यूं तो मीडिया की काली भेड़ें किसी भी तरह की ब्लेकमेलिंग से बाज नहीं आती लेकिन जालंधर में मीडिया की काली भेड़ों का पसंदीदा शिकार अवैध तरीके से कोलोनी काटने वाले हैं. दरअसल पंजाब में पिछली कांग्रेस सरकार के वक़्त कोई भी कालोनाईजर दस एकड़ जमीन पर भी कालोनी काट सकता था लेकिन साढ़े तीन साल पहले नियम बदल दिए गए.
पंजाब में अकाली-भाजपा सरकार ने कालोनी काटने के लिए कम से कम 75 एकड़ जमीन की शर्त लागू कर दी. जाहिर है, शहरों में एक साथ इतनी जमीन मिलनी दूर की कौड़ी है इसलिए राज्य में अवैध कालोनियों की बाढ़ आ गयी. इसका सबसे ज्यादा फायदा मीडिया की काली भेड़ें उठा रही हैं. जहां भी टी.वी. मीडिया को अवैध कालोनी काटे जाने की भनक लगती है, ये लोग अपना कैमरा उठा कर उसे शूट करने पहुंच जाते हैं और बाद में कालोनी काटने वाले द्वारा खबर रोकने की गुहार लगाई जाती है तो ये लोग उससे मोटी रकम ऐंठ लेते हैं.
इन दिनों जालंधर में मीडिया की कुछ काली भेड़ें ऐसे ही शिकार ढूंढ रही है लेकिन अब कालोनी काटने वाले भी समझ चुके हैं कि चैनेल ऐसी ख़बरों को भाव नहीं देते. ऐसे में अब ये लोग मीडिया की काली भेड़ों के झांसे में नहीं आ रहे. बीते दिनों जालंधर में टी.वी. मीडिया के कुछ लोग ने तीन लाख रुपये की मांग की तो कोलोनाईजर ने न सिर्फ कोई पैसा देने से इनकार कर दिया बल्कि यह भी बोला कि जाओ, जहां खबर लगवानी है, लगा लो.
इस बात को लेकर मीडिया के एक गुट ने काली भेड़ों को चेतावनी भी दी कि कालोनी काटने वाले लोग उनकी जान-पहचान के हैं इसलिए इनके साथ ऐसा न किया जाये लेकिन काली भेड़ें बाज नहीं आई. जालंधर में इन दिनों सक्रिय टीवी मीडिया के कुछ ब्लेकमेलरों ने एक मेडिकल रिप्रजेंटेटिव को प्रतिबंधित दवा रखने के लिए ब्लेकमेल किया पर प्रिंट मीडिया के लोगों ने इसे असफल कर दिया.
जालंधर से आए एक वरिष्ठ पत्रकार के पत्र पर आधारित. उन्होंने अपना नाम व पहचान गुप्त रखने का अनुरोध किया है.
ek stringer...
June 9, 2010 at 12:38 pm
jalandhar k jis b sr. patrkar n media k kali bhedoo k baare main likha hai…bilkul sahi hai……..lekin colmn padne k baad aisa laga jaise kalli bhadeeee sirf electronic media main hai………shree maan g….shayad aap ko pata nai hai…elecronic media k kalle bhadoo s b jiyada “kalli” bhadeee print media vich b hai…………..lekin kyok aap sr. patrkar hai…aisa nahi ho sakta k aap ko print media k kalle bhaddo k baare main pata na ho………sir g…..meri guzarrish hai kkk aap sr patrkar hai…aap ko neutral ho kar colm likhna chaiye………agar aap ko un “kali bhado” k barre main nai pata to aap k agle colm vich main aap ko akhbarri language main har ek kali bhadde k baare main hint duunga……
sir g….sry…vaise mujhi aap k colm par commnt karne ke koi adhikar nai hai…kyo k aap sr patrkar hai………………..lekin main reh na saka…….aap ka shagird…………….gustaakh patrkar….ek stringer
ek patrkaar
June 10, 2010 at 8:34 am
जालन्धर के टीवी मीडिया के बारे में हर रोज कुछ न कुछ पड्ने में और सुनने में मिलता है ………………….., की टीवी मीडिया के इस पतरकार ने यह किया या वह किया इससे एक बात तो साफ है की लगता है की टीवी मीडिया के पत्र्कारों को चेनल द्वारा पैसे नहीं दिए जा रहे है |
इस समय जालन्धर की बल्कि यह कहना ही ठीक रहेगा की टीवी मीडिया का हर एक पत्रकार इसी समस्या से जूझ रहा है ….!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! शायद येही कारण है वह इस तरह के तरीके अपना रहे है | पैसे हर एक बना रहा है किसी का कोइ तरीका है और किसी कोई , चाहे वह गिफ्ट के रुप में हो या वह किसी और रुप में दूध से धुला कोइ नहीं , हाँ यह और बात है की सिवा एक दो चेनल के पत्रकारों के इलावा किसी को पैसा नहीं आ रहा है येही वजह है की उनके बारे में कभी कम ही सुनने को मिलता है | इस लिए मैं इस प्लेटफर्म के माध्यम से यह जरूर कहना चाहूगा की अब चेनलों को भी इन् पत्रकारों को पैसे भेज देने चाहिए या इनको निकाल देन चाहिए ताकी पत्र्कारता और बदनाम न हो ………………………………………………..|
senior patarkar ka chela
June 10, 2010 at 10:56 am
अरे भाई कियों गुस्ताखी करते हो ….शर्म आनी चाहिए तुम्हें ….अब देखो प्रिंट मीडिया पहले आया और इलेक्ट्रोनिक तो उसी के नक़्शे कदम पर तो भ्रष्टाचार आया इसमें ,,,अब ये बात बताने वाली थोड़े ही है ,,,,ये तो हर कोई जनता है ….फिर तुमने आपति कियो उठाई उसपे ,,,,,पर वहां का भ्रष्टाचार चुप चाप वाला है ..उसकी हवा कम आती है ….इलेक्ट्रोनिक जैसे फास्ट है वैसे उसके भ्रष्टाचार के किस्से भी फास्ट नजर में आ जाते हैं ….अब जैसे जालंधर में सीधे उंगली उठ सकती है एक या दो इलेक्ट्रोनिक मीडिया के पतरकारो पर वैसे प्रिंट पर नहीं उठती ….अभी प्रिंट की एक agency और एक बड़े दैनिक हिंदी अखबार के पतरकार को निकल दिया गया भ्रष्टाचार सिद्द होने के बाद …..पर सारे प्रिंट मीडिया ने कहा के उनकी ट्रान्सफर हो गयी है…….अब ये ही इलेक्ट्रोनिक के किसी पतरकार की बात होती तो एक घन्टे में ये बात जालंधर के मीडिया में होती….समझ में नहीं आता के ठगी का धंदा चलाने वाले इन लोगो से कैसे निपटा जाये,,,,,सीधा उनका नाम लो तो वो आपको आपसे ऊंचे स्वर में बदनाम करना शुरू कर देंगे….
RAHUL FROM TILAK NAGAR
October 2, 2010 at 6:16 pm
MEDIA IS DOING GOOD JOB:
PLEASE COVER AN
UNAUTHORISED COLONY NEAR TILAK NAGAR OPPOSITE S.P.PRIME PUBLIC SCHOOL WHICH IS RAISING PROBLEMS RELATED TO WATER, SEWERAGE, ELECTRICITY ETC.