी तरह जैसे सूर्य उगने से ही इनकार कर दे…मैं तो क्या उसे जानने वाला एक भी शख्स इस बात को सुनना ही पसंद नहीं करेगा…उसका कत्ल हुआ है…वर्ना महज़ तनाव और दहेज के भूखे भोगियों के डराने से डर कर या हार कर मौत जैसा रास्ता चुनने वाली वो लड़की थी ही नहीं…इन भूखे भेड़ियों ने ही जब उनका बस नहीं चला तो उसे खत्म कर दिया फिलहाल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से अभी काफी खुलासे होने हैं…हम मिडियावाले आम लोगों के इंसाफ की शाखियां बघारते हैं लेकिन अपने ही घर में अपने ही सदस्य को इंसाफ न दिला सके तो क्या…सिर्फ मैं नही “हम”…फिर दीपिका…हो या फिर निरुपमा…या कोई आम लड़की….टीआरपी के लिए नहीं लेकिन सच्चाई के लिए हम सब कोशिश करें क्या ऐसा कर पाएंगे हम टीआरपी के भूखे….ये सवाल हम सबके लिए है…इसका जवाब भी कानून को नहीं हमें अपने आप को ही देना होगा और फिर जवाब मांगेगा आईना…हर बार यही आईना हंसेगा हम पर…. हमारी थोड़ी-थोड़ी कोशिश शायद उसे इंसाफ दे सके

  5. richa

    September 15, 2010 at 4:55 am

    upar kisi ne comment kia hai JAISI KARNI VAISI BHARNI .. mein puchna chahungi.. kya aap dipika ko janate hain.. jo uski karni par comment kar rahien hain… hum jaante hain use …fir aapne likha hai EK HAATH SE TAALI NAHIN BAJTI… kya aapko dipika ne bataya tha ki uske saath kya atyachar ho rha hai… mujhe nahin lagta.. KUCH TOU MAJBOORI RAHI HOGI… sorry to say mr upadhyay.. dipika kisi bhi keemat par.. ksiis bhi situation mein majboor nahin ho sakti… yeh daave k saath keh sakti hun mein… YUN HE KOI BEWAFAA NAHIN HOTA.. jo ladka pehle he bevaffa ho uske baareinb mein aur kya kahein … varana shaadi k mehaz 6 din baad ladki ko paise lene kaun maayke bhejta hai…shaadi k jevar kaun girvi rakhvata hai … ladki k naam par aai hui car ko apne naam par karvane k liye kyun belt se pitta hai.. shaadi k mehaz 6 mahine 5 din baad jo ladki suicide kar le… use majboor karne vaale un sabhi logo ko saja milni cahahiye… “hum” sabhi jaante hain dipika suicide nahin kar sakti.. usme har situation ko saamna karne ki himaat thoi.. vo ghar chod sakti thi… apne pati ko maar sakti thi lekin khud mar nahin sakti thi… aur agar usne khud bhi suicide kia hai.. tou bhi use aias karne par majboor kia gya hai.. yeh suicide nahin murdr hai.. aur tumara murder krne vaale darindo ko saja jaror milegi…we miss u dipika…. and we are trying our level best to punish those criminals who killed you..

  6. Ramesh

    September 15, 2010 at 1:26 pm

    mein is ladki ko bahut achhhe se janta hu. bo yesa kabhi nahi karegi uske sath galat hua hai. usne mere sath kaam kiya hai

  7. vishakha

    September 15, 2010 at 1:40 pm

    i m agree wid richa…..deepika ke liye hamre dil mei kya importance hai wo hame kiisi ko batane ki jarurat nhi hai…deepika jaisi ladki kabi suicide ni kar sakti…use marne ke liye mjboor kiya gaya hai…uske marne ki wja usii ke sath chali gayi….sach kya tha ye wo hi janti thi…deepika ke neech sasural walo mei insaniyat naam ki cheez nhi hai….us bechari ki akhri sanse bi tadap tadap kar nikli hai….bachi thi wo…hasti khelti rahti thi…lekin shayad unko depika ki hasi bardash ni thi…issiliye usko hamesha ke liye sula diya….deepika hum sub ter sath hai….tere sath jo b hua wo hamre liye ek aisa dakka hai hai jo jise jandgi bhar liye hamara vishwas karna mushkil hai….tu chali gayi bt aaj b tu hamre sth hamre dil mei hai…tu hamre aas pass hai…..tu jaha b hai tu khush rahiyo….we miss you always…my dear little sister……..

  8. ASHISH SINHA

    September 16, 2010 at 10:17 am

    ab mujhe office mai koi bhi bhaiya kah kar nahi bulegi aur na koi mera ashirvad lene aaiegi… jo kahne wali thi ab who is duniya mai nahi rahi… deepika ko mai sister manta tha..waise to mera jaiyda time shoot par hi bitata tha lekin jab bhi mai shoot se vapas aata tha to use jaroor baat karta tha..ghtana Monday ki hai.. mai hamesa ki tarah office aane ke baad mai shoot par nikal ghaya tha.. 11 baje ke karib mai apni beat suprme mai tha.. court mai hi mujhe pata chala ki deepika ne khud khusi kar li hai.. pahle maine is ek majak samjha lekin mere cameraman ne kahi ki nahi ye such hai.. maine turant hi do tin office ke logo ko phone kiya..unse baati karne ke baad mujhe visvas nahi hua lekin end mai mujhe is baat ka ihsas ho gaya ki who such kah rahe the.. logo ki baati sun kar mujhe bharosa nahi hua main ek pal ko socha uske sasural chal kar dekh loo.. lekin phir socha der ho gai hai… aachank hi maine kaha ohhh dahej ke lobhiyuo ne ek baar phir ek masoos ki jaan le li.. kya karata mai in halato mai.. mai kuch pal ko saant ho gaya aur gahri sas li…. Aur maan hi mann use sadhanjali dii aur kaha bahan mujhe maf karna ki mai teri koi madad nahi kar paya…likhna bahoot kuch chata hoo lekin ab maan bhr gaya haiiii…………bas itna hi kahan chahata hi
    MISS YOU SIS ALWAYS……………..

  9. vishakha

    September 17, 2010 at 6:24 am

    deepika ke sth jo bi hua use koi b ni bhula sakta…..kisi na kisi ke sath uski ek yaad judi hai….us ladki se koi ek din mila ho ya fir ek saal….koi ni maan sakta ki usne aatmhatya ki hogi….jo b use janta hai sub use yaad kar tahe hai…isse badi r kya bat hogi ki deepika jaha chaye peene jati thi wo chaye wala b ro pada….kher jo b ho sub deepika ka sath dena chate hai magar uske parivar wale hamra sath ni de rahe…hum unki waja se kuch ni kar pa rahe…aaj deepika ko gaye hue 6 din ho gaye lekin abi tak deepika ke ghar walo ki taraf se koi thos kadam ni uthaya gaya….hum deepika ke liye kuch ni kar paye…shayad dil mei issi malal ke sath hame jindgi gujarni padegi….r jindgi k har mod par ek yahi sawal hoga kash hum kuch kar pate…

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