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सरकार को पता है, बिना लाइसेंस चल रहे चैनल

ऐसा नहीं कि केंद्र सरकार को पता नहीं होता कि क्या गलत हो रहा है क्या सही. लेकिन अपने देश की केंद्र सरकारें आमतौर पर बहुत सहिष्णु और धैर्यवान हुआ करती हैं.

<p style="text-align: justify;">ऐसा नहीं कि केंद्र सरकार को पता नहीं होता कि क्या गलत हो रहा है क्या सही. लेकिन अपने देश की केंद्र सरकारें आमतौर पर बहुत सहिष्णु और धैर्यवान हुआ करती हैं.</p>

ऐसा नहीं कि केंद्र सरकार को पता नहीं होता कि क्या गलत हो रहा है क्या सही. लेकिन अपने देश की केंद्र सरकारें आमतौर पर बहुत सहिष्णु और धैर्यवान हुआ करती हैं.

आतंकी हमले पर हमले होते रहें लेकिन हम जगते नहीं. नियमों के उल्लंघन होते रहें, हम पर कोई फर्क नहीं पड़ता. फर्क तभी पड़ता है जब कोई घर में घुसकर चुनौती दे डाले. जैसा कि आईपीएल में हुआ. आईपीएल कमिश्नर मोदी ने थरूर को छेड़ क्या दिया, केंद्रीय सरकार की नींद टूट गई और वह अब सबको सबक सिखाने के मूड में आ गई है. हम बात कर रहे हैं बिना लाइसेंस चल रहे चैनलों के बारे में. केंद्र सरकार ने मंगलवार को मान लिया कि देश में कई ऐसे देशी-विदेशी चैनल चल रहे हैं जिन्हें चलाने के लिए कोई मंजूरी नहीं ली गई है. सरकार ने कुछ चैनलों का नाम भी बताया. जैसे, सउदी टेलीविजन, इस्लामिक टेलीविजन आदि. ये विदेशी चैनल हैं. इन सउदी व इस्लामिक टेलीविजन ने देश में डाउनलिंकिंग एवं अपलिंकिंग प्रसारण सेवा की अनुमति नहीं ली है.

सूचना प्रसारण राज्य मंत्री सी एम जातुया ने मीना सिंह और राधा मोहन सिंह के सवालों के लिखित जवाब में लोकसभा को बताया, ‘सरकार को देश के कुछ भागों में केबल आपरेटरों द्वारा अपने नेटवर्क में अपंजीकृत उपग्रह टीवी चैनलों को डाउनलिंक करने और पुन: प्रसारित करने के संबंध में जानकारी मिली है.’ उन्होंने कहा कि डाउनलिंकिंग दिशा-निर्देशों के तहत पंजीकरण के लिए किसी विदेशी चैनल को पांच वर्ष की अवधि का पांच लाख रूपए पंजीकरण शुल्क देना होता है। इसके अलावा एक लाख रूपये वाषिर्क शुल्क भी देना पड़ता है. जातुया ने कहा कि केबल आपरेटरों द्वारा गैर कानूनी तरीके से डाउनलिंक किए जा रहे चैनलों की संख्या का पता नहीं है इसलिए कुल राजस्व हानि के संबंध में कोई आंकड़ा नहीं दिया जा सकता.

न दूरदर्शन के दर्शक घटे, न आकाशवाणी के श्रोता : सरकार ने इस बात को गलत बताया है कि निजी टेलीविजन और रेडियो चैनलों की तुलना में दूरदर्शन के दर्शकों और आकाशवाणी के श्रोताओं की संख्या कम है.

राज्यसभा में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डा एस जगतरक्षकन ने एस अंबालगन के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रसार भारती ने सूचित किया है कि टीएएम रिपोर्ट के अनुसार, 2007, 2008 और 2009 में निजी चैनलों की तुलना में डीडी नेशनल चैनल की टीआरपी पहले स्थान पर है.

आकाशवाणी ने भी सूचना दी है कि उसके श्रोता शोध के अनुसार, आकाशवाणी के श्रोताओं की संख्या पिछले कुछ वषो’ से नियमित बढ़ रही है. एनआर गोविंदराजर के प्रश्न के लिखित उत्तर में जगतरक्षकन ने बताया कि 11वीं योजना के भाग के रूप में दूरदर्शन के डीटीएच प्लेटफार्म की क्षमता को 59 से बढ़ा कर 97 चैनल तक करने की परिकल्पना है. बहरहाल, इस योजना को अभी स्वीकृति नहीं दी गई है.

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0 Comments

  1. Haresh Kumar

    April 22, 2010 at 11:52 am

    भारत में कुछ भी संभव है। जब तक कोई बड़ी घटना नहीं घट जाए, यहां सब ऐसे ही चलता रहता है।

  2. Gaurav Gupta

    April 22, 2010 at 12:45 pm

    Sarkaar Ko Pata Hai…. Magar Yashvant Ji Aapki yah Story Adhuri Hai..kyonki Aapne sarkaar ki jaankaro to story me bata di…lekin yah bhi such hai ki …na jane kitne aise News Channel Hai Jinhe Saarkaar k Log Ki Paal Posh rhe Hai…. Kuch Channel Ko chore De Har Channel aaj Ya To Advertisment K Liye Sarkaar me Thik Thaak Setting Rakhta Hai Ya Phir Saarkaar Me Neta Mantari In Channel Ko Chala rhe Hai… Pichle dino Amar Singh … Press k dooran Delhi Me Ek Channel Ko Byte Dene Se isiliye Mana Kar diya Kyonki Woh Ek Raajnaitik Dal k Neta Ka Channel Tha….. Vahi Aaj Kal Ek Media Group Me IAS Apni Nokri Chore kar Media K Us Group Ko Chala Rhe hai… Aur Media Me Sakriye Hote Hi Unhone Aache Achhe Sr. Journalist Ko Chalta Kar Diya…..
    Aaj Media Jaise Ek Kati Patang Ho Gayi Hai… Jise Bhi Uski Dor Miljati Hai Use Apne Tarike K Chalana Shuru Kar Deta Hai….
    Vahi Agra Nami Grami Channels Ki Baat Kar Lo to woh Bhi Paisa Kamane Ki Aise rase Me Samil Ho Gaye Hai Ki…… Naksali Hamla To Kam dikhate Hai… Likin Saniya Aur Malik Ki Shaadi k Liye Apni 10 – 10 OV Ban doora Dete haiiii.
    Aur aaj Kal News channel kahe jane wale Channel Per News Kam Manoranjan Jada Parosa Jata Hai…. Agar Sarkaar Kuch Kaide Kanoon Banaye To… In Belagaam Channel Me Such Me News Hi dikhai de…………………

    Gaurav Gupta(Journalist)
    [email protected]

  3. sushil Gangwar

    April 22, 2010 at 2:55 pm

    Jab ganga bah rahi hai to usme samjhdaar log gote laga hi lete hai . chennal or sarkaar mil kar maal bana rahe hai. Delhi NCR or out station me etne chennal aa gaye hai usme kuchh ka ka kuchh bhi nahi hai lekin wo stringership ka dhanda joro se kar rahe hai. Mota maal bankar bhag jaate hai. sarkaar sub jaanti hai ki chor kaha hai . sushil Gangwar http://www.sakshatkar.com

  4. ARUN KUMAR

    April 24, 2010 at 11:06 am

    sarkaar jaggo nahi tho videashi fir kia bharat ka mall choraka bhag jaiga abhi nahi jagga tho khabi nahi jagoga kuo sahi kaha na

  5. Madjur Mehta

    April 28, 2010 at 7:24 am

    bina license se chalne wale sabhi channle bade rajnitak aakao ki shah parchal rahe hai..in netao ka inme kahi na kahi sidha hastakshep bhi hotahai .. punjab me chal rahe aise kai channles kji lkambhi list hai aur is sab ka pta minisatry of broadcasting ko kai baar shikayat karne ke bavjood bhi dhadle se chal rahe hai…” kyonki jab sayian bhye kotwaal to dar kahe ka”….

  6. pankaj jha

    May 9, 2010 at 2:37 pm

    ye bharat hai yahan dadagiri se hi kaam chalta hai media valo ke to kam ase hi chalte hai agar kuchha ka hoge to khabar nikal denge

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