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दुख-दर्द

संदीप गुप्ता के नाम पर जागरणकर्मियों ने लाखों वसूले

दैनिक जागरण, कानुपर से खबर है कि निदेशक संदीप गुप्ता के नाम पर उनके आफिस के ही कुछ लोगों ने लाखों रुपये की ठगी की है. इनमें एक रिपोर्टर भी शामिल बताया जाता है जिसे लंबी छुट्टी पर भेजने या फिर नौकरी से हटा दिए जाने की सूचना है.

<p align="justify">दैनिक जागरण, कानुपर से खबर है कि निदेशक संदीप गुप्ता के नाम पर उनके आफिस के ही कुछ लोगों ने लाखों रुपये की ठगी की है. इनमें एक रिपोर्टर भी शामिल बताया जाता है जिसे लंबी छुट्टी पर भेजने या फिर नौकरी से हटा दिए जाने की सूचना है. </p>

दैनिक जागरण, कानुपर से खबर है कि निदेशक संदीप गुप्ता के नाम पर उनके आफिस के ही कुछ लोगों ने लाखों रुपये की ठगी की है. इनमें एक रिपोर्टर भी शामिल बताया जाता है जिसे लंबी छुट्टी पर भेजने या फिर नौकरी से हटा दिए जाने की सूचना है.

सूत्रों के अनुसार दैनिक जागरण के एक रिपोर्टर ने जो बिजली विभाग कवर करता था, बिजली विभाग के कुछ कर्मियों और दैनिक जागरण के एक टेलीफोन आपरेटर की मिलीभगत से जमीन के एक मामले में संदीप गुप्ता का नाम लेकर लाखों रुपये का वारा-न्यारा किया. इसकी जानकारी जब जागरण प्रबंधन को हुई तो प्राथमिक जांच के बाद आरोपी रिपोर्टर को नौकरी से हटा दिया गया. तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ जागरण प्रबंधन की तरफ से कानपुर के काकादेव थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है.

सूत्रों के मुताबिक मामला प्रापर्टी डीलिंग से जुड़ा है जिसमें जागरण प्रबंधन और संदीप गुप्ता का मामला बताकर लाखों रुपये की छूट हासिल की गई और छूट की रकम को बांट लिया गया. कुछ लोगों का कहना है कि जब जागरण प्रबंधन अपने लिए गलत काम कराता है तो रिपोर्टर बिना कहीं शिकायत किए चुपचाप काम कराने में जुट जाते हैं पर जब वही रिपोर्टर प्रबंधन का नाम लेकर खुद के लिए पैसे बना रहे हैं तो इसमें प्रबंधन को चिढ़ क्यों हो रही है!

कुछ लोगों का कहना है कि यह प्रकरण इतना आसान नहीं है जितना देखा जा रहा है. रिपोर्टर अगर उगाही और वसूली का काम कर रहा था तो सिर्फ वह अपने बल पर नहीं कर रहा था. संपादकीय विभाग के कुछ वरिष्ठ लोगों का उस पर हाथ रहा है.  यह हाथ सिर्फ उसी पर नहीं बल्कि कई और लोगों पर भी है. वह पकड़ा गया इसलिए चोर करार दिया गया पर कई ऐसे लोग हैं जो करोड़ों-अरबों की डील कराते हैं पर कहीं चर्चा तक नहीं होती. वजह यह कि वे प्रशासन के कुछ भ्रष्ट लोगों को भी डील का हिस्सा बना लेते हैं जिससे मामला खुलने का कोई डर नहीं रहे.

सूत्रों के मुताबिक जागरण में कानपुर से लेकर मेरठ, नोएडा, दिल्ली, पटना, चंडीगढ़… तक में कई लोग ऐसे हैं जो जागरण में ज्वाइन करने के कुछ ही वर्षों में काफी धन-संपत्ति के स्वामी बन गए. कायदे से जागरण के सभी रिपोर्टरों की संपत्ति की जांच कराई जानी चाहिए ताकि पता चल सके कि उन्हें वेतन के नाम पर कितना मिलता है और कितने की संपत्ति अब तक इकट्ठा कर चुके हैं.

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0 Comments

  1. Tripuresh Mishra

    February 14, 2010 at 1:41 pm

    Patrakaro ke liye bhi code of conduct ho saath hi unki sampatti ki jaach honi chahiye. loktantra ka ye chautha stambh bhi doodh ka dhula hua nahi hai print me space to brodcast media me time bikta hai bade patrakaro (manyata) walo ka vetan bhi ucha hota hai jab ki stringer ko do june ki roti khane ke bhi lale hai mjburi me vo galat kam karte hai jab ki 40 persent stingers ke dam pe hi media house chal rahe hai

  2. mahendra pathak

    February 15, 2010 at 10:55 am

    esa keval jagaran main ho raha ho esaa nahin hai. kamobes esa har akhbar main ho raha hia. akhbar se jude log kam vetan ke babjude krorepti bane hua haim. malikan sabhi kuch jante hue anjan bane rahte hin kyoki unka kam bhi to vahi hia. jagaran ka mamla yadi khulta nahi to sabkuch thak-thak chalta ragta. ab akhbar ak hamam ka roop leta ja raha hia.
    mahendra pathak

  3. Dhananjay

    February 16, 2010 at 9:02 am

    yashwantji.. aapki bhi jaanch hone, chahiye ki aap bhasdas4media, logo ki image kharab karne kai liye khol rakhe hai kya?

  4. anam aazmi

    February 16, 2010 at 10:50 am

    Dainik Jagran ki baat kare to UP ke azamgarh distt. me yahaan ke prabhari jo ki pahle kapde ki dukaan me salesman the lekin pichhale dus saal me kai crore ke maalik ban gai. luxury car, lucknow me kai crore ki kothi, azamgarh me bhi bada banglaa aur apne pichhe bina tankhaah ke chhelo ka samooh lekar chalte hai. ek hafte pahle transfer hue SSP to jaanch karaakar inke pichhe pade the lekin unka transfer ho gaya.

  5. rahul gupta

    February 17, 2010 at 2:33 pm

    arey bhai, agra jagran kya peechey hai? ADA ke makaan-plots ki dalaali se ek city cheif abhi hate hain. halanki, kaha ja raha hai ki we vaapas lautne waaley hain. ADA reporter ko reporting se hataya gaya, saath hi bijli-phone beats 12 saal se dekh raha reporter bhi hatakar desk par la diya gaya, railway waala bhi. naye city cheif ko ye dalaal kaam nahin karne de rahe, yaswant bhai, story kijiye in mahanubhaawon par.ek female reporter ka maamla bhi garm hai yahan.

  6. Satish Pranami

    February 18, 2010 at 1:00 pm

    jagran kya har bade bennar ke patrakar loot khsot me lipt hai. aisa nahi ki sabhi hai unme se kuch sahi bhi hai, par kaha jata hai ki ek machali poore talab ko ganda kar deti hai. haan jagaran me iss tra ke log kuch jayada hi hai.
    satish pranami, meerut

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