अबकी दियरी के परब अइसे मनावल जाये।
मन के अँगना में एगो दीप जरावल जाये।।
रोशनी गाँव में, दिल्ली से ले आवल जाये।
कैद सूरज के अब आजाद करावल जाये।।
हिन्दू, मुसलिम ना, ईसाई ना, सिक्ख, ए भाई।
अपना औलाद के इंसान बनावल जाये।।
जेमें भगवान, खुदा, गॉड सभे साथ रहे।
एह तरह के एगो देवास बनावल जाये।।
रोज़ दियरी बा कहीं, रोज़ कहीं भुखमरी।
काश! दुनिया से विषमता के मिटावल जाये।।
सूप, चलनी के पटकला से भला का होई।
श्रम के लाठी से दलिद्दर के भगावल जाये।।
लाख रस्ता हो कठिन, लाख दूर मंजिल हो।
आस के फूल हीं आँखिन मे उगावल जाये।।
जेकरा यादन में जले दिल के दिया के बाती।
ए सखी, अब ओही ‘भावुक’ के बोलावल जाये।।
मनोज ‘भावुक’ भोजपुरी के चर्चित नाम हैं। इन दिनों हमार टीवी में प्रोग्राम प्रोड्यूसर हैं। उनके बारे में ज्यादा जानकारी www.manojbhawuk.com और www.manojbhawuk.wordpress.com पर जाकर पा सकते हैं। उनसे संपर्क करना चाहते हैं तो [email protected] का सहारा ले सकते हैं।