भड़ास4मीडिया ने अपने अल्प समय, ढाई साल, में आज उस मुकाम को हासिल कर लिया है जिसकी कम से कम मेरे जैसे देसज आदमी के लिए कल्पना कर पाना असंभव था. मीडिया, मार्केटिंग और बिजनेस के सबसे बड़े अंग्रेजी पोर्टल माने जाने वाले एक्सचेंज4मीडिया डॉट कॉम को आज भड़ास4मीडिया डॉट कॉम ने पछाड़ दिया. देश के मीडिया, विज्ञापन और बिजनेस घरानो के पीआर पोर्टल के रूप में प्रसिद्ध एक्सचेंज4मीडिया की मोनोपोली को भड़ास4मीडिया ने मीडिया मालिकों की बजाय आम मीडियाकर्मियों की पक्षधरता के जरिए तोड़ा है. हां, यह जरूर है कि इस पक्षधरता के कारण हम बिजनेस में बहुत पिछड़े हुए हैं, विज्ञापन न के बराबर हम लोगों के पास होते हैं, लेकिन जो प्यार भड़ास4मीडिया को हासिल है, वो शायद किसी अन्य अंग्रेजी के बड़े से बड़े मीडिया पोर्टल को नहीं मिल सका है.
भड़ास4मीडिया के लांच होने के बाद मीडिया जगत के कई वरिष्ठ लोगों ने इसके प्रति शंकालु नजरिया रखा. किसी ने कहा कि ये दलाली के लिए पोर्टल बना है तो किसी ने कहा कि ये पोर्टल ब्लैकमेलिंग के जरिए कमाई करेगा. पर भड़ास4मीडिया ने सारी आशंकाओं को धता बताते हुए हमेशा कंटेंट के झंडे को बुलंद किया और कंटेंट इज किंग के नारे को असल में साबित किया. कई बार तो यहां तक हुआ कि जिस कंपनी का विज्ञापन भड़ास4मीडिया पर चला, तो उस कंपनी के खिलाफ कोई जेनुइन आथेंटिक खबर आने के बाद उस खबर को रोकने की बजाय उसे प्रकाशित करने का फैसला लिया गया, कंपनी के न छापने के अनुरोध के बावजूद. नतीजा यह कि अब कई मीडिया कंपनियों को लगता है कि भड़ास4मीडिया पर विज्ञापन देने का कोई फायदा नहीं क्योंकि इनके यहां अगर कोई कंटेंट कंपनी के खिलाफ जा रहा हो तो ये लोग उसे रोकते नहीं. यह सच है.
हम लोगों ने अब यह मानना शुरू कर दिया है कि विज्ञापन लेकर जनपक्षधर पत्रकारिता देर तक नहीं की जा सकती. जितने विज्ञापन बढ़ेंगे, उतना ही कंटेंट में समझौते का प्रतिशत बढ़ने लगेगा. रीयल जर्नलिज्म जनता पर निर्भर होकर किया जा सकता है. यह एक बहस है, जिसे हम लोग जारी रखे हुए हैं. भड़ास4मीडिया का बिजनेस माडल क्या होगा, यह एक डिबेट है, जो जारी है. दो तीन रास्ते हैं. कंपनियों से गलबहियां कर लिया जाए. कंपनियों की बजाय, जनता के पास जाया जाए. कहीं से कोई बड़ा निवेश आमंत्रित किया जाए और कंपनी के मालिकाना में दूसरों को हिस्सेदारी दी जाए. क्या होगा, मुझे खुद नहीं पता. पर सारे आप्शन खुले हुए हैं. सबके लाभ नुकसान का आकलन किया जा रहा है. आप लोगों से भी सुझाव व सलाह आमंत्रित है क्योंकि जिस भड़ास4मीडिया को आप लोगों ने इतना आगे बढ़ाया है कि इसने अंग्रेजी के शूरमाओं को ध्वस्त कर दिया, उस भड़ास4मीडिया के भविष्य को तय करने में आप लोगों की राय जरूर ली जानी चाहिए और आप लोगों की एक भूमिका होनी चाहिए.
पर, आज तो इसलिए आप सभी खुश हो सकते हैं कि कुछ देहातियों के मिलेजुले प्रयास भड़ास4मीडिया ने अंग्रेजी एलीट के मुंह पर करारा तमाचा मारा है, भ्रष्ट सिस्टम के जड़ों को खोदकर असली सच को दिखा दिया है, समृद्धि व चमक के पीछे के सड़ांध को उजागर कर दिया है. जिस एक्सचेंज4मीडिया के कानसेप्ट को आधार बनाकर कंटेंट ओरियेंटेंड हिंदी मीडिया न्यूज पोर्टल भड़ास4मीडिया की रचना की गई, उसने ही एक्सचेंज4मीडिया को परास्त कर दिया और बता दिया कि दल्लेबाजी और सेटिंग-गेटिंग का माडल बिजनेस वाइज सफल जरूर हो सकता है लेकिन जनता के दिलों पर राज नहीं कर सकता, आम मीडियाकर्मियों के बीच लोकप्रिय नहीं हो सकता. आप लोगों के समक्ष दुनिया भर की वेबसाइटों की रेटिंग करने वाली साइट एलेक्सा डॉट कॉम के आंकड़े प्रस्तुत हैं. पिछले सात दिनों का जो ग्रोथ का ग्राफ दिख रहा है, उसमें लाल रंग से एक्सचेंज4मीडिया की ग्रोथ दर्शाई गई है और नीले रंग से भड़ास4मीडिया की ग्रोथ. 21 नवंबर के दिन एक्सचेंज4मीडिया का सिर भड़ास4मीडिया के चरण में धड़ाम होते हुए काफी नीचे तक जा पहुंचा है.
एक्सजेंच4मीडिया की गिरावट को पिछले सात दिनों में देखा जा सकता है जबकि पिछले सात दिनों में भड़ास4मीडिया ने धीरे-धीरे ग्रोथ हासिल की है. ये एक ऐसा आंकड़ा, ग्राफ, तथ्य, दस्तावेज है जिसके जरिए बहुत बड़े बड़े मिथ टूटे हैं. इससे साबित हुआ है कि हिंदी व अन्य भारतीय भाषाएं ही भारत में राज करेंगी, अंग्रेजी का बाजा जल्द बजेगा. इससे साबित हुआ है कि पटर पटर अंग्रेजी बोलने से ही कोई विद्वान नहीं हो जाता बल्कि अपनी मातृभाषा को प्यार करने वाले और अपनी मातृभाषा में उद्यम करने वाले, पत्रकारिता करने वाले, जीने वाले लोग ज्यादा बड़े बुद्धिमान व विद्वान होते हैं. अंग्रेजी में जो आधा दर्जन मीडिया इंडस्ट्री पर सेंट्रिक वेबसाइटें हैं, उसमें से ज्यादातर में यह दम नहीं है कि वे किसी मीडिया हाउस के खिलाफ या किसी बड़े संपादक के खिलाफ कोई खबर छाप सकें क्योंकि वे मीडिया हाउसों के मालिकों के हाथों बिके हुए हैं. उन्हें एक वार्षिक खुराक इन मीडिया हाउसों से मिल जाती है और वे उसी खुराक के दम पर पूरे साल अंग्रेजी वाली पूंछ हिलाते रहते हैं और गुडी गुडी गुणगान करते रहते हैं.
ऐसे माहौल में, ऐसे परम बाजारू माहौल में, बिना संसाधन और बिना किसी टीम के एक हिंदी मीडिया पोर्टल का सभी अंग्रेजी मीडिया पोर्टलों को कंटेंट के दम पर परास्त करना क्या कम हैरतअंगेज बात है? मैं तो आज बहुत खुश हूं और खुद अपने हाथ से अपनी पीठ थपथपाने जा रहा हूं. लेकिन यह कहे बिना कि जिस पाठक वर्ग ने भड़ास4मीडिया को इस मुकाम तक पहुंचाया है, खबरें भेजकर, खबरें पढ़कर, सूचनाएं देकर, लेख लिखकर, आर्थिक मदद देकर, विज्ञापन देकर, नैतिक सपोर्ट देकर, मुश्किल वक्त में संबल बंधाकर, उसे बिना प्रणाम किए अपनी पीठ थपथपा लूं, गलत होगा. असली बधाई का तो वही हकदार है. उसे शुक्रिया सबसे पहले कहूंगा. यह सब किए बिना अपनी पीठ थपथपाता हूं तो वाकई में अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने वाली कहावत चरितार्थ होगी. सो हे मेरे पाठकों, प्रशंसकों, बुजुर्गों, भाइयों, वरिष्ठों, दोस्तों, संरक्षकों, दुश्मनों, कनिष्टों, माताओं, बहनों, प्रेमियों, प्रेमिकाओं…. आप सभी का दिल से आभार और प्यारा-सा प्यार. शुक्रिया, आभार, चरण स्पर्श, प्रणाम, सलाम, जय जय, लवली किस 🙂 … ये सब कुछ ढेर सारा, थोक में छोड़ रहा हूं, जिसकी जो इच्छा हो, अपने गले या गाल पर लगा ले. बदले में भड़ास4मीडिया को आशीष दें, हिंदी वेब आंदोलन को समर्थन दें, न्यू मीडिया को ताकत दें.
यशवंत
एडिटर
भड़ास4मीडिया
yashwant@bhadas4media.com
Comments on “भड़ास ने एक्सचेंज4मीडिया को पीटा”
badhai ho yashvant bhai aap ke imaandar prayaso ka parinaam h ye safalata
badhai ho yashvant ji vakai aap kamal pr kamal karte ja rahe h safalata to padav h manjil to abhi aage h.bahuat badhai—–dhirendra pratap singh dehradun
yashvant ji badhi
jeet unke he charan pahakrte hai jinke honslo me dum-imandari-insaf-insaniat hoti hai, jo aap me hai yaswant bhai. jai ho. badhai ho.
Yashwant Bhai ko bahut bahut Badhai
sanjay
kota
CONGRATULATIONS YASHWANT JI
congratulation and wish you more progress because i believe you set the milestone.
yashavant ji apako bahut-bahut badhai. bhadas4media ne wakai hindi bhasha ka sirf media jagat hi nahi puri duniya sar uncha kar diya hai. is badi safalata ke liye ek bar fir se pure bhadas4media parivar ko dhero badhai.
yashwant ji badhai….aapne sirf jajwe ki wajah se ye jeet hasil ki hai….! aapke jajwe ko salaam…!
Congratulations !
Bhadas ko abhi bahut se mukaam kayam karne hai,
Lage Rahiye.
BADE BAHIYA NAMSKAR. BADHAI HO aap ke imaandar prayaso ka parinaam h ye safalata
यशवंत सिह जी, आपकी जानकारी सही नही है| भारत मे मीडीया का सबसे बड़ा पोर्टल है http://www.afaqs.com जिसका अलेग्ज़ा रेंक 6900 है| एक्स्चेन्ज़ फार मीडिया का रेंक 19936 है और आपका 37703 .
आप कैसे कह सकते है की आप ने अन्ग्रेजी के B2B पोर्टलों को पछाड़ दिया है| बेहतर है की आप अपना स्तुति गान करने से पहले हक़ीकत जान लें|
अगर सर्च के पितामह गूगल की बात करे तो आपका पेज़ रंक महज 2 है | जबकी http://www.afaqs.com का 5 , http://www.exchange4media.com ka 3 है|
regards,
manjeet sehgal
mujhe ye pata nahi ki aap no 1 kaise huye.par meri subhkamnye sada aap ke saath hain.aapne jis nayi soch ke saath kaam kiya hai aap badhai ke paatra hain aur aap ek din jarur no1 hoge….
बधाई बधाई और बहुत बधाई
ऊपर दिए कमेंटस को पढ़कर अजीब लगता है। लोगों को ये ही नहीं पता कि पत्रकारिता और पीआर (पबि्लक रिलेशन) में बहुत अंतर है। कहां छपा है बरखा दत्त के बारे में, कहां छपा है वीर संघवी के बारे में। अगर पीआर ही सही है तो आप सब लोग आगे हैं। अच्छाइयां दिखाना मीडिया का काम नहीं पीआर का है। यशवंत जी चिंता न करे। नंबर वन हैं आप।[b][/b]
यशवंत जी
बहुत बहुत बधाईयां, भडास4 मीडिया निरंतर प्रगति की तरफ बढ रहा है, कुछ लोगों ने अपने कमेंट्स में तुलना और आंकड़ों की बात की है, लेकिन मेरा मानना है कि पत्रकारिता जगत आपके पोर्टल को बेहद पसंद कर रहा है, यही वजह है कि पोर्टल पर विजिटर्स की संख्या बढ ही रही है…. इसके लिए आप इसलिए भी बधाई के पात्र हैं क्योंकि आपकी मेहनत व आपके संपर्क बेबाक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं… यहीं आपकी पूंजी है… आप निरंतर आगे बढते रहे, यही प्रभू से कामना है…
योगराज शर्मा
एडिटर इन चीफ
जर्नलिस्ट टुडे नेटवर्क
http://www.journalisttoday.com/
kaafi dino se tabiyat kharab thi so aaj 4 dino baad aaya hu…khabar padhkar dil me bahut khushi hui..kyuki mai b4m ka bahut bada fan hu..aap kah sakte hai ki b4m ek din sabse aage jaayega…mujhe is baat ka poora yakin hai…yashwant sir ji..aapko salaam.
aur ha bhavishya ke lie ittiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii sariiiiiiiiiiiiii shubhkamnaaye…
jay bhadas
Sirf 5 din pahle tak bhadas ke baare me sun rakha tha aur ab 5 dino se bhadas aur aalok tomar ne baandh rakha hai. pahle jis press me tha itna samay nahi ilta thha par beeti ek november se is naye press me kaarya bhaar kuchh kam hone se kuchh samay net ke liye bhee milne laga hai. Yah sab likhne kaa sirf itna maqsad hai ki is setu nirmaan me is gilhari ka bhee kuchh yogdaan hai 🙂 Sachmuch aap saadhuwaad ke adhikaaree hai Yashwantji, meri haardik shubhkaamanaaye