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दुख-दर्द

गोरखपुर में जागरण के फोटोग्राफर पर राइफल तानी

: कवरेज कर रहे फोटोग्राफर से पुलिस वालों ने की बदतमीजी : एसपी सिटी ने मीडियाकर्मियों को ही दोषी करार दिया : गोरखपुर में पुलिस ने एक प्रेस फोटोग्राफर के साथ बदतमीजी की. फोटोग्राफर को ना‍ सिर्फ धक्‍का दिया गया, बल्कि उसके ऊपर राइफल भी ताना गया. फोटोग्राफर का कसूर था कि वो एक दुर्घटना की कवरेज कर रहा था. बताया जाता है कि शाहपुर थाना क्षेत्र के असुरन पुलिस चौकी के पास एक दुर्घटना हो गई थी.

<p style="text-align: justify;">: <strong>कवरेज कर रहे फोटोग्राफर से पुलिस वालों ने की बदतमीजी : एसपी सिटी ने मीडियाकर्मियों को ही दोषी करार दिया</strong> : गोरखपुर में पुलिस ने एक प्रेस फोटोग्राफर के साथ बदतमीजी की. फोटोग्राफर को ना‍ सिर्फ धक्‍का दिया गया, बल्कि उसके ऊपर राइफल भी ताना गया. फोटोग्राफर का कसूर था कि वो एक दुर्घटना की कवरेज कर रहा था. बताया जाता है कि शाहपुर थाना क्षेत्र के असुरन पुलिस चौकी के पास एक दुर्घटना हो गई थी.</p>

: कवरेज कर रहे फोटोग्राफर से पुलिस वालों ने की बदतमीजी : एसपी सिटी ने मीडियाकर्मियों को ही दोषी करार दिया : गोरखपुर में पुलिस ने एक प्रेस फोटोग्राफर के साथ बदतमीजी की. फोटोग्राफर को ना‍ सिर्फ धक्‍का दिया गया, बल्कि उसके ऊपर राइफल भी ताना गया. फोटोग्राफर का कसूर था कि वो एक दुर्घटना की कवरेज कर रहा था. बताया जाता है कि शाहपुर थाना क्षेत्र के असुरन पुलिस चौकी के पास एक दुर्घटना हो गई थी.

दुर्घटना के बाद स्‍थानीय लोगों ने आक्रोशित होकर बस पर पथराव कर दिया. इसी बीच शाहपुर इंस्‍पेक्‍टर ने एक ड्राइवर को बस हटाने के लिये भेजा. गुस्‍साए लोग ड्राइवर को बस से बाहर खींचने लगे. इस पर पुलिस उन लोगों को मारपीट कर जीप में बैठाने लगी. इसी का कवरेज दैनिक जागरण के फोटोग्राफर अभिनव करने लगे. इससे नाराज शाहपुर के इंस्‍पेक्‍टर कुंवर प्रभात‍ सिंह ने फोटोग्राफर को धक्‍का दे दिया.

एक कांस्‍टेबल ने थप्‍पड़ मारने की कोशिश की. जब सफलता नहीं मिली तो फोटोग्राफर का कैमरा छीनकर गालियां देते हुए उसके ऊपर अपनी राइफल तान दी. इसके बाद अन्‍य फोटोग्राफरों और पत्रकारों ने पुलिस के इस कार्रवाई का विरोध किया तो उनके साथ भी दुर्व्‍यवहार किया गया. गुस्‍साए पत्रकारों ने जब इसकी शिकायत एसपी सिटी से की तो उन्‍होंने कहा कि गलती आप लोगों की है. इसके बाद पत्रकार कुछ देर के लिये धरने पर बैठ गये. इसकी जानकारी डीआईजी को दी गई. डीआईजी के उचित कार्रवाई के आश्‍वासन पर पत्रकार धरने से उठे.

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0 Comments

  1. sushilkumar

    July 22, 2010 at 4:59 pm

    gorakhpur police kay aala adhikari loot or chori ki ghatno par dhayan naa denay ki bajay good policing ki bat kartay hai. prr saahab loog yah bhul jaay hai ki kuutay ki dum thik nahi hoti, my best wish to D I G gorakhpur asim arun ko jinki police sahab kay muhe par kalikh pot rahi hai. photogrfer kay sath hui ghatn sarmnak hai.

  2. markanday mani gkp

    July 22, 2010 at 8:23 pm

    yaha par to sampadak ne hi mamla 9 do 11 kara diya. ab beachra photographar kya kare. DIG ke yaha hanuman ban kar jagran ke eak variest gaye the. INSAF KAHA HAI
    ……………………………………………….

  3. mtv

    July 23, 2010 at 5:00 am

    police wale apni kami chhipane ke liye aisa karte hai…aaropi ke khilaf press coun. Main shikayat kare …..tab dimag durust hoga…

  4. markandey Mani Tripathi

    July 23, 2010 at 2:30 pm

    markandey Mani Tripathi ke nam se kisi ne kament dekar meri chabi ko dhumil karane ka prayas kiya hai. yaswant ji kripa karke Yesi koi byawastha karen jisse koi ferji nam se coment na kar sake.
    -markandey Mani Tripathi-PRESS CLUB (KOSHADHAYACH)

  5. vijai kumar jaiswal(mantri),gorakhpur press club

    July 24, 2010 at 8:49 pm

    photografer ABHINAV CHATURVEDI ke sath public ke samne sahpur inspector aur unke sipahiyo dwara kiya gaya durvyavhar patrakarita ke swatantrata ko kuchalne ka ghinauna prayas hai iski jitni bhe ninda ki jaye kam hai,agar poolice aur prasasan ka yahi ravaiya raha to samaj me hitlarsahi kayam ho jayegi.afsosh ki baat hai ki doshi poolicekarmiyo ko saja dilane ke bajay kuch varisth patrakaro ne band kamre me samjhauta kar liya,siniaro ke is kritya se nischit he sathi patrakaro ka manobal tuta hai.hamara nivedan hai ki feald me kaam karne wale patrakar bhaiyo ke man-samman ka khayal rakhe.

  6. sunil kaushik kanina(Haryana)

    July 27, 2010 at 7:43 am

    patrakar sanghtith ho ker sangharsh karen.
    sunil kaushik kanina Haryana

  7. Imran Zaheer, Moradabad

    August 3, 2010 at 4:25 pm

    इन पुलिस वालो को उनकी औकात याद दिलानी पड़ेगी, जब विभागीय पीड़ा से परेशान होते है तो पत्रकारों के तलवे चाटते है , अधिकारियो से सिफारिश की बात करते है लेकिन इन सभो का कोई ईमान धर्म नहीं है, जनता को लूटने और उनसे पैसे वसूलने में ये अधिकारी भी कम नहीं है जो अपने गुर्गो ( सिपाही, होम गार्ड) के माध्यम से जनता से पैसे वसूलने का काम करते है|, और जब एक पत्रकार उस बात का खुलासा करता है तो वही इन पुलिस वालो का दुश्मन बन जाता है | ये घटना उसी दुश्मनी का नतीजा है|

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