Connect with us

Hi, what are you looking for?

आयोजन

समाचार सचमुच पवित्र रह गया है?

सेमिनार में शामिल विद्वतजन

पिछले दिनों मुंबई में बांद्रा स्थित आरडी नेशनल कालेज में हिंदी विभाग और जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग की ओर से संयुक्त रूप से मीडिया पर अंतरराष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विषय था ‘समाचार : बदलता स्वरूप एवं उभरते आयाम’। संगोष्ठी में भाग लेने देश के कोने-कोने से मीडिया दिग्गज, प्रोफेसर, साहित्यकार, विश्लेषक पधारे। 

सेमिनार में शामिल विद्वतजन

सेमिनार में शामिल विद्वतजन

पिछले दिनों मुंबई में बांद्रा स्थित आरडी नेशनल कालेज में हिंदी विभाग और जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग की ओर से संयुक्त रूप से मीडिया पर अंतरराष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विषय था ‘समाचार : बदलता स्वरूप एवं उभरते आयाम’। संगोष्ठी में भाग लेने देश के कोने-कोने से मीडिया दिग्गज, प्रोफेसर, साहित्यकार, विश्लेषक पधारे। 

दो दिनों तक चली संगोष्ठी का माहौल गर्मागर्म रहा। मीडिया ने बाजार के दबाव में जिस तेजी से अपने चेहरे-मोहरे को बदला है, उससे नई पीढ़ी के लोग खासे नाराज व उत्तेजित दिखे तो मीडिया का हिस्सा बनकर वरिष्ठ पदों पर काम करते रहे लोग मीडिया की इस स्थिति के लिए सफाई देते रहे। प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और वेब, तीनों मीडिया माध्यमों के चाल-चरित्र व भविष्य का गहराई से विश्लेषण किया गया। कई तरह के सवाल उठे।

दोनों सत्रों के दौरान सेमिनार हाल खचाखच भरा रहा

क्या सचमुच समाचार पवित्र रह गया है? इस सवाल पर वक्ता और श्रोता, दोनों ही मीडिया हाउसों की वर्तमान भूमिका पर खासे चिंतित दिखे। लोकसभा चुनाव के दौरान खबरों को बेचने का मामला उठा तो टीआरपी के लिए आम जन के मुद्दों की बलि चढ़ाने का भी सवाल उठाया गया। इसमें कहा गया कि समाचार की मार से आप बच नहीं सकते। समाचार हर आम-ओ-खास के जीवन से अनिवार्यत: जुड़ा है। समाचार निर्माण, खोज, प्रस्तुति, हस्तक्षेप, पवित्रता आदि का  व्यवसाय-व्यापार बन जाना चिंता का सेमिनार की संयोजिका डा. संगीता र. सहजवानी और प्राचार्या डा. मंजुला देसाईविषय है। समाचार पर बाजारवाद, वैश्वीकरण, व्यावसायिक हितों का अत्यधिक दबाव है। आधुनिक तकनीक ने समाचारों की दुनिया बदल दी है। तकनीक ने कई सकारात्मक आयाम जोड़े हैं। अब वैकल्पिक पत्रकारिता का जमाना है। समाचार नागरिक पत्रकारों के हाथों सुरक्षित है। समाचार बहुआयामी हो गए हैं। समाचार आम जनता में भय और असुरक्षा का भाव भर रहे है। समाचारों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। इस तरह की कई बातें संगोष्ठी से सामने आईं।

संगोष्ठी में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलगुरु डॉ. अच्युतानंद मिश्र ने बीज वक्तव्य दिया। विश्वनाथ सचदेव (पूर्व संपादक नवभारत टाइम्स एवं संपादक नवनीत), प्रो. राममोहन पाठक (निदेशक, मदनमोहन मालवीय पत्रकारिता संस्थान, वाराणसी) वरिष्ठ समीक्षक डॉ. रामजी तिवारी (मुबंई), स्टार माझा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिलिंद खांडेकर (दिल्ली), महाविद्यालय समिति एवं विश्वविद्यालय विकास, मुबंई विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. वी.एन. मगरे की अध्यक्षता में विभिन्न सत्रों का आयोजन हुआ। एसएनडीटी महाविद्यालय समिति एवं विश्वविद्यालय सेमिनार में अपनी बात रखतीं एक शिक्षिकाविकास की निदेशक डॉ माधुरी छेड़ा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी में देश के विभिन्न भागों से आए विद्वानों तथा

मुबंई के अनेक विद्वानों व प्राध्यापकों ने समाचार के विभिन्न आयामों पर अपने प्रपत्र पढ़े। न्यू जर्सी की श्रीमती देवी नांगरानी, कैनेडा के श्री सुमन कुमार घई, पाकिस्तान के मो. पीरजादा गौस तथा मॉरिशम की डॉ. अलका घनपत के प्रपत्र पढे़ गए। दोनों दिन के चर्चा सत्र हंगामे, वाद-विवाद व बौद्धिक चर्चा में भरपूर तथा सार्थक रहे। अंत में इसी निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि यदि समाचार की पवित्रता व विश्वसनीयता की आम आदमी के जीवन में अनिवार्यता व महत्ता कायम रखनी है तो पत्रकार को अपनी स्वतंत्रता की कीमत चुकाने के लिए तैयार रहना चाहिए तथा नागरिक पत्रकारिता की भागीदारी बढ़नी चाहिए। यदि पत्रकारिता व्यवसाय है तो भी व्यावसायिक नैतिकता का पालन करना होगा।

आर.डी. नेशनल कॉलेज की प्राचार्या डॉ. मंजुला देसाई ने स्वागत करते हुए विषय प्रवेश के संदर्भ में इस संगोष्ठी की संकल्पना पर सेमिनार के एक वक्ताप्रकाश डाला। मुबंई विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष संजय रानडे ने मुबंई विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. विजय खोले का शुभकामना संदेश पढ़कर सुनाया। विभिन्न सत्रों का संचालन डॉ. संगीता सहजवानी तथा डॉ. सुंदर राजदीप ने किया। डॉ. मगरे की अध्यक्षता में सम्पन्न समापन सत्र में विभिन्न प्रतिभागियों ने अपने मनोभाव प्रकट किए। यहां आए सभी अतिथियों को प्रमाणपत्र वितरित किया गया। डॉ. संगीता सहजवानी ने आभार प्रदर्शन किया तथा संगोष्ठी की सफलता में सभी के सहयोग के प्रति कृतज्ञता अर्पित की।

संगोष्ठी का आयोजन हैदराबाद सिंध कॉलिजियेट बोर्ड द्वारा संचालित आर.डी. नेशनल कॉलेज बांद्रा, मुबंई तथा जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग, मुबंई विश्वविद्यालय, कलिना ने यू.जी.सी  के तत्वाधान में किया था। यह संगोष्ठी नेशनल कॉलेज तथा एच.एन.सी. बोर्ड के हीरक जयंती समारोह का हिस्सा थी।

संगोष्ठी में प्रस्तुत प्रपत्रों, भेजे गए आलेखों को विश्वविद्यालय के तत्वाधान में पुस्तक के रूप में छापने की योजना है। मीडिया क्षेत्र के विद्वान पत्रकार, प्राध्यापक तथा अन्य लोग अगर समाचार के किसी भी आयाम पर अपना आलेख भेजते हैं तो उसे किताब में शामिल कर लिया जाएगा। आलेख भेजने के लिए इस संगोष्ठी की संयोजिका डा. संगीता र. सहजवानी से संपर्क [email protected] के जरिए किया जा सकता है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement