Connect with us

Hi, what are you looking for?

कहिन

बूझो- कांग्रेस मजबूत क्यों? हेडिंग का रंग लाल क्यों??

सवाल- पान सड़ा क्यूं? घोड़ा अड़ा क्यूं?? जवाब- क्योंकि फेरा न था!  इस तरह की बुझौनियों के बारे में आपने सुना होगा। एक जमाना था जब इस तरह की बुझौनियां खूब बुझाई, बनाई और सुनाई जाती थीं। दो अलग-अलग तरह के सवालों का जवाब सिर्फ एक होता था। इसी तरह की एक बुझौनी आपके सामने पेश है- कांग्रेस मजबूत क्यों? हेडिंग का रंग लाल क्यों?? चलिए, इसका जवाब आपको बता देते हैं- क्योंकि पैसा दिया था!  हम बात कर रहे हैं दैनिक जागरण, दिल्ली के बारे में। इस अखबार में काम करने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार का भड़ास4मीडिया के पास फोन आया। नाम न प्रकाशित किए जाने का वादा दिलाकर बोले- ‘दैनिक जागरण के साथ दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जो अलग-अलग पुलआउट बंटता है, उसमें अगर कोई चुनावी खबर कलर हेडिंग में है तो समझ लीजिए वो पेड है।’” उनकी बात पर पहले तो यकीन नहीं हुआ लेकिन आज जब दैनिक जागरण देखा तो वाकई उनकी बात सही निकली। रंगों का कितना नायाब इस्तेमाल किया गया है।

सवाल- पान सड़ा क्यूं? घोड़ा अड़ा क्यूं?? जवाब- क्योंकि फेरा न था!  इस तरह की बुझौनियों के बारे में आपने सुना होगा। एक जमाना था जब इस तरह की बुझौनियां खूब बुझाई, बनाई और सुनाई जाती थीं। दो अलग-अलग तरह के सवालों का जवाब सिर्फ एक होता था। इसी तरह की एक बुझौनी आपके सामने पेश है- कांग्रेस मजबूत क्यों? हेडिंग का रंग लाल क्यों?? चलिए, इसका जवाब आपको बता देते हैं- क्योंकि पैसा दिया था!  हम बात कर रहे हैं दैनिक जागरण, दिल्ली के बारे में। इस अखबार में काम करने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार का भड़ास4मीडिया के पास फोन आया। नाम न प्रकाशित किए जाने का वादा दिलाकर बोले- ‘दैनिक जागरण के साथ दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जो अलग-अलग पुलआउट बंटता है, उसमें अगर कोई चुनावी खबर कलर हेडिंग में है तो समझ लीजिए वो पेड है।’” उनकी बात पर पहले तो यकीन नहीं हुआ लेकिन आज जब दैनिक जागरण देखा तो वाकई उनकी बात सही निकली। रंगों का कितना नायाब इस्तेमाल किया गया है।

रंगों को कितना जनरलाइज कर दिया गया है। यहां लाल, हरा, पीला, गुलाबी रंग का सिर्फ एक मतलब होता है, पैसा। इन रंगों का चुनावी खबरों के लिहाज से सिवाय पैसे के, और कोई दूसरा मतलब नहीं है। हेडिंग रंगने के दो फायदे हैं। एक तो  सबको पता रहेगा कि कितना माल आ रहा है। दूसरे, जिस प्रत्याशी भाई ने पैसे दिए हैं उन्हें भी अपनी खबर रंगी हुई हेडिंग में देखकर खुशी होगी।

आइए, दैनिक जागरण, दिल्ली के पूर्वी दिल्ली इलाके के चार पन्नों के जागरण सिटी पुलआउट में आज प्रकाशित कुछ रंगीन हेडिंगों का वाचन जोर-जोर से करें-

  1. जयप्रकाश अग्रवाल के आने से बसपा का रंग फीका
  2. वैश्य व पटवा समाज ने किया प्रेम का समर्थन
  3. घोंडा गांव में प्रेम को व्यापक समर्थन
  4. रोहताश नगर के जाट समाज ने दिया कांग्रेस को समर्थन
  5. कांग्रेस जनता को ठग नहीं सकती-खुराना
  6. पांचाला, जाट व ब्राह्मणों ने जयचंद शर्मा को दिया व्यापक समर्थन
  7. मेरे सवालों का कांग्रेस जवाब दे- दिलशाद
  8. विकास ही मेरा नाम- दिव्य

उपरोक्त रंगीन शीर्षकों में से नंबर वन वाला शीर्षक जागरण सिटी के चार पेज के पुलआउट में नंबर एक पेज पर टाप बाक्स में प्रकाशित हुआ है। आइए इस ‘विशेष खबर’ का जोर-जोर से वाचन करें और साथ में ब्रैकेट में अपने दिल की भड़ास भी निकालते रहें-


जयप्रकाश अग्रवाल के आने से बसपा का रंग फीका

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता :  कांग्रेस द्वारा उत्तर पूर्वी सीट से जयप्रकाश अग्रवाल को प्रत्याशी बनाए जाने से यहां बहुजन समाज पार्टी का रंग फीका पड़ने लगा है। (यार पत्रकार भाई, पैसे लेने का मतलब ये थोड़े ही है कि एकदम से किसी को हरा दो या जिता दो, सोने की मुर्गी को पकड़ा है तो धीरे-धीरे हलाल करो !) अब यहां आम कमजोर व मजदूर वर्ग श्री अग्रवाल के साथ जुड़ने लगा है। (गुरु, पत्रकार के साथ ज्योतिषी भी हो क्या? तुम्हें तो ब्रह्मांड के हर जुड़ाव-घटाव के बारे में पता है दोस्त, वैसे ये गुण जन्म से है या अभी चुनाव में पैदा हो गया?) यही कारण है कि बसपा प्रत्याशी ने पहले तनाव फैलाने की कोशिश की और अब भ्रामक प्रचार कर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। (इस पद्य के रचयिता भाई, ये अभी तक पता नहीं चल पाया कि उपरोक्त वचन आपके श्रीमुख से निकले हैं या फिर अग्रवाल जी के? क्या बसपा वालों से डील नहीं हुई जो आप उसकी पूरी तरह छीलने और बैंड बजाने पर उतारु हैं, वैसे, बसपाई दे भी क्यों, उनके वोटर सालिड हैं, वे दाएं-बाएं जाने वाले नहीं हैं, इसीलिए बहन जी के आदमी बहनजी को छोड़कर कभी किसी को पैसे नहीं देते, केवल लेते हैं !)

(पैरा चेंज)

श्री अग्रवाल ने सोमवार को बाबरपुर व युमना विहार से प्रचार शुरू किया (कवि महोदय, ये बताइए, क्या ये अग्रवाल बहुत मोटी पार्टी है? सुना है बहुत माल है इसके पास? मैनेजमेंट ने कितने में काटा इस मुर्गी को? कितना कमीशन मिला है पार्टनर? किसी दिन दारू-शारू-मुर्गा-सुर्गा हो जाए…!!!) करावल नगर पहुंचकर उन्होंने बैठक को भी संबोधित किया। (अच्छा, बैठक को भी संबोधित किया!, भई वाह, वाकई बहुत महान काम किया उन्होंने और आपने इस महान काम की तरफ हम लोगों का ध्यान आकर्षित कर पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया है!)  इसके बाद घोंडा विधानसभा में माता का मंदिर, राजपूत मोहल्ला में आयोजित भंडारे में हिस्सा लिया। (जय हो, आपने प्रसाद पाया या नहीं?) जे ब्लाक हाईस्कूल के पास भी उन्होंने एक सभा को संबोधित किया। (गुरु, अग्रवाल जी को नेता बना के ही मानोगे। वैसे, सुना है अग्रवाल आजकल मीडिया वाले भाइयों से बोलने की ट्रेनिंग ले रहा है।) शाम को वे तिमारपुर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर वेस्ट परमानंद कालोनी, संजय बस्ती, बालक राम अस्पताल, इंद्रा विकास कालोनी तथा मुखर्जी नगर में बैठकों को संबोधित किया। (लग रहा है कुछ मुहल्लों के नाम छूट गए हैं, अगर याद न आ रहा हो तो किसी दूसरे लोकसभा क्षेत्र के मोहल्ले जोड़ दे, कौन पढ़ता है इतने नीचे तक….!) पदयात्रा के अंतिम चरण में जयप्रकाश अग्रवाल जीटीबी अस्पताल के पास दिलशाद गार्डन पहुंचे। (शवयात्रा? अरे नहीं, पद यात्रा। मुझे लगा कि शवयात्रा भी निकल गई!) पदयात्रा के दौरान उनके साथ दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार चौहान, विधायक सुरेंद्र पाल सिंह, मतीन अहमद, हसन अहमद, पार्षद ताज मोहम्मद, रजिया सुल्ताना, सविता शर्मा, पूर्व पार्षद अनिल वशिष्ठ, कैलाश जैन, ब्लाक अध्यक्ष गिरवर कौशिक, (बस भी करो भाई, कितने नाम डालोगे, कम से कम पाठकों पर तो रहम करो!) चौधरी बेगराज, शकील सैफी, जय करण चौधरी मुख्य रूप से (….अब जान में जान आई, चलो नेम लिस्ट खत्म तो हुई) उपस्थित थे। जयप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि (अच्छा, अग्रवाल जी ने क्या कहा.., जरूर कोई बड़ी बात कही होगी, तभी इतनी इंपार्टेंस इस खबर को मिली है, अभी तक तो वो बड़ी बात सामने आई नहीं, लगा रहा है कि अब सामने आने वाली है, कोई बड़ा खुलासा होने वाला है, चलिए, दिल थाम लेते हैं हम कमजोर दिल वाले लोग) अपने शासन काल में भाजपा के सांसद झुग्गी झोपड़ी, रेहड़ी पटरी वालों और छोटे दुकानदारों को एक-एक कर उजाड़ते रहे। (धत तेरे की, यही है, उपर बसपा पर हमला, नीचे भाजपा पर धावा, पैसा देकर अग्रवाल जी कलम से कितने हमले कराएंगे, लेकिन मजबूरी भी तो है न कुछ न कुछ लिखने की, आखिर जितना पैसा दिया है, उतना तो स्पेस भरना ही पड़ेगा) उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार झुग्गी वासियों को सम्मान सहित उसी स्थान पर पुनर्वासित करने का कार्य आरंभ कर दिया है। इस क्षेत्र की जितनी भी झुग्गी झोपड़ी है, उनके निवासियों के लिए समुचित मकान की व्यवस्था की जाएगी। (एक झुग्गी कवि को भी रचनाकर्म के लिए मुहैया कराई जाएगी) निम्न और मध्यम आय वर्ग के लिए समुचित मकान की व्यवस्था की जाएगी। निम्न और मध्यम आय वर्ग के लिए मकान उपलब्ध करवाने का कार्य शुरू हो चुका है (भइए, एक हमें भी चाहिए, दिल्ली में अभी तक किराए पर ही रह रहे हैं) जिसमें पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। चुनाव के तुरंत बाद इऩ लोगों को मकान उपलब्ध करा दिए जाएंगे। (इति श्री टाप बाक्स, पुलआउट पेज: नंबर एक:, दैनिक जागरणो अध्यायम, इति सिद्धम, चुनावो उत्सवम, लोकतंत्रम महत्वम, पर्याप्त दक्षिणा ददाति, बोलो मीडिया महान की जय…एक वृहद शंखनाद फूंउंउंउंउंउंउंउंउंउंउं….)


अगर आपके इलाके में भी इस तरह की चुनावी खबरें छप रही हों तो खबर की तस्वीर और खबर पर टिप्पणी के साथ [email protected] पर मेल करें।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement