भड़ास4मीडिया पेश करने जा रहा है वो सरकारी दस्तावेज जिससे साबित हो जाता है कि दैनिक हिंदुस्तान और दैनिक जागरण, दोनों ही अखबारों ने पैसे लेकर खबर छापने का काम किया है। इस दस्तावेज से यह भी साबित हो जाता है कि दैनिक हिंदुस्तान और दैनिक जागरण, दोनों ही बड़े अखबारों ने अपने-अपने पाठकों के साथ आपराधिक छल किया है। इससे साबित हो जाता है कि इन दोनों अखबारों का पत्रकारीय नैतिकता से कोई लेना-देना नहीं रह गया है, इनका एकमात्र एजेंडा ज्यादा से ज्यादा पैसा बनाना है, जैसा गैर-मीडिया कंपनियों का होता है। इससे साबित हो जाता है कि इन अखबारों में बड़े-बड़े पदों पर बैठकर गाल बजाने वाले मुख्य संपादक लोग और लंबे-चौड़े संपादकीय आलेख लिखने वाले प्रमुख संपादक लोग दरअसल सिर्फ ऐसे मुखौटे हैं जो प्रबंधन की काली करतूत को शाब्दिक लफ्फाजी के जरिए ढंकने का काम करते हैं और देश की जनता को गरिष्ठ-गंभीर शब्दों में सिद्धांत और नैतिकता की बातें समझाकर खुद को पत्रकारिता का महानतम ठेकेदार साबित करने का काम करते हैं।
इनमें थोड़ी भी नैतिकता, संवेदना और सच्चाई बची है तो इस खुलासे के बाद उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन हम लोग जानते हैं, ये इतनी मोटी चमड़ी वाले लोग हैं कि ये कुर्सी से हट ही नहीं सकते, जब तक कि इन्हें धक्के देकर और लात मारकर निकल जाने को न कह दिया जाए। इनके जीवन की सर्वोच्च मलाई और कमाई है ये कुर्सी। इसीलिए इस कुर्सी को बचाने के लिए हर कुकर्म को प्लान करेंगे, उसमें साझीदार रहेंगे और दुनिया के सामने खुद को सबसे बड़ा नैतिक ठेकेदार साबित करने के लिए बिके हुए इन अखबारों के सफेद पन्ने निर्जीव शब्दों से काले करते रहेंगे। उपर से तुर्रा ये कि अगर कोई इनके किए-धरे पर बात करने की ‘गुस्ताखी’ कर दे तो उसे कानून, कोर्ट-कचहरी में घसीट लिया जाएगा।
धन्य हैं ये मीडिया हाउस! धन्य हैं इनके महान संपादक!!
जरा बताइए संपादक जी, अब किस मुंह से नेताओं को नैतिकता और लोकतंत्र का पाठ पढ़ाएंगे आप लोग?
– यशवंत सिंह, एडिटर, भड़ास4मीडिया
पेश है भड़ास4मीडिया के प्रमुख संवाददाता की मऊ से विशेष रिपोर्ट-
यूपी के मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट पर पहले चरण का मतदान हो चुका है। हर ओर शांति है। लेकिन प्रत्याशियों के दिल अशांत है। खासर गैर-कांग्रेसी प्रत्याशियों के। हार-जीत तो बाद की बात है, फिलहाल जो दर्द है वह मीडिया के चरम पतन का है। मीडिया के लोग इतने नीच, इतने गिरे हुए और इतने बेईमान हो सकते हैं, उन्हें कतई अंदाजा नहीं था। न्यायपालिका और मीडिया को ये लोग भी इज्जत की निगाह से देखते थे। इन्हें भी उम्मीद इन्हीं संस्थाओं से रहती थी। लेकिन मीडिया ने इस चुनाव में जो रोल निभाया है, उससे ये भीतर से हिल गए हैं। मऊ में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी अतुल अंजान रहें हों या भारतीय जनता प्रत्याशी के पार्टी राम इकबाल सिंह या समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अरशद जमाल, सबने मीडिया का काला चेहरा देख लिया है। इनका अपराध बस इतना था कि इन लोगों ने दैनिक जागरण और दैनिक हिंदुस्तान से ‘डील’ नहीं किया। इन लोगों का अपराध था कि इन लोगों ने दैनिक जागरण और दैनिक हिंदुस्तान के ‘चुनावी आफर’ को स्वीकार नहीं किया। यह ‘डील’ और यह ‘चुनावी आफर’ बड़ा सिंपल था- पैसे दो, खबरें लो। लाखों दो, कई पेज लो। करोड़ों दो, पूरा अखबार लो। कांग्रेस प्रत्याशी ने खुले मन से आफर कुबूल किया तो उनके साथ ये दोनों अखबार खुले दिल से पेश आए। हर रोज खबरें छाप-छाप कर उन्हें जिताते रहे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्षस्थ नेता एबी वर्धन आए, कई सभाएं कर गए, गला फाड़ गए लेकिन इन अखबारों ने एक निगाह तक नहीं डाला। जाते-जाते बर्धन बोल गए- अबकी लोकसभा में इन अखबारों की पोल खोलूंगा। भाकपा प्रत्याशी अतुल अनजान तो अपनी सभाओं में इन दोनों अखबारों का नाम लेकर इनके दोगलेपन, इनकी धंधेबाजी और इनके अलोकतांत्रिक कृत्य का खुलासा करते रहे।
अब आते हैं मूल खबर पर, उस खुलासे पर जिससे इन दोनों अखबारों के पास कहने के लिए कुछ बचेगा ही नहीं, अगर बेशरम नहीं हुए तो, हालांकि ये पता है कि इन लोगों ने शरम भी बहुत पहले बेच खाई है-
घोसी सीट से सपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे अरशद जमाल अन्सारी ने मऊ के जिला निर्वाचन अधिकारी को चार अप्रैल 2009 को एक पत्र लिखा। इस पत्र में कहा गया है- ”…जिले के दो अखबार दैनिक हिदुस्तान और दैनिक जागरण कांग्रेस प्रत्याशी से मोटी रकम लेकर विज्ञापन को खबरों के रूप में छाप रहे हैं, जो प्रेस एक्ट की धारा के प्रतिकूल है। क्या अखबारों में प्रकाशित इन समाचार आधारित विज्ञापनों की मोटी रकम का हवाला चुनाव खर्च में दिया जा रहा है? अन्य किसी प्रत्याशी का समाचार आधारित विज्ञापन न छपना यह प्रमाणित करता है कि कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा मोटी रकम देकर सौदा किया गया है। अतः इन मामलं को संज्ञान में लेते हुए जांच कर उचित कार्रवाई कराने की कृपा करें…”
इस शिकायती पत्र को संज्ञान में लेते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी मऊ के कार्यालय से एक जांच आदेश निर्गत हुआ। इस आदेश पर हस्ताक्षर मऊ के उप जिला निर्वाचन अधिकारी का है। इसमें मऊ के जिला सूचना अधिकारी को इस मामले की जांच कर लौटती डाक से रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
मऊ के जिला सूचना अधिकारी ने जांच के बाद जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें साफ-साफ कहा है कि दैनिक जागरण और दैनिक हिंदुस्तान पैसे लेकर एक प्रत्याशी के पक्ष में खबरें प्रकाशित कर रहे हैं।
हम यहां उन तीनों पत्रों को प्रकाशित कर रहे हैं, जिससे पूरी तस्वीर साफ हो रही है। सबसे पहले सपा प्रत्याशी अरशद जमाल अंसारी का शिकायती पत्र, दूसरे नंबर पर जांच आदेश, तीसरे नंबर पर जिला सूचना अधिकारी की जांच रिपोर्ट-
सेवा में,
जिला निर्वाचन अधिकारी,
जनपद- मऊ
विषयः दैनिक हिन्दुस्तान में कांग्रेस द्वारा सरकारी भवनों के चित्र से लोगों में भ्रम फैलाने के सम्बन्ध में।
महोदय,
अतः इन मामलों को संज्ञान मे लेते हुए जांच कर उचित कार्यवाही कराने की कृपा करे।
भवदीय
(अरशद जमाल अन्सारी)
प्रत्याशी, 70 घोसी लोकसभा
समाजवादी पार्टी, मऊ
प्रतिलिपि-
माननीय प्रेक्षकगण-
1- श्री एस.जे. चेरु।
2- डा. ए.के. नायक।
2- आरोपों की जांच के आदेश
कार्यालय जिला निर्वाचन अधिकारी-मऊ
संख्या : 1507 – निर्वाचन- लोकसभा- शिकायत- 2009
दिनांक- 12 अप्रैल, 2009
जिला सूचना अधिकारी
जनपद मऊ
कृपया श्री अरशद जमाल, प्रत्याशी 70-घोसी लोकसभा समाजवादी पार्टी, मऊ के शिकायती पत्र जो संलग्न है का संदर्भ लेने का कष्ट करें। जिसके द्वारा उन्होंने शिकायत की है कि कांग्रेस प्रत्याशी डा. सुधा राय ने अपनी लोक प्रियता दिखाने के क्रम मे जनपद के सरकारी भवन स्थानीय दैनिक समाचार पत्र, दैनिक जागरण एंव हिन्दुस्तान में प्रकाशित हो रहा है। उक्त समाचार पत्र द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस प्रत्याशी का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। प्रचार किये जा रहे समाचार पर होने वाले व्यय का आंकलन किया जा रहा है अथवा नही। साथ ही आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन भी किया जा रहा है।
अतः उक्त शिकायती पत्र में उठाये गये बिन्दुओं पर अपनी जॉच आख्या लौटती डाक से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, जिससे मा. प्रेक्षक गण को उपलब्ध कराया जा सके।
संलग्नक- उपरोक्तानुसार
अपर जिला अधिकारी
उप जिला निर्वाचन अधिकारी
मऊ
पत्रांक 21 – शि.लो.स.-09- दिनांक 14 अप्रैल, 2009
प्रेषक, जिला सूचना अधिकारी, मऊ
सेवा में,
जिला निर्वाचन अधिकारी
मऊ
महोदय,
कृपया अपने कार्यालय पत्र सं. 1507- निर्वाचन- लोक सभा- शि.- 2009 दिनांक 12 अप्रैल 2009 का संदर्भ लेने की कृपा करें कि जिसके द्वारा श्री अरशद जमाल, प्रत्याशी, समाजवादी पार्टी- मऊ के शिकायती पत्र पर जॉच आख्या उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। उक्त के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि श्री अरशद जमाल प्रत्याशी, 70-घोसी लोकसभा, मऊ ने कांग्रेस प्रत्याशी डा. सुधा राय के पक्ष में दैनिक जागरण एवं हिन्दुस्तान समाचार पत्रों में पूरे पेज का चुनावी प्रशिष्ट निकाल कर उनके पक्ष में प्रचार किया जा रहा है। चुनावी प्रशिष्ट में सरकारी भवनों के चित्र में छापे गये हैं। इस प्रकार कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है। यह भी शिकायत है कि दोनों प्रकाशक एक मोटी रकम लेकर विज्ञापन को समाचार के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है जो प्रेस एक्ट की धारा के प्रतिकूल है।
उक्त के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि दिनांक 11 अप्रैल 2009 के हिन्दुस्तान समाचार पत्र में चुनाव प्रशिष्ट के पेज पर कांग्रेस प्रत्याशी डा. सुधा राय के जन सभा एवं पूर्व में जनपद के विकास को आधार बना कर सरकारी भवनों के चित्र दर्शाये गये हैं। उक्त चुनावी प्रशिष्ट में जो भी चुनावी सभा एवं सरकारी भवनों के चित्र छापे गये हैं, वे समाचार न हो कर विज्ञापन के रूप में दर्शाया जाना चाहिए तथा उक्त विज्ञापन पर आने वाले खर्च को प्रत्याशी के व्यय में गणना की जानी चाहिये, साथ ही दैनिक जागरण में प्रकाशित कतिपय खबर बाक्स के अन्दर फोटो सहित प्रत्याशी पक्ष के समाचार प्रकाशित हुये हैं जो विज्ञापन को समाचार के रूप में प्रकाशित है। ऐसी खबर को विज्ञापन की श्रेणी में माना जाना चाहिए और प्रत्याशी के व्यय विवरण में सम्मिलित किया जाना चाहिये।
स्थानीय समाचार पत्र कार्यालय से पूछ ताछ करने पर ज्ञात हुआ है कि प्रत्याशी द्वारा सीधे बनारस में मैटर उपलब्ध कराते हुये प्रकाशन कराया गया है। ऐसे प्रकाशित खबरें एवं विज्ञापन की प्रकाशित प्रति- कटिंग प्रभारी अधिकारी व्यय को उपलब्ध कराये गये हैं और कराये भी जा रहे हैं।
उपरोक्त आख्या आपकी सेवा में आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है।
भवदीय
जिला सूचना अधिकारी
प्रभारी अधिकारी मीडिया
मऊ
krishna mohan tiwari
January 23, 2010 at 6:43 am
यह पहला मौका नहीं हैं जब मीडिया पर इस तरह के आरोप लगे हो परन्तु 15वीं लोकसभा चुनाव के बाद यह आरोप गम्भीरता पूर्वक लगाए गए हैं निश्चित ही पैकेजिंग पत्रकारिता पाठकों के साथ धोखा हैं। मीडिया को बाजारवाद और बाजारू के बीच का फर्क समझना होगा।
Abbas ahmad
March 13, 2010 at 12:37 am
mau ke sab set keo nahe achuth kar va dete sab mamla khatm hojaega tum sab dharna kio nhe dete jaker .
Abbas ahmad
March 13, 2010 at 12:46 am
Loksbha me jaker kya ker loge apne hi nhe sath degen to lokshb kya kare ga pahle sudro pher sudaro jab apne hi guh khate ho to dusro sahed khelane ki bat kerte ho . tumloge kya jono ge kya ho te hai media power dekha kaha hai dekhna hai to deko jaker Amrika and japan me.