इंदौर प्रेस क्लब ने 7 और 8 मार्च को ‘भाषायी पत्रकारिता महोत्सव‘ का आयोजन किया। देश में अपने तरह के इस अनूठे और भव्य आयोजन में मीडिया की कई जानी-मानी हस्तियों ने हिस्सा लिया। हिंदी पत्रकारिता को समृद्ध करने वाली इंदौर की धरती पर आयोजित दो दिनी महोत्सव के पहले दिन ‘अभय अभिषेक‘ अभिनंदन समारोह में नईदुनिया के कर्ता-धर्ता और वरिष्ठ पत्रकार अभय छजलानी का पद्मश्री सम्मान मिलने पर नागरिक अभिनंदन किया गया।
मुख्य अतिथि पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कलम की ताकत देश का भाग्य बदल सकती है। आज की पत्रकार पीढ़ी को लेखनी से देशहित की बातों का प्रसार करना चाहिए, वही देश की सच्ची सेवा होगी। पत्रकारों को अपने लेखों के माध्यम से देशहित का काम करना चाहिए। शेखावत ने कहा कि महात्मा गांधी, गणेश शंकर विद्यार्थी और माखनलाल चतुर्वेदी ने अपनी लेखनी से जनता में देशभक्ति का जज्बा जगाकर देश को आजादी दिलाई। अगर वे तीन लोग कलम के बल पर देश को आजादी दिला सकते हैं तो हजारों पत्रकार अपने लेखों के माध्यम से देशहित का काम क्यों नहीं कर सकते।
नई दुनिया के चेयरमैन अभय छजलानी ने कहा कि बहुत कम होता है कि जब अखबार से जुड़ा व्यक्ति भावनाओं से हार मान जाए। रोजमर्रा की बातें उसे इतना उग्र बना देती हैं कि कोमल भावनाएं कुम्हला जाती हैं। मुझे बाबूजी, राहुल बारपुते, राजेन्द्र माथुर जैसे वरिष्ठों के बीच बैठकर यह कला शिष्ठता हासिल हुई है और मैंने भावनाओं को कुचलने नहीं दिया। कई मौकों पर मैंने बहुत उग्र लिखा है, लेकिन आज मुझे जो सम्मान मिला है, वह मेरे कोमल तत्व को महत्वपूर्ण मानते हुए मिला है। अखबारों के स्वरूप में आ रहे बदलावों के बारे में छजलानी ने कहा कि आम शिकायत रहती है कि अखबार उद्योग बनते जा रहे हैं, लेकिन क्या कोई अखबार पूरी तरह विज्ञापन छापे तो पाठक उसे खरीदेंगे? नहीं, इसका मतलब है कि वे विज्ञापन के अलावा दूसरी चीजें भी चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि देश में समय के अनुसार सुविधाएँ, साधन बढ़ते हैं, इसलिए नागरिकों को भी देश के प्रति जवाबदार होना पड़ेगा, तभी अखबार गैर-जवाबदार नहीं होंगे। ‘नई दुनिया’ ने अपनी प्रतिबद्धता से बंधे रहने की कोशिश की। यह सम्मान मेरा नहीं, आपका है, उनका है जिन्होंने मुझे ऐसा बनने में मदद की। उद्देश्यपूर्ण, सकारात्मक पत्रकारिता का जो दीप मेरे पिताजी बाबू लाभचंदजी छजलानी ने मालवा अंचल में प्रज्ज्वलित किया था और उसके बाद की पीढ़ियों व साथियों ने उनके उस संकल्प को प्रयत्नपूर्वक जारी रखा, उसी का यह सदपरिणाम है कि पत्रकारिता के क्षेत्र में यह सम्मान मुझे प्राप्त हुआ है। मैं इस मौके पर पत्रकारिता को सजीव व सबल बनाए रखने में पाठकों की भूमिका को भी नमन करता हूं।
‘दैनिक भास्कर’ पत्र समूह के चेयरमैन रमेशचन्द्र अग्रवाल ने कहा कि अभयजी मेरे बड़े भाई हैं। अखबारों की व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा अलग हो सकती है, लेकिन हमारी पारिवारिकता एक है। देश में जब भी हिन्दी पत्रकारिता की बात आती है तो मैं मालवांचल का नाम लेता हूँ। मैं बहुत व्यस्त था, फिर भी इसलिए आया कि लोग ये न समझें कि नईदुनिया के अभयजी का सम्मान था तो भास्कर वाला नहीं आया।
इंदौर प्रेस क्लब और नगर निगम द्वारा आयोजित अभय छजलानी के नागरिक अभिनंदन समारोह में अतिथियों ने छजलानी को अभिनंदन पत्र, मंगल कलश और शाल-श्रीफल भेंट कर उनका अभिनंदन किया। इस मौके पर पुष्पा छजलानी भी मौजूद थीं। इससे पूर्व अभिनंदन पत्र का वाचन वरिष्ठ पत्रकार अरविंद तिवारी ने किया। समारोह में अभयजी द्वारा अपने सुदीर्घ पत्रकारिता जीवन के अनुभवों, लेखों, खबरों और विचारों पर कलमबद्ध की गई छह पुस्तकों का विमोचन किया गया। ‘मंथन’, ‘चिंतन’, ‘धड़कन’, ‘देखा-सुना’, ‘विकास की व्यथा-कथा’ और ‘छटपटाता शहर’ नाम से लिखी ये पुस्तकें उन्होंने अपने पूज्य बाबूजी लाभचंद छजलानी और माता गंगाबाई को समर्पित कीं। इंदौर प्रेस क्लब द्वारा तैयार की गई मैगजीन ‘अभय प्रवाह’ का लोकार्पण भी किया गया।
महोत्सव में ‘गठबंधन सरकार-धर्म या मजबूरी‘ विषय पर आयोजित परिसंवाद में भैरों सिंह शेखावत ने कहा कि राजनीतिक दलों को गठबंधन चुनाव पूर्व करना चाहिए और उसका विस्तृत ब्योरा जनता के सामने पेश करना चाहिए कि कौन सा दल किसके साथ गठबंधन करेगा, तभी मतदाताओं के मस्तिष्क पर उसका प्रभाव पड़ेगा। वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय ने भी अपने विचार रखे।
महोत्सव में ‘विकास में भाषायी पत्रकारिता का योगदान’ विषय पर परिचर्चा में मीडिया जगत की हस्तियों ने सामयिक व संवेदनशील मुद्दों पर गंभीरतापूर्वक बात कही। दैनिक हिंदुस्तान के पूर्व संपादक और वरिष्ठ पत्रकार अजय उपाध्याय ने कहा समाज के अंतिम व्यक्ति की तकलीफों के अहसास बिना भाषायी पत्रकारिता अधूरी है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के परवेज अहमद ने पत्रकारों से कहा मीडिया पर हावी व्यावसायिकता से निराश न हों।
इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किग जर्नलिस्ट के अध्यक्ष के. विक्रमराव ने कहा मौजूदा दौर के दबावों के आगे हम सच नहीं लिख पाते तो झूठ न लिखें। स्टार टीवी के दीपक चौरसिया ने कहा, यह कैसा विकास है कि अभी भी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। आईबीएन-7 के आशुतोष ने कहा हमारे यहां विश्वदृष्टि की कमी है। विशिष्ट अतिथि दैनिक भास्कर के समूह संपादक श्रवण गर्ग ने कहा भाषायी पत्रकारिता का नाम बदलकर इसे भारतीय पत्रकारिता कर देना चाहिए। पूर्व वक्ताओं द्वारा भाषायी पत्रकारिता की कमजोरियां गिनाने से श्रोताओं में व्याप्त निराशा को दूर करते हुए श्री गर्ग ने कहा गर्व से सिर ऊंचा कर कहिए हम बहुत अच्छे लोग हैं। आपात काल की लड़ाई भाषायी पत्रकारों ने ही लड़ी है। यह हमारे लिखे का ही असर है कि लोगों तक पानी तो पहुंच रहा है।
इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी के अध्यक्ष हरमोसजी कामा ने कहा अखबार के पहले पन्ने पर शहर विकास की गतिविधियों को प्रमुखता देना चाहिए। मुख्य अतिथि प्रदेश के संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा ग्रामीण विकास में आंचलिक पत्रकारिता का बहुत योगदान है। सुमित्रा महाजन व डॉ. उमाशशि शर्मा ने भी संबोधित किया। प्रवीण खारीवाल ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी।
इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार अजय उपाध्याय ने इंदौर में पत्रकारिता के क्षेत्र में शहर का कीर्तिमान बनाए रखने के लिए न्यूजियम अर्थात न्यूज म्यूजियम की स्थापना करने का प्रस्ताव पेश किया। इस सुझाव को प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष मंडल ने स्वीकार कर इस पर तेजी से काम करने की बात कही। दीपक चौरसिया ने अपनी मां सुशीला चौरसिया के नाम पर न्यूजियम के लिए एक लाख रुपए देने की घोषणा की।
भाषायी पत्रकारिता महोत्सव के पहले दिन ‘चुनौतियों पर सवार खबर’ विषय पर कार्यशाला भी आयोजित की गई। मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्ष वक्ताओं ने रखे। सूत्रधार आकाशवाणी के समाचार संपादक विनोद नागर थे। इसमें कुमार केतकर, अखिलेश शर्मा, प्रदीप सौरभ, रमेश शर्मा, पंकज शर्मा, आशुतोष और दीपक चौरसिया ने भी शिरकत की। महोत्सव के दूसरे दिन 8 मार्च को महिला दिवस के मौके पर सेमिनार का आयोजन किया गया। दूसरे सत्र में फोटोग्राफी पर कार्यशाला आयोजित की गई।
इस महोत्सव के सफल आयोजन में इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल, महासचिव अन्ना दुराई, वरिष्ठ पत्रकार मनोहर, अशोक वानखेड़े, हृदयेश दीक्षित और अन्य ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।