: पत्रकारिता को अलविदा कह शिक्षण की दुनिया में किया प्रवेश : देहरादून, हिन्दूस्तान के प्रमुख संवाददाता और वरिष्ठ पत्रकार डा. सशील उपाध्याय ने अपने 15 वर्षों के पत्रकारिता के करियर को 1 जुलाई को अलविदा कह दिया. अब वे अपनी सेवायें उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार को बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में देंगे.
हिन्दुस्तान के देहरादून संस्करण के आरम्भ होने से ही वे इस समाचार पत्र के साथ जुडे थे. इससे पूर्व उनका एकनिष्ठ करियर अमर उजाला में रहा है. मुजफ्फरनगर से अपने पत्रकारिता के जीवन की शुरुवात करने वाले डा. सुशील उपाध्याय ने रुडकी और देहरादून में शैक्षणिक मामलों की रिपोर्टिंग करते हुए एक विशेष पहचान बनाई है. हिन्दी साहित्य में पीएचडी और जनसंचार में नेट होने के बाद अब वे पूर्णकालिक रूप से अध्येतावृत्ति से जुड़ गये हैं तथा भविष्य मे शोध एवं अध्यापन के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे.
pankul
July 3, 2010 at 7:43 am
jeevan ki nai evam adhik mahtvpurn chunoti ke liye dhero shubhkamnayen.
pankul
July 3, 2010 at 7:44 am
jeevan ki nai evam adhik mahtavpurn chunoti ke liye dhero subhkamnayen.
ravishankar vedoriya 9685229651
July 3, 2010 at 11:51 am
bahai ho sir
vishnu sharma
July 3, 2010 at 1:15 pm
जहां चाह वहां राह
अनूप
July 3, 2010 at 1:28 pm
बधाई ! उपाध्याय जी ने यह निर्णय बिलकुल ठीक लिया है .आज ऐसे ही शिक्षकों की आवश्यकता है – जो जनसंचार में “नेट ” क्वालीफाई होने के साथ इंडस्ट्री एक्सपीरिएंस भी रखते हो . अयोग्य शिक्षकों ने , जिन्हें न तो पेशे का ही कोई अनुभव होता है और न ही वे स्वयं जनसंचार की पढाई किये होते है , पत्रकारिता शिक्षा की दशा और दिशा बिगाड़ दी है .
rahul tripathi
July 3, 2010 at 1:39 pm
badhai ho sir, apne is duschakra ko toda. hum apke behtar bhavishya ki kamna karte hain.
vishal gupta
July 4, 2010 at 11:35 am
congratulations Bhai
som sharma bhiwani
July 4, 2010 at 1:57 pm
bahut badia kiya
Rajendra Joshi
July 5, 2010 at 7:11 am
Badhai ho sushil ji bahut bahut badhai wise bhi ye patrakarita ka kam aapke matlav ka nahin tha. yahan to.. aap dekh hi chuke hain ki kya chal raha hai ..