दिग्गजों ने जम्मू दौरा तेज किया : अमर उजाला के श्रीनगर ब्यूरो को मजबूत करने का जिम्मा सुमेश ठाकुर को : जालंधर में हुई गल्तियों से सतर्क अतुल माहेश्वरी ने जम्मू दौरा कर जायजा लिया : जागरण के निशिकांत ठाकुर अपना गढ़ बचाने में जुटे : जम्मू भी अखबारी युद्ध का अखाड़ा बनता जा रहा है. जम्मू से दैनिक भास्कर लांच होने वाला है. इसीलिए भास्कर प्रबंधन ने यहां 99 रुपये में साल भर तक अखबार देने की स्कीम शुरू की है. भास्कर के लोग घर-घर जाकर 99 रुपये में साल भर के लिए अखबार बुक कर रहे हैं.
साथ में एक गिफ्ट हैंपर दिया जा रहा है जो फ्रूट बाक्स के रूप में है. इस गिफ्ट हैंपर का दाम करीब 99 रुपये के आसपास है. तो, पाठकों को भास्कर मुफ्त में मिलने जा रहा है. इसे देखते हुए दैनिक जागरण ने भी स्कीम शुरू कर दी है. दैनिक भास्कर के अगले पंद्रह दिनों में जम्मू से लांच किए जाने की संभावना है. इसके तहत जागरण भी करीब-करीब फ्री में पाठकों के पास पहुंचेगा. दैनिक जागरण की स्कीम के मुताबिक कोई भी पाठक 150 रुपये देकर साल भर के लिए अखबार बुक करा सकता है और बदले में 150 रुपये का गिफ्ट हासिल करेगा. इस तरह दैनिक जागरण अखबार भी पाठकों को मुफ्त में पड़ेगा. भास्कर और जागरण के स्कीम लांच कर देने के बाद अमर उजाला, पंजाब केसरी भी प्राइस वार में कूदने की तैयारी कर रहे हैं.
दैनिक भास्कर की लांचिंग की तैयारियों को देखते हुए जम्मू में सरगर्मी बढ़ गई है. जम्मू के लीडर अखबार अमर उजाला ने अपने गढ़ को बचाने के लिए मोर्चेबंदी शुरू कर दी है. इसी सिलसिले में अमर उजाला के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल माहेश्वरी 11 जून को जम्मू पहुंचे और अमर उजाला नार्थ रीजन के इंचार्ज उदय कुमार के साथ बैठक की और जम्मू में अखबारी परिदृश्य की समीक्षा की. साथ ही अमर उजाला की तैयारियों का जायजा भी लिया.
अमर उजाला की जम्मू यूनिट में पिछले कई सालों से सुस्ती का माहौल था. एडिटोरियल टीम काफी कमजोर हो गई थी. काम करने वालों के बीच तालमेल की कमी थी. कंटेंट पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता था. भास्कर के आने की तैयारियों के बाद अमर उजाला ने तेजतर्रार छवि वाले एडिटर उदय कुमार को जम्मू की मानीटरिंग के लिए तैनात किया. इन्हीं तैयारियों के सिलसिले में उनके साथ खुद अतुल माहेश्वरी के अचानक जम्मू आने की खबर से कई तरह की कयासबाजी शुरू हो गई.
सूत्रों का कहना है कि जालंधर में भास्कर की लांचिंग के दौरान भास्कर को करारा जवाब देने के नाम पर अमर उजाला के लोगों ने कई करोड़ रुपये एमडी की आंख में धूल झोंककर बहा दिए. सूत्रों का कहना है कि इस कवायद में कई लोगों ने अच्छी कमाई भी कर ली और आखिरकार अमर उजाला का पंजाब में भट्ठा बैठ गया. एडिटोरियल फ्रंट पर एमडी तक गलत जानकारियां पहुंचाई जाती रहीं. उस दौरान ग्रुप एडिटर के तौर पर शशि शेखर सब कुछ संभाल रहे थे. एडिटोरियल कमजोरियों पर बिलकुल ध्यान नहीं दिया जा रहा था. हर तरफ से फर्जी जानकारियां दी जाती रहीं. इस गोलमाल में कई सीनियर लोग भी शामिल थे.
आखिरकार झूठ की दीवार ढह गई और काफी पत्रकार बेरोजगार हुए. इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार सीनियर लोगों की तब भी मौज रही. सरकुलेशन, मार्केटिंग और यूनिट हेड समेत कई सीनियर लोगों को तरक्की देकर नोएडा या किसी अन्य यूनिट में भेज दिया गया. एडिटोरियल इंचार्ज निशीथ जोशी कुछ खास कारणों से शशि शेखर की आंख के तारे थे तो उन्हें देहरादून का चार्ज दे दिया गया. जालंधर से सबक लेकर अमर उजाला मैनेजमेंट जम्मू को अब काफी गंभीरता से ले रहा है.
जम्मू के अपने अखबार से अमर उजाला के एमडी संतुष्ठ नहीं थे. एडिटोरियल हेड की सुस्ती के कारण वे नाराज थे. वहां एडिटर बदले जाने की भी तैयारी थी लेकिन उदय कुमार के मोर्चा संभालने के बाद टीम में थोड़ी गर्मी आने के कारण यह फैसला टल गया. पता चला है कि एमडी ने उदय कुमार को कड़ी निगरानी के लिए कई निर्देश भी दिए हैं. एमडी ने अपने सबसे कमजोर श्रीनगर ब्यूरो को भी मजबूत करने के निर्देश दिए हैं. इस सिलसिले में एक पुराने अमरउजालाइट सुमेश ठाकुर को श्रीनगर को मजबूत करने का काम सौंपा गया है.
करीब सात साल पहले उदय कुमार ने शिमला में अमर उजाला की नई रिपोर्टिंग टीम तैयार कर वहां की ठंढी वादियों में गर्मी ला दी थी. इसी अभियान के तहत 4-5 साल पहले भास्कर से आए सुमेश ने अपनी धारदार खबरों के कारण शिमला में अच्छी धाक जमा दी थी. उसके बाद चंडीगढ़ की सिटी रिपोर्टिंग और पंजाब स्टेट ब्यूरो में भी अच्छी रिपोर्टिंग की. पारिवारिक कारणों से इन्हें एक साल पहले अमर उजाला छोड़ना पड़ा था. अभी आज समाज चंडीगढ़ में सीनियर रिपोर्टर के तौर पर अच्छी रिपोर्टिंग कर रहे थे. कुछ ही दिनों में वहां की अंदरूनी स्थिति से ये परेशान हो गए. अब अमर उजाला में इनकी वापसी महत्वपूर्ण स्थिति में हुई है. उदय कुमार ने सुमेश को 11 जून को जम्मू में सीनियर रिपोर्टर के तौर पर ज्वाइन कराया. बताया जाता है कि एमडी ने भी सुमेश ठाकुर को कई टिप्स दिए. अतुल माहेश्वरी ने पूरी एडिटोरियल टीम से भी बातचीत की और उसी रात दिल्ली रवाना हो गए.
अतुल माहेश्ववरी का यह संक्षिप्त जम्मू दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. जिस दौरान अतुल माहेश्वरी जम्मू पहुंचे, उसी दौरान भास्कर की एडिटोरियल की टीम भी नियुक्तियों के लिए वहां पहुंची हुई थी और कापियों की बुकिंग शुरू हुई थी. उधर जागरण के सीजीएम निशिकांत ठाकुर भी अपनी टीम को बचाने के लिए जम्मू पहुंचे हुए थे. बताया जा रहा है कि जागरण के कई लोगों ने अमर उजाला मैनेजमेंट से संपर्क साधा है. अमर उजाला की तरफ से अभी किसी को हरी झंडी मिलने की जानकारी नहीं है.
Rakesh bhartiya austraila
June 16, 2010 at 8:06 am
NISHIKANT THAKUR !! patrkarita key shiteg per naam hi kaffi hai…fir team bachaney key liye dorey wali baat kaha sey aa gayi ? khaber mey aney akbharno ki khaber hai jagran ka to jabran naam dala gaya hai…
Rakesh bhartiya austraila
June 16, 2010 at 8:09 am
aney akhbarno ki hum baat nahi kartey jagran mey patrkarno ki kami nahi hai ..rahi baat khabrno sey dhaak jamney ki dhaak jamai nahi jatti nispaksh,nider khabrno sey janta uss akbhar ko jo sammaan dey uss samman sey shaak banni chaiyey
ashutosh bajpai
June 16, 2010 at 8:35 am
atul ji
I am aiso old editoriak employ of amar ujala i wish u all succes becaus i started news paper pulout very first.
ashutosh bajpai
anil jha
June 16, 2010 at 10:22 am
Hope these price war shud stop somewhere else Readers will be habitual to go for
mode of subscription only.
ravishankar vedoriya gwalior
June 16, 2010 at 10:54 am
dinik jagran ho ya ho dinik bhaskar dono ke commeptision mai laabh janta ka hoga jise dono pepero se khabare mil sakengi or unki jankariya badagi
harjeet singh
June 28, 2010 at 8:15 am
harjeet singh NNO. Jammu ka office ka adress ajent ka number likhna mat bhulia